एक Price Gap क्यों बनता हैं?

अगर आप भी करते हैं इंसुलिन का इस्तेमाल तो यहां एक बार जरूर पढ़ लें, होगा फायदा
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। डायबिटीज के मरीजों को उनके शुगर लेवल के हिसाब से इंसुलिन दिया जाता है। यदि इंसुलिन के बावजूद शुगर कंट्रोल में नहीं आती तो उनका इंसुलिन का लेवल भी एक Price Gap क्यों बनता हैं? बढ़ा दिया जाता है। डायबिटीज के प्रभाव मरीजों पर बहुत अलग-अलग होते हैं, डायबिटीज के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकें इसके लिए डायबिटीज के मरीज को इंसुलिन दिया जाता है।
क्या आप जानते हैं यदि आपकी डायबिटीज कंट्रोल में नहीं होगी तो आप कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही आपके लिए यह भी जानना जरूरी है कि डायबिटीज पेशेंट जो इंसुलिन लेते हैं, उसके भी नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इंसुलिन के प्राथमिक संरचना की खोज ब्रिटिश आण्विक जीवशास्त्री फ्रेड्रिक सैंगर ने की थी। यह प्रथम प्रोटीन था जिसकी शृंखला ज्ञात हो पायी थी। इस कार्य के लिए उन्हें 1958 में रासायनिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आइए जानें डायबिटिक्स में इंसुलिन के अतिरक्त प्रभावों के बारे में।
इंसुलिन क्या है
इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है जिसका निर्माण अग्नाशय में होता है। हमारा आमाशय कार्बोहाइड्रेट्स को रक्त शर्करा एक Price Gap क्यों बनता हैं? में परिवर्तित करता है। इंसुलिन के माध्यम से यह रक्त शर्करा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। यदि पैनक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर दे तो ब्लड ग्लूकोज ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होगी। ऊर्जा की कमी के कारण व्यक्ति जल्दी थक जाएगा, इसलिए ऊर्जावान रहने के लिए इंसुलिन का निर्माण होना जरूरी है।
इंसुलिन कैसे करता है काम
इंसुलिन हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। इंसुलिन के जरिए ही रक्त में, कोशिकाओं को शुगर मिलती है यानी इंसुलिन शरीर के अन्य भागों में शुगर पहुंचाने का काम करता है। इंसुलिन द्वारा पहुंचाई गई शुगर से ही कोशिकाओं या सेल्स को ऊर्जा मिलती है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को इंसुलिन की अतिरिक्त खुराक दी जाती है।
डायबिटीज के उपचार में इंसुलिन की भूमिका
डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए इंसुलिन दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज के रोगियों को हमेशा इंसुलिन की जरूरत होती है, वास्तव में ऐसा नहीं है। टाइप2 डायबिटीज से ग्रस्त रोगी भी बिना इंसुलिन के इसका उपचार कर सकता है। दवाओं के साथ-साथ उचित खानपान और नियमित दिनचर्या के साथ टाइप2 डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।
इंसुलिन से बुहत दर्द नहीं होता
लोगों को लगता है कि इंसुलिन का इंजेक्शन प्रयोग करने में बहुत दर्द होता है। जबकि इंसुलिन इंजेक्शन इंजेक्शन बहुत पतला और छोटा होता है, जिससे बिलकुल भी दर्द नहीं होता।
इंसुलिन के कई प्रकार
इंसुलिन को चार प्रकारों में बांटा जाता है। शॉर्ट एक्टिंग इंसुलिन - इसका असर बहुत तेजी से (30-36 मिनट में) होता है और यह 6-8 घंटे तक प्रभावी रहता है। इंटरमीडिएट एक्टिंग इंसुलिन - यह बहुत धीरे-धीरे (1-2 घंटे में) असर करता है और 10-14 घंटे तक प्रभावी रहता है। लॉग एक्टिंग इंसुलिन 24 घंटे तक प्रभावी रहता है और इंसुलिन का मिश्रण जो सबको मिलाकर प्रयोग किया जाता है।
कौन सा इंसुलिन सबसे अधिक फायदेमंद
अगर ऑप इंटरमीडिएट एक्टिंग इंसुलिन का प्रयोग कर रहे हैं तो दिन में इनका प्रयोग दो बार करें। शॉर्ट एक्टिंग इंसुलिन का प्रयोग दिन में तीन बार करें और अगर आप लॉग एक्टिंग का प्रयोग कर रहे हैं तो इसे दिन में एक बार वो भी सोने से पहले प्रयोग करें।
कैंसे करें इंसुलिन का प्रयोग
दस साल के ऊपर के मरीजों को खुद से इंसुलिन का प्रयोग करना चाहिए। इंसुलिन किट में जरूरी सभी सामान जैसे - इंसुलिन की स्पिरिट, रूई और इंसुलिन सिरिंज साथ होना चाहिए। इसंलिन का प्रयोग करने से पहले हाथ को अच्छे से साफ भी कर लीजिए।
बिना इंसुलिन के प्रयोग के भी रह सकते हैं
इंसुलिन का इंजेक्शन लेने का मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि यह हमेशा के लिए हो गया है। आप बिना इंसुलिन के इंजेक्शन के भी मधुमेह को नियंत्रण में रख एक Price Gap क्यों बनता हैं? सकते हैं। टाइप2 डायबिटीज से के शुरूआत में या फिर गर्भावस्था के दौरान में इंसुलिन का प्रयोग करें। उसके बाद बिना इंसुलिन के भी मधुमेह के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके लिए नियमित व्यायाम करें और खानपान का विशेष ध्यान रखें।
अपनाएं ये दस तरीके, शेयर मार्केट में कभी नहीं होगा नुकसान
रातों रातों अमीर हर कोई बनना चाहता, मगर बन सिर्फ मुठ्ठी भर लोगों का ये सपना पूरा हो पाता है। इस तरह से अमीर बनने के लिए किस्मत और धैर्य और ज्ञान तीनों की जरूरत होती है।
शेयर मार्केट ने ना जाने कितने लोगों को आबाद कर दिया और ना जाने कितनी जिंदगियां महज कुछ सेकेंडों में एक Price Gap क्यों बनता हैं? बर्बाद कर दी
रातों रातों अमीर हर कोई बनना चाहता, मगर बन सिर्फ मुठ्ठी भर लोगों का ये सपना पूरा हो पाता है। इस तरह से अमीर बनने के लिए किस्मत, धैर्य और ज्ञान तीनों की जरूरत होती है। वैसे तो रातों रात अमीर बनने के कई रास्ते हैं पर , अगर सही रास्ते की बात करें तो वो कुछ ही हैं और उनमें से एक है शेयर बाजार। शेयर बाजार यानी सही जगह पैसा लगाओ और रातों रात अमीर बन जाओ। खैर शेयर मार्केट ने ना जाने कितने लोगों को आबाद कर दिया और ना जाने कितनी जिंदगियां महज कुछ सेकेंडों में बर्बाद कर दी। जो आबाद हो गए उन्होंने शेयर मार्केट को एक जुआ ना समझ इसकी गणित समझी, और जो बर्बाद हुए उन्होंने से इसे जुआ समझ अंधाधुंध पैसा लगाया और पलक झपकते ही उसे गंवा दिया। हम आपको उन दस चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके चलते आप शेयर मार्केट में पैसा इंवेस्ट कर राज बन जाएंगे, रंक नहीं।
धैर्य बरतें
कोई भी किला, सल्तनत रातों रात नहीं बनती, हर चीज में समय लगता है। किसी भी कंपनी के शेयर में इवेंस्ट करने के बाद अगर आप ये सोचें की कल आप लखपती हो जाएंगे तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं। शेयर में इंवेस्ट करते समय सबसे बड़ी चीज जो आपको सफल बनाएगी वो है धैर्य। इंवेस्टमेंट करने के बाद धैर्य बहनाए रखें, देखें शेयर के दाम कितनी तेजी से बढ़ और घट रहे हैं और फिर सही समय आने पर उसे बेंच दे।
वैल्यू पर ध्यान दें
क़ॉमन स्टॉक्स के लेखक फिलिप फिशर ने कहा था कि शेयर मार्केट में उन लोगों की तादाद ज्यादा है जो हर शेयर की कीमत तो जानते हैं, मगर उसकी वैल्यू नहीं। एक कंपनी की शेयर की वैल्यू उसके कीमत से ज्यादा बड़ी है, क्यों की जितनी के उस प्रोडक्ट की वैल्यू होगी, उतनी ही ज्यादा शेयर मार्केट में वो शेयर लंबा टिकेगा और आपके नुकसान होने के आसार भी कम होंगे।
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कंपनी के प्रोडक्ट का फ्यूचर देखकर इंवेस्ट करें
अक्सर होता है कि हम किसी बड़ी कंपनी के किसी नए प्रोडक्ट के आते ही बिना उसकी जांच परख के उसपर इंवेस्ट कर देते हैं। ऐसे में जरूरी नहीं है कि उस कंपनी के इस नए प्रोडक्ट की वैल्यू भी आगे चलकर उतनी ही बड़ी हो जितनी उसके बाकी प्रोडक्ट की हो । ऐसे में बिना जाने पहचाने कहीं पर भी इंवेस्ट करने पर आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है।
भविष्य के साथ भूत पर भी ध्यान दें
भविष्य अगर दूसरा छोर हैं तो भूतकाल पहला छोर। अगर किसी भी कंपनी का पुराना रिकॉर्ड ठीक ना हो और उसके किसीभी नए प्रोडक्ट पर जिसने फिलहाल मार्केट में अपने नाम का डंका बजा रखा है, उलपर इंवेंस्ट करने प आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उसकी क्रेडिबिलिटी चेक कर लें।
मार्केट को समझें
शेयर मार्केट जुए से ज्यादा मार्केट को समझने का खेल है। सही समय परल सही जगह पर इंवेस्ट करना ही सफलता का एकमात्र मूलमंत्र है। अगर सही समय पर सही जगह इंवेस्ट करने के बाद , सही समय पर अपना पैसा निकालना जानते हैं तो आपको कोई दिक्कत नहीं हो सकती है औऱ आप कभी नुकसान नहीं झेंलेंगे।
खुद को समझें
शेयर मार्केट, शेयर की कीमत, प्रोडक्ट वैल्यू ये सब समझने से पहले आपको जरूरत है कि आप खुद को समझें, और जाने की आपमें क्या अच्छा या बुरा है। ये समझें की आप कितना रिस्क ले सकतें हैं और कितना अपने इमोशन पर काबू रख सकते हैं।
मार्केट को समझें
खुद को समझने के बाद अगर आप शेयर मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं तो पैसा लगाने से पहले शेयर मारेकट को समझें। शेयर मार्केट की कार्यप्रमाली को समझें और देखें की किस तरह का रिस्क है, कितना रिस्क है, कितना नुकसान है कितना फायदा है और इसके बाद ही आप शेयर मार्केट में पूरे दमखम के साथ उतरें।
विजेताओं से सीखें
शेयर मार्केट के खेल में कोई आपको कुछ नहीं बताएगा, आप को सबकुछ खुद ही समझना पड़ेगा। इस एक Price Gap क्यों बनता हैं? केस में आप शेयर मार्केट के चैंपियनों को पढ़े उनके हर मूव को करीब से देखें और फिर उसी तरह काम करें।
प्लान करें
शेयर मार्केट में यूं ही पैसा ना झोंक दें। इसके लिए प्लान करें, समझें कि किस समय आपको किस शेयर पर पैसा लगाकर उसे कितने में खरीदना है औऱ किस वक्त आपको उसे किस कीमत पर बेंच देना है। इस तरह से आप नुकसान के रिस्क को किसी तरह कम एक Price Gap क्यों बनता हैं? एक Price Gap क्यों बनता हैं? कर पाएंगे।
नुकसान से सीखें
पुरानी कहावत है कि शेयर बाजार में आपका पहला नुकसान सबसे छोटा नुकसान होता है। इसलिए नुकसान पर कभी भी इतना ज्यादा परेशान ना हों, उससे सीख लें और आगे बढ़ जाएं। वहीं प्राफिट होने पर बहुत ज्यादा उत्साहित ना हों।
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मोतियाबिंद सर्जरी से ठीक होने के समय को कम करने के लिए 8 सुझाव
गैरजटिल मोतियाबिंद सर्जरी को करने में अक्सर लगभग 10 मिनट से अधिक समय नहीं लगता है। लेकिन सर्जरी के तुरंत बाद, आपको एक रिकवरी क्षेत्र में तब तक आराम करने की आवश्यकता होगी जब तक कि बेहोश करने वाली दवाई या एनेस्थीसिया का असर उतर नहीं जाता है। आमतौर पर, इसमें लगभग 30 मिनट से एक घंटे तक का समय लगता है।
आपके पास प्रक्रिया के बाद आपको घर ले जाने के लिए कोई उपलब्ध होना चाहिए। आपको पहनने के लिए धूप के चश्मे की एक जोड़ी दी जाएगी, ताकि आप चमकीले प्रकाश और चकाचौंध से अपनी आँखों को बचाते हुए घर जा सकें।
यदि आपको घर पहुंचने पर नींद या थकान हो, तो आप चाहें तो कुछ घंटों के लिए बिस्तर पर आराम कर सकते हैं। आपके मोतियाबिंद सर्जन की सलाह के आधार पर, आप प्रक्रिया के बाद कई घंटों के भीतर अपनी आँखों पर लगे सुरक्षा कवच को हटाने में सक्षम हो सकते हैं।
मोतियाबिंद सर्जरी से ठीक होने के दौरान, रात में या झपकियों के दौरान सुरक्षा के लिए, कम से कम कई दिनों तक कवच को फिर से अपनी आँख पर लगाएं।
विशिष्ट मोतियाबिंद सर्जरी से ठीक होने का समय
यदि आँख के एक Price Gap क्यों बनता हैं? कवच को पहली बार हटाने के बाद आपकी दृष्टि धूमिल, धुंधली या विकृत दिखाई देती है, तो चिंतित न हों। आपके दृश्य सिस्टम को मोतियाबिंद को हटाने के बाद आपकी आँख के प्राक़तिक लेंस के स्थान पर लगाए गए इंट्राऑक्युलर लेंस से अनुकूल होने में कुछ समय लग सकता है।
इस अनुकूलन अवधि के दौरान, कुछ रोगियों ने "लहराती" दृष्टि या विकृतियों को देखना भी सूचित किया है। यह घटना, यदि मौजूद है, केवल एकाध घंटे तक चलती है।
आपकी आँखें लाल और रक्तवर्ण भी हो सकती हैं जो कि मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान आपकी आँख (श्वेतपटल) की "सफेद" सतह पर रक्त वाहिकाओं को होने वाली अस्थायी क्षति के कारण होता है। आपकी आँख के ठीक होने के साथ, कुछ दिनों के समय में यह लालिमा कम हो जाती है।
यदि आपको अपनी आँख के निचले हिस्से में त्वचा के माध्यम से एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा है, तो हो सकता है कि आपको ब्लैक आई के समान खंरोच भी दिखाई दे सकती है। इसे भी, कुछ दिनों के भीतर गायब हो जाना चाहिए।
कई मरीजों को मोतियाबिंद सर्जरी के बाद कई घंटों के भीतर साफ दिखने लगता है। लेकिन प्रत्येक व्यक्ति अलग तरीके से ठीक होता है, और आपको छवियों को सबसे तीखे फोकस में देखने में एक या दो सप्ताह तक लग सकते हैं।
आमतौर पर, आपका मोतियाबिंद सर्जन के साथ एक Price Gap क्यों बनता हैं? प्रक्रिया के अगले दिन, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई जटिलताएं तो नहीं हैं, फॉलो-अप अपाइंटमेंट होगा। यदि आपको धुंधली दृष्टि में कोई सुधार नहीं दिखता है या आप इस मुलाकात के बाद के दिनों में आँखों में दर्द या उल्लेखनीय तकलीफ महसूस करते हैं, तो आपको अपने सर्जन को इसकी सूचना देनी चाहिए।
कभी-कभी मोतियाबिंद सर्जरी के बाद कुछ लोगों को आँख में सूखापन या "खुजली" महसूस होती है। लेकिन इन अनुभूतियों को आपकी आँख के ठीक होने के साथ-साथ कम होते जाना चाहिए, बशर्ते कि आपको प्रक्रिया होने के पहले से ही आँखों में सूखेपन की समस्या न रही हो।
आपको मोतियाबिंद सर्जरी से लगभग एक महीने में पूरा ठीक हो जाना चाहिए, जब आपकी आँख पूरी तरह से ठीक हो जाती है।
मोतियाबिंद सर्जरी से ठीक होने के समय को कम से कम करें
आपको आश्चर्य हो सकता है कि मोतियाबिंद सर्जरी के बाद एक Price Gap क्यों बनता हैं? आप कितना अच्छा महसूस करने लगे हैं और आप अगले दिन से ही कितनी आसानी से सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर पा रहे हैं।
हालांकि, आपको पहले सप्ताह के दौरान कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप किसी संक्रमण के विकसित होने या आँख के ठीक होने के दौरान उस पर चोट लगने से बच सकें।
आपको आमतौर पर संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक और किसी भी आंतरिक सूजन को कम करने में मदद करने के लिए जलन-रोधी आई ड्रॉप्स लेने के लिए कहा जाएगा। आपको अपनी मोतियाबिंद सर्जरी से ठीक होने के दौरान लगभग एक सप्ताह तक रोजाना कई बार आई ड्रॉप्स डालने की आवश्यकता होगी।
ऑपरेशन के बाद आपको होने वाली सूजन की मात्रा के आधार पर, आपको कुछ हफ्तों से लेकर एक महीने तक ड्रॉप्स की आवश्यकता हो सकती है। सुनिश्चित करें कि आप इन आई ड्रॉप्स का उपयोग ठीक निर्धारित ढंग से करते हैं।
यदि आवश्यकता हो, तो मौखिक दर्द निवारकों जैसे एसिटामिनोफेन को नुस्खे में लिखा जा सकता है। हालांकि, आमतौर पर आपको मोतियाबिंद सर्जरी के बाद केवल थोड़ी सी तकलीफ महसूस होनी चाहिए।
मोतियाबिंद सर्जरी से सुरक्षित और शीघ्र ठीक होने के लिए, इन सुझावों का पालन करें:
पहले दिन ड्राइव न करें।
कुछ हफ्तों के लिए कोई भी भारी चीज़ ना उठाएं या कठिन गतिविधि न करें।
प्रक्रिया के तुरंत बाद, अपनी आँख पर अतिरिक्त दबाव पड़ने से बचाने के लिए, झुकने से बचें।
यदि संभव हो तो, सर्जरी के ठीक बाद न छींकें या उल्टी ना करें।
सर्जरी के बाद आसपास टहलने में सावधानी बरतें और दरवाजे या अन्य वस्तुओं से न टकराएं।
संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए, पहले सप्ताह के दौरान तैराकी या गर्म टब का उपयोग करने से बचें।
सर्जरी के बाद पहले कुछ हफ्तों के दौरान अपनी आँख को मैल, धूल और हवा जैसी उत्तेजक चीजों के संपर्क में मत आने दें।
अपनी आँख को रगड़ें नहीं, जिसका आपको सामान्य तौर पर भी ध्यान रखना चाहिए।
सामान्यतया, आपको अपनी सर्जरी के कुछ घंटों के भीतर इन गतिविधियों को करने में सक्षम हो जाना चाहिए:
शॉवर लेना या स्नान करना
मोतियाबिंद सर्जरी से सबसे अच्छी तरह से ठीक होने के लिए, अपने चिकित्सक के निर्देशों का पालन करें कि आपकी प्रक्रिया के बाद आपकी आँख की रक्षा कैसे करनी चाहिए। आमतौर पर ये निर्देश आपको एक पर्चे के रूप में दिए जाएंगे जिसे आप सर्जरी के दिन अपने साथ घर ले जा सकते हैं।
यदि आपको दोनों आँखों में मोतियाबिंद सर्जरी की आवश्यकता है, तो आपका सर्जन आमतौर पर दूसरी आँख में प्रक्रिया करने से पहले आपकी पहली आँख के ठीक होने के लिए कम से कम कुछ दिन से लेकर दो सप्ताह तक इंतज़ार करेगा।
जटिलताएं दुर्लभ हैं
मोतियाबिंद सर्जरी सबसे सुरक्षित और सबसे अधिक की जाने वाली सर्जिकल प्रक्रियाओं में से एक है, और अधिकांश लोगों को इसके उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं और मोतियाबिंद सर्जरी की जटिलताएं.
नहीं हुई हैं लेकिन अगर आपको अपनी मोतियाबिंद सर्जरी से ठीक होने के दौरान उल्लेखनीय तकलीफ होती है या अपनी दृष्टि में अचानक परिवर्तन का अनुभव होता है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत अपनी आँख के चिकित्सक से परामर्श करें कि एक Price Gap क्यों बनता हैं? आपकी आँख सामान्य रूप से ठीक हो रही है।
Bearish Engulfing Candlestick Pattern in hindi - बेयरिश एंगल्फिंग पैटर्न क्या है
दोस्तो, अगर आप शेयर बाजार से पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको Technical Analysis जरूर सीखना चाहिए। Candlestick Pattern भी टेक्निकल एनालिसिस का ही भाग है। इस पोस्ट में बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में बताया गया है। Bearish Engulfing candlestick Pattern दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमे पहला शब्द है Bearish जिसका मतलब है "मंदी" और दूसरा शब्द है Engulfing जिसका मतलब है "निगल जाना" यह भी कह सकते हैं कि किसी वस्तु को पूरी तरह ढक लेना। इसका नाम जापान के लोगों ने सूर्य ग्रहण के ऊपर रखा है। जिस प्रकार सूर्य ग्रहण के समय पृथ्वी को अँधेरा ढक लेता है, ठीक उसी तरह इस कैंडलस्टिक पैटर्न में एक कैंडल दूसरी कैंडल को ढक लेती है, तो चलिए जानते हैं कि Bearish Engulfing Candlestick Pattern in Hindi-बेयरिश एंगल्फिंग पैटर्न क्या है ?
बेयरिश एंगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न एक मंदी को प्रदर्शित करने वाला पैटर्न है। इसका मतलब अब शेयर में तेजी का समय समाप्त हो गया है और मंदी की शुरुआत हो सकती है यानि अब शेयर के भाव गिरने की आशंका ज्यादा है। यह "पैटर्न बुलिश एंगल्फिंग पैटर्न" की तरह दो कैंडलस्टिक से मिलकर बना है How do you trade bullish engulfing patterns in Hindi - बुलिश एंगल्फिंग पैटर्न के द्वारा के ट्रेड कैसे करें इसमें पहली कैंडल small bullish candle होती है, इसे छोटी तेजी की कैंडल भी कह सकते हैं। यह हरे रंग की होती है। दूसरी कैंडल लॉन्ग बेयरिश कैंडल होती है, यह लाल रंग की होती है। इसे मंदी की कैंडल कहते हैं।
Bearish Engulfing Candlestick Pattern चार्ट पर एक लम्बी तेजी के बाद बनता है यानि यह चार्ट के टॉप पर बनता है। इस पैटर्न के बनने के बाद stocks में तेजी की सम्भवना खत्म हो जाती है। कन्फर्मेशन मिलने पर बिकवाली करने से फायदा जरूर होगा। what is Japanese charts Candlesticks pattern - कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है
Bearish Engulfing candlestick Pattern कैसे बनता है ?:
इसको पहचानने के लिए किन -किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. इसमें पहली कैंडल small bullish candle होना चाहिए।
2. दूसरी कैंडल, पहली कैंडल के high के ऊपर यानि Gap Up ओपन होना चाहिए या अच्छी तेजी के साथ खुलना चाहिए।
3. दूसरी कैंडल का closing price, पहली कैंडल के low के आस -पास या उससे भी नीचे होना चाहिए।
4. Bearish Engulfing Candlestick Pattern में जो पहली कैंडल है वह पूर्णरूप से दूसरी कैंडल के रियल बॉडी के अंदर ही होना चाहिए यानि कि दूसरी कैंडल की रियल बॉडी, पहली कैंडल को पूर्णरूप से ढ़क लेना चाहिए जैसा कि सूर्यग्रहण के समय होता है।
5. दूसरी कैंडल Long bearish candle यानि मंदी की कैंडल होना चाहिए। इसे आप मंदी का ग्रहण भी कह सकते है क्योंकि इसके बाद में मंदी आने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
6. इसमें वॉल्यूम का भी बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि पहली कैंडल के समय जो volume होता है उससे ज्यादा वॉल्यूम दूसरी कैंडल के समय होना चाहिए। Bearish Engulfing Candlestick Pattern वॉल्यूम बढ़ते क्रम में होना चाहिए।
7. कई बार ऐसा होता है कि जब यह पैटर्न चार्ट पर बनता है उसके बाद बाजार या शेयर Gap Down ओपन होते हैं तो इसे बेयरिश एंगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का कन्फर्मेशन समझना चाहिए।
8. इस पैटर्न की पहली कैंडल डोजी भी हो सकती है और दूसरी Bearish marubozu भी हो सकती है। Candlestick Patterns Doji, Marubozu, Spinning Tops ka use karke Stock market se paise kamaye
9. Bearish Engulfing Candlestick Pattern इंट्राडे चार्ट, वीकली चार्ट तथा मंथली चार्ट में भी दिखाई दे सकता है और यह बहुत अच्छा काम भी करता है। इस पैटर्न के बनने के बाद बाजार में बिकवाली बढ़ जाती है।
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आप इसे फाइव मिनट चार्ट पर देखकर इसका उपयोग कर सकते हैं। यदि आप positional trading करते हैं तो आप इसे डेली चार्ट पर देखकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
अब आपको पता चल गया होगा कि बेयरिश एंगल्फिंग पैटर्न चार्ट पर कैसे बनता है और इसके बनने से बाजार या stocks पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Bearish Engulfing Candlestick Pattern कैसे काम करता है ?:
यदि चार्ट में ये पैटर्न बन गया है और आज की कैंडल Gap Down ओपन हुई है यानि मार्केट या शेयर अच्छी मंदी के साथ खुला है तो आपको बिकवाली (selling) करना चाहिए। बिकवाली तब करना है जब प्राइस दूसरे दिन की बेयरिश कैंडल के Low प्राइस के नीचे चला जाय तथा stop loss दूसरे दिन की कैंडल के हाई प्राइस पर लगाना है।
यदि आप टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक पैटर्न को सम्पूर्ण रूप से सीखना चाहिए इस बुक को खरीदने के लिए इस लिंक https://amzn.to/3JBXDOj पर क्लिक करके बहुत ही आसानी से खरीद सकते हैं।
Profit booking के लिए आपको यह देखना है कि बाजार या शेयर से जब तक कोई ऐसा सिग्नल नहीं मिल जाता जो ट्रेंड बदल सकता है, तब तक आपको प्रॉफिट बुकिंग नहीं करनी है।
Bearish Engulfing Candlestick Pattern में ध्यान देने योग्य बातें :
1. दूसरी कैंडल की रियल बॉडी,पहली कैंडल को पूरी तरह ढक लेनी चाहिए। दूसरी कैंडल Gap Up ओपन होनी चाहिए। पहली कैंडल डोजी तथा दूसरी कैंडल बेयरिश मारबाज़ू हो सकती है। जैसे ही आपको कोई ऐसा सिग्नल मिले जिससे आपको यह लगे कि मार्केट का ट्रेंड बदल है, तब आपको तुरंत प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए।
दोस्तो, इस आर्टिकल में आपने Bearish engulfing एक Price Gap क्यों बनता हैं? Candlestick pattern के बारे में विस्तार से सीखा। उम्मीद है, आपको यह लेख जरूर पसंद आया होगा। मेरी यही कोशिश रहती जो भी लिखूँ ज्ञानवर्धक लिखूँ। ऐसी ही इन्फॉर्मेशनल पोस्ट पढ़ने लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें।