क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे शुरू करें

भास्कर एक्सप्लेनर: फूट गया बिटकॉइन का बुलबुला! क्या क्रिप्टो में निवेश करने का यही सही समय है? जानिए कैसे काम करती है क्रिप्टो करेंसी
अमेरिका, यूके के बाद चीन ने क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ कदम उठाना शुरू किया, तो बिटकॉइन का बुलबुला ही फूट गया। अप्रैल में 50 लाख रुपए तक पहुंचा बिटकॉइन पिछले दो दिन में 25 लाख के आसपास रह गया है। क्रिप्टो की अन्य करेंसी भी इस दौरान ढह गई। निवेशकों को दो महीने में 50% तक का नुकसान हुआ है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है। इसके बाद भी इसका लेन-देन हो रहा है। इस पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। क्रिप्टो एक्सचेंज इसे एक एसेट क्लास के तौर पर मान्यता देने की मांग कर रहे हैं। ताकि निवेशकों के लिए एक और साधन मिल सके। भारत में क्रिप्टो करेंसी का 1000-1500 करोड़ रुपए का डेली टर्नओवर है। भले ही स्टॉक एक्सचेंज के 2 लाख करोड़ रुपए के डेली वॉल्यूम के मुकाबले यह 1% से भी कम है, इसमें 1 करोड़ से अधिक भारतीय ट्रेड और इन्वेस्ट कर रहे हैं। इसके बाद भी ज्यादातर लोगों के लिए क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानना और उसे समझना एक मुश्किल काम है।
हमने उनोकॉइन के सह-संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ से बात की, ताकि आपको क्रिप्टो कॉइन को लेकर हो रहे डेवलपमेंट्स के बारे में जानकारी दी जा सके…
आखिर यह क्रिप्टो करेंसी है क्या?
- यह आपके रुपए, डॉलर, येन या पाउंड जैसी ही करेंसी है। पर यह डिजिटल यानी वर्चुअल है। क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर काम करती ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से ही यह वर्चुअल करेंसी बनी है। इसी वजह से इसे क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं।
- जब आप रुपए, डॉलर, येन या पाउंड की बात करते हैं तो उस पर उसे जारी करने वाले देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण होता है। यह करेंसी कितनी और कब छपेगी, वह यह देश की आर्थिक परिस्थिति को देखकर तय करते हैं। पर क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कंट्रोल नहीं है, यह पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती। इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है। यह डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही किसी तरह की छेड़छाड़।
क्या यह निवेश के लिए सुरक्षित और पारदर्शी प्लेटफॉर्म है?
- हां। ब्लॉकचेन सबसे सुरक्षित और सबसे पारदर्शी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी है। लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन 2008 की आर्थिक मंदी के बाद तेजी से आगे बढ़ी। तब से अब तक एक सिक्के की कीमत में 90 लाख प्रतिशत की उछाल है।
- पर इसके साथ दिक्कत यह है कि यह बेहद अस्थिर है। अचानक ऊपर जाती है और धड़ाम से गिर भी जाती है। इस वजह से रिस्क बहुत है। 12 साल में इसने बहुत उतार-चढ़ाव देखा है। करीब 400 बार तो इसके खत्म होने की घोषणा तक हो गई होगी। इस समय भी ऐसा ही माहौल है। दुनियाभर में ज्यादातर सरकारें क्रिप्टो करेंसी को स्वीकार करने में हिचक रही हैं। इससे पहले दिसंबर 2020 में भी सभी क्रिप्टो करेंसी रसातल में पहुंच गई थी। अब एनालिस्ट कह रहे हैं कि बिटकॉइन फिर उठेगी।
दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी को किस तरह लिया जा रहा है?
- इसे लेकर देशों का रिस्पॉन्स एक-सा नहीं है। मसलन, भारत और चीन जैसे देश इसका विरोध करते हैं। भारत में तो रिजर्व बैंक ने इस पर बैन लगा रखा था। पर अमेरिका समेत कई देश इसके अनुकूल स्कीम बना रहे हैं। सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर की कांग्रेस ने 8 जून 2021 को बिटकॉइन कानून पास किया और यह छोटा देश अब बिटकॉइन को लीगल टेंडर बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
- अब तक अल सल्वाडोर में अमेरिकी डॉलर से ही लेन-देन होते थे। पर अब वहां डिजिटल करेंसी में भी लेन-देन हो सकेंगे। उसकी देखा-देखी, कई दक्षिण अमेरिकी और अफ्रीकी देश भी बिटकॉइन को लीगल स्टेटस देने पर विचार कर रहे हैं।
- दक्षिण कोरिया जैसे बड़े देश भी क्रिप्टो करेंसी और एक्सचेंज को रेगुलेट करने के लिए कानूनी स्ट्रक्चर बनाने पर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर क्रिप्टो फ्रेंडली मियामी, यूएस ने हाल ही में क्रिप्टो एनक्लेव का आयोजन किया। पूरी दुनिया में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी को अपनाने के प्रयास हो रहे हैं। कुछ देशों ने बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो करेंसी पर आधारित म्यूचुअल फंड भी लॉन्च किए हैं।
भारत में बिटकॉइन का लीगल स्टेटस क्या है?
- इस समय क्रिप्टो को रुपए या डॉलर जैसे लीगल मुद्रा का स्टेटस हासिल नहीं है। पर भारत में क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना प्रतिबंधित नहीं है। रिजर्व बैंक ने 2018 में सर्कुलर जारी कर क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। पर मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिजर्व बैंक यह साबित नहीं कर पाया कि क्रिप्टो लेनदेन की वजह से आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसका दबाव बना और रिजर्व बैंक ने नया सर्कुलर जारी किया। बैंकों को ग्राहकों को क्रिप्टो लेनदेन की अनुमति देने को कहा।
- भारत सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 संसद में पेश करने वाली है। यह प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाएगा और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के तौर पर विकल्प देने का रास्ता खोलेगा। भारत में क्रिप्टो बिजनेस एनालिस्ट कहते हैं कि भले ही इस समय भारत में क्रिप्टो को लेकर विरोध हो रहा है, पर जल्द ही हालात बदलेंगे। भारत सरकार को भी देर-सवेर क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को स्वीकार करना होगा।
RBI का नया नोटिफिकेशन इस पर क्या कहता है?
- रिजर्व बैंक के नए सर्कुलर में बैंकों से कहा गया है कि डिजिटल करेंसी से जुड़े लेन-देन पर रोक न लगाएं। क्रिप्टो एनालिस्ट कहते हैं कि इंडस्ट्री को रेगुलेशन की जरूरत है और रिजर्व बैंक का सर्कुलर इस दिशा में अहम कदम है। क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे शुरू करें
- रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन करने वालों के लिए अपने कस्टमर को जानिए (KYC), मनी लॉन्डरिंग रोकने (AML), आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले अकाउंट्स पर नजर रखने के प्रावधानों पर जोर दिया है। इसके साथ ही विदेश से आने वाले धन पर फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत निर्धारित प्रावधानों पर नजर रखी जा रही है।
- क्रिप्टो इन्वेस्टर कम्यूनिटी इन कदमों से उत्साहित है। उसे लग रहा है कि अल सल्वाडोर की तरह उचित रेगुलेशन भी सरकार ला सकती है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट कैसे कर सकते हैं?
- पहले यह समझना होगा कि बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है। पर उसकी तरह और भी कई क्रिप्टो करेंसी हैं, जिनका लेनदेन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और एक्सचेंज पर किया जा सकता है।
- अगर आप क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं तो आपको क्रिप्टो वॉलेट खोलना पड़ेगा। यह वैसा ही है, जैसा आप स्टॉक ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं। उनोकॉइन, वजीरएक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर कोई भी क्रिप्टो वॉलेट खोल सकता है। इसके लिए KYC समेत अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। इसके बाद आपको क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने के लिए अपने बैंक से पैसा डिपॉजिट करना होगा। यह सरल और आसान प्रक्रिया है।
- भारत में कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे हैं जो 100 रुपए से वॉलेट खोलने की अनुमति देते हैं। वहीं, कुछ क्रिप्टो वॉलेट फ्री ट्रेडिंग की अनुमति देते हैं, तो कुछ इसके लिए कम से कम 100 रुपए मेंटेनेंस चार्ज वसूल सकते हैं। यह क्रिप्टो एक्सचेंज पर निर्भर करता है।
- बिटकॉइन की हालिया गिरावट से पहले ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की रिसर्च रिपोर्ट ने कहा था कि इस क्रिप्टो करेंसी का टेक्निकल आउटलुक मजबूत है। 2021 में इसकी कीमत 4 लाख डॉलर तक पहुंच सकती है।
जनवरी से अब तक भारत की प्रमुख क्रिप्टो करेंसी ने किस तरह रिटर्न दिया?
Cryptocurrency News : क्या जीरो रह जाएगी क्रिप्टो की वैल्यू, क्या डूब जायेंगे निवेशकों के पैसे, आइये जानते हैं
पिछले काफी समय से क्रिप्टो की हालत बहुत खराब चल रही है और बिटकॉइन का दाम भी आधे से भी कम रह गया है तो ऐसे में क्रिप्टो निवेशकों के मन में ये सवाल बार बार आ रहा ही के क्या सच में क्रिप्टो डूब जाएगी, क्या क्रिप्टो की वैल्यू जीरो हो जाएगी। आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब
HR Breaking News, New Delhi : टेक्नोलॉजी और कर्ज को एक साथ मिलाना कभी भी समझदारी नहीं कही जा सकती है क्योंकि जब टेक्नोलॉजी काम करती है तो उसका मूल्यांकन बहुत ऊंचा होता है. हालांकि जब टेक्नोलॉजी जब अगले कदम की ओर बढ़ती है तो लोन डिफॉल्ट के मामले भी बढ़ने की संभावना रहती है. एफटीएक्स, एलन मस्क और सॉफ्टबैंक इस सबक को सीख रहे हैं. जी हां- हम ये क्रिप्टोकरेंसी के भ्रम के तोड़ने के बारे में बात कर रहे हैं.
ट्विटर के उदाहरण को देखें जहां पैसा खोने की गुंजाइश बन गई है
उदाहरण के लिए आप ट्विटर को देख लें जो साल 2019 में मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई, लेकिन अब ये एक अरब डॉलर के कर्ज पेमेंट्स के मामले में फंसी दिखाई दे रही है. वॉल स्ट्रीट इस समय ट्विटर के कर्ज को नजरंदाज नहीं कर सकती है जो डॉलर में 60 सेंट के बराबर हो सकता है. बिना क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे शुरू करें पैसा खोए भी ट्विटर के नए मालिक और सीईओ एलन मस्क ने एंप्लाइज से कह दिया है कि 'दिवालियापन' की आशंका का प्रश्न बाहर नहीं है. हालांकि उन्हें अपनी खुद की कंपनी टेस्ला के हाई वैल्यू शेयर (भले ही गिरावट दिखा रहे हैं) बेचने से लाभ हुआ है. एलन मस्क ने कहा है कि ट्विटर फ्री-स्पीच के सिद्धांतो पर काम करेगा. ट्विटर की गिरावट के चलते विज्ञापनदाता से लेकर इसके कर्मचारी भाग रहे हैं. अगर एलन मस्क डिफॉल्ट करते हैं और ट्विटर से चले जाते हैं तो कंपनी के पास पुराने कोड और बेकार की वस्तुओं के अलावा कुछ नहीं बचेगा.
FTT एक्सचेंज के विवाद से हमने क्या सीखा
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ताजा विवादों में रहा नाम सैम बैंकमैन-फायड का है जिनके एफटीएक्स एक्सचेंज के धराशायी होने की कहानी बेहद चर्चा में रही. निश्चित तौर पर ये कंपनियां गलत तरीके से कस्टमर्स के ऐसेट्स को गैरकानूनी तरीके से यूज करती रहीं. पैसा निकाला गया तो ऐसे कि जैसे बैंक का पूरा साथ हो. हालांकि इस कंपनी का सबसे बड़ा गुनाह ये था कि अपने खुद के एफटीटी टोकन के सामने इन्होंने पैसा निकाला, इसका कंपनी को कोई फायदा नहीं मिला.
क्रिप्टो का सामूहिक भ्रम टूटना शुरू हो चुका है
क्रिप्टो का सामूहिक भ्रम इसी के साथ टूटना शुरू हो चुका है. एफटीएक्स पर ट्रेड इतना बारीक था कि वो कोई भी कीमत तय करने में सक्षम था लेकिन ऐसा हमेशा के लिए नहीं था. एफटीएक्स और Alameda ने उन टोकन के बदले कर्ज लेना शुरू किया जिनके दाम वो खुद तय कर सकते थे और हेरफेर कर सकते थे. हर तरह से एक भ्रम करने वाला ट्रेड जब अपनी असल रंगत में आया तो कंपनी के एंप्लाई, वेंडर वो सभी हैरान रह गए जिनको खुद एफटीटी टोकन में ही सैलरी और पेमेंट मिलता था. जब ये तिलिस्म टूटा तो 10 अरब डॉलर का मार्केट कैप टूटकर 40 लाख डॉलर तक नीचे आ गया है.
एफटीटी के कर्ज में डूबे निवेशक
क्रिप्टोकरेंसी के जानकार होने के बावजूद आप किसी को हमेशा भ्रम में नहीं रख सकते हैं और वास्तविकता आखिरकार भ्रम को पलट ही देती है. केवल भ्रम के बुलबुले में एक पिन चुभाने की देर है. कॉइनडेस्क ने जैसे ही Alameda की बैलेंसशीट लीक की, जो एफटीटी टोकन्स से भरी हुई थी, बिनान्स के सीईओ चैंगपेंग झाओ ने बिकवाली शुरू कर दी. केवल 48 घंटों में एफटीटी के दाम 22 डॉलर प्रति कॉइन से 3 डॉलर प्रति कॉइन तक आ गए हैं. जब अंधेरा छंटा तो Alameda और एफटीटी के ऊपर 8 अरब डॉलर से 15 अरब डॉलर का कर्ज आ चुका था. अब जबकि कंपनी के पास रीपेमेंट के लिए बेहद कम दाम बचे हैं तो इसमें कई साल लग जाएंगे कि किसे क्या मिलने वाला है.
क्रिप्टो के अन्य प्लेटफॉर्म को देखकर सबक लें
क्रिप्टो के अन्य प्लेटफॉर्म को देखें तो बिनान्स और क्रिप्टो डॉटकॉम के ऊपर 4 फीसदी से लेकर 8 फीसदी तक के पेमेंट मिल रहे हैं पर केवल 0.01 फीसदी का ब्याज मिल पा रहा है. लेकिन क्रिप्टो के ऊपर कोई ब्याज कैसे दे सकता है? इस तरह के कारोबार के बारे में सोचना ही गलत है.
जेनेसिस ग्लोबल कैपिटल ने क्रिप्टोकरेंसी उधार लेने की सुविधा के लिए एक उधार मंच बनाया है लेकिन किसके खिलाफ? क्या केवल हवा-हवाई दावों के खिलाफ..विंकल्वॉस ट्विन्स की लगाई गई जेमिनी जैसी फर्में 8 फीसदी ब्याज दर दे रही थीं जिससे कस्टमर्स को यील्ड मिल सके. लेकिन ये एक अच्छा सवाल है कि किप्टो के ऊपर यील्ड क्यों मिलेगी? क्रिप्टों के जानकारों ने इस बात पर तो काम किया कि ये ऊपर जाएगी तो पैसा बनेगा, लेकिन इस बात पर कोई गौर नहीं किया कि जब ये नीचे जाएगी तो लोगों के पैसे का क्या होगा. क्रिप्टो को एक हॉट फेवरिट डेस्टिनेशन की तरह मानकर जबरदस्त उधार दिया गया था. हालांकि जब तक क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे शुरू करें कि कोई 90 फीसदी नीची कीमत के साथ फंस नहीं गया और बाकी सभी को डिफ़ॉल्ट कर्ज के साथ छोड़ दिया गया ये सिलसिला जारी रहा. अब तो कहा जा रहा है कि शायद ये ही इकलौता तरीका था जिससे क्रिप्टो पर फैला भ्रम खत्म हो सकता था.
रैंप ने 17 ब्लॉकचेन में रीयल-टाइम भुगतान लॉन्च किया
ऑफ-रैंप उपयोगकर्ताओं को 17 ब्लॉकचेन में 34 डिजिटल संपत्ति का विकल्प बेचने में सक्षम बनाता है। यह वास्तविक समय में ऐसा करता है, वास्तविक समय भुगतान (आरटीपी) को प्रभावी ढंग से सक्षम करता है ताकि उपभोक्ता घंटों या दिनों के बजाय 20 सेकंड में अपना धन प्राप्त कर सकें।
रैंप का ऑफ-रैंप उत्पाद उन व्यवसायों द्वारा एकीकृत करने के लिए तैयार है जो अपने उपयोगकर्ताओं को सीधे अपने उत्पाद के भीतर यूएस डॉलर के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज करने का एक तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका प्रदान करना चाहते हैं।
पारंपरिक मुद्राओं और डिजिटल संपत्तियों के बीच चलने से जुड़े घर्षण को कम करना क्रिप्टोकरेंसी को व्यापक रूप से अपनाने में सबसे बड़ी बाधा है। फिएट और क्रिप्टोकरेंसी के बीच एक विश्वसनीय प्रवाह बनाकर इससे निपटने में ऑन-रैंप और ऑफ-रैंप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जबकि रैंप का ऑन-रैंप उत्पाद उपयोगकर्ताओं को अपने फिएट मनी (जैसे यूएस डॉलर) को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने की अनुमति देता है, ऑफ-रैंप उपयोगकर्ताओं को अपनी डिजिटल संपत्ति को फिएट मुद्रा में वापस स्थानांतरित करने का अधिकार देता है।
रैंप का ऑफ-रैंप उत्पाद प्रति लेनदेन सिर्फ 0.99% की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी फीस प्रदान करता है। प्रारंभ में, अंतिम उपयोगकर्ताओं के पास स्वचालित समाशोधन गृह (ACH) स्थानान्तरण के माध्यम से अपने लेन-देन को संसाधित करने का विकल्प होगा, जो तनख्वाह के सीधे जमा, नियमित भुगतान के लिए ऋण और धन हस्तांतरण के लिए उपयोग की जाने वाली एक सामान्य विधि है।
जिन उपयोगकर्ताओं के बैंक आरटीपी की अनुमति देते हैं, वे इस तेज़ विधि से लाभान्वित होंगे, जो आमतौर पर 20 सेकंड के भीतर अपने खातों में डॉलर जमा कर देंगे। निकट भविष्य में रैंप यूके और यूरोप में अपने ऑफ-रैंप उत्पाद का विस्तार करने की कोशिश करेगा, साथ ही 2023 तक भुगतान के नए तरीके भी पेश करेगा।
“क्रिप्टो और वेब 3 पारिस्थितिक तंत्र मुख्यधारा के गोद लेने के करीब हैं। लेकिन हाल ही में एफटीएक्स विस्फोट जैसे बड़े झटके उन उत्पादों की आवश्यकता को प्रदर्शित करते हैं जो लचीले हैं, निष्पक्ष और तेज सेवाओं के अनुरूप हैं, “एक बयान में रैंप में वाणिज्यिक के प्रमुख एसपॉलिना जोस्को ने कहा। “हम अक्सर सुनते हैं कि उपभोक्ता के लिए फिएट मुद्राओं से क्रिप्टो खरीदना कितना मुश्किल है। लेकिन डिजिटल संपत्ति खरीदने पर विचार करते समय जिस कारक को नियमित रूप से सबसे अधिक ऑफ-पुटिंग के रूप में उद्धृत किया जाता है, वह यह है कि क्रिप्टोकरंसी उपयोगकर्ता यह नहीं जान पाएंगे कि उन्हें फिएट के लिए वापस कैसे बेचना है। यही कारण है कि ऑफ-रैंप उन व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण उत्पाद है जो मुख्यधारा में अपनाना चाहते हैं, और जब कवरेज, रूपांतरण दरों और मूल्य निर्धारण की बात आती है तो हमारा उत्पाद अग्रणी होने जा रहा है।
कंपनी ने कहा कि रैंप को वेब3 एप्लिकेशन में एकीकृत करना आसान और मुफ्त है। रैंप का ऑफ-रैंप उत्पाद वर्तमान में अलबामा, अलास्का, कनेक्टिकट, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, हवाई, लुइसियाना, मैरीलैंड, नेवादा, न्यू जर्सी, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क, ओहियो, ओरेगन, वर्मोंट, और के अपवाद के साथ सभी अमेरिकी राज्यों में उपलब्ध है। वाशिंगटन।
ऑफ-रैंप निम्नलिखित डिजिटल मुद्राओं को कवर करता है: एडीए (कार्डानो पर), एटीओएम (कॉस्मोस पर), एवीएएक्स (हिमस्खलन पर), बैट (एथेरियम पर), बीएनबी (बिनेंस स्मार्ट चेन पर), बीटीसी (बिटकॉइन पर), बीयूएसडी (ऑन) Binance स्मार्ट चेन), CELO (सेलो पर), CUSD (Celo पर), DAI (एथेरियम, ऑप्टिमिसिम और पॉलीगॉन पर), DOGE (डोगे पर), DOT (पोलकडॉट पर), ENS (एथेरियम पर), ETH (आर्बिट्रम पर) , एथेरियम, ऑप्टिमिज्म और पॉलीगॉन), एफटीएम (फैंटम पर), केएसएम (कुसमा पर), लिंक (एथेरियम पर), एलटीसी (लिटकॉइन पर), एमएएनए (एथेरियम पर), मैटिक (पॉलीगॉन पर), नियर (निकट पर) , RLY (एथेरियम पर), RON (रोनिन पर), SLP (रोनिन पर), SAND (एथेरियम पर), USDC (एथेरियम, हिमस्खलन और बहुभुज पर), USDT (एथेरियम पर)।
रैंप 150 देशों में संचालित होता है और यह डेबिट और क्रेडिट कार्ड, बैंक ट्रांसफर, ऐप्पल पे, गूगल पे क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे शुरू करें और अन्य सहित दुनिया की प्रमुख भुगतान विधियों के साथ पूरी तरह से एकीकृत है। Ramp Swaps LLC अमेरिकी ट्रेज़री के वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क विभाग के साथ धन सेवा व्यवसाय के रूप में पंजीकृत है।
गेम्सबीट का पंथ खेल उद्योग को कवर करते समय “जहां जुनून व्यवसाय से मिलता है।” इसका क्या मतलब है? हम आपको बताना चाहते हैं कि समाचार आपके लिए कैसे मायने रखता है — न केवल क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे शुरू करें एक गेम स्टूडियो में एक निर्णयकर्ता के रूप में, बल्कि खेलों के एक प्रशंसक के रूप में भी। चाहे आप हमारे लेख पढ़ें, हमारे पॉडकास्ट सुनें, या हमारे वीडियो देखें, गेमबीट आपको उद्योग के बारे में जानने और इसके साथ जुड़ने का आनंद लेने में मदद करेगा। हमारी ब्रीफिंग खोजें।
Cryptocurrency: जानिए किस तरह खरीद सकते हैं क्रिप्टोकरेंसी और कहां कर सकते हैं स्टोर
Cryptocurrency: क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर यदि आप जाएंगे तो वहां बायर्स और सेलर्स ट्रेडिंग करते हैं। कई एक्सचेंज ऐसे होते हैं जो एक साथ कई करेंसीज़ को सपोर्ट करते हैं- जैसे बिटकॉइन, रिपल, एथर, टेदर, कारडानो। हालांकि अब भारत में भी कई एक्सचेंज काम करने लगे हैं। लेकिन एक्सचेंज पर ट्रेडिंग शुरू करने से पहले यह देख लें कि ये एक्सचेंज अच्छी वजहों से चर्चा में है न कि बुरी वजहों से।
नई दिल्ली। देश-दुनिया में तेजी से अपनी अलग पहचान बनाने वाली क्रिप्टो करेंसी में लोगों की काफी दिलचस्पी बढ़ गई हैं। आज करोड़ों लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं, जिसका अच्छा खासा फायदा भी लोगों को मिल रहा है। लेकिन आज भी हर किसी को नहीं पता कि बिटकॉइन या ऐसी कोई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदी जा सकती है या उसे स्टोर कैसे किया जा सकता है। ये दो चीजें निवेशों को थोड़ी मुश्किल लगती क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे शुरू करें है। लेकिन हम आपको बता दें कि यह दोनों ही चीजें काफी आसान है। आज क्रिप्टोकरेंसी की पॉपुलैरिटी को देखते हुए सामान्य व्यक्ति भी इसमें निवेश करने के बारे में सोच रहा है। ऐसे में हर किसी के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर यह तकनीक काम कैसे करती है।
कैसे खरीदें क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर यदि आप जाएंगे तो वहां बायर्स और सेलर्स ट्रेडिंग करते हैं। कई एक्सचेंज ऐसे होते हैं जो एक साथ कई करेंसीज़ को सपोर्ट करते हैं- जैसे बिटकॉइन, रिपल, एथर, टेदर, कारडानो। हालांकि अब भारत में भी कई एक्सचेंज काम करने लगे हैं। लेकिन एक्सचेंज पर ट्रेडिंग शुरू करने से पहले यह देख लें कि ये एक्सचेंज अच्छी वजहों से चर्चा में है न कि बुरी वजहों से। हमेशा चेक कर लें कि उस एक्सचेंज का ऑफिस भारत में हो और इसकी फाउंडिंग टीम में ऐसा स्टाफ हो, जिसकी हिस्ट्री साफ रही हो। ऐसा इसलिए क्योंकि डिजिटल मार्केट में काफी फ्रॉड भी किया जा रहा है। इसके साथ ही सतर्क रहने की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि औसतन एक एक्सचेंज को एक दिन में 20 करोड़ का नुकसान होता है।
कैसे करें एक्सचेंज का इस्तेमाल
बता दें कि लगभग सभी बड़े एक्सचेंज एक जैसा ही प्रोसेस फॉलो करते हैं। जिसके मुताबिक आपको एक अकाउंट बनाना होगा, फिर भारत स्थित एक्सचेंज आपको KYC वेरिफिकेशन करने को बोलेंगे। यह वेरेफिकेशन किसी फ्रॉड वगैरह को रोकने के लिए किया जाता है और आपको इस दौरान अपना आईडी प्रूफ देना होगा। यह पूरा प्रोसेस बहुत ही कम समय में पूरा हो जाता है। जिसके बाद आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। जिसके लिए आप अपना बैंक अकाउंट अपने क्रिप्टो अकाउंट से लिंक कर सकते हैं। साथ ही ट्रांजैक्शन के लिए आप सीधे डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। वहीं जब लॉगइन और अकाउंट सेटअप का पूरा प्रोसेस पूरा हो जाएगा, तो आपका एक्सचेंज आपको पहला ऑर्डर प्लेस करने के लिए नोटिफाई भी कर देगा। जिसके बाद ऑर्डर प्लेस करने के लिए आपको किसी क्रिप्टोकरेंसी का सिंबल यानी कि बिटकॉइन के लिए BTC, एथर के लिए ETH और डॉजकॉइन के लिए DOGE, डालना होगा और वो अमाउंट डालना होगा, जितने में आप वो कॉइन खरीदना चाहते हैं।
इस तरह स्टोर कैसे करें क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद अगला स्टेप होता है उसे स्टोर करना। हालांकि आप क्रिप्टो एक्सचेंज पर ही अपने कॉइन्स छोड़ सकते हैं, और अगर आप एक्टिव ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो इसके लिए यह बेहतर तरीका माना जाता है। अगर आप किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पर नजर डालें तो देखेंगे कि बिटकॉइन और एथर जैसे कॉइन्स ने लंबे समय में ज्यादा रिटर्न दिया है. बीच-बीच में बाजार में आए उतार-चढ़ाव के बावजूद इन कॉइन्स की लॉन्ग टर्म में वैल्यू में बढ़ोत्तरी ही दर्ज की गई है।