कॉमर्स की सीमाएँ

→ ऑनलाइन लेन-देन की प्रक्रिया-ऑनलाइन लेन-देन प्रक्रिया के प्रमुख चरण इस प्रकार हैं:
RBSE Class 11 Business कॉमर्स की सीमाएँ कॉमर्स की सीमाएँ Studies Notes Chapter 5 व्यवसाय की उभरती पद्धतियाँ
These comprehensive RBSE Class 11 Business Studies Notes Chapter 5 व्यवसाय की उभरती पद्धतियाँ will give a brief overview of all the concepts.
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RBSE Class 11 Business Studies Chapter 5 Notes व्यवसाय की उभरती पद्धतियाँ
→ पिछले दशक से व्यवसाय करने के तरीके में अनेक मूलभूत परिवर्तन हुए हैं। ई-व्यवसाय और बाह्यस्रोतीकरण | (आउटसोर्सिंग) इन परिवर्तनों में मुख्य हैं। यह परिवर्तन आन्तरिक एवं बाह्य दोनों शक्तियों के प्रभाव से जन्मे हैं।
→ आन्तरिक रूप से यह व्यावसायिक संस्था की सुधार और कार्यकुशलता की अपनी खोज है जिसने ई-व्यवसाय को जन्म दिया है, जबकि बाहरी रूप से लगातार बढ़ता प्रतिस्पर्धी दबाव और हमेशा माँग करते ग्राहकों ने बाह्यस्रोतीकरण को जन्म दिया है। व्यवसाय की ये नई पद्धतियाँ नया व्यवसाय नहीं हैं वरन् यह तो व्यवसाय करने के नये तरीके हैं।
→ ई-व्यवसाय:
ई-व्यवसाय अर्थात् इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय को ऐसे उद्योग, व्यापार और वाणिज्य के संचालन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें कम्प्यूटर नेटवर्क का प्रयोग करते हैं। इसमें व्यावसायिक संस्थाएँ नितान्त निजी और अधिक सुरक्षित नेटवर्क का प्रयोग अपने आन्तरिक कार्यों के अधिक प्रभावी एवं कुशल प्रबन्धन के लिए करती हैं। ई-व्यवसाय ई-कॉमर्स से भिन्न होता है। ई-व्यवसाय स्पष्ट रूप से इन्टरनेट पर क्रय एवं विक्रय अर्थात् ई-कॉमर्स से कहीं अधिक व्यापक है। ई-कॉमर्स एक फर्म के अपने ग्राहकों और पूर्तिकर्ताओं के कॉमर्स की सीमाएँ साथ इंटरनेट पर पारस्परिक सम्पर्क को सम्मिलित करता है। ई-व्यवसाय न केवल ई-कॉमर्स वरन् व्यवसाय द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम द्वारा संचालित किए गए अन्य कार्यों जैसे उत्पादन, स्टॉक प्रबन्ध, उत्पाद विकास, लेखांकन एवं वित्त और मानव संसाधन को भी सम्मिलित करता है।
ई-कॉमर्स क्या है ई-कॉमर्स कितने प्रकार के होते हैं?
क्या कभी आपने इंटरनेट के माध्यम से कुछ सामान खरीदा है? या कुछ बेचा हो? अगर हाँ तो इसका मतलब आपने ई-कामर्स क्या इलेक्ट्रानिक वाणिज्य में भाग लिया है। ई-कामर्स एक ऐसी कार्यप्रणाली है जिसके द्वारा इंटरनेट का प्रयोग करते हुए सामान खरीदते तथा बेचते हैं। वाणिज्य का प्रयोग सदियों से वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीददारी के लिए जाना जाता है परन्तु आज के युग में इसका स्वरूप पूर्णतया बदल चुका है। इसे अब आन लाइन सुविधा के साथ अच्छी तरह से किया जा रहा है। इस तरह के ऑनलाइन वाणिज्य को ई-काॅमर्स या ‘‘इलेक्ट्रानिक कामर्स’’ कहा जाता है। इसके द्वारा हम घर बैठे ही राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय वस्तुओं का आसानी से खरीद और बेच कर सकते हैं। आज यह सभी देशों के बाजारों का महत्वपूर्ण अंग है।
ई-कामर्स का प्रारम्भ 1990 का दशक माना जाता है और आज इसका प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। इस समय लगभग हर कम्पनी की अपनी अलग ऑनलाइन उपस्थिति हैं तथा वह अपनी दमदार पहचान बनाने में जुटी है, देखा जाए तो ई-कामर्स एक आवश्यकता भी बन गई है। आज घरेलू सामान से लेकर, कपड़ा, किताबें, फर्नीचर, बिल्स, फोन चार्ज यात्रा टिकट मनोरंजन, सब कुछ ऑनलाइन है। आज बड़ी-बड़ी कम्पनियां जैसे पेटीएम अमेजाॅन, फ्लिपकार्ट इस प्रकार की सुविधाएं दे कर रही है। जिसमें आप जहां चाहे वहां सामान मंगवा सकते हैं। इस तरह से ई-कामर्स के जरिये धन का आदान प्रदान भी किया जा सकता है।
ई-कॉमर्स क्या है
इलेक्ट्रानिक कामर्स एक प्रकार की बिक्री-खरीददारी का माडल है जिसमें इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। इसके दो आधारभूत प्रकार है: व्यवसाय से व्यवसाय (B.2.B) और व्यवसाय से उपभोक्ता (B.2.C), B.2.B में कम्पनियाँ अपने आपूर्तिकर्ताओं, वितरकों एवं दूसरे सहयोगियों के साथ इलैक्ट्रानिक नेटवर्क के माध्यम से व्यापार करती है एवं B.2. में कम्पनियाँ अपने उत्पादों एवं सेवाओं को अपने उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रानिक नेटवर्क के माध्यम से उपलब्ध कराती है या बेचती है। हालांकि इसके बाद कई दूसरे तरह के ई-कामर्स माॅडल भी चर्चा में है जैसे कि C.2. C (उपभोक्ता-से-उपभोक्ता), C.2.B (उपभोक्ता-से-व्यवसाय), सी .2.A (बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन) कॉमर्स की सीमाएँ एवं C.2.A (उपभोक्ता-से-एडमिनिस्ट्रेशन) आदि।
ई-कामर्स की अवधारणा का आशय इंटरनेट अर्थव्यवस्था एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था से है। इंटरनेट अर्थव्यवस्था का आशय ऐसी अर्थव्यवस्था से है जिसमें राजस्व उत्पन्न करने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। जबकि डिजिटल अर्थव्यवस्था कम्प्यूटर, साफ्टवेयर और डिजिटल नेटवर्क जैसी डिजिटल तकनीकों पर आधारित है। ई-कामर्स का विकास इलेक्ट्रानिक डाटा इंटरचेज के बाद हुआ। पहले कंपनियां इसका उपयोग व्यावसायिक दस्तावेजों के आदान-प्रदान के लिए करती थी। धीरे-धीरे इसका प्रारूप बदला और कम्पनियों में इसका उपयोग सामान खरीदने एवं बेचने के लिए करना आरम्भ कर दिया। अब यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया।
ई-कॉमर्स के प्रकार
जब हम ई-कामर्स की बात करते हैं, तो हमारे मन में जो छवि उभरती है वह उत्पादक व उपभोक्ता के मध्य आनलाइन व्यापारिक लेन-देन की ही होती है जो कि कुछ हद तक सही भी है, ई-कामर्स को छह प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया गया है जिनकी अपनी-अपनी कुछ विशेषताएं हैं-
- व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस
- व्यापार-टू-उपभोक्ता (B 2 C) या बिजनेस-टू-कस्टूमर
- उपभोक्ता-टू-उपभोक्ता (C 2 C) या कस्टूमर-टू-कस्टूमर
- उपभोक्ता-टू-व्यवसाय (C 2 B) या कस्टूमर-टू-बिजनेस
- व्यापार-टू-प्रशासन (B 2 A) या बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन
- उपभोक्ता-टू-प्रशासन (C 2 A) या कस्टूमर-टू-एडमिनिस्ट्रेशन
1. व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस
जब दो या दो से अधिक कम्पनियाँ आपस में सामान अथवा सेवाओं का लेन-देन इलेक्ट्रानिक तरीके से करते हैं तो इस तरह के ई-कामर्स को व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस कहते हैं।
ई-कॉमर्स क्या होता है
आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन व्यवसाय करना तथा ख़रीदारी करना बहुत पसंद किया जा रहा है, अब हमे मोबाइल, फर्नीचर, कपडे एवं इलेक्ट्रानिक का सामान आदि खरीदने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता है घर बैठे ही इंटरनेट ऑनलाइन शॉपिंग के द्वारा एक क्लिक से आप घर पर ही सामान मंगवा सकते है | ऑनलाइन शॉपिंग का व्यवसाय आज के समय में बहुत लोकप्रिय बन चुका है |
इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी को ही ई-कॉमर्स कहते है Amazon, Flip-kart, shopcluse आदि वेबसाइट ई-कॉमर्स की ही साइट है | इन वेबसाइट के द्वारा ऑनलाइन व्यवसाय किया जा रहा है बहुत से लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते है लेकिन उन्हें ई-कॉमर्स क्या है, इसका क्या मतलब होता है यह कितने प्रकार का है इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी नहीं होती है, इसलिए इस पेज पर आपको “ई-कॉमर्स क्या होता है? लाभ और विशेषताओं” के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है |
ई-कॉमर्स (E-COMMERCE) क्या है?
Table of Contents
ई-कॉमर्स को इंटरनेट या इलेक्ट्रानिक कॉमर्स भी कहते है, इंटरनेट के माध्यम से अपने व्यवसाय को संचालित करने को ई-कॉमर्स कहा जाता है | सामान और सेवाएं खरीदने, बेचने तथा ग्राहकों के साथ व्यवसाय करना एवं भागीदारी देना भी शामिल है साथ ही पैसो के स्थानांतरण तथा डाटा के साँझा करने की भी प्रक्रिया है, जिसमे इलेक्ट्रानिक रूप में दो या दो से अधिक सहयोगियों के बीच डाटा अथवा धन स्थानांतरित होता रहता है |
ई-कॉमर्स के द्वारा व्यापार करने में समय और दूरी रूकावट नहीं बनते है, ई-कॉमर्स को आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कह सकते है | टीवी रिचार्ज, नेट बैंकिंग, पेटीएम आदि मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा भी इलेक्ट्रानिक व्यवसाय किया जा रहा है | मिंत्रा, स्नेपडील, शॉपक्लूज, बिगबास्केट, अमेजन, फ्लिपकार्ट, अलिबाबा आदि ई-कॉमर्स व्यापारियों की वेबसाइट है |
ई-कॉमर्स के प्रकार
व्यवसाय से व्यवसाय (Business to Business E-commerce)
दो व्यवसायिक कंपनियों के बीच आपसी लेंन-देंन से सम्बंधित है जिसमे कोई कंपनी अपना खुद का उत्पाद ना बना कर दूसरी कंपनी से खरीद कर बेचता है उसे व्यवसाय से कॉमर्स की सीमाएँ व्यवसाय ई-कॉमर्स या Business to Business E-commerce भी कहते है |
व्यापार से उपभोक्ता (Business to Consumer E-commerce)
कंपनी अपने बनाये उत्पाद एवं सेवाएं सीधे उपभोक्ता को वेबसाइट के माध्यम से बेचता है, जिसमे उपभोक्ता उत्पाद के विषय में जानकारी लेकर उत्पाद का आर्डर करके घर में सामान प्राप्त करता है इस इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन को व्यापार से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Business to Consumer E-commerce भी कहते है, जैसे Flipkart, Amazon आदि |
3.उपभोक्ता से उपभोक्ता (Consumer to Consumer E-commerce )
दो उपभोक्ताओं के बीच सेवाओं और सुविधाएं का इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से किया कॉमर्स की सीमाएँ जाता है, जिसमे एक उपभोक्ता सामान बेचता है और दूसरा खरीदता है जैसे olx ,Quicker, eBay आदि, इसे उपभोक्ता से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Consumer to Consumer E-commerce भी कहते है |
Emerging Modes of Business | व्यापार के उभरते मोड
(c) कूरियर सेवा कूरियर सेवाएं मेल, पार्सल आदि ले जाने के लिए निजी फर्मों द्वारा प्रदान की जाने वाली डाक सेवाओं को संदर्भित करती हैं। सरकारी डाक सेवाओं की आम समस्या देरी थी। निजी बाहरी लोग पार्सल और नमूनों की तेजी से आवाजाही की पेशकश करते हैं ताकि व्यवसाय फर्म उन पर भरोसा कर सके।
(d) ग्राहक सहायता सेवाएँ ग्राहकों की शिकायतों को पंजीकृत करने और उनकी उपस्थिति के लिए बिक्री या ग्राहक सहायता सेवा के बाद सभी टिकाऊ वस्तुओं की आवश्यकता होती है। इसलिए कंपनियां इन सेवाओं को बाहरी एजेंसियों को आउटसोर्स करना पसंद करती हैं जो इन कार्यों में विशिष्ट हैं।
ई-कॉमर्स क्या होता है
आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन व्यवसाय करना तथा ख़रीदारी करना बहुत पसंद किया जा रहा है, अब हमे मोबाइल, फर्नीचर, कपडे एवं इलेक्ट्रानिक का सामान आदि खरीदने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता है घर बैठे ही इंटरनेट ऑनलाइन शॉपिंग के द्वारा एक क्लिक से आप घर पर ही सामान मंगवा सकते है | ऑनलाइन शॉपिंग का व्यवसाय आज के समय में बहुत लोकप्रिय बन चुका है |
इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी को ही ई-कॉमर्स कहते है Amazon, Flip-kart, shopcluse आदि वेबसाइट ई-कॉमर्स की ही साइट है | इन वेबसाइट के द्वारा ऑनलाइन व्यवसाय किया जा रहा है बहुत से लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते है लेकिन उन्हें ई-कॉमर्स क्या है, इसका क्या मतलब होता है यह कितने प्रकार का है इस सम्बन्ध में पूरी कॉमर्स की सीमाएँ जानकारी नहीं होती है, इसलिए इस पेज पर आपको “ई-कॉमर्स क्या होता है? लाभ और विशेषताओं” के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है |
ई-कॉमर्स (E-COMMERCE) क्या है?
Table of Contents
ई-कॉमर्स को इंटरनेट या इलेक्ट्रानिक कॉमर्स भी कहते है, इंटरनेट के माध्यम से अपने व्यवसाय को संचालित करने को ई-कॉमर्स कहा जाता है | सामान और सेवाएं खरीदने, बेचने तथा ग्राहकों के साथ व्यवसाय करना एवं भागीदारी देना भी शामिल है साथ ही पैसो के स्थानांतरण तथा डाटा के साँझा करने की भी प्रक्रिया है, जिसमे इलेक्ट्रानिक रूप में दो या दो से अधिक सहयोगियों के बीच डाटा अथवा धन स्थानांतरित होता रहता है |
ई-कॉमर्स के द्वारा व्यापार करने में समय और दूरी रूकावट नहीं बनते है, ई-कॉमर्स को आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कह सकते है | टीवी रिचार्ज, नेट बैंकिंग, पेटीएम आदि मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा भी इलेक्ट्रानिक व्यवसाय किया जा रहा है | मिंत्रा, स्नेपडील, शॉपक्लूज, बिगबास्केट, अमेजन, फ्लिपकार्ट, अलिबाबा आदि ई-कॉमर्स व्यापारियों की वेबसाइट है |
ई-कॉमर्स के प्रकार
व्यवसाय से व्यवसाय (Business to Business E-commerce)
दो व्यवसायिक कंपनियों के बीच आपसी लेंन-देंन से सम्बंधित है जिसमे कोई कंपनी अपना खुद का उत्पाद ना बना कर दूसरी कंपनी से खरीद कर बेचता है उसे व्यवसाय से व्यवसाय ई-कॉमर्स या Business to Business E-commerce भी कहते है |
व्यापार से उपभोक्ता (Business to Consumer E-commerce)
कंपनी अपने बनाये उत्पाद एवं सेवाएं सीधे उपभोक्ता को वेबसाइट के माध्यम कॉमर्स की सीमाएँ से बेचता है, जिसमे उपभोक्ता उत्पाद के विषय में जानकारी लेकर उत्पाद का आर्डर करके घर में सामान प्राप्त करता है इस इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन को व्यापार से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Business to Consumer E-commerce भी कहते है, जैसे Flipkart, Amazon आदि |
3.उपभोक्ता से उपभोक्ता (Consumer to Consumer E-commerce )
दो उपभोक्ताओं के बीच सेवाओं और सुविधाएं का इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से किया जाता है, जिसमे एक उपभोक्ता सामान बेचता है और दूसरा खरीदता है जैसे olx ,Quicker, eBay आदि, इसे उपभोक्ता से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Consumer to Consumer E-commerce भी कहते है |