विदेशी मुद्रा विश्लेषण

अमरीकी डालर के व्यापार

अमरीकी डालर के व्यापार
सीआईआई की डिप्टी डायरेक्टर जनरल सुश्री सीमा अरोड़ा ने कहा, “इस रिपोर्ट को तैयार करने में इस्तेमाल किए गए सर्वेक्षण अंतर्दृष्टि, साक्षात्कार और आंकड़ों के विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि विशिष्ट व्यवसायों और उनके कर्मचारियों की वायु गुणवत्ता सुधारने में प्रत्यक्ष भूमिका है। हालाँकि इस सिलसिले में बहुत कुछ विचार करने की आवश्यकता है, हमारे निष्कर्षों के अनुसार इस व्यावसायिक संकट के व्यापारिक समाधान में व्यवसाय संचालन और आपूर्ति श्रृंखला का ऐसा कायाकल्प करना जो प्रदूषण को ख़त्म करे, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी अपनाना, सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से उत्सर्जन कम करना और ज्यादा महत्वाकांक्षी प्रदूषण नीतियों के लिए अभियान चलाना शामिल है। हमारा मानना है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सक्रिय और निरंतर सहयोग से, साफ़ नीला आसमान और पहले से ज्यादा सेहतमंद अर्थव्यवस्था जल्द ही भारत की वास्तविकता बन सकती है।”

अमेरिका-भारत द्विपक्षीय व्यापार 2025 तक 238 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता अमरीकी डालर के व्यापार है

14 July 2019 Current Affairs: यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम ने फैसला किया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2025 तक 238 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है
वर्तमान 143 बिलियन डॉलर से वाणिज्यिक सगाई की वर्तमान गतिशीलता को देखते हुए।
यह वृद्धि तब होगी जब पिछले सात वर्षों से व्यापार में प्रत्येक वर्ष 7.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
यूएसआईएसपीएफ की यूएस इंडिया द्विपक्षीय व्यापार रिपोर्ट का अनुमान है कि द्विपक्षीय व्यापार 283 बिलियन से 327 बिलियन अमरीकी डालर के बीच हो सकता है।
वार्षिक औसत विकास दर 10 प्रतिशत -12.अमरीकी डालर के व्यापार 5 प्रतिशत (जैसा कि 2017 और 2018 में देखा गया है)।
दोनों देशों के व्यापार गतिशीलता में नीतिगत अंतराल के कारण कई विवादास्पद मुद्दे सामने आए हैं। अमरीकी डालर के व्यापार
2012-2016 की अवधि के लिए औसत वार्षिक आधार पर वस्तुओं और सेवाओं का कुल द्विपक्षीय व्यापार 5.6 प्रतिशत बढ़ा
2017 और 2018 की दोहरे अंकों की वृद्धि दर ने 2012 और 2018 के बीच वार्षिक औसत विकास दर (एएजीआर) को 7.4 प्रतिशत तक बढ़ा दिया।
अमेरिका-भारत व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में औसतन 3.8 प्रतिशत बढ़ा।

ट्रंप एक-दो सप्ताह में देंगे चीन के साथ व्यापार समझौते की प्रगति का ब्यौरा

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

Get business news in hindi , stock exchange, sensex news and all breaking news from share market in Hindi . Browse Navbharat Times to get latest news in hindi from Business.

भारत-अमरीका व्यापार 140 अरब डालर तक पहुंचने का अनुमान

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2016 के 118 अरब डालर से बढ़कर 2017 में 140 अरब डालर तक पहुंच जाने का अनुमान है। भारत-अमरीका रणनीतिक एवं भागीदारी फोरम (यू.एस.आई.एस.पी.एफ.) ने यह अनुमान व्यक्त किया है।

फोरम ने कहा, ‘‘2016 में भारत अमरीका का नौवां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था और उन देशों में से एक प्रमुख देश था जिनके साथ अमरीका का व्यापार घाटा 30 अरब डालर से ऊपर था। यह स्थिति 2017 में भी बने रहने की उम्मीद है। इस मुद्दे को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके शीर्ष अधिकारी अपने भारतीय समकक्ष अधिकारियों के समक्ष बातचीत में उठाते रहे हैं।

यू.एस.आई.एस.पी.एफ. के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि भारत ने व्यापार घाटे के मुद्दे पर सक्रियता के साथ काम करना शुरू कर दिया है। भारत का अमरीकी कंपनियों के पास हजारों विमानों का आर्डर है। इससे व्यापार असंतुलन दूर होना शुरू हो जाएगा।

अमरीकी डालर के व्यापार

चीनी कस्टम के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष के पिछले 11 माहों में चीनी आयात-निर्यात की कुल रकम 10 खरब 38 अरब 30 करोड़ अमरीकी डालर से अधिक रही जो गत वर्ष के समान समय से 40 प्रतिशत अधिक थी। व्यापार का अनुकूल संतुलन 20 अरब अमरीकी डालर तक जा पहुंचा। अनुमान है कि इस वर्ष चीन के पूरे वर्ष के विदेश व्यापार की कुल रकम 11 खरब अमरीकी डालर तक जा पहुंचेगी । श्री छुन चुन ने विदेश व्यापार की रकम के 10 खरब अमरीकी डालर से अधिक होने के अमरीकी डालर के व्यापार भारी महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि गत नवंबर के अंत तक चीन की कुल आयात-निर्यात रकम 10 खरब अमरीकी डालर से अधिक होगी। इस तरह चीनी विदेश व्यापार एक नयी बुलंदी पर पहुंचा है। चीनी विदेशी व्यापार में सतत व तेज़ वृद्धि बरकरार रहना चीन में सुधार व खुलेपन की नीति के कार्यान्वयन का सुफल है और आर्थिक भूमंडलीकरण में चीन के सक्रिय रूप से भाग लेने और विश्व के विभिन्न देशों के साथ समान विकास व समृद्धि की खोज करने की उभय कोशिशों का फल भी।

अमरीकी डालर के व्यापार

भारत में वायु प्रदूषण की वजह से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में भारतीय व्यापार जगत को करीब 95 बिलियन अमरीकी डालर (7 लाख करोड़) का नुकसान उठाना पड़ता है, जो कि भारत की कुल जीडीपी का करीब 3 प्रतिशत है। यह नुकसान सालाना कर संग्रह के 50% के बराबर है या भारत के स्वास्थ्य बजट का डेढ़ गुना है। डलबर्ग एडवाइजर्स ने यह रिपोर्ट क्लीन एयर फंड और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से तैयार की है। यह रिपोर्ट वायु प्रदूषण के भारी आर्थिक नुकसान के साथ-साथ स्वास्थ्य पर इसके विनाशकारी प्रभावों को सामने रखते हुए वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल सक्रिय होने पर जोर देता है।

डलबर्ग का अनुमान है कि भारत के कामगार अपने स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों के कारण प्रति वर्ष 130 करोड़ (1.3 बिलियन) कार्यदिवसों की छुट्टी लेते हैं जिसके 6 बिलियन अमरीकी डालर के राजस्व का नुकसान होता है। वायु प्रदूषण का श्रमिकों के मस्तिष्क और शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे उनकी उत्पादकता कम हो जाती है और इससे व्यापार राजस्व 24 बिलियन अमरीकी डालर तक घटता है।

रेटिंग: 4.21
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 174
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *