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FBS क्या है?

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Glucose testing : प्रेग्‍नेंसी में शुगर लेवल ठीक है या नहीं, इस टेस्‍ट से चुटकियों में चलेगा पता

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Glucose testing : प्रेग्‍नेंसी में शुगर लेवल ठीक है या नहीं, इस टेस्‍ट से चुटकियों में चलेगा पता

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले शारीरिक परिवर्तनों से डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में ग्लूकोज स्क्रीनिंग टेस्ट से आप अपना शुगर लेवल चेक करवा सकते हैं।

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Glucose testing : प्रेग्‍नेंसी में शुगर लेवल ठीक है या नहीं, इस टेस्‍ट से चुटकियों में चलेगा पता

​ग्लूकोज स्क्रीनिंग टेस्ट कैसे होता है

यह जेस्टेशनल डायबिटीज से जुड़ा पहला टेस्ट है। अगर यह पॉजिटिव आए तभी डॉक्टर दूसरे टेस्ट की सलाह देते हैं। इस टेस्ट के लिए आपको किसी भी तरह से भूखा रहने की जरूरत नहीं पड़ती है।

आप अपना सामान्य भोजन ले सकते हैं। टेस्ट सेंटर में आपको 50 ग्राम ग्लूकोज लिक्विड पीने के लिए दिया जाता है। उसके कुछ घंटे बाद डॉक्टर आपका ब्लड सैंपल लेते हैं और शुगर लेवल की जांच करते हैं।

अगर शुगर लेवल 200mg/dl से ज्यादा आता है, तो इसका मतलब आपको टाइप-टू डायबिटीज है। अगर शुगर लेवल 140mg/dl से ज्यादा आता है तो डॉक्टर आपको ओरल ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट करवाने के लिए कहते हैं।

​ओरल ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट (OGTT) या टू स्टेप टेस्ट क्या है?

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इस टेस्ट में आपके ब्लड शुगर की जांच खाली पेट और भरे पेट दोनों तरह से की जाती है। इससे यह पता चलता है कि आपका शरीर ब्लड शुगर के प्रति किस तरह रिस्‍पॉन्‍स कर रहा है। जब कोई प्रेग्नेंट महिला ग्लूकोज स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद ओजीटीटी के लिए जाती है तो इसे टू-स्टेप टेस्ट कहा जाता है।

ओजीटीटी के लिए टेस्ट से पहले आपको कम से कम 8 से 14 घंटे तक भूखा रहना पड़ता है। इस दौरान आप सिर्फ पानी ले सकती हैं । फिर डॉक्टर आपका टेस्ट सैंपल लेता है।

इसके बाद इस टेस्ट में आपको 100 ग्राम ग्लूकोज लिक्विड पीना पड़ता है। फिर डॉक्टर फास्टिंग शुगर टेस्ट के बाद नॉन फास्टिंग शुगर सैंपल लेते हैं । यह सैंपल हर 3 घंटे में लिया जाता है। अगर इन सभी टेस्ट के बाद आपका शुगर लेवल बहुत हाई आता है, तो इसका मतलब आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है।

​OGTT में मील टाइम टारगेट शुगर लेवल

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फास्टिंग - 95 mg/dl (5.3mmol/L)

1 घंटे बाद - 180 mg/dl (10.0mmol/L)

2 घंटे बाद - 155 mg/dl (8.6mmol/L)

3 घंटे बाद - 140 mg/dl (7.8mmol/L)

​वन स्टेप टेस्ट

इस टेस्ट में डॉक्टर आपका फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल देखता है। उसके बाद आपको 75 ग्राम ग्लूकोज दिया जाता है। फिर डॉक्टर आपका नॉनफास्टिंग शुगर लेवल सैंपल लेता है जो 2 घंटे बाद हर 60 मिनट में लिया जाता है। इसके लिए पहले आपको 8 से 14 घंटे तक भूखा रहना पड़ता है।

​खाने के FBS क्या है? टाइम पर टारगेट शुगर लेवल

फास्टिंग - 92 mg/dl (5.1 mool/L)

1 घंटे बाद - 180 mg/dL (10.0 mool/L)

2 घंटे बाद - 153 mg/dL (8.5 mool/L)

इससे ज्यादा वैल्यू आने का मतलब है कि आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है।

​प्रेग्‍नेंसी के दौरान ग्लूकोज टेस्ट से होने वाले नुकसान

ज्यादातर महिलाओं को इससे कोई खास परेशानी नहीं होती है। इस टेस्ट के लिए पहले महिलाओं को 8 से 10 घंटे तक भूखे रहना पड़ता है। फिर अचानक से ग्लूकोज सल्यूशन न पीने से कुछ महिलाओं को उल्टी, सर दर्द, जैसी शिकायत हो सकती हैं। इसके साथ ही कुछ महिलाओं में चक्कर आना, ब्लीडिंग होना, स्किन इन्फेक्शन जैसे लक्षण भी देखे गए हैं।

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Blood Sugar Testing: ब्लड शुगर की जांच करना चाहते हैं तो जानिए टेस्ट करने का सही समय और तरीका क्या है?

खाना खाने से पहले ब्लड शुगर लेवल 80 से 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए।

Blood Sugar Testing आजकल पोर्टेबल ब्लड ग्लूकोज मीटर का इस्तेमाल करके घर में ही शुगर टेस्ट आसानी से किया जा रहा है। आप भी शुगर टेस्ट करते हैं तो सबसे पहले टेस्ट कब करें और किस तरह करें इस बात की जानकारी होना जरूरी है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। शुगर लाइफस्टाइल और खान-पान से पनपने वाली ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो यह बीमारी और भी कई तरह की जानलेवा बीमारियों जैसे दिल का दौरा, किडनी की बीमारी और लिवर की समस्या होने का कारण बन सकती है। शुगर के मरीज़ों के लिए शुगर लेवल पर नज़र रखना बेहद जरूरी है। खून में शुगर की मात्रा इंसुलिन नाम के एक हार्मोन से नियंत्रित होती है। डायबिटीज के रोगियों का शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता या फिर उसका सही उपयोग नहीं कर पाता, जिससे अक्सर ब्लड शुगर बढ़ जाता है।

ब्लड में शुगर कंट्रोल है FBS क्या है? या नहीं इसका पता शुगर टेस्ट करके ही चलता है। कई बार शुगर दिन में दो बार तक चेक करना पड़ती है ऐसे में बार-बार डॉक्टर के पास जाकर टेस्ट कराना मुश्किल होता है। आजकल पोर्टेबल ब्लड ग्लूकोज मीटर का इस्तेमाल करके घर में ही शुगर टेस्ट आसानी से किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि शुगर कब चेक करें?शुगर लेवल कितना होना चाहिए? शुगर चेक करने का सही तरीका क्या है?

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ब्लड शुगर कब चेक करें?

पूरे दिन में आपके ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आता रहता है। इसके लिए आप दिन में कई बार इसका लेवल चेक कर सकते हैं, लेकिन इसमें कितना अंतर हो इस बारे में आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आपकी सेहत के मुताबिक डॉक्टर आपको सलाह देगा कि आपको कितनी बार शुगर लेवल चेक करने की जरूरत है।

कब-कब चेक करें ब्लड शुगर

खाने और नाश्ते से पहले

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एक्सरसाइज करने से पहले और बाद में

रात को सोने से पहले

सामान्य ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

एक हेल्थ रिसर्च के मुताबिक खाना खाने से पहले ब्लड शुगर लेवल 80 से 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या फिर 4.4 से 7.2 मिलीमोल प्रति लीटर होना चाहिए।

खाना खाने के 2 घंटे बाद आपका ब्लड शुगर 180 मिलीग्राम / डीएल से कम होना चाहिए।

ब्लड शुगर चेक करने का सही तरीका:

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1- शुगर चेक करने से पहले अपने हाथ वॉश करके ठीक से सूखा लें।

2- अब अपनी मशीन के मीटर में एक टेस्ट स्ट्रिप को रखें।

3- अब टेस्ट किट के साथ मिलने वाली सुई को उंगली में चुभाएं और खून की एक बूंद परीक्षण पट्टी के किनारे पर डालें।

4- अब कुछ सेकेंड रुकें आपको स्क्रीन पर दिखने लगेगा कि आपकी शुगर का लेवल कितना है।

फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट आपको क्या बताता है?

उपवास रक्त ग्लूकोज परीक्षण ज्यादातर सुबह उठने के बाद किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि आपको पूरे दिन उपवास न करना पड़े। आपको परीक्षण करने से आठ घंटे पहले उपवास करने की आवश्यकता होती है, और यह उपवास के बाद आपके ग्लूकोज स्तर को मापता है।

आपका उपवास रक्त शर्करा/ग्लूकोज का स्तर निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:

  • आपने अपने अंतिम भोजन में क्या खाया है?
  • आपके अंतिम भोजन का आकार क्या था?
  • आपके शरीर में इंसुलिन का उत्पादन और प्रतिक्रिया करने की क्षमता क्या है?

रक्त शर्करा और इंसुलिन – एक सिंहावलोकन

आपके द्वारा उपभोग किए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट आपके शरीर द्वारा टूट जाते हैं। इस प्रक्रिया से ग्लूकोज (जो एक प्रकार की चीनी है) का उत्पादन होता है। कोशिकाओं के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत यह ग्लूकोज है। आपके जिगर, मांसपेशियों और वसा (वसा ऊतक) में कोशिकाएं इस ग्लूकोज का उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में सही ढंग से कार्य करने के लिए करती हैं। यह इंसुलिन की वजह से संभव है। अतिरिक्त ग्लूकोज जो आपके शरीर द्वारा ऊर्जा के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, परिवर्तित हो जाता है और वसा के रूप में जमा हो जाता है। जब भी आपका ग्लूकोज का स्तर कम होता है तो ये वसा आपको ऊर्जा दे सकते हैं।

इंसुलिन के दो मुख्य कार्य हैं। पहला यह है कि कोशिकाओं को ऊर्जा स्रोत के रूप में उत्पन्न ग्लूकोज का उपयोग करने की अनुमति दी जाए। दूसरा यह सुनिश्चित करना है कि आपके रक्तप्रवाह में ग्लूकोज का सामान्य स्तर बना रहे।

आपका उपवास रक्त शर्करा परीक्षण आपके स्वास्थ्य के बारे में क्या बताता है?

डॉक्टर आपको फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट कराने के लिए कहेंगे यदि उन्हें लगता है कि आपको मधुमेह है। यह परीक्षण घर पर, पैथोलॉजी लैब में या अस्पताल में लिया जा सकता है।

जिन लोगों को मधुमेह है उन्हें इंसुलिन उत्पन्न करने में परेशानी होती है, या इंसुलिन कैसे काम करता है, या FBS क्या है? दोनों एक साथ। मधुमेह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है – टाइप 1 मधुमेह और टाइप 2 मधुमेह।

यदि आपके शरीर में इंसुलिन का स्तर बहुत कम है या जब शरीर इंसुलिन के लिए सही ढंग से प्रतिक्रिया नहीं करता है तो आपका शरीर रक्त से ग्लूकोज को कोशिकाओं तक नहीं ले जा सकता है। यह रक्त में ग्लूकोज के उच्च स्तर का कारण बनता है।

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उच्च रक्त शर्करा कितनी चीनी है?

यहाँ उपवास रक्त शर्करा परीक्षण के परिणाम हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि आपको मधुमेह है या नहीं:

  • 100 mg/dL या 5.6 mmol/L से कम रक्त शर्करा का स्तर मधुमेह की संभावना से इंकार करता है। यह सामान्य रक्त शर्करा का स्तर है।
  • यदि आपका उपवास रक्त शर्करा का स्तर 100 और 125 mg/dL या 5.6 और 6.9 mmol/L के बीच है, तो यह एक पूर्व-मधुमेह स्थिति का संकेत देता है। यह चीनी के सामान्य स्तर से थोड़ा ऊपर है।
  • दो बार परीक्षण करने के बाद 126 mg/dL या 7.0 mmol/L या अधिक का रक्त शर्करा ग्लूकोज इंगित करता है कि आपको मधुमेह है।

मधुमेह होने पर क्या होता है?

एक उच्च उपवास रक्त शर्करा का स्तर इंगित करता है कि आपको मधुमेह है। इसका मतलब है कि आपको इंसुलिन उत्पादन में समस्या होने की अधिक संभावना है। यह दोनों में से किसी एक तरीके से हो सकता है:

  • यदि आप टाइप 1 डायबिटिक हैं, तो आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आपकी FBS क्या है? यह स्थिति होती है, तो आपका शरीर इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं पर हमला करता है।
  • यदि आपको टाइप 2 मधुमेह है, तो आपका शरीर इंसुलिन को ठीक FBS क्या है? से प्रतिक्रिया करने में विफल रहता है जैसा उसे करना चाहिए।

मधुमेह का निदान कैसे किया जाता है?

मधुमेह के लक्षण और लक्षण कभी-कभी स्पष्ट नहीं होते हैं या धीरे-धीरे प्रकट हो सकते हैं। इसलिए, ADA (अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन) ने इस स्थिति की जांच के लिए कुछ नियम निर्धारित किए हैं। दिशानिर्देशों के समूह का सुझाव है कि निम्नलिखित विशेषताओं वाले लोगों को रक्त शर्करा परीक्षण करवाना चाहिए:

  • बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 23 या 25 से अधिक।
  • एक गतिहीन जीवन शैली।
  • उच्च रक्त चाप।
  • कोलेस्ट्रॉल का असामान्य स्तर।
  • PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) का इतिहास।
  • मधुमेह का पारिवारिक इतिहास।
  • दिल की बीमारी।
  • गर्भकालीन मधुमेह का इतिहास।
  • प्रीडायबिटीज।
  • 45 वर्ष या उससे अधिक।

टाइप 1 और टाइप FBS क्या है? 2 मधुमेह और प्रीडायबिटीज का निदान करने के लिए आपका डॉक्टर कौन से अन्य परीक्षणों की सिफारिश करेगा?

ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन परीक्षण: इसे हीमोग्लोबिन A1c परीक्षण के रूप में भी जाना जाता है। इस परीक्षण के लिए आपको खाली पेट रहने की आवश्यकता नहीं है। यह हीमोग्लोबिन से जुड़े रक्त शर्करा के हिस्से को मापकर दो से तीन महीनों में आपके औसत रक्त शर्करा के स्तर का मूल्यांकन करता है। यदि आपका रक्त शर्करा का स्तर अधिक है, तो शर्करा से जुड़े हीमोग्लोबिन का प्रतिशत भी अधिक होगा। आपके संदर्भ के लिए यहां कुछ संकेत दिए गए हैं:

  • यदि दो बार परीक्षण करने के बाद आपका A1c स्तर 6.5% या उससे अधिक है, तो यह मधुमेह का संकेत देता है।
  • यदि यह 5.7% और 6.4% के बीच है, तो आपको प्रीडायबिटिक होने की सबसे अधिक संभावना है।
  • यदि यह 5.7% से कम है, तो आपके शरीर में शर्करा का स्तर सामान्य है।

रैंडम और पोस्टप्रैन्डियल (भोजन के दो घंटे बाद) ग्लूकोज माप भी लिया जा सकता है।

मधुमेह रोगी के लिए स्व-निगरानी क्यों महत्वपूर्ण है?

यदि आपको मधुमेह है, तो स्थिति की स्व-निगरानी आपके रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने और जटिलताओं को रोकने में आपकी सहायता कर सकती है। आप ब्लड शुगर मीटर की मदद से जांच सकते हैं कि आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य है या नहीं, जो एक कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रॉनिक टूल है। इसका उपयोग करना आसान और सटीक है। आपको बस इतना करना है कि डिस्पोजेबल पट्टी पर रक्त की एक छोटी बूंद डालें, कुछ सेकंड प्रतीक्षा करें, और आप तुरंत अपने परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। आप इसका उपयोग उपवास और यादृच्छिक रक्त शर्करा दोनों स्तरों की जांच के लिए कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या मैं फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट लेने से पहले पानी पी सकता हूँ?

आप अपने उपवास रक्त शर्करा परीक्षण से पहले केवल पानी पी सकते हैं, कोई अन्य पेय या भोजन नहीं।

मेरा उपवास ग्लूकोज सुबह उच्च क्यों है?

यदि आपका उपवास रक्त शर्करा 126 mg/dL या 7.0 mmol/L या इससे अधिक है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि आपको मधुमेह हो सकता है।

12 घंटे के उपवास के बाद सामान्य रक्त शर्करा का स्तर क्या है?

12 घंटे के उपवास के बाद सामान्य रक्त शर्करा का स्तर 100 mg/dL या 5.6 mmol/L से कम होता है।

क्या कैफीन रक्त शर्करा को प्रभावित करता है?

अध्ययन कहते हैं कि एक दिन में 400 मिलीग्राम FBS क्या है? कैफीन का सेवन करने से ज्यादातर लोगों को कोई समस्या नहीं होती है। कुछ अध्ययनों का प्रस्ताव है कि कॉफी का सेवन वास्तव में किसी व्यक्ति के टाइप 2 मधुमेह के अनुबंध के जोखिम को कम कर सकता है। यद्यपि यदि आप पहले से ही मधुमेह रोगी हैं, तो इंसुलिन पर कॉफी (कैफीन) का प्रभाव निम्न या उच्च रक्त शर्करा के स्तर से संबंधित हो सकता है। यह प्रभाव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है। इसलिए, जिन लोगों को मधुमेह है, उन्हें सुझाव दिया जाता है कि केवल एक निश्चित मात्रा में कैफीन (इसे ज़्यादा न करें) और इसके सेवन को सीमित करें।

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Forex Trading को लेकर RBI से बड़ा अपडेट! 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के नामों की लिस्ट हुई जारी, इनपर न करें ट्रेड

रिजर्व बैंक ने आज 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है जो बिना रिजर्व बैंक की मंजूरी के ट्रेडिंग करा रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फिर इलेट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत रिजर्व बैंक के पास रजिस्टर्ड नहीं है.

रिजर्व बैंक ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कराने वालों के बारे में लोगों को आगाह किया है. रिजर्व बैंक ने आज 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है जो बिना रिजर्व बैंक की मंजूरी के ट्रेडिंग करा रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फिर इलेट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत रिजर्व बैंक के पास रजिस्टर्ड नहीं है. रिजर्व बैंक के मुताबिक ये लिस्ट अभी के हिसाब से और इसमें अगर शिकायतें आएंगी तो जांच के बाद लिस्ट की संख्या बढ़ भी सकती है. इसका मतलब ये भी नहीं है कि जिन प्लेटफॉर्म के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं वो ऑथराइज्ड ही हैं. ऑथराइज्ड स्टेटस जांचने के लिए रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर मुहैया ऑथराइज्ड लोगों और ऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट से मिलान किया जा सकता है.

रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि केवल अधिकृत संस्थाओं से ही फॉरेक्स सौदे किए जा सकते हैं और केवल उसी मद में किए जा सकते हैं जिनकी नियमों के तहत इजाजत है. जिन फॉरेक्स सौदों की इजाजत है वो केवल रिजर्व बैंक से ऑथराइज्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से ही होना चाहिए. या फिर BSE, NSE जैसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से किए जा सकते हैं. ऐसे में लोगों को रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि वो अनाधिकृत प्लेटफॉर्म्स से फॉरेक्स के सौदे न करें. अगर कोई अनाधिकृत सौदे करेगा तो फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) नियमों के तहत कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा.

अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो आपने भी Forex Trading के जरिए रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाने वाले एडवर्टीज़मेंट देखे होंगे. ऐसे विज्ञापन अकसर महंगाई का सौदा होते हैं. ये फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स निवेशकों को पहली बार ट्रेड के लिए फ़्री कैश या फ्री ट्रेडिंग कोर्स जैसे ऑफर देते हैं. खुद को क्रेडिबल दिखाने के लिए बड़े-बड़े दावे भी करने से पीछे नहीं हटते हैं. आरबीआई काफी वक्त से इनके खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहा है.

आरबीआई इसके पहले भी कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ लोगों को आगाह कर चुकी है. इनमें से OctaFx, OlympTrade, Alpari, Forex.com, Ava Trade, FBS, I-Forex, Binomo.com, IQ Option, TP Global Forex जैसे प्लेटफॉर्म पर फॉरेक्स ट्रेडिंग रिजर्व बैंक नियमों के तहत कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. ये प्लेटफॉर्म्स रिजर्व बैंक या सेबी में से किसी के पास भी रजिस्टर्ड नहीं हैं.

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