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​शेयरों में सीधे निवेश

​शेयरों में सीधे निवेश
डेट म्यूचुअल फंड
ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्युरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं।

Senior Citizen Investment Options

शेयर बाजार और समझदारी | वाणी रस्‍तोगी | Stock Market and Sense | Vani Rastogi

१‧ शेयर बाजार में निवेश क्यों करना चाहिये
पहले हमें जानना चाहिये कि शेयर बाजार क्या है, शेयर बाजार में छोटी बड़ी कंपनियां अपने शेयर लिस्ट करती हैं और ये छोटी बड़ी कंपनियां अपने व्यापार को बढाऩे के लिये इस रकम का उपयोग करती हैं। इस प्रकार जब कोई भी व्यक्ति या संस्था किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो वे उस कंपनी के शेयरधारक हो जाते हैं, कंपनी के लाभ व हानि के बराबर के जिम्मेदार भी हो जाते हैं। शेयर बाजार में निवेश इसलिये भी करना चाहिये क्योंकि बैंक में सावधि जमा में तो अब मात्र ५ से ६त्न ब्याज दर ही मिलती है, जबकि मुद्रास्फीति की दर लगभग ९त्न है, तो अगर आप बैंक में एक लाख रुपये की सावधि जमा करते हैं, तो अपको लगभग ४त्न का नुकसान ही हो रहा है, क्योंकि मुद्रास्फीति से आपकी रकम का अवमूल्यन हो रहा है, और ५ वर्ष बाद इस एक लाख रुपये की कीमत लगभग ४त्न के नुकसान के बाद लगभग ८० हजार रुपये होगी, तो भविष्य की बचत के लिये आपको किसी ऐसी जगह पर निवेश करना होगा जहां आपकी रकम मुद्रास्फीति से ज्यादा का लाभ दे, तभी आपके निवेश का फायदा है। वहीं शेयर बाजार में आपकी रकम तेजी से बढ़ सकती है और आपको ज्यादा फायदा होने की संभावना होती है। हमेशा ध्यान रखें कि शेयर बाजार में जोखिम है इसलिये यहां लाभ होने की उम्मीद भी ज्यादा होती है।

​शेयरों में सीधे निवेश

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क्या आपको शेयर मार्केट में सीधे निवेश करने से लगता है डर तो आप SIP के जरिये करे निवेश

क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी के जरिये सीधे शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको शेयर ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, शेयरों में

क्या आपको शेयर मार्केट में सीधे निवेश करने से लगता है डर तो आप SIP के जरिये करे निवेश

क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी के जरिये सीधे शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको शेयर ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, शेयरों में एसआईपी के जरिये निवेश करने के लिए आपके पास सबसे पहले डीमैट खाता होना जरूरी है। डीमैट खाता खोलने की सुविधा ब्रोकर उपलब्‍ध कराते हैं।

शॉर्ट-टर्म निवेश पर कड़े स्टॉप-लॉस को फॉलो करें

जैसाकि नाम से ही पता लगता है, ‘स्टॉप लॉस’ निवेशक द्वारा पहले से ही तय की गई सीमा है, जिस सीमा तक पहुंचते ही निवेश पोज़िशन से बाहर निकल जाते हैं ताकि और अधिक हानि को रोका जा सके। उदाहरण के लिए, यदि आपने 1000/- रूपये प्रति शेयर के हिसाब से “XYZ” के 100 शेयरों में निवेश किया है। कुछ दिनों के बाद “XYZ” के शेयरों की कीमत में गिरावट होनी ​शेयरों में सीधे निवेश शुरू हो जाती है। जब यह 900/- रूपये पर पहुंच जाती है, तो आप 850/- रूपये स्टॉप-लॉस तय कर देते हैं। इसका मतलब है कि आप अपनी निवेश पोज़िशन से निकलने के लिए इसकी कीमत के 850/- रूपये तक गिरने का इंतजार करेंगे। अगले दिन, स्टॉक का भाव 840/- रुपये के निचले स्तर पर खुलता है, जिसके कारण स्टॉप-लॉस ट्रिगर हो जाता है तथा आप “XYZ” के शेयरों को 840/- के भाव से बेच देते हैं और आप 16,000/- रूपये (1 लाख रूपये – 84,000/- रूपये) की हानि ​शेयरों में सीधे निवेश वहन करते हैं। लेकिन बाद में “XYZ” के शेयरों की कीमत गिर कर 600/- रूपये हो जाती है। क्योंकि आपके पास अब “XYZ” के शेयर नहीं हैं, तो आप स्टॉप-लॉस के कारण अधिक हानि से बच गए।

अपने निवेश को अलग-अलग फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग शेयरों में लगाएं

फंडामेंटली स्ट्रॉंग शेयरों को चुनने से स्टॉक मार्केट में गिरावट होने के बाद तेजी से रिकवरी के लाभ के साथ अनेक दूसरे भी लाभ होते हैं। इसलिए, अपने पोर्टफोलियों के लिए स्टॉक को चुनते समय, सॉलिड ट्रैक रिकॉर्ड, खातों में निम्न या शून्य कर्ज, बेहतर कैश-फ्लो स्तर, रेवेन्यू में उच्च वृद्धि, आकर्षक प्रोफिटेबिलिटी और एक आशाजनक विकास योजना वाले शेयरों सहित फंडामेंटली स्ट्रॉंग शेयरों पर फोकस करना चाहिए। आपका लक्ष्य, अलग-अलग सेक्टर में अपने निवेश को डायवर्सिफाई करने के साथ-साथ, दूसरी कंपनियों के शेयरों ​शेयरों में सीधे निवेश में भी निवेश करने का होना चाहिए ताकि आप जोखिम को कम से कम कर सकें। यदि कोई खास सेक्टर या स्टॉक अंडर-परफार्म करता है, तो किसी एक सेक्टर में ज़रूरत से ज्यादा निवेश करने और कुछ कंपनियों में ही निवेश करने से आपका जोखिम बढ़ सकता है।

पर्सनल फाइनेंस: म्यूचुअल फंड में निवेश करने का बना रहे हैं प्लान तो समझें इसमें कैसे लगाएं पैसे, 4 तरह से कर सकते हैं एमएफ में निवेश

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयर बाजार, बांड और गवर्नमेंट सिक्युरिटीज जैसे एसेट्स में निवेश करती हैं - Dainik Bhaskar

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेश के लिहाज से काफी लोकप्रिय है। क्योंकि यहां अच्छा रिटर्न मिलता और शेयर बाजार की तुलना में जोखिम भी कम रहता है। ऐसे में अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो इससे पहले म्यूचुअल फंड को जान लेना बहुत जरूरी है। हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं ताकि आप इसमें सही से निवेश कर सकें।

क्या है म्यूचुअल फंड?
म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयर बाजार, बांड और गवर्नमेंट सिक्युरिटीज जैसे एसेट्स में निवेश करती हैं। इसके बदले म्यूचुअल फंड निवेशकों से फीस भी लेती हैं। देश में अलग-अलग कई म्यूचुअल फंड हाउसेज हैं जो निवेश करने के लिए फंड मैनेजर नियुक्त करती है। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है।

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