अस्थिर ब्याज क्या है?

5. ब्याज कर योग्य है: अस्थिर ब्याज क्या है?
एफडी पर अर्जित ब्याज पर आयकर अधिनियम के अनुसार कर लगाया जाता है। पांच साल के अस्थिर ब्याज क्या है? अस्थिर ब्याज क्या है? टैक्स सेवर एफडी में किया गया निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के लिए पात्र है। आप इसके बारे में और जान सकते हैंएफडी ब्याज दरेंऑनलाइन।
पहले अमेरिकी फेड ने बढ़ाई ब्याज दरें, अब रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, शेयर बाजार में मचेगा हाहाकार?
अगर अमेरिका में एक मामूली हलचल भी होती है, तो उसका असर भारत पर दिखता है. अमेरिकी फेड ने ब्याज दरें बढ़ाईं और रुपया ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंच गया. भारत के शेयर बाजार पर इसका असर दिखने लगा है.
कहते हैं अमेरिका को छींक भी आ जाए तो भारत को जुकाम हो जाता है. इसी हफ्ते बुधवार को अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी (Fed Rates Hike) की. उसके अगले ही दिन भारत में पहले शेयर बाजार (Share Market) पर उसका बुरा असर दिखा और गिरावट दर्ज की गई. साथ ही रुपये अस्थिर ब्याज क्या है? में भी भारी गिरावट (Why Rupee Falling) देखने को मिली. इसी के साथ रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर (Rupee Record Low Level) पर पहुंच गया है. गुरुवार को रुपये में 42 पैसे की गिरावट दर्ज की गई. इसी के साथ रुपया 80.30 रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. वहीं डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) 2 दशकों के उच्चतम स्तर 110.87 पर पहुंच चुका है.
फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाईं
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है और अब नई दरें 3-3.25 फीसदी की रेंज में जा पहुंची हैं. टेंशन की बात तो ये है कि फेडरल रिजर्व ने इसे भविष्य में फिर से बढ़ाए जाने के संकेत दिए हैं. भारत में भी महंगाई की वजह से रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट 3 बार बढ़ाया जा चुका है. अमेरिका में महंगाई 40 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है. ऐसे में फेडरल रिजर्व के पास ब्याज दरें बढ़ाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि साल 2023 तक फेड रेट्स बढ़ते-बढ़ते 4.6 फीसदी तक पहुंच सकते हैं. साल के अंत तक ही बेंचमार्क रेट को 4.4 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. भारत में भी महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दर बढ़ाए जाने का अनुमान है.
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रुपया गिरने का क्या है मतलब?
विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा (डॉलर) के मुकाबले रुपया गिरने का मतलब है कि भारत की करंसी कमजोर हो रही है. इसका मतलब अब अस्थिर ब्याज क्या है? आपको आयात में चुकाई जाने वाली राशि अधिक देनी होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि ग्लोबल स्तर पर अधिकतर भुगतान डॉलर में होता है. यानी रुपया गिरता है तो भारत को अधिक विदेशी मुद्रा खर्च करनी होती है, जिससे हमारा विदेशी मुद्रा भंडार कम होने लगता है. यही वजह है कि विदेशी मुद्रा भंडार पर संकट आते ही सबसे पहले तमाम देश आयात पर रोक लगाते हैं.
एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए आपको कुछ आयात करने में 1 लाख डॉलर देने पड़ रहे हैं. साल की शुरुआत में डॉलर की तुलना में रुपया 75 रुपये पर था. यानी तब जिस आयात के लिए 75 लाख रुपये चुकाने पड़ रहे थे, अब उसी के लिए 80 लाख रुपये से भी अधिक चुकाने पड़ेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि अब डॉलर के मुकाबले रुपया 80 रुपये के भी ऊपर निकल चुका है.
जानिए बैंक एफडी पीपीएफ अकाउंट से कैसे अलग है
वित्तीय निवेशों में, बैंक सावधि जमा और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) अधिकांश निवेशकों के पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बाजार से जुड़े उपकरणों के विपरीत, ये दोनों उपकरण सुरक्षित और स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं। कहा जा रहा है, दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।
Bank RD Vs SIP | बैंक आरडी या एसआईपी में से किस योजना में बचत करने पर आपको अधिक राशि मिलेगी?
Bank RD Vs SIP | निजी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन नहीं मिलती है। इसलिए यह वर्ग नौकरी मिलते ही फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू कर देता है। अस्थिर ब्याज क्या है? इस योजना का उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद एक खुशहाल जीवन, एक कार खरीदना, एक घर खरीदना, बच्चों के लिए उच्च शिक्षा और उनकी शादी के लिए पर्याप्त पैसा है। इसके लिए कुछ लोग विभिन्न पेंशन योजनाओं में बचत करने लगते हैं। हालांकि, लोगों की इन जरूरतों को देखते हुए बैंक, डाकघर और वित्तीय संस्थान लगातार विभिन्न बचत योजनाएं शुरू कर रहे हैं।
सामान्य तौर पर लोग सुरक्षित बचत के लिए रिकरिंग डिपॉजिट यानी आरडी या फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी करवाते हैं। ये योजनाएं सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करती हैं। हालांकि, यदि आप कुछ जोखिम लेने के इच्छुक हैं, तो आप एक म्युच्युअल फंड एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।