उत्तोलन क्या है

15 अगस्त और 26 जनवरी का दिन देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण है। दोनों दिन धूमधाम से देश की राजधानी दिल्ली में सरकारी स्तर पर सार्वजनिक समारोह आयोजित किए जाते हैं। देश के अन्य हिस्सों और सभी राज्यों में भी इस मौके पर उत्तोलन क्या है कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। बावजूद इन कार्यक्रमों में कुछ आधारभूत अंतर होता है। 15 अगस्त के दिन परेड का आयोजन नहीं होता है, जबकि 26 जनवरी पर सैनिकों, अर्धसैनिक बलों आदि की काफी लंबी परेड होती है। इसमें दिलकश झाकियां और रंगारंग कार्यक्रम को भी शामिल किया जाता है। गणतंत्र दिवस समारोह के जरिए देश जल, थल और नभ में अपनी सैन्य ताकत और सांस्कृति की झलग का प्रदर्शन करता है।
घोषणा: आरबीआई ने बैंकों के लिए पेश किया संशोधित पीसीए ढांचा, नए साल से लागू
आरबीआई ने मंगलवार को बैंकों उत्तोलन क्या है के लिए संशोधित त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा जारी की। इससे समय पर निरीक्षणात्मक हस्तक्षेप किया जा सकेगा और यह बाजार में एक कारगर अनुशासन के माध्यम के रूप में भी काम करेगा। नया ढांचा 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होगा।
केंद्रीय बैंक ने कहा, पीसीए ढांचे का उद्देश्य उचित समय पर निरीक्षणात्मक हस्तक्षेप को सक्षम करना है। इसके लिए निगरानी के अधीन इकाई को समयबद्ध तरीके से उपचारात्मक उपायों को शुरू करने और लागू करने की जरूरत होगी, ताकि वित्तीय स्वास्थ्य को सुधारा जा सके।
केंद्रीय बैंक ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीसीए ढांचा आरबीआई को निर्धारित सुधारात्मक कार्रवाइयों के अलावा, किसी भी समय कोई अन्य कार्रवाई करने से नहीं रोकता है।
विस्तार
आरबीआई ने मंगलवार को बैंकों के लिए संशोधित त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा जारी की। इससे समय पर निरीक्षणात्मक हस्तक्षेप किया जा सकेगा और उत्तोलन क्या है यह बाजार में एक कारगर अनुशासन के माध्यम के रूप में भी काम करेगा। नया ढांचा 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होगा।
केंद्रीय बैंक ने कहा, पीसीए ढांचे का उद्देश्य उचित समय पर निरीक्षणात्मक हस्तक्षेप उत्तोलन क्या है को सक्षम करना है। इसके लिए निगरानी के अधीन इकाई को समयबद्ध तरीके से उपचारात्मक उपायों को शुरू करने और लागू करने की उत्तोलन क्या है उत्तोलन क्या है जरूरत होगी, ताकि वित्तीय स्वास्थ्य को सुधारा जा सके।
केंद्रीय बैंक ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीसीए ढांचा आरबीआई को निर्धारित सुधारात्मक कार्रवाइयों के अलावा, किसी भी समय कोई अन्य कार्रवाई करने से नहीं रोकता है।
संशोधित ढांचे के अनुसार, पूंजी, परिसंपत्ति गुणवत्ता और उत्तोलन के लिए संकेतक सीआरएआर / सामान्य इक्विटी टियर 1 अनुपात, शुद्ध एनपीए अनुपात और टियर 1 उत्तोलन अनुपात होंगे।
संकर Cloud होस्टिंग
जैसे-जैसे व्यवसाय गले लगाते हैं flexडिजिटल परिवर्तन में तेजी लाने के लिए सक्षम बुनियादी ढाँचा, सही का चयन cloud उनकी सफलता के लिए दृष्टिकोण आवश्यक हो जाता है। हाइब्रिड cloud एक प्रकार की वास्तुकला है जो जनता को जोड़ती है cloud, निजी होस्ट किया गया cloud, और एक इष्टतम आईटी वातावरण बनाने के लिए ऑन-प्रिमाइसेस कंप्यूटिंग संसाधन। मुक़्तलिफ़ cloud संसाधनों को आपस में जोड़ा जाता है और एक बुनियादी ढांचे के रूप में निर्बाध रूप से काम करने के लिए व्यवस्थित किया जाता उत्तोलन क्या है है, प्रदर्शन प्रदान करता है, flexक्षमता, और बढ़ी हुई सुरक्षा।
उत्तोलन अलग Clouds
एकल, विश्वसनीय आईटी आर्किटेक्चर बनाने के लिए अपने सार्वजनिक, निजी और ऑन-प्रिमाइसेस कंप्यूटिंग संसाधनों को मिलाएं।
हाइब्रिड क्या है? Cloud कंप्यूटिंग?
संकर cloud कंप्यूटिंग एक आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर परिनियोजन मॉडल है जो अनुप्रयोगों, वर्कलोड और डेटा को अलग-अलग साझा करने की अनुमति देता है cloud और ऑन-प्रिमाइसेस वातावरण। लक्ष्य ऑर्केस्ट्रेटेड का एक कुशल संयोजन विकसित करना है cloud संसाधनों उत्तोलन क्या है और उत्तोलन flexइस की क्षमता cloud सही वातावरण में सही कार्यभार को तैनात करके रणनीति। संगठन तेजी से हाइब्रिड चुन रहे हैं cloud अपने कंप्यूटिंग लक्ष्यों को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने और अपनी आईटी लागतों को बचाने के लिए दृष्टिकोण।
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अब भारत में दौड़ेगी Maglev ट्रेन, पटरियों पर नहीं हवा में चलती है यह ट्रेन
यूरोप की लोकप्रिय Maglev ट्रेन अब भारत में भी दौड़ती नजर आएंगी।
- यूरोप की लोकप्रिय Maglev ट्रेन अब भारत में भी दौड़ती नजर आएगी।
- बीएचईएल ने स्विटजरलैंड की कंपनी SwissRapide AG के साथ हाथ मिलाया
- Maglev Rail चुंबकीय उत्तोलन के कारण पटरियों के बजाय हवा में चलती है
Maglev Rail चुंबकीय उत्तोलन (magnetic levitation) के कारण पटरियों के बजाय हवा में चलती है। इस वजह से इसमें ऊर्जा की बहुत कम खपत होती है और यह आसानी से 500 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। इसकी परिचालन लागत भी बहुत कम होती है। इस बारे में बीएचईएल ने SwissRapide AG के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कार्यक्रम और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा। इससे बीएचईएल दुनिया की अत्याधुनिक तकनीक को भारत लाने में मदद मिलेगी और वह भारत में Maglev ट्रेनों का निर्माण करेगी।
क्या है समझौता
समझौते के मुताबिक दोनों कंपनियों एक दूसरे को बिजनस बढ़ाने में मदद करेंगी। SwissRapide AG को Maglev Rail परियोजनाओं में विशेषज्ञता हासिल है। दूसरी ओर बीएचईएल पिछले पांच दशकों से रेलवे के विकास में साझेदार है। कंपनी ने रेलवे को इलेक्ट्रिक और डीजल लोकोमोटिव की आपूर्ति की है। देश की पहली मेट्रो कोलकाता मेट्रो में भी बीएचईएल के प्रपल्शन सिस्टम लगे हैं।
जानिए- 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में क्या है अंतर और उनकी वजह
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। 73वें स्वतंत्रता दिवस समरोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली उत्तोलन क्या है गई हैं। बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा लहराकर उसे नमन करेंगे। इसके साथ ही समारोह की शुरूआत होगी। प्रत्येक साल स्वतंत्रता दिवस इसी तरह से लाल किले पर मनाया उत्तोलन क्या है जाता है। वहीं गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर राजपथ पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराकर उसे नमन करते हैं। क्या आप जानते हैं दोनों राष्ट्रीय समारोह के स्थल अलग-अलग क्यों हैं? दोनों दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर है?
किसी भी देश का राष्ट्रध्वज उसकी पहचान होता है। उसकी शान बरकरार रखने के लिए सैनिक ही नहीं आम जनता भी हर वक्त बलिदान देने को तैयार रहती है। भारत की आजादी और इसकी अखंड को बरकरार रखने के लिए बहुत से लोगों ने बलिदान देकर इसे तिरंगे का सम्मान बरकरार रखा। ऐसे में हमें भी इसके बारे में सारी जानकारी होना आवश्यक है।