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रणनीति विदेशी मुद्रा

रणनीति विदेशी मुद्रा
उस समय रिजर्व बैंक के द्वारा करीब 47 टन सोना रणनीति विदेशी मुद्रा विदेशी बैंकों के पास गिरवी रख कर विभिन्न आयात जरूरतों के लिए कर्ज लिया गया था। फिर देश के द्वारा वर्ष 1991 में नई आर्थिक नीति अपनाई गई जिसका उद्देश्य वैश्वीकरण और निजीकरण को बढ़ाना रहा। इस नई नीति के पश्चात धीरे-धीरे देश के भुगतान संतुलन की स्थिति सुधरने लगी। वर्ष 1994 से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने लगा। 2002 के बाद इसने तेज गति पकड़ी। वर्ष 2004 में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। फिर इसमें लगातार वृद्धि होती गई और 5 जून 2020 को विदेशी मुद्रा भंडार ने 501 अरब डॉलर के स्तर को प्राप्त किया। इस रणनीति विदेशी मुद्रा वर्ष जनवरी 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार का आकार करीब 585 अरब रणनीति विदेशी मुद्रा डॉलर को पार कर गया और वर्ष के अंत में यह करीब 635 अरब डॉलर की ऊंचाई पर दिखाई दे रहा है। इस समय देश के विदेशी मुद्रा भंडार के तेजी से बढ़ने के तीन प्रमुख आधार हैं-एक, देश से निर्यात बढ़ना। दो, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) तथा विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) बढ़ना। तीन, प्रवासियों के द्वारा बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा स्वदेश भेजना। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में भारत के कुल विदेश व्यापार व निर्यात बढ़ने की चमकदार स्थिति बनी है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर 2021 के नौ महीनों के दौरान भारत का निर्यात करीब 303 अरब डॉलर से अधिक रहा है।

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विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग जरूरी

हम उम्मीद करें कि एक ऐसे समय जब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार ऐतिहासिक स्तर पर है, तब सरकार के द्वारा वर्ष 2022 में विदेशी मुद्रा भंडार के रणनीतिक उपयोग की उपयुक्त रणनीति बनाई जाएगी। इस परिप्रेक्ष्य में सरकार के द्वारा बुनियादी ढांचा और चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने तथा चीन व पाकिस्तान से मिल रही रक्षा चुनौतियों के बीच उपयुक्त मात्रा में आधुनिक रक्षा साजो-सामान की खरीदी के लिए भी विदेशी मुद्रा भंडार का एक रणनीति विदेशी मुद्रा उपयुक्त भाग रणनीतिक रूप से व्यय करने की डगर पर आगे बढ़ेगी…

हाल ही में संसद में प्रस्तुत रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है। अब विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में पूरी दुनिया में भारत के आगे केवल तीन देश हैं- चीन, जापान और स्विटरलैंड। 7 जनवरी को देश का रणनीति विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार 632 अरब डॉलर से अधिक की ऊंचाई पर पहुंच गया है। ऐसे विशाल विदेशी मुद्रा भंडार के आकार के मद्देनजर देश के आर्थिक और वित्तीय जगत में यह विचार मंथन किया जा रहा है कि देश में बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती तथा चीन व पाक से मिल रही रक्षा चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में आधुनिकतम अस्त्र-शस्त्रों की उपयुक्त मात्रा में खरीदी के लिए विदेशी मुद्रा कोष के एक भाग को व्यय करने की डगर पर रणनीतिक रूप से आगे बढ़ा जाए। गौरतलब है कि एक ओर जब कोविड-19 के कारण जनवरी 2022 की शुरुआत में भी दुनिया की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं संकट के दौर से गुजर रही हैं, तब देश के विशाल आकार के विदेशी मुद्रा भंडार से जहां भारत की वैश्विक आर्थिक साख बढ़ी है, वहीं इस बड़े विदेशी मुद्रा भंडार से देश की एक वर्ष से भी अधिक की आयात जरूरतों की पूर्ति सरलता से रणनीति विदेशी मुद्रा की जा सकती है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार देश की अच्छी आर्थिक स्थिति और आकर्षक अंतरराष्ट्रीय निवेश की स्थिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी बन गया है। वस्तुतः विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में देश का तीन दशक पहले का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। वर्ष 1991 में देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। हमारी अर्थव्यवस्था भुगतान संकट में फंसी हुई थी। उस समय के गंभीर हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब दो-तीन हफ्तों की आयात जरूरतों के लिए भी पर्याप्त नहीं था।

रणनीति विदेशी मुद्रा

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Q. With reference to import substitution in the Indian economic history, which of the following statements is/are correct?1. It was aimed at replacing or substituting domestic production with imports so that local resources are efficiently utilised.2. The aim was to increase foreign competition in the Indian economy.3. The policy was adopted to save the crucial foreign exchange of the country.Select the correct answer using the codes given below:Q. भारतीय आर्थिक इतिहास में आयात प्रतिस्थापन रणनीति विदेशी मुद्रा के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?1. इसका रणनीति विदेशी मुद्रा उद्देश्य आयात के साथ घरेलू उत्पादन को प्रतिस्थापित करना था ताकि स्थानीय संसाधनों का कुशलता से उपयोग किया जा सके ।2. इसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी प्रतिस्पर्धा बढ़ाना था।3. नीति को देश के महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए अपनाया गया था।निम्नलिखित कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए:

गिरावट की मुद्रा

गिरावट की मुद्रा

सांकेतिक फोटो :Pixabay

विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में एक डालर की कीमत इक्यासी रुपए नौ पैसे आंकी गई, जो कि अब तक का सबसे निचला स्तर है। रुपए के अवमूल्यन के पीछे बड़ी वजह अमेरिकी फेडरल बैंक की ब्याज दरों में सख्ती, डालर का मजबूत होना और भारत में निवेशकों का भरोसा कमजोर होना माना जा रहा है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए अपनी मौद्रिक नीति में सख्ती का रुख अपनाए हुए है, जिसका कुछ सकारात्मक परिणाम भी नजर रणनीति विदेशी मुद्रा रणनीति विदेशी मुद्रा आया है।

मगर रुपए की कीमत में गिरावट महंगाई से पार पाने और निवेश आकर्षित करने की दिशा में चुनौतियां पेश करेगी। भारत पेट्रोलियम पदार्थों और खाद्य तेलों के मामले में बड़े पैमाने पर दूसरे देशों पर निर्भर है।

कार्यक्रम

प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) संस्‍थान का एक प्रमुख कार्यकलाप है । वर्ष 1963 में इसकी स्‍थापना से परिकल्‍पना की गई थी कि आईआईएफटी अन्‍तरराष्‍ट्रीय व्‍यवसाय में कार्यपालक विकास कार्यक्रम के लिए एक उत्‍कृष्‍टत रणनीति विदेशी मुद्रा केन्‍द्र बनना चाहिए । आज इसके 50 वर्ष पूरे होने के बाद यह एक ज्ञान स्रोत प्रभाग के रूप में उभरा है जो भारत और विदेश दोनों स्‍थानों पर कॉरपोरेट, सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों से सभी स्‍तरों पर प्रबंधकों और कार्यपालकों की जरूरतें पूरी कर रहा है ।

एमडीपी का उद्देश्‍य, प्रतिभागियों को अनुभवी संकाय और साथी प्रतिभागियों की नई अन्‍तरदृष्टि के साथ अन्‍योन्‍यक्रिया करने और विचारों के आदान-प्रदान का एक उत्‍तम अवसर प्रदान कराना है और अवधारणाओं को बेहतर निर्णय निर्माण में बदलने में मदद करना है । यह व्‍यवसाय कार्यपालकों के लिए ज्ञान के नए क्षेत्रों का पता लगाने, अपनी दक्षताओं में निपुणता लाने में भी सुविधाएं प्रदान करता है तथा उनके संगठनों को नई ऊँचाइयां प्राप्‍त करने में सहायता प्रदान करता है ।

इस पैकेज में शामिल हैं:

  • पूर्ण वॉल्यूम विदेशी मुद्रा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
  • एक्सचेंज में 30-दिन का उपयोग
  • पूरक विनिमय साप्ताहिक वेबिनार और प्रशिक्षण सत्र जो आपको विदेशी मुद्रा बाजार का व्यापार करने के लिए खोजते समय जानने के लिए आवश्यक है।
  • छात्रों के लिए अन्य व्यापारियों के खिलाफ बेंचमार्क करने के रणनीति विदेशी मुद्रा लिए निजी चैट रूम तक पहुंच।
  • प्रश्न और सामग्रियों का उत्तर देने और स्पष्ट करने के लिए 1200 सदस्य समूह चैट।
  • ई-बुक: छोटे खातों के लिए विदेशी मुद्रा बाजार के लिए नियम
  • ऑनलाइन उपकरण और संसाधन उपलब्ध 24-7।

फुल वॉल्यूम ट्रेनिंग कोर्स के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्लेटफॉर्म ड्रॉपबॉक्स होगा। ड्रॉपबॉक्स एक आसान उपयोग प्रणाली है जिसमें पाठ्यक्रम के छात्र जितनी बार चाहें उतनी बार शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं!

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