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बाजार में शिवलिंग

बाजार में शिवलिंग
Image Source : FILE PHOTO शिवलिंग सिर्फ एक हिंदू अवधारणा नहीं है, रोमवासियों ने बाजार में शिवलिंग भी की भगवान शिव के प्रतीक की पूजा

सरयू नदी में अचानक मिला चाँदी का शिवलिंग, पूजा करने वालों की लगी लंबी लाइन

सावन के महीने में मऊ जिले से होकर गुजरी बाजार में शिवलिंग सरयू नदीं में भारी भरकम 30 किलो चांदी का शिवलिंग मिलना कौतूहल का विषय बना हुआ है। शिवलिंग मिलने की सूचना पर पहुंचे भक्तों ने पूजा आराधना की इसके बाद पुलिस ने शिवलिंग को अपने कब्जे में ले लिया।

सरयू नदी में मिले शिवलिंग को ले जाती पुलिस

पत्रिका न्यूज नटवर्क
आजमगढ़. सावन मास में मऊ जिले के दोहरीघाट क्षेत्र शनिवार को सरयू नदी में चांदी का भारी भरकम साक्षात शिवलिंग प्रकट होने के बाद आस्था का सैलाब टूट पड़ा। जो जहां था वह शिवलिंग के दर्शन के लिए निकल पड़ा। चांदी का शिवलिंग मिलने पर जहां केवट ने साष्टांग प्रणाम किया तो वैदिक मंत्रों से शिवलिंग का पूजन अर्चन किया गया। वहीं बालिका पूनम साहनी ने शिवलिंग को सिर पर उठाया और शिव मंदिर में रुद्राभिषेक किया गया। अद्भुत शिवलिंग मिलने पर मंगलग गीत गाए गए। यह अलग बात है कि जानकारी होने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शिवलिंग को अपने कब्जे में लेकर थाने ले गयी।

बताते हैं कि शनिवार को पूर्वांह्न करीब 11 बजे राम मिलन साहनी मातेश्वरी घाट के समीप स्नान करने सरयू नदी तट पर गए थे। स्नान के दौरान उन्हें नदी में कुछ चमकीला पदार्थ दिखाई दिया। कौतूहल बस जब उन्होंने बालू को हटाना शुरू किया तो गोलाकार चमकीली वस्तु देखकर डर गए। उन्होंने वहां मछली पकड़ रहे मल्लाह रामचंद्र निषाद और दीनानाथ निषाद को बुलाकर वह चमकीली चीज दिखाई। फिर सभी ने मिलकर बाजार में शिवलिंग वहां खोदाई शुरू की तो डेढ़ फीट लंबा एक फीट चौड़ा चांदी शिवलिंग मिल गया। उक्त लोगों ने शिवलिंग को उठाने का प्रयास किया तो पता चला कि वह काफी वनज है। जब वे शिवलिंग नहीं उठा पाए तो रामचंद्र निषाद की 14 वर्षीय पुत्री बाजार में शिवलिंग पूनम निषाद को बुलाया। उसने नदी तट पर ही शिवलिंग का पूजन अर्चन किया और शिवलिंग को उठाकर अपने सिर पर रख लिया।

इसके बाद वह शिवलिंग लेकर मेला राम बाबा मंदिर के बगल में शिव मंदिर पहुंची जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ब्राह्मणों ने शिवलिंग का अभिषेक किया गया। तब तक यह बात आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल चुकी थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच गए थे। रुद्राभिषेक के बाद श्याम बाबा ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाते ही एसआई केशव राम यादव हमराही हरिकेश और आशीष कुमार के साथ मौके पर पहुंचे और श्याम बाबा के साथ शिवलिंग को थाने लाए। थाने में चांदी के शिवलिंग की सूचना पर भारी संख्या में भक्तों की भीड़ थाने भी पहुंच गई। लोग शिवलिंग का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। नदी में मल्लाह को शिवलिंग मिलना चर्चा का विषय बना हुआ बाजार में शिवलिंग है।

Indore: इंदौर में हुआ पार्थिव शिवलिंग निर्माण का भव्य आयोजन, गूंजा महादेव का नाम

इंदौर: शहर के विधानसभा क्रमांक 3 के साऊथ कमाठीपुरा इमली बाजार इलाके में पार्थिव शिवलिंग निर्माण और पूजा का भव्य आयोजन रखा गया.

पार्थिव शिवलिंग बनाने का ये आयोजन महेश जोशी की स्मृति में दीपक जोशी पिंटू ने करवाया. अपनी सांईराम गणेश पांडाल में हुए इस आयोजन में पिंटू जोशी अपनी धर्मपत्नी के साथ मौजूद थे.

इस आयोजन में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 के रहवासियों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और श्रद्धा भक्ति के साथ विधि अनुसार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया. इस दौरान पूरा पंडाल हर हर महादेव की ध्वनि से गूंज उठा.

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Shivling not just Hindu concept: शिवलिंग सिर्फ एक हिंदू अवधारणा नहीं है, रोमवासियों ने भी की भगवान शिव के प्रतीक की पूजा

शिवलिंग सिर्फ एक हिंदू अवधारणा नहीं है। रोमवासियों ने भी भगवान शिव के प्रतीक को पूजा। कई लोगों का मानना ​​है कि शिवलिंग यह दर्शाता है कि शिव अमूर्त है। यह बिना किसी विशेषता और लिंग के सर्वोच्च देवता है।

Written by: Shashi Rai @km_shashi
Updated on: May 17, 2022 7:42 IST

शिवलिंग सिर्फ एक हिंदू अवधारणा नहीं है, रोमवासियों ने भी की भगवान शिव के प्रतीक की पूजा- India TV Hindi

Image Source : FILE PHOTO शिवलिंग सिर्फ एक हिंदू अवधारणा नहीं है, रोमवासियों ने भी की भगवान शिव के प्रतीक की पूजा

Highlights

  • शिवलिंग सिर्फ एक हिंदू अवधारणा नहीं है
  • सिंधु संस्कृति से 3,000 ईसा पूर्व शिवलिंग का महत्व था
  • रोम के लोग लिंगम को 'प्रयाप' कहते थे

Shivling not just Hindu concept: भक्त बाजार में शिवलिंग प्राचीन काल से ही भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग की पूजा करते आ रहे हैं। इससे जुड़ी कई मान्यताएं हैं। जबकि कुछ इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करने वाली एक इकाई के रूप में देखते हैं, अन्य इसे एक प्रतीक कहते हैं जो सूक्ष्म जगत और स्थूल जगत के विलय का प्रतीक है। कुछ का यह भी मानना बाजार में शिवलिंग ​​है कि शिवलिंग सिर्फ एक हिंदू अवधारणा नहीं है बल्कि इसकी जड़ें रोमन संस्कृति में भी हैं।

  • रोम के लोग लिंगम को 'प्रयाप' कहते थे। स्पीकिंग ट्री के अनुसार, रोमनों ने यूरोपीय देशों में शिवलिंग की पूजा की शुरुआत की। कहा जाता है कि मेसोपोटामिया के एक प्राचीन शहर बेबीलोन को अपनी पुरातात्विक खोजों के दौरान शिवलिंग की मूर्तियाँ मिली थीं।
  • इसी तरह, हड़प्पा-मोहनजो-दारो के पुरातात्विक निष्कर्ष भी शिवलिंग की कई मूर्तियों को दिखाते हैं, जिससे पता चलता है कि प्रागैतिहासिक सिंधु संस्कृति से 3,000 ईसा पूर्व में भी पवित्र संरचना का महत्व था।
  • कई लोगों का मानना ​​है कि शिवलिंग यह दर्शाता है कि शिव अमूर्त है। यह बिना किसी विशेषता और लिंग के सर्वोच्च देवता है।
  • कुछ इसकी तुलना यिन और यांग के चीनी दर्शन से करते हैं। व्युत्पत्ति और शब्दार्थ रूप से यिन को स्त्री-चेतना की अर्ध-एकता को चित्रित करने के लिए कहा जाता है। दूसरी ओर, यांग दूसरे आधे का प्रतीक है- मर्दाना। वे संयुक्त रूप से सृजन में चेतना के गठबंधन को मूर्त रूप देते हैं।
  • कुछ का मानना ​​है कि शिवलिंग सभी प्राणियों के लिए विनाश के स्थान का प्रतीक है। यह सत्य, ज्ञान और अनंत को दर्शाता है, यह सुझाव देता है कि भगवान शिव को 'सर्वव्यापी और आत्म-प्रकाशमान' प्रकृति का उपहार दिया गया है।
  • आयुर्वेदिक उपचार में, प्राण लिंग का निर्माण गहन बाजार में शिवलिंग वसूली और पुनरुत्थान की अनुमति देता है।
  • वैदिक ज्योतिष में, शिवलिंग सूर्य, चंद्रमा, ग्रहों और सितारों के पीछे प्रकाश की ताकत का प्रतीक है।
  • वास्तु शास्त्र में, शिवलिंग का उपयोग एक घर में आध्यात्मिक और महत्वपूर्ण ऊर्जा को संतुलित करने के लिए, एक चैनल बाजार में शिवलिंग के रूप में स्वर्गीय शक्तियों के रूप में किया जाता है।

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोककथाओं पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है। इसे आम जनहित को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, ‘शिवलिंग’ की नहीं होगी कार्बन डेटिंग

Gyanvapi Case

Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में मिले ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की मांग को वाराणसी जिला कोर्ट ने ठुकरा दिया है। इसे हिंदू पक्ष के लिए झटका माना जा रहा है। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। मुख्य प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने भी मस्जिद में स्थित कथित शिवलिंग की जांच कराने का विरोध किया था।

हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि हमारी कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, अभी इसकी आवश्यकता नहीं है। हम उच्च न्यायालय में भी अपनी बात रखेंगे क्योंकि विज्ञान की कसौटी पर जीवन जिया जा सकता है।

बता दें कि वाराणसी जिला कोर्ट ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को न मानते हुए श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस को सुनवाई योग्य माना था। सुनवाई के बीच हिंदू पक्ष की 4 महिलाओं ने कार्बन डेटिंग कराने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी, हालांकि श्रृंगार गौरी में पूजा की अनुमति को लेकर दायर केस पर सुनवाई जारी रहेगी।

29 सितंबर को की गई थी मांग

हिंदू पक्ष ने 29 सितंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ‘शिवलिंग’ की वैज्ञानिक जांच के साथ-साथ ‘अर्घा’ और उसके आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग की मांग की थी। बता दें कि कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो किसी पुरातात्विक वस्तु या पुरातात्विक खोजों की आयु का पता लगाती है।

कार्बन डेटिंग क्या होती है?

कार्बन डेटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे लकड़ी, चारकोल, पुरातात्विक खोज, हड्डी, चमड़े, बाल और खून का अवशेष कितना पुराना है, इसका पता लगाया जा सकता है, हालांकि इससे अनुमानित उम्र ही पता चलती है। बता दें कि पत्थर और धातु की डेटिंग नहीं की जा सकती, हां अगर पत्थर में किसी प्रकार का कार्बनिक पदार्थ मिलता है तो उससे एक अनुमानित उम्र का पता किया जा सकता है।

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