मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए?

Mutual Funds में Invest करके Wealth कैसे Create करे -in Hindi
सभी लोग अपने भविष्य के लिए बचत करते है। लेकिन हमे अपनी बचत को सही तरीके से invest करना भी जरूरी है ताकि हमे अपनी बचत पर अच्छा रिटर्न मिल सके। इसलिए आज की आर्टिकल में आप Mutual Funds में Invest करके Wealth कैसे Create करे? के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।
जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि mutual funds एक प्रसिद्ध investment tool है। जिसमें कोई भी व्यक्ति 1000 रूपये से कम में investment की शुरूआत कर सकता है। इसमें बैंक तथा पोस्टऑफ़िस की बचत योजनाओ से काफी अच्छा रिटर्न मिलता है।
आज हम mutual funds के बारे में विस्तार से जानेगे, किये कैसे काम करते है तथा आप इसमें कैसे investment कर सकते है। यह उन लोगों के लिए है, जो share market में निवेश करना चाहते है, लेकिन उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना ऐसे लोगों के लिए अच्छा विकल्प है।
Stock Market Me invest Krke Wealth Kaise Create Kren- In Hindi
Stock Exchange of India in Hindi- भारत के स्टॉक एक्सचेंज BSE तथा NSE
Mutual funds में रिस्क तो रहता है, लेकिन सच्चाई यह है कि रिस्क तो जीवन के हर क्षेत्र में ही। इसमें आप समझदारी से निवेश करके अच्छा रिटर्न पा सकते है। इसमें आप SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के द्वारा 500 रूपये महीने भी आप इन्वेस्ट कर सकते है। इससे रिस्क काफी कम हो जाता है तथा अच्छा रिटर्न मिलता है।
Mutual Funds क्या है?
Mutual शब्द काअर्थ है, लोगों का एक साथ आना तथा Funds का मतलब है, कुछ लोगों का अपने पैसे साथ में जमा करना Stocks या Bonds खरीदने के लिए, तथा कभी- कभी दोनों एक साथ खरीदने के लिए।Financial Market Kya Hota Hai -Full Jankari Hindi Me
इस पैसे को pool करके एक फंड हाउस को दे दिया जाता है। Fund house में तेजतर्रार तथा high qualified, मार्केट एक्सपर्ट फंड मैनेजर होते है। जोआपके पैसे को सभालते है। ये फंड मैनेजर आपके पैसे को अलग-अलग कंपनियों में invest करते है। जो अच्छा प्रदर्शन कर रही हों। ये पैसे को bonds में भी निवेश करते है। जिससे रिस्क कम हो जाता है। इस तरह फंड मैनेजर आपका पोर्टफोलियो बनाते हैं।
फंड मैनेजर प्रोफेशनल व्यक्ति होते है इसलिए वो आपका पोर्टफोलियो,आपके द्वारा पसंद की गई स्कीम के अनुरूप ही बनाते है। इस तरह आपका पोर्टफोलियो कई अलग - अलग सेक्टर या कंपनियो में निवेश करके बनाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी stocks तथा सेक्टर एक समय पर एक ही दिशा में और उतनी ही मात्रा में नहीं चलते, जिससे संतुलन बना रहता है तथा रिस्क भी कम हो जाता है।
Mutual Funds के प्रकार
म्युचूअल फंड्स एक बड़े छाते की तरह है। इसमें बहुत सारी मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? कैटेगरी है जैसे इक्विटी, डेट में बहुत सारी एसेट क्लास है। यदि आप अपना एक investment portfolio बनाना चाहते है, तो पूरा mutual funds के अंदर ही बना सकते है क्योंकि यहाँ इक्विटी, डेट, गोल्ड, तथा ग्लोबल फंड्स आदि काफी तरह के फंड्स उपलब्ध है।
इक्विट फंड | Equity fund
इक्विटी फंड्स के अंदर लार्ज कैप, मिड कैप तथा स्माल कैप आदि फंड होते है। जैसा कि नाम से ही जाहिर है। लार्ज कैप फंड ब्लू चिप कंपनियों में ही पैसा निवेश करते है। मिड कैप फंड मिड कैप कंपनियों में पैसा निवेश करते है तथा स्माल कैप फंड् छोटी कंपनियों में अपना पैसा निवेश करते है। स्माल कैप फंड में जोखिम ज्यादा रहता है प रन्तु रिटर्न काफी अच्छा मिलने की संभावना रहती है।
बैलेंस फंड | Balance fund
इसमें इक्विटी के साथ-साथ डेट में भी निवेश किया जाता है। जिससे रिस्क कम हो जाता है। यह बहुतअच्छा फंड है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत प्रसिद्ध हो रहा है।जब stock market गिरता है तब यह इक्विटी फंड की तुलना में कम गिरता है।
डेट फंड | Debt fund
डेट फंड में लम्बे समय के लिए निवेश किया जाता है डेट फंडस bonds और डिबेंचर आदि में निवेश किया जाता है। डेट मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? mutual fund के पोर्टफोलियो में कई तरह के बॉन्ड्स है, जैसे गवर्नमेंट सिक्युरिटीज, कॉर्पोरेट्स बॉन्ड्स, कन्वर्टेबल डिबेंचर अदि जिससे रिस्क काफी कम हो जाता है।
गोल्ड फंड | Gold fund
सोने में निवेश करने के लिए आप गोल्ड फंड में पैसा लगा सकते है इसका एक बड़ा फायदा है, कि सोने पर जो मेकिंग चार्ज देना पड़ता है उसके भी पैसे बच जाते है। सोने की रखवाली भी करनी पड़ती है जबकि gold fund को संभालना आसान है। यदि आप म्यूच्युअल फंड्स के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आप इस म्यूचुअल फंड्स में निवेश, कब, क्यों, कैसे किताब को पढ़ सकते हैं।
ओपन-एंडेड फंड | Open ended funds
इस फंड को आप कभी भी खरीद तथा बेच सकते है। यदि आपको बीच में पैसे की जरूरत है, या ये फंड आपके मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहा तो इसे आप जब चाहे बेच सकते है।
क्लोज-एंडेड फंड | Close ended fund
इस फंड को केवल ऑफर अवधि के दौरान ही खरीदा जा सकता है तथा इसे परिपक़्वता अवधि तक रखना पड़ता है। इसे आप परिपक़्वता अवधि से पहले नहीं बेच सकते।
कहने का मतलब यह है कि mutual funds बहुत तरह के होते है। अलग-अलग आयु वर्ग के लिए अलग-अलग तरह के mutual funds अच्छे रहते है क्योंकि हर व्यक्ति के जोखिम सहने की क्षमता अलग होती है जैसे लार्ज कैप फंड older investor के लिए अच्छे रहते है तथा मिडकैप फंड young investor के लिए। Mid cap तथा small cap funds में ज्यादा जोखिम लेने वाले investor invest कर सकते है ।
Mutual funds का फायदा ये है कि इसमें हर तरह के, हर उम्र के हर रिस्क प्रोफाइल के investor के लिए ऑप्शन रहता है। इन्वेस्टर को अपने फंड को ट्रेक करते रहना चाहिए ।
कहने का मतलब यह है कि mutual funds बहुत तरह के होते है। अलग-अलग आयु वर्ग के लिए अलग-अलग तरह के mutual funds अच्छे रहते है क्योंकि हर व्यक्ति के जोखिम सहने की क्षमता अलग होती है। जैसे लार्ज कैप फंड older investor के लिए अच्छे रहते है तथा मिडकैप फंड young investor के लिए।
Mid cap तथा small cap funds में ज्यादा जोखिम लेने वाले investor invest कर सकते है। Mutual funds का फायदा ये है कि इसमें हर तरह के, हर उम्र के हर रिस्क प्रोफाइल के investor के लिए ऑप्शन रहता है। इन्वेस्टर को अपने फंड को ट्रेक करते रहना चाहिए।
म्यूचुअल फंड कैसे खरीदे?
Mutual funds आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से खरीद सकते है। इसमें निवेश करने से पहले अच्छी तरह जानकारी कर ले कि आप के लिए किस एसेट मैनेजमेंट कम्पनी की कौन सी mutual fund स्कीम सही रहेगी तथा कम्पनी के प्रॉस्पेक्टस को अच्छी तरह पढ़ लेना चाहिए।
म्यूचुअल फंड का पिछला रिकार्ड भी देख ले।आप ऑनलाइन म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कम्पनी की साइट से सीधे ही खरीद सकते है या यदि आप के पास Demat account है तो आप अपने ब्रोकर से भी खरीद सकते है।
What is Demat Account and how to open Demat Account -in Hind
What is Stock Broker and Brokrage fee-in Hindi
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म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए आपको KYC फॉर्म भरना होगा। इसके लिए आपको पेनकार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड तथा पहचान पत्र की कॉपी देनी होगीं।
उम्मीद है, आपको इस आर्टिकल Mutual Funds में Invest करके Wealth कैसे Create करे? से काफी जानकारी मिली होगी। यदि आपको ये पोस्ट पसंद आये तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताये? यदि आप इस आर्टिकल के सम्बन्ध में आप कोई सवाल या सुझाव देना चाहते हैं तो आप कमेंट करके बता सकते हैं? आप मुझे Facebook पर भी जॉइन मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? कर सकते हैं।
Investment mantra: क्विटी म्यूचुअल फंड्स में अनुशासित निवेश के लिए इन बातों का रखें विशेष ध्यान
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | निवेश प्रक्रिया में एक अनुशासन पाना आसान नहीं होता। हमारे इरादे चाहे जितने नेक हों, हम निवेश के मामले में अमूमन गलत फैसले ले लेते हैं। हम बाजार को प्रतिक्रिया देने के मामले में भावनाओं में बह जाते हैं। यही वजह है कि हमें अनावश्यक नुकसान उठाना पड़ता है और ट्रांजेक्शन लागत भी ज्यादा पड़ जाती है। मुमकिन है कि आपके पास निवेश के लिए एक लंबी अवधि की योजना हो। लेकिन बगैर किसी खास वजह के आप इसका मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? पालन नहीं करते।
आखिर क्यों?
यही वह चीज है, जिसके बारे में आज हम आपके साथ बात करना चाहते हैं। जरा इसके बारे में सोचिए। निवेश क्षेत्र के जितने दिग्गज हैं, वे हमें बताते हैं कि यह इक्विटी बाजारों से संपत्ति पैदा करने का सबसे अच्छा तरीका है।
बस जल्दी शुरुआत कीजिए…
क्वांटम म्यूचुअल फंड कंपनी के अनुसार, जितना ज्यादा कर सकें, उतना निवेश कीजिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो एक समय के बाद बड़ी संपत्ति के मालिक बनने के अपने सपने को पूरा होने की संभावना को अधिकतम बनाएंगे।
अनुशासित निवेश समझने में बिल्कुल आसान है। लेकिन इसका पालन करना बेहद टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। आज हम आपके सामने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में अनुशासित निवेश के हमारे कुछ खास नियम पेश कर रहे हैं, जो मनचाही संपत्ति जुटाने में आपकी मदद कर सकते हैं….
हमेशा लंबी अवधि के निवेश लक्ष्य निर्धारित करें
आप निवेश क्यों कर रहे हैं? क्या आपको अपना पैसा छह महीने में वापस चाहिए, या एक साल में, पांच साल में या फिर और ज्यादा समय में? क्या आप अपने रिटायरमेंट के लिए बचत कर रहे हैं या फिर घर खरीदने के लिए? एक बार आपने अपने लक्ष्य निर्धारित कर लिए, उसके बाद यह अनुमान लगाना आसान हो जाता है कि आपको कितनी पूंजी की जरूरत होगी। अब यह विचार कीजिए कि मनचाहे नतीजे पाने के लिए आपको अपने निवेश पर किस तरह का रिटर्न चाहिए होगा। यहां एक उपयोग में आसान लक्ष्य के नियोजन (गोल प्लानर) का तरीका दिया जा रहा है, ताकि शुरुआत करने में आपकी मदद हो सके।
इक्विटीज में संपत्ति बनने में थोड़ा समय लगता है। अगर आपको अपना पैसा छह महीने या इससे भी कम समय में चाहिए, तो फिर किसी कम अवधि वाले निवेश की ओर जाएं। लिक्विड फंड कम अवधि के लिए काफी अच्छे इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं। लंबी अवधि में अपने प्रारंभिक निवेश को कम करने के लिए लक्ष्य रखें। यह आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का पूरा लाभ उठाने में सक्षम बनाता है। शॉर्ट टर्म प्राप्तियां लुभावनी हो सकती हैं। लेकिन हम संभावित रूप से बड़े दीर्घकालिक लाभ पर फोकस रखने की सलाह देते हैं!
फिलहाल आप कितना जोखिम झेल सकते हैं?
जैसे-जैसे आप विभिन्न निवेशों से अधिक परिचित हो जाते हैं, उनके साथ जुड़े जोखिम के बारे में आपकी समझ में सुधार होगा। अब आप कुछ निश्चित इक्विटी निवेशों पर विचार कर सकते हैं, जो पहले की तुलना में कम जोखिम भरे हैं। हो सकताहै कि अब आप इसमें अपना एक्सपोजर बढ़ाने की इच्छा रखते हों। निवेश में धारणा का विचार महत्वपूर्ण है। समय के साथ धारणाएं बदल सकती हैं। एक बुल मार्केट में, इक्विटी निवेश कम जोखिम भरा लगता है।
वहीं बाजार में नरमी के दौरान, इक्विटी निवेश अधिक जोखिम वाले हो जाते हैं। यदि आप भावना में बह जाते हैं, तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। खुद को अच्छी तरह से जानना महत्वपूर्ण है। तो, फिलहाल आपमें किस स्तर का जोखिम झेलने की क्षमता है ? इस सवाल के अपने जवाब के आधार पर अपनी प्रोफाइल से मेल खाता इंस्ट्रूमेंट चुनें। यहां आपके निवेश को अपने जोखिम सहन करने की क्षमता के साथ सामंजस्य में रखने का एक आसान तरीका है
उदाहरण के लिए, यदि निवेश में 20 फीसदी की अस्थायी गिरावट आपको परेशान करती है, तो शायद आपको इक्विटी निवेश से दूर रहना चाहिए क्योंकि इस तरह की गिरावट असामान्य नहीं है। इसके विपरीत, यदि आपके पास अगले 10 वर्षों के लिए अतिरिक्त धनराशि है, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करें।
एक परिसंपत्ति आवंटन रणनीति चुनें जो आपके लिए काम करें
व्यक्तिगत दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर एक विवेकपूर्ण परिसंपत्ति आवंटन योजना बनाएं। बाजार की हलचल पर प्रतिक्रिया देने के बजाय इन आवंटनों को थोड़ा समय दें। इससे आपको निवेश रिटर्न के अपने उचित हिस्से पर कब्जा करने में मदद मिलेगी। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास मध्यम जोखिम प्रोफ़ाइल है, तो मल्टी-एसेट फंड में निवेश करने पर विचार करें।
इक्विटी, डेट और गोल्ड के लिए संतुलित एक्सपोजर वाला फंड आपके जोखिम प्रोफाइल के लिए आदर्श होगा। अपनी पसंद के फंड में निवेश करने के लिए एक सिस्टैमैटिक प्लान (एसआईपी) के बाद अनुशासित रहने और अपनी रणनीति के साथ रहने का एक शानदार तरीका है।
भावुक न बनें
इक्विटी म्यूचुअल फंड कई बार हमारी उम्मीदों के विपरीत काम करते हैं जिससे असुरक्षा पैदा होती है। नुकसान से बचने के मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? लिए मुझे अब क्या बेचना चाहिए? क्या मुझे वापस बैठना चाहिए और कीमतों के पलटने का इंतजार करना चाहिए? ये विचार सबसे अनुशासित निवेशकों को भी विचलित कर सकते हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण अपनी परिसंपत्ति आवंटन को संशोधित करने से बचना चाहिए। अपनी लंबी अवधि की जरूरतों के लिए अपना पोर्टफोलियो बनाएं और इसे इस उद्देश्य के लिए बनाए रखें।
आज बाजारों में जो कुछ भी हो रहा है, उसके बावजूद लंबी अवधि के लिए अपने पोर्टफोलियो का निर्माण करें। यह अपने इच्छित उद्देश्य को पूरा करने का सबसे बड़ा मौका देता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। यह आपके दूसरे सफल प्रयासों की ही तरह है। इसे अपना समय, प्रयास और अनुशासन दें ताकि आप अपने धन को बढ़ता हुआ देख सकें।
घर बैठे म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश और किस म्यूचुअल फंड में लगाएं पैसा?
बाजार में उतार चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा बेहतर विकल्प
Written by: Sarabjeet Kaur
Updated on: June 22, 2020 20:24 IST
Photo:GOOGLE
Mutual Fund investment
नई दिल्ली। कोरोना संकट में आर्थिक स्थिति बिगड़ने से लोग पहले के मुकाबले निवेश को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं। निवेशक अब अपना पैसा सुरक्षित और सही जगह मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? पर लगाना चाहते हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि जिन्हें शेयर बाजार का ज्यादा ज्ञान नहीं है उनके लिए आज भी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता हैं। ऐसे में कई लोग हैं जो घर बैठे ही बिना किसी ब्रोकर या एजेंट की मदद से म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना चाहते हैं। अगर आप भी चाहते हैं बेहतर तरीके से म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश करना और जानना चाहते हैं कि वो कौन से ऐसे म्यूचुअल फंड है जहां आपको पैसा लगाना चाहिए तो पढ़िए ये खास रिपोर्ट।
कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश?
· किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले ये जानना जरुरी है कि म्यूचुअल फंड आखिर होता क्या है? निवेशकों से लेकर म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर बाजार में पैसा लगाती है और उसके बदले निवेशकों से उसका चार्ज भी करती हैं। माना जाता है कि एसआईपी के जरिए यानी की सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी सही रहता है।
· निवेशक जिस भी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं उसके वेबसाइट में सीधे जाकर या फिर ब्रोकर के जरिए निवेश कर सकते हैं
· लेकिन, अगर बिना किसी ब्रोकर के कमीशन चार्ज दिए आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो कई मनी ऐप के जरिए निवेश किया जा सकता है
· ध्यान रहे कि आप जिस भी म्यूचुअल फंड को किसी ब्रोकर की मदद से लेंगे उसे रेगुलर प्लान कहा जाएगा जिसमें आपको कमीशन चार्ज देना पड़ेगा
· वहीं अगर आप खुद से फंड में निवेश करते हैं तो वो डायरेक्ट प्लान के अंदर आएगा और किसी तरह का कमीशन चार्ज नहीं होगा। लंबी अवधि के निवेशकों को खुद से निवेश करने में ज्यादा फायदा होता है।
· निवेशकों को बस सही तरीके से फंड के बारे रिसर्च करना जरुरी होता है। वहीं ये भी जानना है आवश्यक होता है कि किन शेयरों में कंपनी ने पैसा लगाया हुआ है
· म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अपने KYC को अपडेट करना पड़ता है। जैसे ही आप पैन नंबर के साथ आधार नंबर की डिटेल्स देंगे आपके निवेश की सारी जानकारी फंड हाउस को मिल जाएगी
· घर बैठे कई मोबाइल ऐप जैसे कि ET Money, PAYTM Money, CAMS, KTrack Mobile app, Groww, Zerodha Coin जैसे ऐप के जरिए डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं
· ध्यान दें कि पहले इन ऐप की जानकारी अच्छी तरह से लेना अनिवार्य है
· पता कर लें कि ऐप कितने सहीं है और इन ऐप के जरिए पैसा म्यूचुअल फंड में लगाना कितना सुरक्षित है
· कुछ मोबाइल ऐप नाम मात्र का कमिशन चार्ज करते हैं जिनका असर निवेशकों की रकम पर कुछ खास नहीं पड़ता है।
पैसाबाज़ार डॉट कॉम के डायरेक्टर एंड ग्रुप हेड (इंवेस्टमेंट) साहिल अरोड़ा के मुताबिक- “अब कोई भी व्यक्ति मोबाइल ऐप या विभिन्न ऑनलाइन फाइनेंशियल पोर्टल, फंड हाउस, एमएफ डिस्ट्रीब्यूटर और आरटीए की वेबसाइट द्वारा म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश कर सकता है। हालांकि, फंड हाउस और आरटीए की वेबसाइटों या ऐप के माध्यम से निवेश कई आईडी और पासवर्ड के कारण बोझिल हो सकता है। इसलिए, ऑनलाइन निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल के माध्यम से निवेश करना है, जो निवेशकों को एक ही एमएफ पोर्टफोलियो के अंतर्गत कई म्यूचुअल फंड में अपना निवेश करने में सक्षम बनाता है”।
· ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल या ऐप के जरिए निवेशक कई सेवाओं का फायदा उठा सकता है।
· निवेश का निर्णय लेने में निवेशकों की मदद करने के लिए अपनी ओर से कुछ एमएफ फंड की सिफारिश करते हैं, बाज़ार विश्लेषण, विभिन्न एमएफ टूल, कैलकुलेटर भी प्रदान करते हैं
· साहिल का कहना है कि “म्यूचुअल फंड और फंड बाज़ार की जानकारी ना रखने वाले भी इन ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल के माध्यम से बिना कोई अतिरिक्त पैसा दिये डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं”
कौन से म्यूचुअल फंड में करें निवेश?
चार तरह के म्यूचुअल फंड्स हैं जिनमें निवेश किया जा सकता है।
1.इक्विटी म्यूचुअल फंड
2.डेट म्यूचुअल फंड
3.हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
4.सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड
हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव काफी देखने को मिल रहा है ऐसे में निवेशकों को अपने जरुरत के हिसाब से किसी भी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है। काफी फंड्स से NAV में गिरावट देखने को भी मिल रही है। इसलिए, जो बेहतर रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड्स हैं उनमें लंबी अवधि के लिए मौजूदा स्तर में निवेश किया जा सकता है।
बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं- “लंबी अवधि के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स को अच्छी तरह से जांच लें और उनके द्वारा शेयर बाजार में कंपनियों के निवेश, फंडामेंटल्स को देख लें। साथ ही बाजार के हिसाब से क्या सही है क्या गलत उसकी पूरी जानकारी नोट करते रहें। अगर अगले 6 महीनों में उन फंड्स में कोई बेहतर बदलाव नहीं दिखे तो फिर से एक बार दूसरे फंड्स की भी जानकारी लें या फिर कुछ दिन उन्ही फंड्स में निवेश को बरकरार मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? रखें। अगर आप किसी तरह के रिस्क को नहीं ले सकतें तो किसी और बेहतर म्यूचुअल फंड में लंबे या मध्यम अवधि के लिए पैसा लगा सकते हैं”।
छोटी अवधि के निवेशकों को सलाह है कि वो थोड़ा बाजार के संभलने का इंतजार करें और धीरे-धीरे अपने इक्विटी इनवेस्टमेंट को डेट फंड्स में निवेश करके बदलें।
शेट्टी के मुताबिक-“ज्यादातर निवेशकों को सलाह है कि वो कुछ 6 महीने तक बाजार की चाल को ध्यान से देखें। उसके बाद ही निवेश करें ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके”।
म्यूचुअल फंड्स जिनमें निवेश किया जा सकता है:
· अगर मल्टी कैप फंड की बात करें तो इन्वेसको इंडिया कॉण्ट्रा फंड, एक्सिस मल्टीकैप फंड और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल मल्टीकैप फंड में निवेश करें
· निफ्टी 100 इन्डेक्स, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल निफ्टी इन्डेक्स और निप्पॉन इंडिया इन्डेक्स निफ्टी फंड
· अल्ट्रा-शॉर्ट फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल अल्ट्रा-शॉर्ट फंड, एक्सिस अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म और आईडीएफसी अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म निवेश के लिए सही विकल्प है
· अगर निवेशक इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचना चाहते हैं, वो ईएलएसएस फंड जैसे कि – मीराए एसेट टैक्स सेवर, इन्वेस्को इंडिया टैक्स, एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी या आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लॉन्ग टर्म इक्विटी में लॉक-इन करके निवेश कर सकते हैं।
साहिल अरोड़ा ये भी कहते हैं कि –“मल्टी-कैप फंड में निवेश करें क्योंकि वो बाज़ार में सभी क्षेत्रों और मौजूद सभी छोटी-बड़ी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, उनके ऊपर निवेश के लिए सेबी द्वारा कोई सीमा नहीं लगाई गई है। निवेशकों को अपना 20% इन्डेक्स फंड में भी निवेश करना चाहिए क्योंकि इन फंड का रिटर्न संबंधित बेंचमार्क के साथ घटता-बढ़ता है और बेंचमार्क इन्डेक्स में मौजूद कंपनियों की जितनी हिस्सेदारी होती है फंड का निवेश उनमें उसी तरह बटा होता है।
इसलिए अगर मैनेज फंड बाज़ार में मंदी के दौरान लाभ नहीं कमा पाते हैं तो निवेशक इन्डेक्स फंड के द्वारा बाज़ार में उछाल आते ही तुरंत लाभ कमा सकता है।
तीन वर्ष से कम के निवेश के लिए, निवेशकों को अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड में निवेश करना सही विकल्प है। छोटी अवधि में इक्विटी में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है हैं और कोरोना के वजह से शेयर बाज़ार में मंदी कब तक रहेगी ये कहना फिलहाल किसी भी जानकार के लिए मुश्किल है। ऐसे में अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड इक्विटी-फंड के मुकाबले अधिक सुरक्षित होते हैं और बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट से अधिक रिटर्न देते हैं।
किसी भी फंड में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की जानकारी अवश्य लें। साथ ही हर फंड का 3-5 साल का प्रदर्शन जरुर देखें। कंपनी के बेंचमार्क के साथ फंडामेंटल्स को जांच लें ताकि भविश्य में ज्यादा नुकसान झेलना नहीं पड़े। बेंचमार्क अगर लगातार किसी फंड का बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तो उस फंड हाउस में निवेश करना बेहतर रिटर्न दे सकता है। साथ ही निवेश से पहले ऑनलाइन ब्रोकरेज हाउसेज द्वारा फंड्स को दिए गए रेटिंग और रिटर्न को चेक जरुर करें।
Stock Market: गिरते बाजार में कैसे करें निवेश, बता रहे हैं मार्केट एक्सपर्ट अमित निगम
आने वाले समय में क्या रहेगी शेयर बाजार की चाल इसपर प्रभात खबर से बात की शेयर बाजार के जाने-माने एक्सपर्ट और BPN FINCAP PVT LTD के डायरेक्टर अमित कुमार निगम ने.
बीते कई दिनों की गिरावट के बाद शेयर मार्केट में बढ़त दिखाई दे रही है. कारोबारी हफ्ते के पहले दिन सोमवार को बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच दोनों इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर बंद हुए थे. वहीं मंगलवार को शेयर बाजार में दमदार तेजी नजर आयी. शुरुआत से ही सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त दिखी. ऐसे में आने वाले समय में क्या रहेगी शेयर बाजार की चाल इसपर प्रभात खबर से बात की शेयर बाजार के जाने-माने एक्सपर्ट और BPN FINCAP PVT LTD के डायरेक्टर अमित कुमार निगम ने.
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म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कैसे करें? [20-30 आयु वर्ग]
हमारे अधिकतर यूजर काफी नए उम्र के हैं और अक्सर उनसे एक कॉमन सवाल देखने को मिल जाता है कि मैं अभी अपने मिड 20s यानि 25 से 30 के आयु वर्ग में हूं और मेरी जॉब अभी लगी है तो मैं mutual fund investment की यात्रा की शुरुआत कैसे कर सकता हूं?
तो मैं यहां पर आप मैं लोगों से कहना चाहूंगा की आपने इतनी जल्दी ही निवेश के बारे में सोच कर के बहुत ही अच्छा निर्णय लिया है और आप देखेंगे कि लंबे समय में इस चीज का फायदा आपको बहुत अधिक मिलेगा।
तो चलिए शुरुआत करते हैं आर जानते हैं कि अगर आप एक नए निवेशक हैं तो आपको किस प्रकार से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करनी चाहिए।
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से पहले | Before Investing in Mutual Funds
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना होगा।
1. आपके निवेश का नजरिया लंबा होना चाहिए अगर आपको अधिकतम फायदा लेना है तो। आमतौर पर आपका नजरिया 5 साल या फिर उससे अधिक होना चाहिए।
2. म्यूचुअल फंड में निवेश भी दो प्रकार से किए जाते हैं एक होता है म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट निवेश और दूसरा होता है किसी एजेंट के माध्यम से निवेश जिसे हम रेगुलर म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट कहते हैं।
डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड में से क्यों डायरेक्ट में निवेश करना बेहतर होता है क्योंकि उसका एक्सपेंस रेश्यो हमेशा कम रहता है।
3. अगर आप म्यूच्यूअल फंड में निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो शुरुआती दौर में ही स्मॉल, मिड कैप या फिर थीमेटिक फंड्स के चक्कर में ना पड़े।
हालांकि इन सब में रिटर्न्स तो बड़े धुआंधार होते हैं और लगता है कि हमें इन में इन्वेस्ट करना ही चाहिए, पर मेरी राय यह है कि यदि आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो फिर इन mutual funds के चक्कर में ना पड़े क्योंकि इनमें अधिक उतार चढ़ाव होता है |
4. आप अपने निवेश की शुरुआत एसआईपी (SIP) यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान मोड के तहत करें।
इसका फायदा यह है कि जैसे-जैसे मार्केट ऊपर या नीचे होगा उसी तरह से आप को प्राइस एवरेजिंग में आपको काफी फायदा मिलेगा।
5. सबसे जरुरी बात यह है कि निवेश करने से पहले अपना रिसर्च जरूर करें और ऑफर डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें।
म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट की शुरुआत ऐसे करें !
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो आपको अपने उद्देश्य यानी purpose के बारे में जानना होगा |
आप निवेश के उद्देश्य के हिसाब से आपका इन्वेस्टमेंट भी अलग अलग होगा जिसके बारे में अब हम बात करेंगे |
1. टैक्स बचत के लिए म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट | Mutual Fund Investing for Tax saving
आपकी नई नई जॉब लगी है तो फिर आपके ऊपर टैक्स की देनदारी भी बनेगी।
अगर आप tax saving के साथ साथ बढ़िया कमाई भी करना चाहते हैं और इसके लिए म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपके लिए ईएलएसएस (ELSS) यानि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम एक बेहतरीन ऑप्शन होगा।
ईएलएसएस का एक फायदा तो यह है मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? कि लंबे समय में इसमें आपको बढ़िया रिटर्न्स मिलते हैं क्योंकि यह मार्केट से लिंक रहता है और दूसरा फायदा यह है कि आप इस में डेढ़ लाख रुपए तक टैक्स की बचत कर सकते हैं।
अगर आप ELSS में निवेश कर रहे हैं तो आपको एक बात ध्यान देनी होगी कि जो भी पैसा आपने इसमें लगाया है वह 3 साल के लिए लॉक हो जाएगा ।
इसका मतलब यह है कि अगर आपको अपना पैसा वापस चाहिए तो आप 3 साल के बाद ही इस में से पैसा निकाल सकते हैं।
वैसे मेरी राय यह है कि अगर आपने किसी equity linked saving scheme में निवेश किया है तो फिर कम से कम 5 साल तक उसे ऐसे ही छोड़ दें और उसके बाद ही उसमें से पैसा निकालने का सोचें जिससे आपको अधिकतम फायदा हो सके।
यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भी भी आप किसी भी म्यूच्यूअल फंड का चुनाव करें तो यह देखें कि उसके 5, 7 या 10 साल में सामान रिटर्न्स हैं और उनका एक्सपेंस रेश्यो कम से कम है।
ईएलएसएस म्यूच्यूअल फंड में निवेश की लिए चुनाव करते समय स्टार रेटिंग और 1 साल के रिटर्न्स पर न जाएं क्योंकि उसे आप कंफ्यूज हो सकते हैं और आप का चुनाव भी गलत हो सकता है।
2. वित्तीय लक्ष्य पाने के लिए म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट | Mutual Fund Investing for Achieving Goal
आपका दूसरा investment purpose हो सकता है कि आप अपना म्युचुअल फंड निवेश शुरू कर रहे हों अपने जरूरी फाइनेंशियल गोल्स को पूरा करने के लिए।
यह फाइनेंशियल गोल्स कुछ भी हो सकता है जैसे की कार खरीदना, मकान खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, रिटायरमेंट इत्यादि इत्यादि।
गोल प्लानिंग के ऊपर हमने एक लाइव प्रैक्टिकल एग्जांपल वाली वीडियो भी बनाई है जिसमें यह बताया गया है कि किसी भी गोल को कैसे प्लान किया जाता है और उसे पूरा करने के लिए कहां-कहां और कितना इन्वेस्टमेंट करना चाहिए |
किसी गोल को कैसे पूरा करें और उसके लिए कितने पैसे की जरूरत होगी इसके बारे में जानने के लिए आप मेरे द्वारा बनाए हुए फाइनेंसियल एक्सेल कैलकुलेटर्स का उपयोग कर सकते हैं जिससे आपको यह सब जानकारी बड़ी आसानी से मिल जाएगी।
अगर आप का गोल 5 साल या उससे अधिक की दूरी पर है तो आप अपनी म्युचुअल फंड की यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं एग्रेसिव हाइब्रिड या फिर ब्लूचिप फंड से।
जैसे जैसे आपको म्यूच्यूअल फंड में निवेश की जानकारी होती जाएगी और आपको इक्विटी में निवेश की समझ आती जाएगी वैसे-वैसे करके आप बाद में एग्रेसिव से फ्लेक्सी कैप म्यूच्यूअल फंड पर भी शिफ्ट हो सकते हैं।
यहां पर जो मैंने एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स की बात की है वह 65 से 70% equities में निवेश करते हैं और बाकी का 30 से 35% debt में निवेश करते हैं।
वहीं पर जो भी ब्लूचिप म्युचुअल फंड्स होते हैं वह बड़ी-बड़ी ब्लू चिप कंपनीज में निवेश करते हैं और इन फंड्स का फायदा यह है कि इनमें उतार-चढ़ाव बहुत ही कम देखने को मिलता है और लंबे समय में ये काफी अच्छा रिटर्न्स भी देते हैं।
3. आपातकालीन मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए? फंड के लिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश | Mutual Fund Investing for Emergency fund
अगर आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो आपके लिए सबसे जरूरी होगा एक इमरजेंसी फंड का निर्माण क्योंकि किसी के भी जीवन में कोई इमरजेंसी आ जाती है तो उसके लिए यह फंड काफी सहायक रहता है।
एक इमरजेंसी फंड के लिए उसके रिटर्न से ज्यादा जरूरी है लिक्विडिटी और सेफ्टी।
तो इसके लिए आपको बताना चाहूंगा कि अगर आप एक इमरजेंसी फंड बनाने जा रहे हैं तो फिर आप लिक्विड, आर्बिट्राज या फिर अल्ट्रा शॉर्ट टर्म डेट फंड में ही निवेश करें।
यह फंड ऐसे है जिन में उतार-चढ़ाव बहुत ही कम होता है और 4 से 7% तक का संतोषजनक रिटर्न भी मिल जाता है |
यह रिटर्न लगभग एक एफडी के बराबर या उससे अधिक हो सकता है पर यह फंड अधिक टैक्स एफिशिएंट होते हैं एक FD की तुलना में।
अगर आप आर्बिट्राज फंड का चुनाव करते हैं तो उनका टैक्सेशन तो बिल्कुल इक्विटीज के जैसा ही होता है यानी की ₹100000 तक के फायदे पर आपको कोई भी टैक्स नहीं देना होगा अगर आपने उसे 1 साल से अधिक होल्ड किया है तब।
और अंत में …
नए नए निवेशक जो अभी 20 से 30 की आयु वर्ग में हैं वह अक्सर दुविधा में रहते हैं कि अपने पहले निवेश की शुरुआत कैसे करें |
यहाँ इस लेख के माध्यम से आपको यह जानकारी मिलेगी कि आप को म्यूच्यूअल फंड में निवेश की शुरुआत किस प्रकार करनी चाहिए जिससे आपके सभी गोल पूरे हो सकें |
म्यूच्यूअल फंड के भी ढेरों प्रकार होते हैं और आप ऊपर बताये गए ख़ास तरह के म्यूच्यूअल फंड से अपने निवेश स्टार्ट कर सकते हैं |
अगर आपको म्यूच्यूअल फंड निवेश से सम्बंधित कोई अन्य जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट जरूर करें और इस उपयोगी पोस्ट को शेयर करना न भूलें |