शेयर ट्रेडिंग

स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार

स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार

आसान भाषा में समझें क्या होते हैं सेंसेक्स और निफ्टी, इनके बीच क्या है अंतर

सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसलिए इसे BSE स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार Sensex भी कहा जाता है। बता दें कि सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है। वहीं हिंदी में इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार डेस्क। अक्सर बिजनेस की खबरें पढ़ने के दौरान कुछ शब्द बार-बार सामने आते हैं जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी प्रमुख हैं। अखबार पढ़ने या टीवी देखने के दौरान पता चलता है कि सेंसेक्स ने इतना रिकॉर्ड स्तर छुआ या सेंसेक्स में गिरावट के चलते निवेशकों का लाखों का नुकसान हुआ, ऐसे में आम लोगों के मन में भी दिलचस्पी उठना स्वाभाविक होता है कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या होता हैं? जिससे लोगों के नफा- नुकसान जुड़ा होता है। साथ ही, अगर शेयर बाजार में निवेश या स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार ट्रेडिंग करने के लिए आप की सोच रहे हैं तो भी इनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। आइए इस इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?

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दरअसल, Sensex और Nifty दो प्रमुख लॉर्ज कैप इंडेक्स यानी सूचकांक हैं। सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से जुड़ा इंडेक्स है, जबकि निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जुड़ा हुआ है। ये दोनों इंडेक्स स्टॉक मार्केट में उठा-पटक को मापने के काम करते हैं। हालांकि, जब कोई निफ्टी कहता है तो उसका मतलब निफ्टी 50 होता है।

What is Share Market, Know About Large, Mid And Small Cap Companies

क्या है Sensex?

सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसलिए इसे BSE Sensex भी कहा जाता है। बता दें कि सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है। वहीं, हिंदी में इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं, इसे सबसे पहले 1986 में अपनाया गया था और यह 13 अलग-अलग सेक्टर की 30 कंपनियों के शेयरों में होने वाले उतार-चढ़ाव यानी इंडेक्स को दिखाता है। इन शेयरों में बदलाव से सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव आता है। साथ ही, सेंसेक्स का कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मेथड से किया जाता है।

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Nifty 50 क्या है?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का Nifty 50 भी एक प्रमुख मार्केट इंडिकेटर है। बता दें कि, निफ्टी शब्द नेशनल और फिफ्टी को मिलाकर बना है। नाम के अनुरूप इस इंडेक्स में 14 सेक्टर की 50 भारतीय कंपनियां शामिल हैं। वहीं, इस प्रकार यह बीएसई की तुलना में अधिक डाइवर्सिफाइड होता है। बीएसई की तरह ही यह लार्ज कैप कंपनियों के मार्केट परफॉरमेंस को भी ट्रैक करता है। बता दें कि, इसे 1996 में लांच किया गया था और इसकी गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर की जाती है।

What Is Dividend Yield Fund in Stock Market

इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं Nifty और Sensex

दरअसल, भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का संकेत देने वाले सिर्फ यही दो इंडेक्स नहीं हैं। इसके अलावा भी कई इंडेक्स शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल शेयरों की चाल को समझने में किया जाता है। इनमें ज्यादातर इंडेक्स किसी खास सेक्टर या कंपनियों के किसी खास वर्गीकरण से जुड़े हुए हैं। उदाहरण के तौर पर किसी दिन के कारोबार के दौरान 12 प्रमुख बैंकों के शेयरों की एवरेज चाल का संकेत देने वाला Banking Index या सिर्फ सरकारी बैंकों के शेयरों का हाल बताने वाला PSU Bank Index या स्टील और माइनिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के चाल का संकेत देने वाला मेटल इंडेक्स या फार्मा कंपनियों के शेयरों का फार्मा इंडेक्स आदि।

बता दें कि ये सभी इंडेक्स बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशकों या ब्रोकर या सलाहकारों के लिए बेहद जरूरी काम के होते हैं। वहीं, एक नजर में बाजार का ओवरऑल रुझान को समझना हो या किसी स्टॉक का भविष्य का अंदाज़ा लगाना हो, तो उसके लिए सबसे ज्यादा सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स को मार्केट सेंटीमेंट का सबसे आसान इंडिकेटर माना जाता है।

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Bombay Stock Exchange- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) क्या है?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) भारत का पहला और सबसे बड़ा सिक्योरिटी मार्केट है। इसकी स्थापना 1875 में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में हुई थी। मुंबई स्थित बीएसई में लगभग 6,000 कंपनियां सूचीबद्ध हैं और एनवाईएसई, नास्दक, लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप, जापान एक्सचेंज ग्रुप और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज के साथ यह दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक है। निवेश पूंजी जुटाने के लिए भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए कारगर मंच उपलब्ध कराकर, भारतीय पूंजी बाजार के विकास में बीएसई की मुख्य भूमिका रही है।

बीएसई इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रणाली के लिए जाना जाता है, जो तेज और प्रभावी ट्रेड एक्सीक्यूशन उपलब्ध कराता है। बीएसई निवेशकों को इक्विटीज, करेंसीज, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, डेरिवेटिव्स और म्युचुअल फंड्स में ट्रेड करने में सक्षम बनाता है। बीएसई रिस्क मैनेजमेंट, क्लीयरिंग, सेटलमेंट और निवेशक शिक्षा जैसी अन्य महत्वपूर्ण पूंजी बाजार ट्रेडिंग सेवाएं भी प्रदान करता है।

बीएसई किस प्रकार काम करता है?
1995 में, बीएसई ओपेन-फ्लोर से एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रणाली में तब्दील हो गया। आज इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रणाली का कुल मिला कर पूरी फाइनेंशियल इंडस्ट्री पर दबदबा है, जो कम गलतियों, त्वरित निष्पादन और पारंपरिक ओपन-आउटक्राई ट्रेडिंग प्रणालियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करता है। बीएसई जो सिक्योरिटीज सूचीबद्ध करता है, उनमें स्टॉक्स, स्टॉक फ्यूचर्स, स्टॉक ऑप्शंस, इंडेक्स ऑप्शंस और वीकली ऑप्शंस शामिल हैं। बीएसई के समग्र प्रदर्शन की माप सेंसेक्स द्वारा की जाती है, जो 12 सेक्टरों को कवर करते हुए बीएसई का सबसे बड़ा और सर्वाधिक सक्रिय ट्रेडेड स्टॉक्स है। सेंसेक्स की शुरुआत 1986 में हुई और यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स है। इसे ‘बीएसई 30' भी कहा जाता है और यह इंडेक्स व्यापक रूप से भारत के पूरे मार्केट कंपोजिशन का प्रतिनिधित्व करता है।

दलाल स्ट्रीट पर स्थित

बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज मुंबई के उपनगर दलाल स्ट्रीट में स्थित है। 1850 के दशक में, स्टॉकब्रोकर मुंबई टाऊनहॉल के सामने एक बरगद के पेड़ के नीचे व्यवसाय का संचालन करते थे। कुछ दशकों तक विभिन्न बैठक स्थलों के बाद औपचारिक रूप से 1874 में दलाल स्ट्रीट का नेटिव शेयर स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन की जगह के रूप में चयन कर लिया गया।

आसान भाषा में समझें क्या होते हैं सेंसेक्स और निफ्टी, इनके बीच क्या है अंतर

सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसलिए इसे BSE Sensex भी कहा जाता है। बता दें कि सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है। वहीं हिंदी में इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अक्सर बिजनेस की खबरें पढ़ने के दौरान कुछ शब्द बार-बार सामने आते हैं जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी प्रमुख हैं। अखबार पढ़ने या टीवी देखने के दौरान पता चलता है कि सेंसेक्स ने इतना रिकॉर्ड स्तर छुआ या सेंसेक्स में गिरावट के चलते निवेशकों का लाखों का नुकसान हुआ, ऐसे में आम लोगों के मन में भी दिलचस्पी उठना स्वाभाविक होता है कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या होता हैं? जिससे लोगों के नफा- नुकसान जुड़ा होता है। साथ ही, अगर शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए आप की सोच रहे हैं तो भी इनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। आइए इस इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?

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दरअसल, Sensex और Nifty दो प्रमुख लॉर्ज कैप इंडेक्स यानी सूचकांक हैं। सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से जुड़ा इंडेक्स है, जबकि निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जुड़ा हुआ है। ये दोनों इंडेक्स स्टॉक मार्केट में उठा-पटक को मापने के काम करते हैं। हालांकि, जब कोई निफ्टी कहता है तो उसका मतलब निफ्टी 50 होता है।

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क्या है Sensex?

सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसलिए इसे BSE Sensex भी कहा जाता है। बता दें कि सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है। वहीं, हिंदी में इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं, इसे सबसे पहले 1986 में अपनाया गया था और यह 13 अलग-अलग सेक्टर की 30 कंपनियों के शेयरों में होने वाले उतार-चढ़ाव यानी इंडेक्स को दिखाता है। इन शेयरों में बदलाव से सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव आता है। साथ ही, सेंसेक्स का कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मेथड से किया जाता है।

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Nifty 50 क्या है?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का Nifty 50 भी एक प्रमुख मार्केट इंडिकेटर है। बता दें कि, निफ्टी शब्द नेशनल और फिफ्टी को मिलाकर बना है। नाम के अनुरूप इस इंडेक्स में 14 सेक्टर की 50 भारतीय कंपनियां शामिल हैं। वहीं, इस प्रकार यह बीएसई की तुलना में अधिक डाइवर्सिफाइड होता है। बीएसई की तरह ही यह लार्ज कैप कंपनियों के मार्केट परफॉरमेंस को भी ट्रैक करता है। बता दें कि, इसे 1996 में लांच किया गया था और इसकी गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर की जाती है।

What Is Dividend Yield Fund in Stock Market

इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं Nifty और Sensex

दरअसल, भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का संकेत देने वाले सिर्फ यही दो इंडेक्स नहीं हैं। इसके अलावा भी कई इंडेक्स शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल शेयरों की चाल को समझने में किया जाता है। इनमें ज्यादातर इंडेक्स किसी खास सेक्टर या कंपनियों के किसी खास वर्गीकरण से जुड़े हुए हैं। उदाहरण के तौर पर किसी दिन के कारोबार के दौरान 12 प्रमुख बैंकों के शेयरों की एवरेज चाल का संकेत देने वाला Banking Index या सिर्फ सरकारी बैंकों के शेयरों का हाल बताने वाला PSU Bank Index या स्टील और माइनिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार चाल का संकेत देने वाला मेटल इंडेक्स या फार्मा कंपनियों के शेयरों का फार्मा इंडेक्स आदि।

बता दें कि ये सभी इंडेक्स बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशकों या ब्रोकर या सलाहकारों के लिए बेहद जरूरी काम के होते हैं। वहीं, एक नजर में बाजार का ओवरऑल रुझान को समझना हो या किसी स्टॉक का भविष्य का अंदाज़ा स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार लगाना हो, तो उसके लिए सबसे ज्यादा सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स को मार्केट सेंटीमेंट का सबसे आसान इंडिकेटर माना जाता है।

अगर आप भी किसी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं तो आज ही 5paisa.com पर जाएं और अपने निवेश के सफर को और भी बेहतर बनाएं। साथ ही DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइये अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।

स्टॉक मार्केट इंडेक्स क्या हैं?

यदि आप शेयर बाजार के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना चाहते हैं तो प्रत्येक स्टॉक पर नज़र रखना बहुत कठिन हो सकता है। नतीजतन, स्टॉक के एक छोटे समूह को पूरे बाजार के प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक नमूने स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार के रूप में लिया जाता है।

इस नमूने को एक सूचकांक के रूप में जाना जाता है। इस सूचकांक के मूल्य की गणना नमूने में चुने गए शेयरों की कीमत से की जाती है।

एक सूचकांक क्या है?

स्टॉक मार्केट इंडेक्स, जिसे स्टॉक इंडेक्स के रूप में भी जाना जाता है, एक सांख्यिकीय उपाय है जो बाजार में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है। यह एक्सचेंज में सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के बीच कुछ समान शेयरों को समूहीकृत करके बनाया गया है और चयन मानदंड कंपनी का आकार, इसका बाजार पूंजीकरण या उद्योग का प्रकार हो सकता है।

अंतर्निहित प्रतिभूतियों की कीमतों में परिवर्तन सूचकांक के समग्र मूल्य को प्रभावित करता है। यदि कीमतें बढ़ती हैं, तो सूचकांक बढ़ेगा, और यदि वे नीचे जाते हैं, तो सूचकांक भी बढ़ेगा।

हमें इंडेक्स की आवश्यकता क्यों है?

शेयर सूचकांकों को बाजार में प्रचलित मिजाज और धारणा को जानने की आवश्यकता होती है। एक निवेशक के रूप में, आप सूचकांकों को देखकर बाजार के पैटर्न की पहचान कर सकते हैं, और इसका उपयोग यह तय करने के लिए कर सकते हैं कि कौन सा स्टॉक जीतने वाला दांव साबित हो सकता है।

निवेश करने के लिए स्टॉक को शून्य करने में आपकी मदद करने के अलावा, सूचकांक पीयर तुलना के लिए बैरोमीटर के रूप में भी कार्य करते हैं। अगर किसी शेयर ने इंडेक्स से ज्यादा रिटर्न दिया है, तो कहा जाता है कि उसने उससे बेहतर प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, अगर उसने कम रिटर्न दिया है, तो कहा जाता है कि उसने अंडरपरफॉर्म किया है।

स्टॉक इंडेक्स आपको किसी विशेष क्षेत्र के रुझानों की पहचान करने और उसके अनुसार निवेश निर्णय लेने में भी सहायता करते हैं। वे आपको निष्क्रिय निवेश करने में भी मदद करते हैं, अर्थात, प्रतिभूतियों के एक पोर्टफोलियो में निवेश करना जो सूचकांक से काफी मिलता-जुलता है। निष्क्रिय निवेश के साथ, आप अनुसंधान की लागत और इक्विटी की चयन प्रक्रिया में कटौती कर सकते हैं।

भारतीय शेयर बाजार में सूचकांक के प्रकार

भारतीय शेयर बाजार में कुछ सामान्य प्रकार के सूचकांक इस प्रकार हैं:

  • बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स
  • निफ्टी 50 और बीएसई 100 जैसे ब्रॉड-बेस्ड इंडेक्स
  • बाजार पूंजीकरण आधारित सूचकांक जैसे बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप
  • सीएनएक्स आईटी, निफ्टी एफएमसीजी, निफ्टी बैंक इंडेक्स, एसएंडपी बीएसई ऑयल एंड गैस जैसे क्षेत्रीय सूचकांक।

इनके अलावा, विषयगत सूचकांक भारतीय शेयर बाजार में अन्य प्रकार के सूचकांक हैं, जो व्यापक-आधारित निवेश विषयों के प्रदर्शन को दर्शाते हैं।

सेंसेक्स क्या है?

शेयर बाजार की भाषा में, स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार सेंसेक्स एक बहुत ही सामान्य शब्द है। तो, सेंसेक्स क्या है? सेंसेक्स शब्द शेयर बाजार विशेषज्ञ दीपक मोहोनी के दिमाग की उपज है। दो शब्दों, संवेदनशील और सूचकांक का मिश्रण, सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सबसे बड़े और सबसे सक्रिय रूप से कारोबार वाले शेयरों में से 30 का गठन करता है।

ये स्टॉक भारत की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों के हैं, जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बीएसई सेंसेक्स पहली बार 1 जनवरी 1986 को प्रकाशित हुआ था और इसे अक्सर भारत में शेयर बाजारों की नब्ज माना जाता है।

सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है?

अब जब आप जानते हैं कि सेंसेक्स क्या है, तो यहां इसके मूल्य की गणना कैसे की जाती है। सेंसेक्स की गणना फ्री-फ्लो विधि द्वारा की जाती है। यह विधि उन शेयरों के अनुपात को ध्यान में रखती है जिनका आसानी से स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार कारोबार किया जा सकता है।

फिर उन सभी 30 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण की गणना की जाती है, जिनके शेयरों में कारोबार होता है, जिसके बाद बीएसई एक फ्री-फ्लोट कारक निर्धारित करता है। यह फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण को निर्धारित करने में मदद करता है और फिर सेंसेक्स के मूल्य पर पहुंचने के लिए 100 के आधार सूचकांक पर अनुपात और अनुपात का उपयोग किया जाता है। सूत्र इस प्रकार है:

सेंसेक्स = (कुल मुक्त फ्लोट बाजार पूंजीकरण/आधार बाजार पूंजीकरण) एक्स बेस इंडेक्स वैल्यू

निफ्टी क्या है?

निफ्टी स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार शेयर बाजार में एक और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। तो निफ्टी क्या है? निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक है, जो भारत में एक और लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज है। यह 50 शेयरों का संग्रह है, और इसे निफ्टी 50 के रूप में जाना जाता है। इसका प्रबंधन इंडिया इंडेक्स सर्विसेज एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड (IISL) द्वारा किया जाता है।

निफ्टी की गणना कैसे की जाती है?

अब जब आप जानते हैं कि निफ्टी क्या है, तो आइए देखें कि इसकी वैल्यू की गणना कैसे की जाती है। सेंसेक्स की तरह, निफ्टी के मूल्य की गणना फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण-भारित पद्धति के माध्यम से की जाती है। निफ्टी की गणना का सूत्र इस प्रकार है:

निफ्टी = (वर्तमान बाजार मूल्य / आधार बाजार पूंजी) एक्स बेस इंडेक्स वैल्यू

इस मामले में बेस इंडेक्स वैल्यू 1,000 है।

बीएसई और एनएसई क्या है?

यदि आप शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, तो आपको दो और शर्तों से सावधान रहने की जरूरत है – बीएसई और

घ एनएसई। तो, बीएसई और एनएसई क्या है? बीएसई या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। 1875 में स्थापित, बीएसई भारत के पूंजी बाजारों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है और निवेशकों को इक्विटी, डेरिवेटिव, मुद्राओं और म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय साधनों की एक श्रृंखला में व्यापार करने में सक्षम बनाता है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या एनएसई 1992 में स्थापित भारत में एक और लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज है। बीएसई की तरह, एनएसई इक्विटी, डेट, डेरिवेटिव और बॉन्ड में ट्रेडिंग और निवेश की पेशकश करता है। NSE ने देश का पहला स्वचालित, स्क्रीन-आधारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम प्रदान किया और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से शेयर रखने और स्थानांतरित करने की अनुमति देता है।

एक अंतिम शब्द

सेंसेक्स और निफ्टी दो सबसे आम शब्द हैं जो आप शेयर बाजार में सुनते हैं। तो अगली बार जब आप सुनते हैं कि सेंसेक्स 100 अंक ऊपर चला गया है या निफ्टी 200 अंक नीचे चला गया है, तो आप जानते हैं कि मूल्य की गणना कैसे की जाती है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि महत्वपूर्ण टेकअवे क्या है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें शेयर, बांड, प्रतिभूतियां और अनेक प्रकार की सिक्योरिटीज लिस्टेड है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना साल 1992 में हुई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स ‘निफ्टी’ है जिसमें की नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर टॉप 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है। निफ्टी के परफॉर्मेंस के आधार पर ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का परफॉर्मेंस निर्धारित किया जाता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना के बाद ही स्टॉक मार्केट में कागजी कार्यवाही के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुआत हुई जिससे स्टॉक मार्केट में अधिक पारदर्शिता आई। साल 1992 में हर्षद मेहता स्कैम के बाद निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार से उठ गया जिसके बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करके निवेशकों का विश्वास जीता। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का मुख्य उद्देश्य शेयर बाजार को आधुनिक और विकसित बनाने के साथ इसमें होने वाले फ्रॉड पर अंकुश लगाना है।

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