क्रिप्टो ब्रोकर क्या है?

भारत में बिटकॉइन, इथेरियम और डॉजकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी की लेटेस्ट कीमत क्या है?
पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन की वैल्यू 2.57 फीसदी बढ़ी है, जिसके बाद यह 16,40,733 रुपये पर कारोबार कर रहा है। बिटकॉइन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 31.4 लाख करोड़ रुपये का है। इसके अलावा, इथेरियम में भी 1.30 फीसदी की बढ़त देखी गई है। वर्तमान में इथेरियम 1,10,006 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 13.5 लाख करोड़ रुपये का है। एक हफ्ते में बिटकॉइन की वैल्यू 5.77 फीसदी और इथेरियम की 3.67 फीसदी की बढ़त देखी गई है।
BNB कॉइन 23,958 रुपये पर कारोबार कर रहा है। कल की तुलना में BNB की वैल्यू में 2.18 फीसदी की बढ़त देखी गई है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.9 लाख करोड़ रुपये का है। आज रिपल XRP की कीमत 38.74 रुपये (4.28 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहा है। कार्डानो और डॉजकॉइन की कीमत क्रमशः 35.15 रुपये (0.77 फीसदी ऊपर) और 5.26 रुपये (5.09 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।
सोलाना 2,730.1 रुपये (फ्लैट), शीबा इनु कॉइन 0.000934 रुपये (2.68 फीसदी ऊपर), पोल्का डॉट 521.80 रुपये (0.50 फीसदी ऊपर) और पॉलीगॉन वर्तमान में 68.8 रुपये (2.39 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं। साप्ताहिक चार्ट के आधार पर सोलाना (3.42 फीसदी ऊपर) और पोल्का डॉट (0.93 फीसदी ऊपर) है। शीबा इनु पिछले सात दिनों में अपने मूल्य से (3.89 फीसदी ऊपर) और पॉलीगॉन (13.55 फीसदी ऊपर) है।
लिस्ट में हीलियम, कॉन्वेक्स फाइनेंस, डॉजकॉइन, टेरा लुना और बिटकॉइन कैश है, जो क्रमशः 434.28 रुपये (9.64 फीसदी ऊपर), 436.25 रुपये (9.25 फीसदी ऊपर), 5.28 रुपये (7.89 फीसदी ऊपर), 212.64 रुपये (6.75 फीसदी ऊपर) और 9,957.69 रुपये (5.29 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।
स्थिर कॉइन इथेरियम टोकन हैं। इन्हे एक निश्चित मूल्य पर रहने के लिए डिजाइन किया गया है, चाहे भले ही ETH की कीमत क्यों न बदल जाए। जैसे- फिएट मुद्रा या फिर सोना (गोल्ड) है। लोकप्रिय टोकन में टेथर USD, USD कॉइन और बिनेंस USD क्रमशः 81.42 रुपये (005 फीसदी नीचे), 81.40 रुपये (0.08 फीसदी नीचे) और 81.34 रुपये (0.22 फीसदी नीचे पर कारोबार कर रहे हैं। क्रिप्टो ब्रोकर क्या है? टेरा क्रिप्टो ब्रोकर क्या है? क्लासिक USD 2.54 रुपये (0.66 फीसदी ऊपर) पर लिस्ट है।
टॉप लूजर की लिस्ट में रिजर्व राइट्स, चिलीज और रावेन कॉइन शामिल हैं। यह क्रमशः 0.7425 रुपये (3.75 फीसदी नीचे), 17.54 (1.40 फीसदी नीचे) और 2.87 रुपये (0.42 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।
ट्रैफिक, लिक्विडिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम और ट्रेडिंग वॉल्यूम की वैधता में विश्वास के हिसाब से टॉप-3 क्रिप्टोकरेंसी स्पॉट एक्सचेंज में बायनेन्स, कॉइनबेस एक्सचेंज और FTX शामिल हैं। बायनेन्स और कॉइनबेस एक्सचेंज में 24 घंटे के अंदर क्रमशः 1.257 लाख करोड़ रुपये (17.74 फीसदी ऊपर) और लगभग 13,060 करोड़ रुपये (14.38 फीसदी ऊपर) वॉल्यूम पर देखा गया है। FTX में लगभग 12,062 करोड़ रुपये (17.97 फीसदी ऊपर) वॉल्यूम पर देखा गया है।
DeFi लेनेदेन के लिए किसी भी थर्ड पार्टी या फिर ब्रोकर की जरुरत नहीं होती। इसके सभी लेनदेन का रिकॉर्ड ब्लॉकचेन के ऊपर मौजूद रहता है, जिसे कोई भी देख सकता है। Dai, एवंलॉन्च, यूनिस्वैप, रैप्ड बिटकॉइन और चेनलिंक कुछ लोकप्रिय DeFi टोकन हैं। वे वर्तमान में क्रमशः 81.36 रुपये (0.05 फीसदी ऊपर), 1,406.84 (0.66 फीसदी ऊपर), 541.31 रुपये (0.43 फीसदी ऊपर), 16,39,377.02 रुपये (2.88 फीसदी ऊपर) और 627.91 रुपये (2.26 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।
कोई भी ऐसी चीज जिसे डिजिटल रूप में बदला जा सकता है, वह NFT (नॉन फंजिबल टोकन) हो सकता है। जैसे- ड्रॉइंग, फोटो, वीडियो, GIF, संगीत। फ्लो, ऐपकॉइन, तेजोस, डीसेंट्रालैंड और चिलीज कुछ प्रमुख NFT टोकन हैं। ये वर्तमान में क्रमशः 138.68 रुपये (1.38 फीसदी ऊपर), 424.93 रुपये (0.22 फीसदी ऊपर), 118.07 रुपये (1.24 फीसदी ऊपर), 57.56 रुपये (1.74 फीसदी ऊपर) और 17.54 रुपये (1.68 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।
मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो की मार्केट कैपिटलाइजेशन 78.3 लाख करोड़ रुपये है, जबकि पिछले 24 घंटों में कुल क्रिप्टो वॉल्यूम 4.8 लाख करोड़ रुपये है।
क्रिप्टोकरेंसी में करना चाहते हैं निवेश? इन 9 बातों का रखें ध्यान
छोटे शहरों से लेकर महानगरों में रहने वाले लोगों में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आकर्षण बढ़ा है और वे इसमें निवेश करना चाहते हैं.
- Money9 Hindi
- Updated On - September 3, 2021 / 11:45 AM IST
हाई रिटर्न के कारण क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ने समय के साथ काफी लोकप्रियता हासिल की है. केवल एक क्लिक पर ही आसानी से खरीदी और बिक्री की प्रक्रिया ने इसे खास तौर पर युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया है. छोटे शहरों से लेकर महानगरों में रहने वाले लोगों में भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर आकर्षण बढ़ा है और वे इसमें निवेश करना चाहते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया में जाने से पहले आपको इन नौ चीजों के बारे में जान लेनी चाहिए.
1. अच्छे क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का करें चुनाव – क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने से पहले आपको इसके उपयोग के बारे में सबकुछ जान लेना चाहिए. भारत में क्रिप्टो स्पेस रेगुलेटेड नहीं है. यहां पर कई छोटे-छोटे प्लेटफॉर्म हैं, जो आपको क्रिप्टो में पैसा लगाने की सलाह देते हैं. निवेशकों को इन प्लेटफॉर्म के बारे में सावधान रहना चाहिए. जिस तरह आप शेयर बाजार में निवेश करते समय अच्छे ब्रोकर का चुनाव करते हैं, उसी तरह क्रिप्टो में निवेश करते समय अच्छे क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का चुनाव करें. आप जिस क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें. हालांकि बिट कॉइन सबसे ज्यादा पॉपुलर है. लेकिन बिट कॉइन के अलावा बाजार में Dogecoin,Ethereum, Cardano, Ripple और Litecoin हैं.
2. टोकन की मांग और आपूर्ति को समझना जरूरी : बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभाषी मुद्रा है. बिटकॉइन आपूर्ति में सीमित हैं और वर्तमान में 21 मिलियन में से केवल 18.78 मिलियन ही सर्कुलेशन में हैं. निवेश करने से पहले आपको इन वर्चुअल टोकन की मांग और आपूर्ति को समझने की कोशिश करनी चाहिए.
3. नहीं है कोई कानून : देश में क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसको लेकर कोई कानून या गाइडलाइंस नहीं है. भारत में नियामक ने क्रिप्टो को मंजूदी नहीं दी है. सोने की तरह ही इसकी कीमतें मुख्य रूप से मांग और आपूर्ति के नियम से निर्धारित होती हैं. यहां किसी भी तरह की धोखाधड़ी या अपराध होने पर आपके मामले को उठाने के लिए कोई शिकायत तंत्र नहीं है.
4. लागतों की तुलना : किसी भी एक्सचेंज के साथ साइन अप करने से पहले, खरीदने और बेचने की लागतों की तुलना करनी चाहिए. इसके क्रिप्टो ब्रोकर क्या है? अलावा, पारदर्शी और बड़े एक्सचेंजों के साथ जुड़ना सुरक्षित तरीकों में से एक है।
5. बैंकिंग सेवाएं: साइन अप करने से पहले, यह जांच लें कि एक्सचेंज कितने बैंकों से जुड़ा हुआ है. चेक करें कि जमा करने और निकालने की सुविधा कितनी आसान है ताकि खरीदने और बेचने के समय आपको कोई दबाव महसूस न हो.
6. उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है बाजार : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले आपको यह समझना चाहिए कि इसका बाजार उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है. इसमें इतना ज्यादा जोखिम है क्रिप्टो ब्रोकर क्या है? कि एक बार में ही आपके निवेश किए गए सारे पैसे खत्म हो सकते हैं. इन बातों को ध्यान रखते हुए आपको ज्यादा रिटर्न के बहकावे में नहीं आना चाहिए. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप नए हैं तो आपको निवेश की शुरुआत बेहद कम पैसों से करनी चाहिए.
7. पर्यावरण संबंधी चिंताएं: खनन कार्यों पर चीन में हालिया कार्रवाई पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण हुई. बिटकॉइन माइनिंग सुपर कंप्यूटर के ज़रिए किया जाता है और इसलिए बिटकॉइन माइनिंग के लिए बहुत अधिक विद्युत ऊर्जा की जरूरत होती है, जिसे कई लोगों द्वारा एक पर्यावरणीय चुनौती के रूप में देखा जाता है.
8. आंशिक खरीदारी की है अनुमति : शेयर बाजार में आपको एक पूरा शेयर खरीदना होता है, लेकिन इसके उलट क्रिप्टोकरेंसी में आंशिक खरीदारी की अनुमति होती है. इसका मतलब है कि आप आसानी से 100 रुपये से कम में एक्सचेंजों के ज़रिए डिजिटल मुद्रा के अंश खरीद सकते हैं.
9. RBI ने निवेशकों को किया है कई बार सतर्क : सरकार ने “RBI द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने” और “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने” के लिए द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 का प्रस्ताव पेश किया है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अलग-अलग तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर निवेशकों को सतर्क किया है और उन्हें आभासी मुद्राओं से जुड़े जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है.
क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए तीस प्रतिशत कर के क्या मायने हैं
केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा. The post क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए तीस प्रतिशत कर के क्या मायने हैं appeared first on The Wire - Hindi.
केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों क्रिप्टो ब्रोकर क्या है? ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा.
(प्रतीकात्मक इलस्ट्रेशन: रॉयटर्स)
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की.
क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है. यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है.
दूसरी ओर, भारत सरकार ने ग्यारह क्रिप्टो एक्सचेंज से चुकाई नहीं गई जीएसटी के 95.86 करोड़ रुपये (958 मिलियन डॉलर) की वसूली की है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे कॉइन डीसीएक्सम बाई यूकॉइन, कॉइन स्विच कुबेर, अनकॉइन और फ्लिटपे (Coin DCX, Buy Ucoin, Coin Switch Kuber, Unocoin , Flitpay) द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का पता लगाया था. हालांकि, ज़ानमाई लैब्स बड़ी चोरी का पता लगा था, जहां वज़ीरएक्स नाम का एक क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित होता था.
जीएसटी की वसूली और क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30% कर ने भारत में क्रिप्टो टैक्स पर चल रही बहस को बढ़ाया ही है.
30 प्रतिशत कर का नियम 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी हुआ है, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22 की अवधि) के लिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर भी कर लगाया जाएगा. इसके लिए आयकर अधिनियम, 1961 में एक नई धारा 115 BBH जोड़ी गई है.
वीडीए पर लगे अन्य करों में ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस, कोई बुनियादी छूट नहीं, किसी नुकसान पर कोई सेट-ऑफ नहीं, होल्डिंग अवधि के बावजूद कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं है और उपहार का लगने वाला टैक्स भी शामिल हैं.
भारत में स्टॉक और इक्विटी फंड से होने वाले लाभ पर 10-15 प्रतिशत और गैर-इक्विटी विकल्प, संपत्ति और सोने पर 20 प्रतिशत या मामूली दर से कर लगाया जाता है. वर्चुअल संपत्तियों पर इतनी ऊंची दर पर टैक्स लगाने को उद्योग के हितधारकों ने आक्रामक कदम माना है.
वीडीए पर लगे नए कर में क्रिप्टो संपत्तियां जैसे बिटकॉइन, डॉगकोइन आदि, नॉन-फंजीबाल टोकन (एनएफटी) और ऐसी कोई भी संपत्ति जो भविष्य में विकसित हो सकती है, शामिल हैं. गौर करने वाली बात यह है कि महज क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों पर टैक्स लगाने से वे भारत में वैध नहीं हो जाते हैं. यहां परिभाषा, कराधान और गणना (computation) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता का व्यापक अभाव है.
यहां तक कि कुछ समय पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी केंद्र से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार या वर्चुअल डिजिटल मुद्रा वैध है या नहीं.
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत में वीडीए को विनियमित करने वाला एक कानून पेश किया जाएगा – लेकिन तब जब उनके विनियमन पर वैश्विक सहमति बन जाएगी. सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून पर काम कर रही है, लेकिन इसे तैयार होने में समय लग सकता है.
क्रेबैको के अनुसार, 105 मिलियन से अधिक लोग, जो भारत की कुल आबादी का 7.90 प्रतिशत है, वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं, जिनकी कुल संपत्ति 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है. उच्च कर दर बड़े निवेशकों को प्रभावित नहीं करेगी, जो थे पहले से ही 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में थे लेकिन छोटे निवेशक और छात्र, जो अब तक क्रिप्टो निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ ले रहे थे, अब प्रभावित होंगे.
देश के प्रमुख डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का मानना है कि ‘अन्य टोकन या कटौती के खिलाफ नुकसान को सेट-ऑफ करने के विकल्प के बिना 30% टैक्स टर्नओवर में गिरावट का कारण बन सकता है.’
1 जुलाई 2022 से नफे या नुकसान की स्थिति में किसी रेजिडेंट सेलर द्वारा वीडीए के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत कर कटौती (टीडीएस) लागू होगा. हालांकि यह कटौती कुल देयता (liability) के साथ एडजस्ट हो जाती है और टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय बाद में रिफंड का दावा किया जा सकता है. लेकिन हितधारकों की शिकायत है कि प्रावधान लिक्विडिटी को प्रभावित कर रहा है और ऐसे व्यापारी, जो ऐसी संपत्ति की लगातार खरीद-बिक्री में शामिल होते हैं, बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यापारी एक वर्ष में 300 बार ट्रेड कर रहा है, तो उसकी पूरी पूंजी टीडीएस में लॉक हो सकती है.
इस प्रावधान को विभिन्न कारणों से सबसे अधिक समस्याग्रस्त माना जा रहा है. पूंजी का ऐसे लॉक हो जाना और अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को बढ़ाने के अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ‘ट्रांसफर’ के दायरे में क्या-क्या आता है.
उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को न केवल खरीदा और बेचा जाता है, बल्कि एयरड्रॉप, फोर्किंग, स्टेकिंग, पी2पी लेंडिंग और वॉलेट ट्रांसफर के माध्यम से भी लेन-देन होता है. इसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि क्या ट्रांसफर के ये सभी तरीके उन ट्रांसफर जिन पर टीडीएस कटौती लागू होगी, के दायरे में आएंगे.
2022-23 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी. हालांकि, खरीदार के पास विक्रेता डेटा जैसे पैन आदि की अनुपलब्धता सरीखी लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण यह जिम्मेदारी एक्सचेंज पर आ सकती है.
भारत में वीडीए पर टैक्स देते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी. इसी तरह, ऐसी संपत्ति के ट्रांसफर से लाभ कमाने वाले व्यक्ति पर कर लगाते समय किसी भी छूट पर विचार नहीं किया जाएगा, चाहे उनकी आय या उम्र कुछ भी हो.
हितधारकों ने इन टैक्स प्रावधानों को निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. ऐसा कहा जा रहा है कि इंडेक्सेशन जैसे उपायों के माध्यम से निवेशकों को इस तरह के निवेश को लंबी अवधि के लिए प्रोत्साहित करने के बजाय सरकार एक प्रतिशत टीडीएस के नियम के जरिये बार-बार व्यापारियों को सजा-सी दे रही है.
ओकेएक्स डॉट कॉम (OKX.com) के सीईओ जय हाओ के अनुसार, ‘क्रिप्टोकरंसी एसेट्स से 30% पर लाभ का कर सभी हितधारकों को समान रूप से खुश नहीं कर सकता है. उच्च कर निवेशकों को क्रिप्टो को निवेश के तरीके के रूप में चुनने के लिए हतोत्साहित कर सकते हैं और इससे भारत में क्रिप्टो परिसंपत्तियों को बड़े पैमाने पर जनता द्वारा अपनाए जाने में भी देरी हो सकती है.’
उद्योग से जुड़े पर्यवेक्षकों को डर है कि इस तरह के कदम से उद्योग या तो अंडरग्राउंड हो जाएगा, या भारत से बाहर थाईलैंड, यूएई और जापान जैसे देशों, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी हब बनने के लिए अपनी कर दरों को कम कर दिया है, में स्थानांतरित हो जाएगा. डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी आगे चलकर अर्थव्यवस्था के हर पहलू को परिभाषित करेगी, और यदि भारत सुगम शासन के माध्यम से क्रिप्टो ब्रोकर क्या है? इस तरह के नवाचारों को अपनाने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान नहीं करता है, तो यह प्रमुख व्यवसायों और निवेशों को खो सकता है.
(वैशाली बसु शर्मा रणनीतिक और आर्थिक मसलों की विश्लेषक हैं. उन्होंने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरिएट के साथ लगभग एक दशक तक काम किया है.)
अर्थ जगत: क्रिप्टो डॉट कॉम ने गलती से दूसरे अकाउंट में भेजे 40 करोड़ डॉलर और कोच्चि में स्विगी के डिलीवरी बॉय हड़ताल पर
क्रिप्टो डॉट कॉम ने गलती से एथेरियम डिजिटल कॉइन में 40 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि एक अन्य क्रिप्टो एक्सचेंज को भेज दी थी। वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बातचीत टूट जाने के बाद स्विगी डिलीवरी बॉयज ने यहां मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की।
वेतन वार्ता विफल होने के बाद कोच्चि में स्विगी के डिलीवरी बॉय हड़ताल पर
वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बातचीत टूट जाने के बाद स्विगी डिलीवरी बॉयज ने यहां मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की। कोच्चि जिला श्रम अधिकारी, स्विगी के प्रतिनिधियों और डिलीवरी बॉय की उपस्थिति में बातचीत हुई।
पिछले महीने, कोच्चि में 4 वर्ग किमी के दायरे में की गई प्रत्येक डिलीवरी के लिए मजदूरी को 20 रुपये से बढ़ाकर न्यूनतम 35 रुपये करने की मांग को लेकर डिलीवरी बॉय ने एक चेतावनी विरोध प्रदर्शन किया। अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते जब तक कोई समझौता नहीं हो जाता, तब तक हजारों डिलीवरी बॉय काम नहीं करेंगे।
उद्योग निकायों एफआईए, एएपीए में शामिल हुई एयर इंडिया
विमानन क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में योगदान देने और मदद करने की दृष्टि से, एयर इंडिया दो प्रमुख उद्योग निकायों (फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (एफआईए) और एसोसिएशन ऑफ एशिया पैसिफिक एयरलाइंस (एएपीए) में शामिल हो गई है।
घरेलू क्षेत्र में, ध्वज वाहक एफआईए में फिर से शामिल हो गया है, जो एफआईए नियामक प्राधिकरणों, सरकारी विभागों और अन्य हितधारकों के साथ काम करता है, जिसमें सुरक्षा, यात्री सुविधाओं, जमीनी सेवाओं और विमानन प्रोटोकॉल दूसरों के बीच, देश के विमानन क्षेत्र में सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के समग्र उद्देश्य के साथ चिंता के प्रमुख क्षेत्रों को उजागर किया जाता है।
थोक मुद्रास्फीति 20 महीने के सबसे निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर
भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) अक्टूबर में मार्च 2021 के बाद सबसे निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है। इसका मुख्य कारण कमोडिटी की कीमतों में गिरावट को माना जा रहा है। यह भी पहली बार था कि थोक मुद्रास्फीति 18 महीनों में दो अंकों के निशान से नीचे गिर गई। मई 2022 में यह 15.88 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। अक्टूबर 2021 में यह 13.83 प्रतिशत थी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, अक्टूबर 2022 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खनिज तेल, बुनियादी धातु, गढ़े हुए धातु उत्पाद, मशीनरी व उपकरण, कपड़ा, अन्य गैर-धात्विक खनिज उत्पाद, खनिज आदि की कीमतों में गिरावट के कारण आई है।
थोक मूल्य सूचकांक में आई कर्मी का उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगा लाभ : विशेषज्ञ
भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) अक्टूबर में मार्च 2021 के बाद सबसे निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक इसका लाभ आम आदमी को मिलना मुश्किल है। मुद्रास्फीति में आई कमी का मुख्य कारण कमोडिटी की कीमतों में गिरावट को माना जा रहा है।
आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने आईएएनएस को बताया, हमारी उम्मीदों के अनुरूप थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति 18 महीने के अंतराल के बाद गिरकर एकल अंक पर आ गई।
उन्होंने कहा, पिछले पांच महीनों में ईंधन, धातु और रसायनों की कीमतों में महत्वपूर्ण सुधार के साथ थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति नीचे की ओर रही है। सिन्हा ने कहा, खुदरा स्तर पर मुद्रास्फीति में नरमी की गति अपेक्षाकृत कम हो सकती है, क्योंकि वस्तुओं की कीमतों में कमी का लाभ अंतिम उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच सकते।
क्रिप्टो डॉट कॉम ने गलती से दूसरे कॉपोर्रेट अकाउंट में भेजे 40 करोड़ डॉलर
क्रिप्टो डॉट कॉम ने स्वीकार किया है कि उसने गलती से एथेरियम डिजिटल कॉइन में 40 करोड़ डॉलर से क्रिप्टो ब्रोकर क्या है? अधिक की राशि एक अन्य क्रिप्टो एक्सचेंज गेट डॉट आईओ को भेज दी थी। क्रिप्टो डॉट कॉम के सीईओ क्रिस मार्सजालेक ने एक ट्वीट में कहा कि कंपनी को अपने ऑफलाइन वॉलेट में 320,000 क्रिप्टो भेजना था, लेकिन गलती से इसे गेट.आईओ पर कॉपोर्रेट अकाउंट से संबंधित व्हाइट लिस्टिड एड्रेस पर भेज दिया गया।
मार्सजालेक ने बताया, यह एक नए कोल्ड स्टोरेज एड्रेस पर जाने वाला था, लेकिन व्हाइट लिस्टिड वाले एक्सटर्नल एक्सचेंज एड्रेस पर भेज दिया गया। हमने गेट टीम के साथ काम किया और बाद में हमारे कोल्ड स्टोरेज में फंड वापस आ गए। इसे फिर से होने से रोकने के लिए नई प्रक्रिया और सुविधाओं को लागू किया गया।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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क्रिप्टो मालिकों की नई सूची ने भारत के बारे में एक अद्भुत डेटा का किया खुलासा, जानें क्रीप्टो लेनदेन में भारत का क्या है स्थान
देश की आबादी के मुताबिक यूक्रेन सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी मालिकों के सर्वाधिक प्रतिशत वाला देश है।
क्रिप्टो मालिकों की नई सूची ने भारत के बारे में एक अद्भुत डेटा का किया खुलासा (social media)
Cryptocurrency price in india : भारत में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Law) पर कानून भले ही स्पष्ट नहीं हो सका हो। लेकिन ऑनलाइन (Online) माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency meaning) खरीदने वाले लोगों की देश में कोई कमी नहीं है। बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों में भारतीय पहले पायदान पर हैं । जो जल्द से जल्द अपने निवेश के माध्यम से मुनाफा कमाने की चाह रखते हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बिटकॉइन के मालिकों की संख्या दुनिया भर में किसी भी अन्य देश की तुलना में सर्वाधिक है। अनेक क्रिप्टोकरेंसी वेबसाइट (Cryptocurrency website) जैसे ब्रोकरचूस (brokerchoose) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में व्यक्तिगत क्रीप्टो धारकों अर्थात व्यक्तिगत रूप से क्रिप्टोकरेंसी मालिकों (मोबाइल ऐप की मदद से क्रीप्टोकरेंसी खरीदना) की संख्या सबसे ज़्यादा है।
ब्रोकर खोज और तुलनात्मक प्लेटफॉर्म (broker discovery and comparison platform)
ब्रोकरचूस की रिपोर्ट के अनुसार वार्षिक प्रसार सूचकांक (annual proliferation index) द्वारा यह दिखाया गया है कि किन देशों में व्यक्तिगत बिटकॉइन मालिकों की संख्या ज्यादा है (राशि के अनुसार), इस सूची में सबसे ऊपर भारत का कब्जा है, जिसके बाद क्रमानुसार संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और रूस (Russia) का स्थान है। इस रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में बिटकॉइन के खरीददार बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यदि कुल जनसंख्या के आधार पर बात करें तो बिटकॉइन खरीदने की दर में भारत का 5वाँ स्थान है, वहीं भारत बिटकॉइन खरीदने की दर में अमेरिका और चीन से थोड़ा पीछे है।
क्रिप्टो मालिकों का प्रतिशत (देश अनुसार)
देश की आबादी के मुताबिक यूक्रेन सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी मालिकों के सर्वाधिक प्रतिशत वाला देश है। यूक्रेन की कुल आबादी का 12.73 प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है। इसके बाद रूस की कुल आबादी का 11.91 प्रतिशत, केन्या की 8.52 प्रतिशत, संयुक्त राज्य अमेरिका की 8.31 प्रतिशत और भारत की लगभग 7.3 प्रतिशत आबादी क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है। विश्व बैंक के डेटा के अनुसार क्रीप्टो मालिक में जनसंख्या के आधार पर भारत सर्वोच्च स्थान पर काबिज़ है, जिसमें भारत की 10.7 मिलियन,अमेरिका की 2.74 मिलियन और रूस की 1.74 मिलियन आबादी किसी भी दर के रूप से क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है।
क्रीप्टो खोज रैंकिंग में शीर्ष पर अमेरिका
क्रिप्टोकरेंसी पर किये गए अध्ययन में यह भी शामिल है कि किन देशों में बिटकॉइन खोज अर्थात क्रीप्टो करेंसी के बारे में जानकारी एकत्र करने को लेकर अधिक महत्त्व दिया जा रहा है, इसमें अमेरिका शीर्ष पर काबिज है । संयुक्त राज्य अमेरिका उन देशों की सूची में पहले स्थान पर है । जहां इंटरनेट का उपयोग कर क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सीखने और जानने को लेकर देशवासी सबसे अधिक रुचि रखते हैं। भारत, यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom- England, Scotland, Wales and Northern Ireland) और कनाडा में भी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी बटोरने के लिहाज से इंटरनेट द्वारा सर्वाधिक खोजें की गईं। वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया भर में प्रचार प्रसार के बाद भारत में अधिक से अधिक लोग क्रिप्टोकरेंसी में रुचि ले रहे हैं। इस पर भरोसा कर इसे खरीदने में भी अपनी इच्छा क्रिप्टो ब्रोकर क्या है? ज़ाहिर कर रहे हैं।
भारत में तेज़ी से बढ़ रहे क्रिप्टोकरेंसी निवेशक
सर्वे और क्रीप्टो जांच एजेंसी Chainalysis की एक हालिया रिपोर्ट से यह सामने आया है कि वैश्विक क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स (global crypto adoption index) में भारत 154 देशों में से दूसरे स्थान पर काबिज़ है। इस सर्वे में कुल 154 देशों ने भाग लिया था। शोध के निष्कर्षों के अनुसार भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। भारत में बिटकॉइन लेनदेन का कुल 42 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है, वहीं इसी के साथ क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र के विकास में कुल 64.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। हालांकि, में क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को नियंत्रित करने के लिए सरकार और कानून अभी भी काम कर रही है, वर्तमान में क्रीप्टो लेनदेन सम्बन्धी कोई भी नियमावली ठीक तरीके से लागू न होने के बावजूद भारत में क्रीप्टो में निवेश करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन तेज़ी से बढ़ती का रही है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला कर सकता है नया खेल
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध हटा दिया था । जिससे यह तो साफ है कि अब क्रिप्टोकरेंसी खरीदना या उनका उपयोग करना और क्रीप्टो का लेनदेन भारत में गैरकानूनी नहीं है। मुख्य तौर पर क्रीप्टो के लेनदेन में कोई भी बिचौलिए के शामिल ना होने की वजह से क्रिप्टोकरेंसी में सहायता प्राप्त भुगतान (assisted payments) पारंपरिक भुगतानों (traditional payments) की तुलना में सुरक्षित और कम खर्चीले दोनों हैं। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में लगातार उछाल आना और क्रिप्टोकरेंसी बेंचने पर बेहतर कीमत मिलना भी लोगों का इसकी ओर रूझान बढ़ने का कारण बना है।