जानिए निवेश रणनीति

वहीं दूसरी तरफ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में भी तेजी देखने को मिल रही है. अप्रैल से जुलाई के बीच विदेशी निवेश में 27.7 अरब डॉलर की बढ़त हुई है. इससे बाजार और अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों में सकारात्मक रुझान है. साथ ही जुलाई-सितंबर तिमाही में भी भारतीय कंपनियों के नतीजे अच्छे आने की उम्मीद है.
Money Making Idea: इस तरह बनाएं निवेश की रणनीति, मिलेगा शानदार रिटर्न और होंगे सभी सपने पूरे
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: August 25, 2022 14:35 IST
Photo:INDIA TV Money Making Idea
Highlights
- इक्विटी में ब्लूचिप कंपनियों के शेयर खरीदें
- पहले किए हुए इन्वेस्टमेंट को रिव्यू करें
- फोर्टफोलियो बनाने के लिए सही प्लानिंग करें
Money Making Idea: किसी भी इंसान के लिए पैसे कमाना ही काफी नहीं है। उसे पैसे को सही जगह निवेश करना भी जरूरी है। अगर आपको निवेश की सही रणनीति नहीं पता है तो आप अपने सपने को पूरा करने से चूक जाते हैं। आज हम आपको सही निवेश के तरीके बता रहे हैं। इनको फाॅलो कर आप आसानी से अपने निवेश पर बंपर रिटर्न ले पाएंगे। साथ ही समय से पहले अपने सभी सपने को पूरा कर लेंगे।
इस तरह बनाएं पोर्टफोलियो
अगर, लॉन्ग टर्म इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो अपने पोर्टफोलियो में 50 से 55 फीसदी इक्विटी शामिल करें। इक्विटी में ब्लूचिप कंपनियों के शेयर खरीदें। इक्विटी को पोर्टफोलियो में शामिल करने का फायदा शेयर मार्केट की रैली में मिलेगा। इन्वेस्टर इक्विटी के अलावा 40 से 45 फीसदी इन्वेस्ट डेट म्युचुअल फंड, 5 साल के लिए फि़क्स्ड डिपॉजिट, स्मॉल सेविंग की कुछ स्कीम्स में निवेश कर अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस कर सकते हैं। इस तरह का पोर्टपोलियो रिस्क फ्री के साथ ही बेहतर रिटर्न दिलाने में मददगार होगा।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आप पहले किए हुए इन्वेस्टमेंट को रिव्यू करें। पिछले इन्वेस्टमेंट का प्रर्दशन कैसा रहा है? क्या आपके फाइनेंशियल गोल्स हुए? कौन से इन्वेस्टमेंट ने बेहतर रिटर्न दिया और किसने नहीं दिया? ऐसा कर आप इन्वेस्टमेंट फोर्टफोलियो बनाने के लिए सही प्लानिंग कर सकते हैं।
मौजूदा निवेश रणनीति से अगले दो दशक तक जारी रह सकती है 8% की तेज ग्रोथ: रेल मंत्री
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Mar 26, 2022 | 7:13 PM
सरकार की मौजूदा पूंजी निवेश रणनीति से भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) अगले दो दशक में लगातार 8 प्रतिशत की ग्रोथ (GDP Growth) बनाए रख सकती है. ये भरोसा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया है. केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक सरकार की पूंजी निवेश (capital investment) रणनीति से विकास दर को न केवल निरंतरता के साथ रफ्तार दी जा सकेगी साथ ही इसकी मदद से हर साल 1.5 करोड़ नौकरियां मिलेंगी और 3.5 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाला जा सकेगा. रेल मंत्री ने ये बात एसोचैम की सालाना बैठक में कही. उन्होने कहा कि सरकार ने बजट में अगले 5 साल के लिये कैपिटल इनवेस्टमेंट का स्तर जीडीपी के 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है.
निवेश बढ़ने से तेज होगी ग्रोथ
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अगर हम कैपिटल इनवेस्टमेंट की रणनीति को अगले 5 से 6 साल और जारी रखते हैं तो हम अगले 20 सालों में 8 प्रतिशत की निरंतर ग्रोथ हासिल कर सकते हैं. इस ग्रोथ का मतलब होगा कि हम हर साल 1 से 1.5 करोड़ नये रोजगार दे सकेंगे और साथ ही हर साल 3 से साढ़े 3 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला जा सकेगा. इस रणनीति की मदद से हम अपने समाज में काफी बड़ा बदलाव ला सकेंगे. मंत्री जानिए निवेश रणनीति ने कहा कि काफी समय से हम खपत आधारित अर्थव्यवस्था रहे हैं और अब प्रधानमंत्री ने कई बड़े अर्थशास्त्रियों की अनिच्छा के बावजूद पूंजी निवेश बढ़ाने का रास्ता अपनाया है. केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बड़े अर्थशास्त्रियों की सलाहों पर चल रही थीं और अब वो बुरी स्थिति में हैं. हालांकि देश की सरकार ने अब निवेश, सीमित खर्च, सुधार और निजी कंपनियों को प्रोत्साहन का रास्ता अपनाया है. अमेरिका जापान, चीन और साउथ कोरिया पूंजी निवेश की इसी राह पर लगातार चल रहे हैं.
इक्विटी म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण
आप एक्टिव या पैसिव स्ट्रैटेजी के जरिए इक्विटी फंड्स में निवेश कर सकते हैं। जब एक्टिव फंड्स में निवेश करने की बात आती है, तो ज्यादातर निवेशक उन फंड्स में आंख मूंद कर निवेश करने की सामान्य गलती करते हैं, जिसने पिछले एक साल में सर्वाधिक रिटर्न दिया है। हालांकि, लंबे समय में इसकी वजह से भारी रिटर्न नहीं मिल पाता है।
निवेश रिटर्न को मोटे तौर पर कुछ कारकों/शैलियों द्वारा समझाया जा सकता है। इनमें से पांच शैलियों ने ऐतिहासिक रूप से भारतीय संदर्भ में मजबूत बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसमें गुणवत्ता, जीएआरपी (उचित मूल्य पर विकास), मूल्य, मध्य / छोटा और वैश्विक शामिल है। हालांकि इसमें एक खामी है। विभिन्न निवेश शैलियां या तरीके अलग-अलग समय पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं।
हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड्स को ही चुनकर, आप एक या दो तरीकों पर केंद्रित पोर्टफोलियो के साथ अपना काम पूरा होने की उम्मीद रखते हैं। हालांकि जब ये तरीके काम नहीं करते हैं तो आपका पूरा पोर्टफोलियो सालों तक लंबी अवधि में खराब प्रदर्शन से गुजर सकता है। इसलिए शैलियों या तरीकों में विविधता लाना बेहतर तरीका होगा।
अपने डेट म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण
अपने डेट पोर्टफोलियो का निर्माण करते समय, आपको दो जोखिमों - ब्याज दर जोखिम और क्रेडिट जोखिम पर ध्यान देना होगा। ब्याज दर जोखिम ब्याज दर में बदलाव के कारण आपके डेट पोर्टफोलियो में गिरावट का जोखिम है। लंबी अवधि वाले डेट फंड कम अवधि वाले लोगों की तुलना में ब्याज दर में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसलिए, डेट फंड्स में निवेश करने के लिए आपको उस ब्याज दर के माहौल की थोड़ी समझ होनी चाहिए, जिसमें आप मौजूद हैं।
इसके बजाय, आसान विकल्प यह होगा कि आप छोटी अवधि के फंड में बने रहें। क्रेडिट जोखिम वह जोखिम है, जिसमें मौजूदा बॉन्ड जारी करने वाला उसे वापस खरीदने जानिए निवेश रणनीति की क्षमता में नहीं होगा। डेट फंड के क्रेडिट प्रोफाइल की जांच करें और उन फंडों में निवेश करें जिनकी क्रेडिट गुणवत्ता उच्च है, यानी मुख्य रूप से एएए जानिए निवेश रणनीति रेटिंग वाले डेट पेपर में निवेश करें। कहने का मतलब है कि कम अवधि और उच्च क्रेडिट गुणवत्ता वाले डेट फंड को चुनें।
गोल्ड के लिए आवंटन
कई निवेशकों का पहले से ही अपने निजी आभूषणों के जरिए सोने या गोल्ड में निवेश है। म्युचुअल फंड के माध्यम से सोने में किया गया अतिरिक्त निवेश ओवरवेट हो सकता है। जिन निवेशकों का फिजिकल गोल्ड में ज्यादा निवेश नहीं है, वे अपने पोर्टफोलियो का 15% तक गोल्ड फंड में निवेश कर सकते हैं।
अपना असेट एलोकेशन (परिसंपत्तियों में आवंटन) तय करते समय अपनी समय सीमा और जोखिम सहने की क्षमता पर विचार करें। आदर्श रूप से, इक्विटी और डेट फंड को आपके पोर्टफोलियो का केंद्र होना चाहिए। इक्विटी फंड निवेश के लिए, आप 5 फिंगर फ्रेमवर्क जैसी विविध सक्रिय रणनीति अपना सकते हैं या आप एक पैसिव रणनीति का विकल्प चुन सकते हैं। डेट फंड निवेश के लिए, उन फंड्स के साथ रहना बेहतर होता है जिनकी अवधि कम होती है और क्रेडिट गुणवत्ता काफी बेहतर होती है।
जानिये क्यों आ रही भारतीय शेयर बाजार में तेजी, क्या हो निवेशकों की रणनीति?
- नई दिल्ली ,
- 24 सितंबर 2021,
- (अपडेटेड 24 सितंबर 2021, 7:37 PM IST)
- ‘चीन से आई अच्छी खबर से उत्साहित शेयर बाजार’
- ‘कोरोना महामारी के असर से उबर रही अर्थव्यवस्था’
- ‘बीते दो साल में IPO बाजार को लगे चार चांद’
पिछले डेढ़ साल से भारतीय शेयर बाजार में हर दिन नई तेजी देखने को मिल रही है. इस तेजी ने शुक्रवार को एक नया इतिहास रच दिया जब सेंसेक्स (Sensex) 60,000 अंक को पार कर गया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) भी 18,000 अंक के आस-पास पहुंच गया है. आखिर क्या वजह है शेयर बाजारों में आ रही इस तेजी की और निवेशक इसे लेकर क्या रणनीति बनाएं. जानिए हमारी दिए गए इस खास रिपोर्ट में.
म्यूचुअल फंड्स में निवेश की शुरुआत का सही समय क्या है? कितना जरूरी है SIP के जरिए निवेश
लंबी अवधि के लिए SIP के जरिए निवेश से कम्पाउंडिंग का अच्छा फायदा मिलता है. क्योंकि आपकी SIP जितनी लंबी अवधि की होगी कम्पाउंडिंग से रिटर्न उतना ज्यादा फायदा मिलेगा.
फाइनेंशियल गोल को पूरा करने के लिए जरूरी है सही समय पर बचत की शुरुआत. सही समय पर बचत की शुरुआत के साथ जरूरी है कि बचत की रकम किस जानिए निवेश रणनीति जानिए निवेश रणनीति तरह से निवेश किया जा रहा है. अगर सही रणनीति के तहत निवेश की शुरुआत हुई, तो यह रकम आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने का रास्ता आसान बना देती है. आप भी म्यूचुअल फंड्स के जरिए निवेश की शुरुआत करना चाहते है, तो इसमें ज्यादा समय न लें. ऐसे में सवाल उठता है कि म्यूचुअल फंड्स में निवेश का सही समय क्या है और इसके SIP के जरिए ही निवेश करना चाहिए?