ADRs का वास्तविक

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भारत-चीन सीमा विवाद: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज संसद में दे सकते हैं बयान
भारत-चीन गतिरोध को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज संसद में बयान दे सकते हैं. विपक्षी पार्टियां गतिरोध को लेकर चर्चा की मांग कर रही है.
By: एबीपी न्यूज़, एजेंसी | Updated at : 15 Sep 2020 12:03 AM (IST)
नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच तनाव जारी है. विपक्षी पार्टियां सरकार से इस मसले पर संसद में चर्चा कराए जाने की मांग कर रही है. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास जारी गतिरोध को लेकर संसद में बयान दे सकते हैं. संसदीय सूत्रों ने यह जानकारी दी.
राजनाथ सिंह ने हाल ही में मॉस्को में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ बैठक की थी. इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात हुई थी. जयशंकर और वांग यी के बीच हुई बैठक में गतिरोध को खत्म करने के लिए पांच सूत्रीय योजना पर सहमति बनी थी.
कांग्रेस कर रही है चर्चा की मांग
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया लेकिन स्पीकर ने उनसे इस विषय को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में उठाने को कहा.
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह एक ‘‘संवेदनशील’’ मुद्दा है और इसे गंभीरता के साथ उठाया जाना चाहिए . इस विषय को बीएससी में रखें .
अधीर रंजन चौधरी का कहना था, ‘‘ मैं सरकार और रक्षा मंत्री का ध्यान ऐसे मुद्दे की ओर दिलाना चाहता हूं जो कई महीनों ADRs का वास्तविक से हमारे सामने है . देश के लोग सीमा की स्थिति को लेकर चिंतित हैं .’’
उन्होंने कहा कि आज ऐसी खबरें आई हैं कि चीन हमारे यहां नजर रख रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस विषय पर चर्चा कराने की मांग करते हैं.’’
तनाव बरकरार भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के सीमा पर लंबे समय से चल रहे गतिरोध के समाधान के लिये पांच सूत्रीय योजना पर सहमत होने के बावजूद पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले बिंदुओं पर स्थिति में कुल मिलाकर कोई बदलाव नहीं है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों ने यह भी कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिक अपनी-अपनी जगह पर मजबूती से कायम हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और चीनी सैनिकों की तरफ से कोई नई हलचल नहीं दिखी है.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना अपनी चौकसी में कमी नहीं करेगी और जब तक जमीनी स्थिति में वास्तविक बदलाव नजर नहीं आता तब तक पूर्वी लद्दाख में बेहद उच्च स्तरीय युद्धक चौकसी की मौजूदा स्थिति बरकरार रखी जाएगी.
Published at : 14 Sep 2020 10:43 PM (IST) Tags: india china Monsoon Session parliament session Rajnath Singh हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे ADRs का वास्तविक विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
कृषि कानून की वापसी के फैसले का स्वागत, समिति किसानों की आय बढ़ाने में करेगी मदद: PHDCCI
गुरु नानक जयंती के शुभ अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है
Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: November 19, 2021 16:03 IST
Photo:PTI (FILE)
कृषि कानून पर फैसले का उद्योग ने किया स्वागत
Highlights
- समिति किसानों की समस्याओं की पहचान करने में होगी मददगार
- किसानों की आय बढ़ाने के ADRs का वास्तविक लिये नीति बनाने में मदद करेगी समिति
नई दिल्ली। तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए उद्योग संगठन पीएचडीसीसीआई ने शुक्रवार को कहा कि कृषि मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय किसानों की वास्तविक पीड़ा की पहचान करने में काफी मददगार साबित होगा और केंद्र को किसानों की आय बढ़ाने के लिए नीतियां बनाने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है और उन्होंने आंदोलन करने वाले किसानों से घर लौटने की अपील की। किसान इन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं।
गुरु नानक जयंती के शुभ अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों, खासकर छोटे किसानों के कल्याण और कृषि जगत के हित में और गांव-गरीब के उज्ज्वल भविष्य के लिए ‘‘पूरी सत्य निष्ठा’’ और ‘‘नेक नीयत’’ से तीनों कानून लेकर आई थी, लेकिन अपने तमाम प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाई। पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की सराहना करते हैं। मुल्तानी ने कहा, ‘‘कृषि संबंधी मुद्दों को हल करने के लिए एक समिति बनाने का निर्णय किसानों के वास्तविक दर्द की पहचान करने में काफी मददगार साबित होगा और किसानों, विशेष रूप से सीमांत किसानों की आय को बढ़ाने के लिए पर्याप्त कृषि नीति बनाने में सरकार की मदद करेगा। ’’
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नालंदा से सोमनाथ तक (Nalanda Se Somnath Tak): इस्लाम का वास्तविक अर्थ जाननेवालों के लिए एक अनिवार्य पुस्तक।
नालंदा से सोमनाथ तक (Nalanda Se Somnath Tak): इस्लाम का वास्तविक अर्थ जाननेवालों के लिए एक अनिवार्य पुस्तक।
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इस्लाम का अर्थ है- ईश्वर एवं शान्ति के प्रति पूर्ण समर्पण । मुसलमान का अर्थ है खुदा एवं उसकी खुदाई के प्रति पूरे ईमान के साथ पेश आना एवं ईमानदारी के साथ आचरण करना । लेकिन इस्लाम के उदय के बाद अब तक कुछ राजनीतिक, आक्रामक एवं निहित स्वार्थ के लिए लोगों ने अपने गलत मंसूबों को अंजाम देने के लिए इस्लाम का इतना गलत एवं बेतरतीब इस्तेमाल किया कि उसकी मूल परिभाषा ही बदल गयी तथा अवाम के सामने इसकी ऐसी आभासी छवि बन गई जिसका हकदार इस्लाम कदापि नहीं है। इस्लाम की परिभाषा द्वारा स्थापित मान्यताएँ एवं मानदंड किसी सुल्तान या मुसलमान को यह इजाजत नहीं देते कि वे इंसानियत को तबाह कर अपने स्वार्थजनित लालचपूर्ण मंसूबों को अंजाम देने के लिए इस्लाम का दुरुपयोग करें।
पुस्तक के लेखक श्री शम्भू प्रसाद सिंह का जन्म 20-12-1948 को बिहार प्रांत के पूर्वी चम्पारण जिले के मच्छरगाँवा ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम राजेश्वर प्रसाद सिंह एवं माता का नाम राहांता देवी है। इन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री बिहार विश्वविद्यालय के एम.आई.टी. से 1971-72 में हासिल की तथा उसी वर्ष सितम्बर में सेल बोकारो स्टील प्लांट में नौकरी शुरू की तथा स्टील प्लांट के ADRs का वास्तविक विभिन्न संकायों एवं इकाइयों में सफलतापूर्वक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए दिसम्बर 2008 में सेवानिवृत्त हुए तथा झारखंड प्रांत के बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर 12-बी में स्थायी रूप से निवास कर रहे हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अतिरिक्त इनकी विशेष रुचि इतिहास, दर्शन-शास्त्र, खगोल-शास्त्र, पर्यावरण संरक्षण एवं खेल में रही जिसने इनको कई पुस्तकों की रचना के लिए प्रेरित किया।
Product Details
Book : नालंदा से सोमनाथ तक (Nalanda Se Somnath Tak): इस्लाम का वास्तविक अर्थ जाननेवालों के लिए एक अनिवार्य पुस्तक।
Author : शम्भू प्रसाद सिंह
ISBN : 978-93-86276-56-8
Binding : Paperback
Publisher : Pendown Press Powered by Gullybaba Publishing House Pvt. Ltd.
ADRs का वास्तविक
वर्तमान युग तकनीक का युग है। तकनीक के माध्यम से सभी व्यक्तियों, वस्तुओं एवं सेवाओं को डिजिटल पहचान दी जा रही है। ऐसे में भला आपका घर पीछे क्यों रहे ! जी हाँ जल्द ही आपके घर को भी डिजिटल पहचान मिलने वाली है। चौंक गए ना ! घर को डिजिटल पहचान। जी हाँ जल्द ही सरकार द्वारा देश के सभी घरों को डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) के माध्यम से डिजिटल पहचान प्रदान की जाने वाली है। ऐसे में आपके घर की भी अपनी यूनिक पहचान यानी अड्रेस होगा साथ ही डिजिटल एड्रेस कोड के माध्यम से आप विभिन सेवाओं का लाभ भी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। अब आपके मन में स्वाभाविक रूप से यह सवाल आ रहा होगा की यह डिजिटल एड्रेस कोड (Digital Address Code)ADRs का वास्तविक क्या होता है ?
चलिए आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) क्या है ? इसकी आवश्यकता एवं कार्यविधि क्या है। साथ ही डिजिटल एड्रेस कोड की पूरी जानकारी प्राप्त करने के अतिरिक्त आपको इस आर्टिकल के माध्यम से डिजिटल एड्रेस कोड के लाभ, विशेषताएँ एवं इससे सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।
डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) क्या है ?
जल्द ही आपके घर को नयी पहचान मिलने वाली है। जी हाँ सरकार द्वारा डाक विभाग की मदद से देश के सभी घरो के लिए डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) जारी किए जाने वाले है। हालांकि अभी भी आपके मन में यह सवाल होगा की डिजिटल एड्रेस कोड (Digital Address Code) क्या है। डिजिटल एड्रेस कोड या DAC डिजिटल रूप से तैयार किया गया किसी स्थान का पता होता है जो की हर एक लोकेशन के लिए यूनिक होता है। डिजिटल एड्रेस कोड के तहत सभी अड्रेस को 12 अंकों का एक यूनीक कोड प्रदान किया जायेगा जिसकी सहायता से आसानी से किसी भी स्थान की लोकेशन पता की जा सकेगी। सरल शब्दो में कहा जाए तो डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) किसी भी अड्रेस के लिए आधार कार्ड की तरह कार्य करेगा जो की सम्बंधित स्थान को यूनिक पहचान प्रदान करेगा।
सरकार द्वारा देश के सभी आवासीय पतों एवं कार्यालयों के लिए डिजिटल एड्रेस कोड जारी करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है जिससे सभी अड्रेस को आसानी से एक्सेस किया जा सकेंगे।डिजिटल एड्रेस कोड की सहायता से किसी भी स्थान को DAC नंबर के माध्यम से आसानी से सर्च किया जा सकेंगा साथ ही ऑनलाइन सुविधाएँ, अड्रेस वेरिफिकेशन (address verification) ऑनलाइन डिलीवरी एवं अन्य आधुनिक सुविधाओं को सभी नागरिको तक आसानी से पहुँचाया जा सकेगा।
डिजिटल एड्रेस कोड (DAC), क्या है आवश्यकता
वर्तमान समय में विभिन सेवाओं के लिए आधार कार्ड, पहचान पत्र एवं इसी प्रकार के अन्य दस्तावेजों को अड्रेस प्रूफ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इस प्रकार के अड्रेस को डिजिटली प्रमाणित करना मुश्किल होता है चूँकि इसके लिए digital location की आवश्यकता होता है। इससे विभिन स्थितियों में धोखाधड़ी एवं अवैध कार्यों की आशंका बढ़ जाती है। साथ ही कई बार फर्जी अड्रेस के माध्यम से जमीन-खरीद फरोख्त, ऑनलाइन खरीददारी में फर्जीवाड़ा, लम्बे एवं जटिल अड्रेस के कारण समस्या एवं अन्य प्रकार की शिकायतें सामने आती रहती है।
इन सभी समस्याओ के मद्धेनजर सरकार द्वारा सभी नागरिको को डिजिटल रूप से प्रमाणित डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) प्रदान किया जायेगा जिससे की सभी अड्रेस को एक यूनिक पहचान मिल सकेगी। इससे आसानी से 12 अंकों के डिजिटल एड्रेस कोड डिजिट के माध्यम से या अड्रेस हेतु जारी QR code के माध्यम से किसी अड्रेस को एक्सेस किया जा सकेगा।
कैसे काम करेगा डिजिटल एड्रेस कोड (DAC)
डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) को संचार मंत्रालय के अंतर्गत डाक विभाग द्वारा देश के लगभग 75 करोड़ घरो को जारी किया जायेगा। डिजिटल एड्रेस कोड के तहत सरकार द्वारा भू-निर्देशांक एवं जियोस्पेशियल कोऑर्डिनेट्स (geospatial coordinates) ADRs का वास्तविक तकनीक की मदद से प्रत्येक लोकेशन को 12 अंको की डिजिटल लोकेशन (भू-स्थानिक निर्देशांक) प्रदान की जाएगी जो की प्रत्येक स्थान के लिए यूनिक या अद्वितीय होगी। इस 12 अंकों के डिजिटल एड्रेस कोड की सहायता से किसी भी स्थान को डिजिटली वेरीफाई किया जा सकेगा साथ ही इस कोड की मदद से जगह की लोकेशन भी पता की जा सकेगी।
अब किसी भी स्थान को गली, मोहल्ले, चौराहे या PIN कोड के बजाय DAC Code के माध्यम से आसानी से खोजा जा सकेगा साथ ही क्यूआर कोड की मदद से इसे स्कैन भी किया जा सकता है।
कितने डिजिट का होगा Digital Address Code?
सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला Digital Address Code या DAC Code कुल 12 अंको का होगा जिसे देश के 75 करोड़ घरों को उपलब्ध ADRs का वास्तविक कराया जायेगा। 12 अंको का डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) वास्तव में किसी स्थान के लिए आधार कार्ड भी भाँति कार्य करेगा जिसे की DAC Code एवं क्यूआर कोड की सहायता से आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा। डाक विभाग द्वारा प्रत्येक अड्रेस को वेरिफाई करने के पश्चात ही नागरिको को डिजिटल एड्रेस कोड प्रदान किया जायेगा।
Digital Address Code, क्यों है खास
Digital Address Code 12 अंको का यूनिक डिजिटल अड्रेस होगा जो की प्रत्येक लोकेशन के लिए अलग-अलग होगा। geo special Co-ordinate एवं आधुनिकतम तकनीकों के माध्यम से तैयार किया गया डिजिटल एड्रेस कोड वास्तव में किसी भी स्थान की वास्तविक लोकेशन के बारे में जानकारी प्रदान कर सकेगा। QR Code एवं DAC Code के माध्यम से एक्सेस होने वाले Digital Address Code के माध्यम से Digital Map भी देखा जा सकता है साथ ही यह प्रत्येक अड्रेस के लिए स्थायी भी होगा।
Digital Address Code के लाभ
- Digital Address Code के माध्यम से प्रत्येक घर को यूनिक नंबर प्रदान किया जायेगा जिससे की नागरिको को सभी डिजिटल सुविधाएँ आसानी से प्राप्त हो सकेगी।
- डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) के माध्यम से सभी अड्रेस को आसानी से डिजिटल माध्यम से वेरीफाई किया जा सकेगा जिससे की विभिन प्रकार की धोखाधड़ी पर भी रोक लगायी जा सकेगी।
- बैंकिंग, बीमा, टेलिकॉम, इंश्योरेंस सेक्टर, डिजिटल सेवाओं एवं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही विभिन सुविधाओं को Digital Address Code के माध्यम से आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा।
- जियो स्पेशल को ऑर्डिनेट्स से जुड़ा डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) सभी अड्रेस का वास्तविक लोकेशन बताने में सहायक होगा।
- DAC online authentication, एवं विभिन सरकारी एवं निजी सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं हेतु digital EKYC प्रक्रिया भी DAC के माध्यम से आसानी से पूरी की जा सकेगी।
- ऑनलाइन डिलीवरी एवं अन्य ऑनलाइन सुविधाएँ भी अब डिजिटल एड्रेस कोड की सहायता से आसानी सटीक लोकेशन पर प्राप्त की जा सकेगी।
- डिजिटल एड्रेस कोड ADRs का वास्तविक के माध्यम से विभिन सेवाओं के सञ्चालन में पारदर्शिता प्रदान की जा सकेगी।
डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
डिजिटल एड्रेस ADRs का वास्तविक कोड (DAC) सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला 12 अंको का डिजिटल कोड है जिसकी सहायता से प्रत्येक अड्रेस को यूनिक पहचान प्रदान की जा सकेगी।
DAC की फुल-फॉर्म Digital Address Code (डिजिटल एड्रेस कोड) है जो की किसी भी स्थान का यूनिक पता होगा।
डाक विभाग द्वारा जारी किया जाने वाला डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) 12 अंकीय डिजिटल पता होगा जिसकी सहायता से किसी भी स्थान को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा।
पोस्टल डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाने वाला Digital Address Code देश के 75 करोड़ अड्रेस को जारी किया जायेगा जिसके तहत प्रत्येक अड्रेस को 12 अंको का यूनिक कोड दिया जायेगा। इस कोड की सहायता से आसानी से सम्बंधित स्थान की लोकेशन की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
Digital Address Codes ke Fayade के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। इसकी सहायता से आप आसानी से डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) के फायदों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।