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बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं

बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं
Key Points

नियामकीय कसौटियों पर कसें तो सपने बेच रहीं क्रिप्टो परिसंपत्तियां

नौ वर्ष पहले मैंने लिखा था कि इलेक्ट्रॉनिक मुद्राएं जल्दी ही सरकार और मौद्रिक प्राधिकार के लिए चिंता का विषय होंगी। मैंने पूछा था कि कर प्रशासन बिटकॉइन लेनदेन का पता कैसे लगाएगा? क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने वाली छिपी पूंजी का इस्तेमाल रोकने के लिए विदेशी एक्सचेंजों तथा अन्य नियमन में किस प्रकार बदलाव करने होंगे? क्या बिटकॉइन से करवंचना आसान हो जाएगी और सरकार की राजकोषीय नीतियां प्रभावित होंगी? बाद के वर्षों में क्रिप्टो परिसंपत्तियों ने स्वयं को हमारे वित्तीय माहौल के साथ समायोजित किया लेकिन बतौर मुद्रा अपनी संभावनाओं के साथ नहीं। संभवत: बदलाव का अहम क्षण तब आया जब चीन ने 2017 में पूंजी के बहिर्गमन के बाद स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ सफलतापूर्वक कार्रवाई की। 2016 में 725 अरब डॉलर की राशि चीन से बाहर गई और नियामकों ने ध्यान दिया कि क्रिप्टोकरेंसी की व्यापक उपलब्धता पूंजी नियंत्रण के प्रयास बाधित करेगी। जिन देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वैध माना जाता है वहां भी वास्तव में वे मुद्रा नहीं हैं। आप उनके जरिये खरीद बिक्री नहीं कर सकते। क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और नियमित वित्तीय व्यवस्था को जोडऩे के उपाय प्रभावी नहीं रहे। अमेरिका में बड़े एक्सचेंजों पर आपकी क्रिप्टो परिसंपत्ति से डेबिट कार्ड जुड़ सकते हैं लेकिन उनसे लेनदेन में विफलता ज्यादा हाथ लगती है और उन पर शुल्क भी अधिक लगता है। बिटकॉइन में लेनदेन दरअसल 2017 से कम हो रहा है।

मुद्रा के तीन इस्तेमाल हैं: विनिमय का माध्यम, मूल्य संधारण और लेखा इकाई। बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं क्रिप्टोकरेंसी विनिमय के माध्यम के रूप में उपयोगी नहीं हैं लेकिन लेखा इकाई के रूप में तो उनकी स्थिति और खराब है। उनके मूल्य में बहुत तेज उतार-चढ़ाव होता है। मूल्य संधारण के कारण ही क्रिप्टोकरेंसी का अस्तित्व अब तक बना हुआ है। उदाहरण के लिए गोल्डमैन सैक्स ने जनवरी में कहा था कि बिटकॉइन अब मूल्य के मामले में सोने से होड़ कर रही है और मूल्य के मामले में 20 फीसदी बाजार पर उसका कब्जा है। परंतु अस्थिरता की समस्या बरकरार है। सर्वाधिक स्थिर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन भी सोने की कीमत की तुलना में पांच गुना अस्थिर है। जेपी मॉर्गन के विश्लेषक मानते हैं कि यदि बिटकॉइन भी सोने के समान अस्थिर होती तो एक बिटकॉइन की कीमत डॉलर की तुलना में उसके मौजूदा मूल्य का साढ़े तीन गुना होती।

हालांकि तब से अब तक हम लंबा सफर तय कर चुके हैं। जेपी मॉर्गन निजी बैंकिंग के निवेश नीति के चेयरमैन माइकल सेंबालेस्ट ने इस माह एक रिपोर्ट जारी की जिसने मूल्य संधारण की दलील में कई खामियां उजागर कीं। पहली बात तो यह कि हमारे पास बॉन्ड, जिंस, इक्विटी या अचल संपत्ति की तरह क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई मूल्य निर्धारण मॉडल तक नहीं है। अभी तक क्रिप्टो से जुड़ी हर बात विशुद्ध अटकलबाजी है और उनकी कीमतों के पीछे कोई ठोस तर्क नहीं है। आश्चर्य नहीं कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम नियामकीय प्रश्न सामने हैं। पहला, व्यापक वित्तीय बाजारों को ऐसी सटोरिया गतिविधियों से जुड़े जोखिम से कैसे बचाया जाएगा, दूसरा, खुदरा उपभोक्ताओं को पूरी तरह सटोरिया गतिविधि पर बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं आधारित बाजार से कैसे बचाया जाएगा और तीसरा, ऐसी गतिविधियों से कुछ लोगों को होने वाले लाभ से कैसे निपटा जाएगा? हमें भारत में हालिया घटनाक्रम को वैश्विक संदर्भों में देखना होगा। उदाहरण के लिए क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापनों को लेकर चिंता जाहिर की है। एक वर्ष से ये विज्ञापन देश में छाये हुए हैं। सिंगापुर और स्पेन तक ऐसे विज्ञापनों के नियमन पर विचार कर रहे हैं ताकि धोखाधड़ी और खुदरा निवेशकों का जोखिम कम किया जा सके।

इसके बाद वृहद स्थिरता का मसला बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं है। गत अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि क्रिप्टोकरेंसी की व्यापक और तेज स्वीकार्यता से अर्थव्यवस्थाओं को बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं तब दिक्कत शुरू हो सकती है जब नागरिक स्थानीय मुद्रा के बजाय क्रिप्टो परिसंपत्तियों का इस्तेमाल शुरू कर देंगे। इससे वित्तीय स्थिरता को भी जोखिम पैदा हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भले इन दिक्कतों के बारे में न सोचा हो लेकिन अन्य उभरते देशों के बैंक ऐसा कर रहे हैं।

अंत में, करों का प्रश्न आता है। हालिया बजट में आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों को पूंजीगत लाभ मानते हुए कर लगाने की बात कही गई है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी से अर्जित आय शामिल है। सिलिकन वैली के कई प्रमुख लोगों समेत विभिन्न जानकारों ने कहा कि ऐसा करके भारत बिटकॉइन को वैधानिक बना रहा है। अन्य लोगों ने कहा कि यह क्रिप्टो व्यवस्था के लिए एक जीत है। ऐसा कुछ नहीं है। अधिकांश जगहों पर अभी भी अवैध उपक्रमों से अर्जित आय पर कर लगता है। अमेरिकी आंतरिक राजस्व सेवा का पब्लिकेशन 17 करदाताओं को याद दिलाता है कि अगर वे कोई संपत्ति चुराते हैं तो भी उन्हें चोरी के वर्ष की आय में उसका उचित बाजार मूल्य दर्शाना होगा। यह भी लिखा गया है कि अवैध मादक पदार्थों की सौदेबाजी से हुई आय आदि को भी दर्शाना होगा। आंतरिक राजस्व सेवा करदाताओं को ऐसी आय घोषित करने को कहकर इन गतिविधियों को वैधानिक नहीं बनाता। प्रधानमंत्री ने हाल ही में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कहा था कि क्रिप्टो नियमन का वैश्विक हल निकालना होगा। संभवत: यह सही उत्तर है, खासकर वैश्विक वित्तीय स्थिरता, कर आधार को नुकसान तथा पूंजी के बहिर्गमन पर इसके असर को देखते हुए। यह कहना मुश्किल है कि दुनिया के नेता इस विषय को कब और कैसे हल करेंगे। इस बीच क्रिप्टो तंत्र को अपने पक्ष में दलील देनी होगी। ब्लॉकचेन आधारित तकनीक बिना क्रिप्टो के सार्वजनिक कारोबार के आगे बढ़ सकती है। ऐसे में क्रिप्टो की आगे बढऩे की दलील क्या है? यह किफायत, वृद्धि या वित्तीय समावेशन को कैसे आगे बढ़ाएगा? ऐसा इसलिए कि इस प्रश्न के बहुत कम आश्वस्त करने वाले उत्तर हैं और यही कारण है कि क्रिप्टो को घोटाला और सटोरिया कारोबार मानने वाले आज तर्क के क्षेत्र में जीत रहे हैं।

निम्न में से कौन सा देश बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है?

Key Points

  • सेंट्रल अमेरिकन देश अल साल्वाडोर ने दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन को देश की वैध मुद्रा बनाने के बिल को मंजूरी दे दी है।
  • यह बिटक्वाइन को वैध करेंसी घोषित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
  • अल साल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर है।
  • देश में अमेरिकी डॉलर पहले की तरह वैध मुद्रा बनी रहेगी और बिटक्वाइन का उपयोग वैकल्पिक रहेगा।
  • अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई ।
  • इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 33,98 डॉलर से बढ़ कर 34,398 डॉलर पर पहुंच गई ।

Additional Information

  • बिटक्वाइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टो-करेंसी है , जो तत्काल भुगतान को सक्षम बनाती है।
  • बिटक्वाइन को वर्ष 2009 में दुनिया के सामने पेश किया गया था।
  • यह एक ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल पर आधारित है।
  • इसे किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है।

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Last updated on Sep 21, 2022

RRB NTPC Result, Cut Off for Pay Level 5 declared for RRB Chandigarh. For other RRBs, the results will be released soon. Earlier, the RRB had released the tentative schedule for the upcoming DV &Medical Examination for various posts.. The RRB NTPC exam is conducted to fill up a total number of 35281 vacant posts. Candidates who are qualified for the Computer Based Aptitude Test will be eligible for the next round, which will be Document Verification & Medical Exam. The candidates with successful selection under RRB NTPC will get a salary range between Rs. 19,900 to Rs. 35,400. here.

Bitcoin kya hai बिटकॉइन क्या है ? इसे कैसे खरीदे ?

Bitcoin kya hai (What is Bitcoin in hindi) : बिटकॉइन इस समय निवेश की दुनिया का बादशाह बना हुआ है। इस समय ये दुनिया की सबसे महँगी करेंसी है। आइये जानते हैं कि Bitcoin kya hai (What is Bitcoin in hindi). Bitcoin kaise kaam karta hai. निवेश की दुनिया में इसकी कीमत लगातार बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं क्यों बढ़ रही ? आइये जानते है कि Bitcoin kya hota hai इस बारे में और अधिक विस्तार से जानते हैं।

Bitcoin ही एक ऐसी करेंसी हो ज्यादातर लोगों बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं को Cryptocurrency की दुनिया में खींच रही है। Bitcoin कई देशों में पूर्ण रूप से मान्य है लेकिन कुछ देशों में ये अभी गैर कानूनी है। जापान ने इसे ‘वैध’ दर्जा दिया हुआ है।

Bitcoin Kya hai

Table of Contents

बिटकॉइन क्या होता है ? What is Bitcoin in hindi

Bitcoin kya hai : Bitcoin एक डिजिटल करेंसी है। ये भी अन्य currencies जैसे Rupees, Dollar, Euro आदि की तरह है। लेकिन फिर भी ये उन currencies के मुक़ाबले अलग है। क्यूंकि Rupees, Dollar, Euro आदि को हम online और Offline दोनों तरीकों से इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन Bitcoin के साथ ऐसा नहीं है। इसे आप सिर्फ Online ही इस्तेमाल कर सकते है। क्यूंकि Bitcoin को ना तो हम देख सकते हैं, ना ही हम उसे अन्य currencies जैसे की तरह छू सकते हैं। इसलिए ये सिर्फ डिजिटल करेंसी की श्रेणी में आता है। जो Cryptocurrency कहलाती है।

बिटकॉइन की शुरुआत कब हुई थी ? Bitcoin invetion

बिटकॉइन का आविष्कार 2008 में सतोषी नाकामोटो द्वारा किया गया था। और फिर 2009 में उन्होंने इसे ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर के रूप में जारी किया था। पहला बिटकॉइन लेनदेन जनवरी 2009 में शुरू हुआ था। शुरुआती वर्षों में बिटकॉइन में तेजी बहुत धीरे-धीरे हुई थी। 2015 से बिटकॉइन में बड़ी तेजी देखने को मिली। फिर बहुत जल्द ही ये दुनिया की नजरों में आने लगा। इस समय बिटकॉइन की कीमत 34,23,652 रुपये है।

कैसे होता है लेन-देन Bitcoin me transaction kaise hota hai

बिटकॉइन एक प्रकार की आभासी मुद्रा है। जिसका इस्तेमाल आप केवल online लेन-देन में ही कर सकते हैं। इस प्रकार होने वाले भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से होने वाले भुगतान से बिलकुल अलग है।

भारत में केंद्रीय बैंक इस मुद्रा का समर्थन नहीं करता है इसलिए इस मुद्रा का विनिमय निजी तौर होता है। जिसे ‘माइनिंग’ नामक प्रक्रिया के माध्यम उत्पादित किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए एक विशेष किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।

बिटकॉइन का लेन-देन एक ई-वॉलेट से दूसरे ई-वॉलेट के जरिये होता है। जो आपके निजी डेटाबेस में उपलब्ध होते हैं। बिटकॉइन का लेन-देन का रिकॉर्ड एक Public Account में रहता हैं, जिसे “Blockchain” कहते। हैं

बिटकॉइन के क्या फायदे हैं ? Bitcoin ke kya fayade hai

1. Bitcoin को आप किसी भी मुद्रा में खरीद सकते हैं।

2. Bitcoin का लेन-देन आप पूरी दुनिया में कहीं भी और कभी कर सकते हैं।

3. Bitcoin भेजने में शुल्क लगता हैं वो Debit card और Credit card के मुकाबले बहुत ही कम होता हैं।

4. Bitcoin ने साल 2020 में 302% रिटर्न दिया है। इस हिसाब से ये निवेश के लिए एक अच्छा साधन हो सकता है!

5. Bitcoin का मार्किट 24×7 खुला रहता है। जिसमे आप कभी भी निवेश कर सकते हैं।

Bitcoin kya hota hai Bitcoin kaise kaam karta hai

बिटकॉइन के क्या नुकसान हैं ? Bitcoin ke kya nuksan hai

1. Bitcoin को अभी भारत में पूरी तरह से authority नहीं मिली है। अगर किसी कारणवश आपका अकाउंट हैक हो जाता है, तो आप इसकी शिकायत कहीं नहीं कर सकते।

2. Bitcoin को भारत में पूर्ण authority नहीं मिलने के कारण ये कभी बैन भी हो सकता है।

3. Bitcoin मार्किट जिस स्पीड से ऊपर जाता है तो कभी उसी स्पीड से नीचे भी गिरता है। जो आपके लिए नुकसान साबित हो सकता है।

बिटकॉइन कहाँ से और कैसे खरीदें? Bitcoin kaise khareede

आप Bitcoin बहुत ही आसानी से खरीद सकते है। इसे आप भारतीय मुद्रा (रुपए) में भी खरीद सकते हैं। इस समय भारत में कुछ websites उपलब्ध हैं, जिनके जरिये आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आप को उन websites या App पर Register करना होता है। उसके बाद आपको websites या App के Wallet में रुपये Add करने होंगे। फिर आप Bitcoin की खरीददारी कर सकते हैं।

दोस्तों, आज की पोस्ट “Bitcoin Kya Hai” में आपने Bitcoin के बारे में जाना। आपने Bitcoin की समस्त जानकारी विस्तारित रूप में समझी। Bitcoin भारत में वैध है या अवैध है ये भी जाना। साथ ही ये भी जाना कि आप Bitcoin को कैसे और कहाँ से खरीद सकते है ? इसके अलावा Bitcoin kaise kaam karta hai? इसके क्या फायदे और नुकसान है ? आपको ये पोस्ट कैसी लगी हमें आपने विचार हमारे साथ अवश्य साझा करें।

क्रिप्टो पर टैक्स कैसे वसूलेगी सरकार? आपको क्या अब पूरे क्रिप्टो निवेश पर देना होगा कर? जानिए हर सवाल का जवाब

क्रिप्टोकरेंसी समेत डिजिटल ऐसेट पर अब भारत में 30 प्रतिशत का कर लगाने की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने अपने बजट भाषणा में की है। क्रिप्टो पर टैक्स की घोषणा का क्या है मतलब और ये कैसे लगाया जाएगा, जानें हर सवाल का जवाब-

crypto tax: know all detail, and how will it work, all FAQs related to cryptocurrenecy tax | क्रिप्टो पर टैक्स कैसे वसूलेगी सरकार? आपको क्या अब पूरे क्रिप्टो निवेश पर देना होगा कर? जानिए हर सवाल का जवाब

क्रिप्टो पर भारत में लगेगा टैक्स (फाइल फोटो)

Highlights बजट में सभी क्रिप्टो ऐसेट से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स की हुई है घोषणा। गिफ्ट में क्रिप्टोकरेंसी लेने पर भी टैक्स देना होगा, डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भारत में अब डिजिटल ऐसेट (इसमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल) पर भी टैक्स लगेगा। क्रिप्टोबाजार में दिलचस्पी दिखाने वाले लोगों ने इस कदम का स्वागत किया क्योंकि यह देश में लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य को एक तरह से कानूनी दर्जा देता है।

हालांकि, इसके बाद वित्त मंत्री ने जब कहा कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत तक का भारी कर लगेगा, तो ये कई लोगों को निराश कर गया। दरअसल यह म्युचुअल फंड या यहां तक ​​कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे भी कहीं अधिक है।

यह नहीं, बजट भाषण के बाद सरकार की ओर से ये भी साफ किया गया कि क्रिप्टो पर नुकसान होता है तो अन्य ऐसेट के जरिए भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है। वित्त मंत्री ने डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया।

सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि क्रिप्टो और डिजिटल संपत्तियों में उपहार पर कर लगेगा। संसद में बजट पारित होने के बाद कर प्रस्ताव एक अप्रैल से अमल में आएगा। निर्मला सीतारमण की ओर से क्रिप्टो पर लगाए गए टैक्स को लेकर घोषणाओं के बाद अब भी कई सवाल इसका इस्तेमाल कर रहे लोगों के मन में घूम रहे हैं। आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करते हैं-

क्रिप्टोकरेंसी पर कर कैसे लगेगा, ये कैसे काम करेगा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा।

इंडिया टुडे के अनुसार सेबी के पंजीकृत वित्तीय सलाहकार जितेंद्र सोलंकी का मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत कर लगाकर सरकार क्रिप्टो निवेश को संभवत: हतोत्साहित करना चाहती है।

क्या मुझे अपने पूरे क्रिप्टो निवेश पर टैक्स का भुगतान करना होगा?

नहीं। आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही कर का भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और 5,500 रुपये में बेचते हैं तो केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर ये लागू होगा।

लॉन्ग बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं टर्म लॉस के खिलाफ सेट ऑफ का क्या मतलब है?

मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ में अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं। दूसरे शब्दों में यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है। हालांकि, क्रिप्टो आय के मामले में ऐसा संभव नहीं होगा।

अगर मैंने किसी को बिटकॉइन गिफ्ट किया है, तो क्या मुझे टैक्स देना होगा?

नहीं, वित्त मंत्री ने साफ किया है कि केवल क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा। इसलिए अगर आप अपने दोस्त को 1 बिटकॉइन गिफ्ट कर रहे हैं तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा।

कौन से लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगेगा?

अपने बजट भाषण के तुरंत बाद वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए स्पष्ट किया कि होने वाले सभी क्रिप्टो लेनदेन पर 1 प्रतिशत कर कटौती होगी।

क्या टैक्स का मतलब है कि क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने मान्यता दे दी?

नहीं, भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो को लेकर कोई कानून नहीं है। टैक्स लगाने का मतलब है कि यह क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार ऐसे में सभी लेनदेन की निगरानी कर सकती है। आसान शब्दों में, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाता है।

क्या बिटकॉइन अब एक मुद्रा है?

नहीं। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है।

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