चरण निर्देश

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है
फ़िलहाल The Department of Economic Affairs had constituted an Inter-disciplinary committee इस पर काम कर रही है.

भारत में बिटकॉइन का भविष्य क्या है? [2021] | Future of Bitcoin in India Hindi

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 मई को बैंकों से कहा कि वे अपने 2018 के आदेश का हवाला न दें, जो क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं से इनकार करने का कारण है. RBI ने कहा कि उसके 2018 के आदेश को मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था और बैंकों के लिए अब इस आदेश का हवाला देना अनुचित होगा – Future of Bitcoin in India Hindi.

हालांकि, केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा कि वे एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की रोकथाम से जुड़े नियमों के तहत क्रिप्टोकुरेंसी व्यापारियों पर अन्य उचित परिश्रम प्रक्रियाओं को जारी रखें.

Table of Contents

भारत में बिटकॉइन का भविष्य क्या है? – Future of Bitcoin in India Hindi

मुझे लगता है की अगर दुनिया के बड़े बड़े देश इसे अपनाएंगे तो अंततः भारत को भी बिटकॉइन को अपनाना होगा क्यूंकि भारत भी दुनिया के साथ नयी टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहेगा लेकिन भारत सरकार इसपर नए कानून जरूर लागू करेगा – Future of Bitcoin in India Hindi.

अप्रैल 2018 में, RBI ने एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच की अनुमति नहीं है. निजी पार्टियों द्वारा जारी आभासी मुद्राओं की वैधता के बारे में आरबीआई के अधिकारियों के बीच संदेह के वर्षों के बाद सर्कुलर आया.

केंद्रीय बैंक ने बार-बार उन जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है जो इन अनियमित निजी मुद्राओं से निवेशकों और वित्तीय प्रणाली (financial system) को प्रभावित करते हैं. बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन की सुविधा से रोककर, आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी में किसी भी महत्वपूर्ण रुपये के निवेश पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगा दिया.

SC ने RBI के 2018 के आदेश को बैंकों को क्यों उलट दिया?

सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया बनाम आरबीआई पर अपने फैसले में आरबीआई के 2018 के सर्कुलर को पलट दिया. SC ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की खरीद या बिक्री पर RBI इन मुद्राओं के व्यापार पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगा सकता है. अदालत ने महसूस किया कि इस तरह के प्रतिबंध नागरिकों के किसी भी व्यापार को करने के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप करेंगे जिसे कानून के तहत वैध माना जाता है.

नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने RBI के आदेश को पलटते हुए बस इतना कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर भारी प्रतिबंध लगाने के लिए फिलहाल कोई कानूनी आधार नहीं है. एक बार संसद में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित होने के बाद, अदालत भविष्य में इस विचार को नहीं रख सकती है. दूसरी ओर, आरबीआई को मौजूदा स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है क्योंकि कुछ बैंकों ने हाल ही में ग्राहकों को क्रिप्टोकुरेंसी में काम करने से रोकने के लिए 2018 के परिपत्र (जो अब शून्य है) का हवाला दिया है.

Bitcoin को लेकर वित्त सचिव का बड़ा बयान- भारत में कभी वैध नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी

Bishwajeet Kumar

Bitcoin को लेकर वित्त सचिव का बड़ा बयान- भारत में कभी वैध नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (तस्वीर साभार: सोशल मीडिया)

Cryptocurrency News: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर बड़े दिन से इसमें निवेश करने वाले निवेशकों को असमंजस रहा है। असमंजस इस बात का कि क्या भारतीय कानून में इसे वैध माना जाएगा। बीते दिनों से लोग अनुमान लगा रहे थे कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट (Budget 2022) में वित्त मंत्री क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कुछ अहम फैसले ले सकती है। हालांकि बजट में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई अच्छी खबर तो नहीं आई मगर इस क्षेत्र में निवेश कर रहे लोगों के लिए सरकार ने 30% कर लगाने की घोषणा जरूर कर दिया। जिसके पास इसके निवेशक यह अनुमान लगाने लगे थे कि सरकार ने इसे भारत में मंजूरी दे दी है।

क्रिप्टो में निवेश करने से बचें

क्रिप्टो करेंसी को लेकर वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि लोगों को क्रिप्टो में निवेश करने से बचना चाहिए। क्योंकि इसमें किया गया निवेश आपके लिए कितना लाभप्रद होगा इसकी कोई गारंटी नहीं होती। साथ ही वित्त सचिव ने कहा इस तरह के निवेशों में अगर आपको किसी प्रकार का घाटा होता है तो उसकी जवाबदेही कभी भी सरकार नहीं लेगी। हालांकि सरकार जो अपनी नई डिजिटल करेंसी लाने वाली है उसमें निवेश करना पूर्ण रूप से सुरक्षित रहेगा।

बता दें कल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने यह ऐलान किया कि भारत सरकार रिजर्व बैंक द्वारा अपना नया डिजिटल करेंसी या डिजिटल रूपी जारी करेगी। इस डिजिटल करेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था की डिजिटल रूपी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। फिलहाल माना जा रहा कि 1 अप्रैल को इस डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग हो सकती है।

क्या बिटकॉइन भारत में लीगल है या नहीं - Is Bitcoin Legal In India

क्या भारत में Bitcoin वैध है

जो लोग बिटकॉइन के बारे में नहीं जानते है उनको एक ही सवाल मन में आता है, की क्या हमारे भारत में बिटकॉइन वैध माने जाते है या नहीं?

क्या कहा वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने :

मंगलवार 2 जनवरी 2018 वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में कहा की भारत में कानूनी मुद्रा के रूप में बिटकॉइन की स्वीकृति से इनकार किया है. जेटली जी ने कहा है कि भारत में बिटकॉइन एक कानूनी निविदा नहीं है.

जेटली जी ने ये भी कहा की भारत में कुल 11 crypto currency exchanges है. सरकार के पैनल भारत में crypto currency से निपटने की एक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं , जेटली ने कहा.

जेटली जी ने कहा की “ सरकार विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि बाद में ये तय किया जाए की इसके बारे में क्या कदम उठाने है”.

बिटकॉइन का मूल्य पिछले साल दिसंबर में 19000 डॉलर पार कर गया. और आज इसकी कीमत हमारे इंडियन रुपस में 10 , 59015 है.

ये एक आभासी मुद्रा है, जिसका लेन देंन इन्टरनेट के माध्यम से होता है. इस प्रकार की कई cryptocurrency दुनिया में मौजूद है. इस प्रकार की 700+ से भी ऊपर आभासी मुद्राए पुरे विश्व में चल रही है.

किप्टो के ‘सिंगापुर कांड’ ने यह साबित कर दिया है कि यह करेंसी कितनी खतरनाक है

Crypto currency

डिटिजल युग में क्रिप्टोकरेंसी को वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में डॉलर का विकल्प माना जा रहा था, किंतु क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं। कुछ दिनों पहले ही क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकर्ताओं को एक बड़े प्लेटफार्म पर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। क्रिप्टोकरेंसी काफी खतरनाक है, दुनिया के कई देशों में क्रिप्टो से होने वाले कई फ्रॉड अभी तक सामने आ चुके हैं। इसी बीच सिंगापुर से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। सिंगापुर के निवेशकों को पिछले तीन वर्षों में किसी अन्य धोखाधड़ी की तुलना में क्रिप्टो में किए गए फर्जी निवेश योजनाओं से सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

जानें क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सिंगापुर के निवेशकों को पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक धोखाधड़ी क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है वाली निवेश योजनाओं का सामना करना पड़ा है। विशेष रूप से चीनी मूल के ‘पिग बूचरिंग’ क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड के सबसे अधिक शिकार बने हैं। पिग बूचरिंग चीनी शब्द ‘शा झू पान’ से निकला है, जिसका अर्थ है वध से पहले एक सुअर को मोटा करना। इसे अपराधियों ने खुद अपने घोटाले का वर्णन करने के लिए गढ़ा था। ध्यान देने वाली बात है कि इस तरह के घोटाले चीन में वर्ष 2016 में शुरू हुए थे। जालसाज फर्जी निवेश योजनाओं में निवेश करने के लिए आग्रह करने से पहले लक्ष्य यानी निवेशकों के साथ निकटता बनाने में अपराधी महीनों लगाते हैं और उसके बाद ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। पिछले साल ऐसी योजनाओं से सिंगापुर में निवेशकों को 19.09 करोड़ सिंगापुर डॉलर का नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा 2019 में 3.69 करोड़ डॉलर से पांच गुना अधिक है।

सिंगापुर के युवाओं ने खो दिए हैं 10.7 मिलियन

सिंगापुर में हर साल होने वाली ‘पिग बूचरिंग’ घोटालों की संख्या का कोई आधिकारिक डेटा नहीं है, लेकिन गैर-लाभकारी ग्लोबल एंटी-स्कैम ऑर्गनाइजेशन (जीएएसओ) का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि 30-40 आयु वर्ग के पेशेवरों ने एसजीडी 10.7 मिलियन खो दिए हैं। इन पीड़ितों में लगभग 70 प्रतिशत 25 से क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है 40 आयु वर्ग की महिलाएं थी। 90 प्रतिशत से ज्यादा पीड़ित उच्च शिक्षित थे। ध्यान देने वाली बात है कि GASO ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिग बूचरिंग घोटालों के अधिकांश पीड़ितों ने अपना बचत खाता खाली कर दिया था और कई तो कर्ज में डूब गए थे। निवेश घोटालों से निपटने के लिए, सिंगापुर के अधिकारी संभावित पीड़ितों को लक्षित SMA सलाह भेजकर उनकी पहचान करने और उन्हें चेतावनी देने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं।

क्रिप्टो के धोखाधड़ी से बचने के लिए सिंगापुर को भारत से सीखना चाहिए। आपको बता दें कि RBI ने देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में वर्ष 2018 में एक अधिसूचना जारी की थी। जिसके बाद मोदी सरकार ने फरवरी 2021 में बजट सत्र के दौरान ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश किया था, ताकि आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है किया जा सके। हालांकि, मोदी सरकार ने इस पर पूरी प्रतिबंध नहीं लगाया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अब भारत की अपनी डिजिटल करेंसी की घोषणा के बाद निजी क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने हेतु प्रस्ताव भी पारित किए जा सकते हैं।

SC ने क्रिप्टोकरेंसी से हटाया बैन, अब सभी बैंक Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन कर सकते हैं शुरू

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय दिया और इसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे। यानी अब देश के सभी बैंक बिटकॉइंस जैसी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन शुरू कर सकते हैं। बता दें कि आरबीआई ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को बैन दिया था।

5 अप्रैल, 2018 को आरबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि क्रिप्टो मुद्राओं और क्रिप्टो परिसंपत्तियों के रूप में इसे संदर्भित किया गया है, जो उपभोक्ता संरक्षण, बाजार की अखंडता और मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देता है। आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने के लिए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

रेटिंग: 4.80
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 751
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *