चरण निर्देश

अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें

अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें
आपके पास जादू की छड़ी नहीं है इसलिए व्यापार करना पैसे कमाने का आसान तरीका नहीं है

CM Kaushalya Yojana: मुख्यमंत्री कौशल्या योजना क्या है, कैसे लें लाभ जानें पूरी प्रक्रिया

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के माध्यम से महिलाओं को मुफ्त में रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को उनकी योग्यता अनुसार प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना एवं स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है।

CM Kaushalya Yojana: मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के माध्यम से महिलाओं को मुफ्त में रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को उनकी योग्यता अनुसार प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना एवं स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। जिससे उन्हें अपना मनपसंद रोजगार स्थापित करने में मदद मिलती है। प्रशिक्षण पाने के बाद वह पूरी तरह हुनरमंद हो जाती हैं जिससे वे बेहिचक अपना रोजगार स्थापित कर सकती हैं। इसके साथ ही प्रशिक्षण के बाद उत्तीर्ण होने पर कम से कम माह के अंदर रोजगार उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना की पात्रता

CM Kaushalya Yojana Eligibility: मुख्यमंत्री कौशल्या योजना का लाभ वही कामगार महिलाएं ले सकती हैं जिनके पास कौशल का कोई प्रमाण पत्र नहीं है। किसी कारणवश माध्यमिक शिक्षा पूरी करने में असमर्थ महिलाएं, नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों की महिलाएं इसके तहत प्रशिक्षण ले सकती हैं। वहीं वह महिलाएं भी इसमें शामिल हैं जो अपने कौशल का विकास करना चाहती हों। 15 वर्ष से कम आयु की महिलाएं इसके लिए पात्र नहीं हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क एनएसक्यूएफ के मापदंड के अनुसार न्यूनतम शैक्षिक होना अनिवार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के लिए दस्तावेज

CM Kaushalya Yojana Documents : इस योजना का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थी के पास आवश्यक दस्तावेज भी होने चाहिए। जिसमें महिला का आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, परिवार के आय का प्रमाण पत्र, शिक्षा का प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र शामिल अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें है। इसके साथ दिव्यांगजन यदि इसका लाभ लेना चाहते हैं तो उनके पास दिव्यांग प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के ट्रेड

CM Kaushalya Yojana Trade: योजना के तहत महिलाओं को विभिन्न ट्रेडों में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें डोमेस्टिक वर्क्स, कांस्ट्रक्शन, कैपिटल गुड्स, अपैरल, मेड अप्स एण्ड होम फर्निशिंग, ऑटोमेटिव, ब्यूटी एण्ड वैलनेस, हेल्थ केयर, बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज एण्ड इंश्योरेंस, टूरिज्म एण्ड हॉस्पिटैलिटी, सेचुर्टी, आईटी एण्ड आईटीएस, रिटेल सर्विस सेक्टर, इलेक्ट्रानिक एण्ड हार्डवयर, फूड प्रोसेसिंग शामिल हैं।

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के लिए आवेदन कैसे करें

CM Kaushalya Yojana How to Apply: कौशल्या योजना में पंजीकरण के लिए मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास और रोजगार जेनरेशन बोर्ड की वेबसाइट पर जाना होगा। दिए गए विकल्प पर अभ्यर्थी को क्लिक करना होगा। जिसके बाद कैंडिडेट रजिस्ट्रेशन फार्म खुल जाएगा। फार्म में आधार नंबर लिखकर उसके बाद सभी जानकारियां भरने के बाद सबमिट पर क्लिक करें। जिसके बाद योजना में आपके पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। आगे की समस्त जानकारी भरे गए ई-मेल आईडी पर प्राप्त होगी।

CM Kaushalya Yojana: मुख्यमंत्री कौशल्या योजना क्या है, कैसे लें लाभ जानें पूरी प्रक्रिया

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के माध्यम से महिलाओं को मुफ्त में रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को उनकी योग्यता अनुसार प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना एवं स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है।

CM Kaushalya Yojana: मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के माध्यम से महिलाओं को मुफ्त में रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को उनकी योग्यता अनुसार प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना एवं स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। जिससे उन्हें अपना मनपसंद रोजगार स्थापित करने में मदद मिलती है। प्रशिक्षण पाने के बाद वह पूरी तरह हुनरमंद हो जाती हैं जिससे वे बेहिचक अपना रोजगार स्थापित कर सकती हैं। इसके साथ ही प्रशिक्षण के बाद उत्तीर्ण होने पर कम से कम माह के अंदर रोजगार उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना की पात्रता

CM Kaushalya Yojana Eligibility: मुख्यमंत्री कौशल्या योजना का लाभ वही कामगार महिलाएं ले सकती हैं जिनके पास कौशल का कोई प्रमाण पत्र नहीं है। किसी कारणवश माध्यमिक शिक्षा पूरी करने में असमर्थ महिलाएं, नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों की महिलाएं इसके तहत प्रशिक्षण ले सकती हैं। वहीं वह महिलाएं भी इसमें शामिल हैं जो अपने कौशल का विकास करना चाहती हों। 15 वर्ष से कम आयु की महिलाएं इसके लिए पात्र नहीं हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क एनएसक्यूएफ के मापदंड के अनुसार न्यूनतम शैक्षिक होना अनिवार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के लिए दस्तावेज

CM Kaushalya Yojana Documents : इस योजना का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थी के पास आवश्यक दस्तावेज भी होने चाहिए। जिसमें महिला का आधार कार्ड, अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें निवास प्रमाण पत्र, परिवार के आय का प्रमाण पत्र, शिक्षा का प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र शामिल है। इसके साथ दिव्यांगजन यदि इसका लाभ लेना चाहते हैं तो उनके पास दिव्यांग प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के ट्रेड

CM Kaushalya Yojana Trade: योजना के तहत महिलाओं को विभिन्न ट्रेडों में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें डोमेस्टिक वर्क्स, कांस्ट्रक्शन, कैपिटल गुड्स, अपैरल, मेड अप्स एण्ड होम फर्निशिंग, ऑटोमेटिव, ब्यूटी एण्ड वैलनेस, हेल्थ केयर, बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज एण्ड इंश्योरेंस, टूरिज्म एण्ड हॉस्पिटैलिटी, सेचुर्टी, आईटी एण्ड आईटीएस, रिटेल सर्विस सेक्टर, इलेक्ट्रानिक एण्ड हार्डवयर, फूड प्रोसेसिंग शामिल हैं।

मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के लिए आवेदन कैसे करें

CM Kaushalya Yojana How to Apply: कौशल्या योजना में पंजीकरण के लिए मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास और रोजगार जेनरेशन बोर्ड की वेबसाइट पर जाना होगा। दिए गए विकल्प पर अभ्यर्थी को क्लिक करना होगा। जिसके बाद कैंडिडेट रजिस्ट्रेशन फार्म खुल जाएगा। फार्म में आधार नंबर लिखकर उसके बाद सभी जानकारियां भरने के बाद सबमिट पर क्लिक करें। जिसके बाद योजना में आपके पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। आगे की समस्त जानकारी भरे गए ई-मेल आईडी पर प्राप्त होगी।

'अग्निपथ' योजना के लिए पूर्व वरिष्ठ सेना अधिकारी के 5 सुझाव

एक राष्ट्र को अपने फौज के कर्मियों के साथ कभी समझौता नहीं करना चाहिए. आखिर ये फौजी ही सशस्त्र बलों की रीढ़ होते हैं. इस तरह की धारणा को रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उन्हें अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें राजकोष पर बोझ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि कच्चे हीरे के रूप में देखा जाए.

रक्षा मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही 'अग्निपथ' (या "टूर ऑफ़ ड्यूटी") योजना की घोषणा की. इसके अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जअपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें ानें तहत भारतीय सशस्त्र बलों में भविष्य की भर्ती की एक रूपरेखा भी तय की गई. ये एक आमूलचूल परिवर्तन है कि युवाओं को कैसे सशस्त्र बलों में एक सैनिक, नाविक और वायुसैनिक के रूप में शामिल किया जाएगा.

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रक्षा मंत्री की मौजूदगी में तीनों सेना प्रमुखों द्वारा एक व्यापक प्रेस वार्ता में ये जानकारी दी गई कि नई नीति में युवाओं को शामिल किया गया है और फौजी वर्दी में चार साल का अल्प रोजगार 21 वर्ष तक के युवाओं को मिलेगा. गौरतलब है कि पहले 15 साल (या अधिक) की लंबी अवधि की प्रतिबद्धता सरकार की तरफ से होती थी.

इन चार वर्षों में से उनका प्रशिक्षण केवल छह महीने के लिए होगा. बचे हुए समय में आवश्यकतानुसार उनकी तैनाती होगी और ऑपरेशन की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण कार्यों के लिए भी उन्हें भेजा जा सकता है. इस नीति को बनाने वालों ने सोचा कि एक आकर्षक वेतन, विशेष भत्ते, नौकरी छोड़ने पर एक पैकेज, किसी भी ग्रेच्युटी या पेंशन के बिना देशभक्त युवाओं को राष्ट्र की सेवा करने का अवसर मिलेगा. इतना ही नहीं, भविष्य में संभावित रोजगार के लिए क्रेडिट अर्जित करने का मौका मिलेगा साथ ही सशस्त्र बलों में अधिक से अधिक युवाओं की संख्या होगी.

इस साहसिक ( कुछ लोगों के मुताबिक विवादास्पद) नई योजना को सशस्त्र बलों में सेवा देने के लिए एकमात्र भविष्य का जरिया बनाया गया है. लेकिन इसे उन लोगों ने ही स्वीकार नहीं किया जिनके लिए इसको बनाया गया था क्योंकि उन्होंने कई जगहों पर दंगे और आगजनी की है.

कई लोगों के मन में (यहां तक कि मुखर आर्मी वेटरेन समुदाय भी) कई सवाल उठ रहे हैं. खास तौर से यह कि एक सिस्टम जो काफी अरसे से जारी है उसके साथ छेड़छाड़ क्यूं की जा रही है. इसी चल रही सिस्टम के बदौलत नौजवानों को शामिल किया जाता रहा है, उन्हें आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें दे आकार दी जाती है और उनकी सेवा और विशेषज्ञता का उपयोग ज्यादा से ज्यादा समय के लिए की जाती है. दुनिया में सबसे बड़ी स्वयंसेवी सेना भारत के पास है जिन्हें बढ़े हुए वेतन और पेंशन बिल का भुगतान करना होता है. बहरहाल, चारों तरफ लोगों की बढ़ती आमदनी को देखकर ये कहा जा सकता है कि रक्षा बजट के पूंजी पक्ष का लगातार क्षरण हो रहा है. ऐसा लगता है कि अग्निपथ योजना को विकसित करने में यह मुख्य उत्प्रेरक रहा है. अन्य लाभों के साथ इसे जोड़ा गया ताकि सभी के लिए यह एक विन-विन (जीत) की स्थिति की तरह दिखे.

लेकिन प्रक्रिया मायने रखती है. सशस्त्र बल अपनी इकाइयों, स्क्वाड्रनों और अग्रिम पंक्ति के जहाजों के लिए मानव संसाधन प्रतिभा को चुनते हैं, प्रशिक्षित करते हैं और फिर शामिल करते हैं. यह एक महत्वपूर्ण घटक है कि ये शांति और युद्ध में कितना अच्छा प्रदर्शन करते हैं. अभी तक इस क्षेत्र में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है. तो अब यूनिट एकजुटता और दल भावना (विशेष रूप से सेना के लिए) के आधार को बदलने की आखिर कौन सी ऐसी जरूरत आ पड़ी कि नई नीति से तीनों सेवाओं में युवा प्रशिक्षित रंगरूटों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी. गौरतलब है कि भविष्य के युद्धों को जीतने के लिए एक ऐसी दिशा में हम बढ़ रहे हैं जब तीनों सेवाओं के परिष्कृत सिस्टम के संचालन के लिए अधिक विशेषज्ञता और तकनीकी कौशल की मांग होती है. हां, हमारी सुरक्षा चिंताओं के समाधान के लिए मोटिवेटेड और सुसज्जित फौजियों की आवश्यकता बनी रहेगी. और फिर भी सैनिक के साथ राष्ट्र के अनुबंध की प्रकृति को बदलने के लिए अगर हमने एक साहसिक कदम उठा ही लिया है तो हमें सेना के भीतर सुधार के पूरे मुद्दे को और अधिक समग्र रूप से देखना चाहिए. 21वीं सदी की सेना तैयार करने के लिए जो भी सुधारात्मक कदम उठाए जाए उनमें मानव संसाधन नीतियों में परिवर्तन एक आवश्यक कदम तो है लेकिन उसकी जरूरत सबसे अंत में होती है. Department of Military Affairs (सैन्य मामलों के विभाग) के साथ सीडीएस या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद बनाना एक शीर्ष स्तर का सुधार है जिससे अब तक हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों की स्पष्ट घोषणा होनी चाहिए थी जिससे सशस्त्र बलों के भविष्य के मिशनों का प्रवाह तय होता. सशस्त्र बलों की संरचना और उन्हें विभिन्न योजनाओं से लैस करना और इसके लिए उन्हें बजटीय सहायता देना तो आवश्यक कदम है ही. अंत में , मानव संसाधन नीति को एक सही समयावधि के लिए एक सही पुरुष / महिला के चुनाव करने की जरूरत है.

लेकिन अब जब सरकार ने सैन्य भर्ती के लिए एक नई नीति की घोषणा की है तो इसे लागू करने में शामिल सभी लोगों को मिलकर मसौदे का फाइन प्रिंट तैयार करना चाहिए. और फिर कुछ सिफारिशों पर विचार करना सार्थक होगा. इस बात का एक अच्छा संकेत है कि जो सत्ता में हैं उन्होंने नौजवानों को एकमुश्त आयु छूट दी है जिन्हें महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में भर्ती के लिए उपस्थित होने का मौका नहीं मिला है. सुझावों की सूची बहुत विस्तृत नहीं है, फिर भी इसमें नई नीति में कई दुखदायी बिंदुओं को संबोधित करने की कोशिश की गई है.

सबसे पहले नए रंगरूटों के लिए अनुबंध की अवधि चार साल से अधिक कर देनी चाहिए. ग्रेच्युटी आदि का भुगतान न करने का मुद्दा एक तरह से वैसा ही है जैसे हम किसी व्यक्ति को जीवन या अंग के संभावित नुकसान के लिए प्रतिबद्ध होने को तो कहें लेकिन सेवा करने की उसकी इच्छा के लिए उन्हें पर्याप्त रूप से क्षतिपूर्ति नहीं दें.

दूसरा, संविदा अवधि के अंत में महज 25 प्रतिशत को भर्ती करने पर फिर से विचार करना चाहिए. आदर्श रूप से यह माना जाता है कि लंबी अवधि के पदों के लिए करीबन 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को वापस फौज में रिटेन करना चाहिए. लेकिन 25 प्रतिशत से अधिक नौजवानों के पुन: भर्ती को सुनिश्चित करने के और तरीके और साधन हैं. इसके लिए चुनिंदा ट्रेडों या मिशन व्यवसाय की पहचान करनी होगी जिन्हें लंबी सेवा की आवश्यकता होती है. इस नियम को सीधे लागू करने अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें से बचा जाना चाहिए.

तीसरा, अपनी छोटी सेवा के बाद नौकरी छोड़ने वालों के लिए सरकार को चाहिए कि सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल), राज्यों के पुलिस बलों और अन्य संगठनों से एक बाध्यकारी करार प्राप्त करें कि वे इन प्रशिक्षित सैन्य जनशक्ति को अपने यहां शामिल करने के लिए तैयार हैं.

चौथा, कम संख्या के साथ मौजूदा नियमित नामांकन जारी रखना चाहिए. पांच से दस वर्षों के बाद जब एक बार स्थिर हो जाए तो धीरे-धीरे टूर ऑफ ड्यूटी में स्थानांतरित हो जाएं.

अंत में, अगर हम दूसरे सिफारिशों को स्वीकार करते हैं तो पेंशन भुगतान के बोझ को कम करने के लिए नए रंगरूटों को अंशदायी पेंशन योजना के तहत भी रखा जा सकता है.

एक राष्ट्र को अपने फौज के कर्मियों के साथ कभी समझौता नहीं करना चाहिए. आखिर ये फौजी ही सशस्त्र बलों की रीढ़ होते हैं. इस तरह की धारणा को रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उन्हें राजकोष पर बोझ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि कच्चे हीरे के रूप में देखा जाए. उनकी अधिकतम क्षमताओं को तराशा और पॉलिश किया जाए और फिर राष्ट्र की रक्षा में तैनात किया जाए. एक हीरा हमेशा के लिए हीरा ही होता है. वर्दी में हमारे भविष्य के पुरुष और महिलाएं भी राष्ट्र और अपने जीवन की बेहतरी के लिए अपनी अधिकतम सेवा दे सकते हैं.

(मेजर जनरल बीएस धनोआ 36 साल से अधिक के अनुभव के साथ एक सेवानिवृत्त आर्मर्ड कॉर्प्स अधिकारी हैं. उन्हें युद्ध और युद्ध के संचालन से संबंधित मुद्दों में काफी रूचि रहता है)

आचार संहिता का नियम बताने वाले ही कर रहे हैं उल्लंघन, जिला पंचायत पर अब भी लगे हैं पीएम के पॉम्पलेट

CGNews

धमतरी. जिले में दूसरों को आचार संहिता का नियम बताने वाले अधिकारी ही स्वयं इसका उल्लंघन कर रहे हैं। अभी भी जिला पंचायत समेत अन्य जगहों पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पाम्पलेट और होडिंग्स लगे हुए हैं, जिसे हटाने के लिए अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जिले में 6 अक्टूबर से आचार संहिता लागू कर दी गई है। अब कोई भी शासकीय आयोजन होगा और न ही शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके अलावा शासकीय कार्यालयों में राजनैतिक पार्टियां बेनर, पोस्टर, दीवाल में लेखन नहीं कर सकते।

मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री समेत अन्य जनप्रतिनिधियों का फोटो भी शासकीय कार्यों में नहीं लगाना है। ऐसा पाए जाने पर आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। इसके लिए निर्वाचन विभाग द्वारा लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

आचार संहिता लागू होने के साथ ही सभी विभागों के अधिकारियों को अपने दफ्तरों से केन्द्र और राज्य सरकार में शामिल मंत्रियों के फोटो को हटाने का निर्देश दिया गया था, जिसका अब तक कुछ अधिकारियों ने पालन नहीं किया है।

भखारा में शिकायत
भखारा में नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष भरत नाहर ने एसडीएम से मिलकर केबिनेट मंत्री अजय चंद्राकर के पोस्टर को हटाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि आचार संहिता लगने के बावजूद भी उनके पोस्टरों को हटाने का साहस अधिकारी नहीं कर पा रहे। इसे लेकर कांग्रेसियों में रोष है। कांग्रेस नेता विनोद साहू ने बताया कि अधिकारियों को ईमानदारी के साथ बिना किसी भय के आचार संहिता का पालन करना चाहिए।

यहां लगे हैं होर्डिंग्स
जनपद कार्यालय के सामने कलक्ट्रेट मोड़ पर लाइवलीहुड कालेज का बड़ा सा होर्डिंग्स लगा हुआ है। इसमें कालेज में संचालित ट्रेडों के संबंध में जानकारी दी गई है। इसके अलावा होर्डिंग्स में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का फोटो भी है।

जिला पंचायत के पोर्च में रोजगार मेला का पाम्पलेट लगा हुआ है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सांसद चंदूलाल साहू का फोटो भी छपा है। यहां से दिनभर अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। इसके बाद भी इसे हटाया नहीं जा रहा है।

आज के लिए बहुत है। आपको Olymp Trade में ट्रेडिंग कब बंद कर देनी चाहिए?

आज के लिए बहुत है। आपको Olymp Trade में ट्रेडिंग कब बंद कर देनी चाहिए?

आपने शायद शीघ्र ही अपने खाते में हजारों डॉलर के बारे में सोचते हुए व्यापार व्यवसाय शुरू कर दिया है। आप एक अच्छे लेन-देन की उम्मीद करते अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें हैं जो आपके लिए तेजी से और आसानी से धन लाएगा। और यह कि आप एक छोटी पूंजी को भाग्य में गुणा कर सकते हैं।

ठीक है, अगर ये आपके कुछ विचार हैं, तो यह बिल्कुल ठीक है। लेकिन सिर्फ घाटे की भरपाई के लिए या एक ही दिन में उच्च लाभ कमाने के लिए कई लेन-देन खोलने के चक्कर में न पड़ें। यह अक्सर एक गलती है जो न केवल नौसिखिए करते हैं। पेशेवर कभी-कभी इसे भी बनाते हैं।

ऐसे फैसलों के पीछे भावनाएं होती हैं। भावनाएं आपको बार-बार बाजार में प्रवेश करने के लिए कहती हैं, भले ही आपको पता हो कि स्थिति काफी अनुकूल नहीं है। तो सवाल यह है कि आज के लिए ट्रेडिंग बंद करने का सही समय कब है?

आज के लिए बहुत है। व्यापार में मनोविज्ञान

कंप्यूटर के सामने लंबा समय बिताना अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें थका देने वाला हो सकता है। कीमतों के उतार-चढ़ाव की निगरानी करना, संकेतकों से संकेतों की प्रतीक्षा करना और अपने स्वयं के ट्रेडों का पालन करना बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। और जब आप थके हुए होते हैं तो आप स्पष्ट रूप से सोच नहीं पाते हैं। इसलिए आपको यह कहने का हुनर ​​सीखना चाहिए कि आज के लिए इतना ही काफी है।

आज के लिए बहुत है। आपको Olymp Trade में ट्रेडिंग कब बंद कर देनी चाहिए?

बहुत अधिक खोने से निराशा होती है

व्यापार में भावनाएँ

जब आप केवल उच्च लाभ प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन आप एक के बाद एक नुकसान का अनुभव करते हैं, तो आप निराशा, भय और चिंता महसूस कर सकते हैं। लेकिन ये भावनाएँ बुरे सलाहकार हैं। उसी तरह लालच, अति आत्मविश्वास, हठ या उत्तेजना आपके प्रदर्शन के लिए अच्छा नहीं होगा।

आपको सबसे पहले खुद को समझना चाहिए। अपनी प्रतिक्रियाओं, अपने मजबूत और कमजोर पक्षों को जानें। इससे आपको किसी तरह के नुकसान से बचने में मदद मिलेगी।

आज के लिए बहुत है। आपको Olymp Trade में ट्रेडिंग कब बंद कर देनी चाहिए?

आपके पास जादू की छड़ी नहीं है इसलिए व्यापार करना पैसे कमाने का आसान तरीका नहीं है

एक ट्रेडिंग योजना बनाएं

एक जादू की छड़ी की तरह एक ही दिन में आपके पास भाग्य नहीं आएगा। आपको एक ठोस व्यापार योजना बनाने और इसके माध्यम से काम करने की जरूरत है। आपको लालच को एक तरफ रखकर धीमी प्रगति के लिए तैयार रहने की जरूरत है। योजना को रास्ते में समायोजित करें। केवल जीतने वाले लेन-देन करना संभव नहीं है।

लेन-देन समाप्त होने पर आप क्या करेंगे? क्या आप लंबे समय तक इस पर विचार करेंगे या आप सबक सीखेंगे और जांचेंगे कि क्या गलत हुआ?

एक सफल व्यापारी खोए हुए ट्रेडों का लाभ उठाता है। वह उनका विश्लेषण करता है और अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें भविष्य के लिए रणनीति में सुधार करता है। इस तथ्य को स्वीकार करें कि नुकसान होगा। उनसे कुछ सीखें और आगे बढ़ते रहें।

ओवरट्रेड न करें

जैसा कि मैंने पहले ही उल्लेख किया है, आपको अपने जीतने वाले ट्रेडों से कैसे जानें एक अच्छी ट्रेडिंग योजना विकसित करनी चाहिए। आपको पूरे दिन अपनी डेस्क के सामने नहीं बैठना है। आपको एक सत्र में बहुत अधिक लेन-देन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है।

जब जीतने की संभावना अधिक हो तो पोजीशन खोलना अधिक महत्वपूर्ण है। और एक अच्छी योजना के साथ, केवल कुछ लेन-देन ओवरट्रेडिंग से बेहतर परिणाम ला सकते हैं।

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लालच आपको अमीर नहीं बनाएगा

ट्रेडिंग एडिक्ट न बनें

लत भावनाओं से तय होती है। या तो आप यह देखना चाहते हैं कि आपके खाते में पैसा कैसे बढ़ता है, या आपको नुकसान की तुरंत भरपाई करने की आवश्यकता है। दोनों तरीकों से नियंत्रण खोने और खाते को खाली करने के अनावश्यक जोखिम के लिए खुद को उजागर करने का कारण बन सकता है।

इसलिए जब आपके हाथ में कोई योजना हो, और इसके लिए आवश्यक हो कि आप प्रतिदिन केवल 2 घंटे बाजार में बिताएं, तो उस पर टिके रहें। समय समाप्त होने पर रुक जाएं और अगले सत्र के लिए छोड़ दें।

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ट्रेडिंग की लत न लगाएं

अंतिम शब्द

व्यापारिक व्यवसाय की बात आने पर स्वयं को जानना महत्वपूर्ण है। आप अपनी ताकत के साथ-साथ अपनी कमजोरियों का भी अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकते हैं।

भावनाओं को काबू में रखें। जब आपको लगे कि आपकी एकाग्रता खत्म हो रही है तो ट्रेड न करें।

एक ट्रेडिंग योजना विकसित करें और उसका पालन करें। उसके अनुसार व्यापार करना बंद करो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप जीतते हैं या हारते हैं। कल एक और दिन है।

ओलम्पिक ट्रेड की पेशकश में मौजूद अद्भुत विशेषताओं का उपयोग करें। इसे फ्री डेमो अकाउंट कहा जाता है और वर्चुअल कैश से रिचार्ज किया जा सकता है। वहां एक नया दृष्टिकोण आज़माएं, अपनी रणनीति का परीक्षण करें, और लाइव ओलंपिक व्यापार खाते में जाने से पहले संकेतकों को अच्छी तरह से जान लें।

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