कौन सा विकल्प ट्रेडिंग सबसे अच्छा है?

जाने शेयर मार्केट का सबसे अच्छा ऐप कौनसा है? ( With All Hidden Charges )
जब भी हम शेअर बाजार मे सुरुआत करते तब हमारे सामने कुछ बुनियादी सवाल होते है। उन मे से एक सवाल हमारे मन मे यह भी होता है के ; शेयर मार्केट का सबसे अच्छा ऐप कौनसा है ? किस अप्प से सुरुआत करे ? ऐसे मे जब हमारे सामने UPSTOX , ज़ेरोधा , Angel One, 5paisa और भी बहोत सारे विकल्प हो तब सबसे बढिया अप्प चुनना भी एक चुनौति हि है ।
इस पोस्ट मे हम उन स भी बातो को जानने कि कोशिस करेंगे ; 👍 के सबसे बढीया शेयर मार्केट एप कैसे चुने ? जब भी हम निवेश और ट्रेडिंग के लिय़े कोइ अप्प चुनते है तो उसमे कौनसी खुबी होनी चाहिए ? तो बने रहिये हमारे साथ ताकि आप भी उन सभि पहलुओको समझ ले ; जिससे आप खुद चुन सके शेअर मार्केट मे सबसे अच्छा अप्प ।
दोस्तों , वैसे तो सभी शेअर बाजार अप्प एक ही काम करते हैं। सभी का काम करने का मूलभूत तरीका एक जैसा ही होता हैं। पर फिर भी कुछ बाते ऐसी है , जिनके ऊपर से हम अपने लिये सर्वश्रेष्ठ डीमैट या ट्रेडिंग अकॉउंट का चयन कर सकते हैं । तो जानते शेयर मार्केट का सबसे अच्छा ऐप कौनसा है ?
🎯 जाने शेयर मार्केट का सबसे अच्छा ऐप कौनसा है ? और क्यो है ?
भारत के सबसे अच्छा ट्रेडिंग एप्प मे UPSTOX सुचि मे सर्वश्रेष्ठ है । यह अप्प पुर्ण रुप से विश्वशनिय है । UPSTOX दो तरह के old and new version मे उपलब्ध है । यह दोनो हि version; investing and trading के लिहाज से बहोत हि सरल है । अब हम इस बात को जानते है ऐसी कौनसी खुबी है जो UPSTOX को शेयर मार्केट का सबसे अच्छा ऐप बनाती है ।
Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स
Stock Market Trading Courses: यहां जानें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर विकल्प क्या हैं और आप इसमें किन योग्यताओं के साथ जॉब कर सकते हैं।
Image credit: freepik
हाइलाइट्स
- स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
- जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
- इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
- आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
- करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
- आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
- आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
- आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
- स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
- फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
- इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
- पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
- रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
- ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
- फाइनांशियल एनालिस्ट (Financial Analyst)
- इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
- मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
- एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
- इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)
- एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
- स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
- आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
- लगातार सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने कौन सा विकल्प ट्रेडिंग सबसे अच्छा है? के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
- हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
- ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
- ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
- अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
- माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
- डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।
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इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
MetaTrader: ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के कार्य सिद्धांत
B2Trader, cTrader, OneZero, PrimeXM, और दसियों अन्य समाधान - फ़ोरेक्ष ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ रही है, और डेवलपर्स अपने ग्राहकों को अनुभव और नवाचारों का एक संयोजन प्रदान करते हैं। इस बीच, फ़ोरेक्ष ब्रोकर के बीच मेटा ट्रेडर उत्पादों की सबसे अधिक मांग है। आंकड़े बताते हैं कि सभी ब्रोकरेज व्यवसायों में से लगभग 54% 4 वें और 5 वें MT संस्करणों का उपयोग करते हैं। इतनी अधिक मांग का मुख्य कारण क्या है?
डेवलपर की पृष्ठभूमि में गोता लगाएँ
MetaQuotes Software Corp. 2000 में अस्तित्व में आया, जो FX ट्रेडिंग के लिए जटिल समाधान पेश करता है। मेटाट्रेडर 4, 2005 में जारी किया गया, कंपनी का चौथा उत्पाद है, और इस तरह का एक मंच निगम का हेडलाइनर बन गया था, जो ब्रोकर और व्यापारियों दोनों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा था। तब से, MT4 को सुरक्षित और अप-टू-डेट आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए कई अपडेट जारी किए गए हैं।
अगला प्लेटफ़ॉर्म संस्करण, मेटाट्रेडर 5, 2010 में प्रकाश में आया, और प्रतीक्षित समाधान ने फ़ोरेक्ष और स्टॉक इंस्ट्रूमेंट्स दोनों का व्यापार करना संभव बना दिया। हालांकि MT5 को उपयोगी अपडेट और बिल्कुल नई सुविधाओं का एक सेट मिला है, मेटाट्रेडर का चौथा संस्करण अभी भी ब्रोकरेज कंपनियों के बीच सबसे व्यापक मंच है।
मेटा ट्रेडर ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
मेटाट्रेडर प्लेटफॉर्म की अविश्वसनीय लोकप्रियता को दो मुख्य कारकों द्वारा समझाया गया है: वे उत्पाद अंतिम कार्यक्षमता के साथ सुविधा को जोड़ते हैं। MT ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के सबसे उल्लेखनीय कार्य क्या हैं?
विविध रणनीतियों से मेल खाने के लिए शक्तिशाली ट्रेडिंग सिस्टम
MT प्लेटफार्मों में बाजार और लंबित ऑर्डर, स्टॉप-लॉस और टेक-प्रॉफिट इंस्ट्रूमेंट्स, इंस्टेंट एक्ज़ीक्यूशन विकल्प आदि सहित व्यापारिक उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। व्यापारी विभिन्न जटिलताओं की रणनीतियों को लागू करने के लिए एक लचीली ट्रेडिंग प्रणाली का उपयोग करते हैं।
हाई-एंड एनालिटिक्स
पेशेवर व्यापारी समझते हैं कि उन्नत विश्लेषण आधी सफलता है। मेटा ट्रेडर प्लेटफॉर्म में एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंट्स, टेक्निकल इंडिकेटर्स, इंटरेक्टिव चार्ट्स और अलग-अलग टाइमफ्रेम हैं, जो यूजर्स को प्राइस मूवमेंट की भविष्यवाणी करने के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करते हैं।
विभिन्न ट्रेडिंग विकल्पों के साथ संगतता
नवागंतुक व्यापारी अक्सर फ़ोरेक्ष बाजार से डरते हैं, भारी नुकसान के बारे में कई कहानियों से प्रभावित होते हैं। MT प्लेटफॉर्म शुरुआती लोगों को सफल ट्रेडों की प्रतिलिपि बनाने और लाभ प्राप्त करने के लिए ट्रेडिंग सिग्नल के प्रदाताओं से निपटने के लिए सशक्त बनाता है।
मोबाइल उपकरणों के साथ संगतता
MT4 और MT5 दोनों प्लेटफॉर्म Android- और iOS-आधारित स्मार्टफोन के साथ संगत हैं। उपयोगकर्ताओं को ट्रेडिंग ऑर्डर और उन्नत विश्लेषणात्मक उपकरणों तक पूर्ण पहुंच प्राप्त होती है।
इनबिल्ट मेटा ट्रेडर मार्केट
ट्रेडर के लिए ट्रेडिंग रोबोट्स, विजेट्स और तकनीकी संकेतकों का अनूठा स्टोर उपलब्ध है। खरीद प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित है। सशुल्क सुविधाओं के शीर्ष पर, कुछ निःशुल्क उत्पाद और वाणिज्यिक समाधान हैं।
मेटाट्रेडर: यह कैसे काम करता है और कौन सा संस्करण आपकी अपेक्षाओं से मेल खाता है?
निगम ब्रोकर और व्यापारियों के लिए दो संभावित समाधान प्रदान करता है, और व्यापार मालिकों को एक दुविधा को हल करने की आवश्यकता होती है कि कौन सा संस्करण लागू करने के लिए सबसे अच्छा है। एक ओर, MT4 सबसे लोकप्रिय समाधान है जिसकी लागत कम है, लेकिन MT5 विभिन्न वित्तीय साधनों के साथ संगत अगला स्तर का प्लेटफॉर्म है। प्रमुख कार्यात्मक अंतर क्या हैं?
प्रोग्रामिंग भाषाएँ: MQL4 और MQL5। मेटाट्रेडर के 5वें संस्करण में यह समझने के लिए एक उन्नत परीक्षण प्रणाली है कि सलाहकार कितने उपयोगी हैं।
समय सीमा। MT5 में 21 टाइमफ्रेम शामिल हैं (चौथे संस्करण द्वारा पेश किए गए 9 टाइमफ्रेम की तुलना में)।
विश्लेषणात्मक संकेतक। MT5 में 38 इनबिल्ट इंडिकेटर्स (MT4 में 30 टूल्स हैं) शामिल हैं और मेटाएडिटर के माध्यम से एक ट्रेडर को एडवाइजर्स और इंडिकेटर बनाने का अधिकार देता है।
ऑर्डर के प्रकार। MT5 नई बाय स्टॉप लिमिट और सेल स्टॉप लिमिट ऑर्डर जोड़ता है।
बाजार। MT4 फ़ोरेक्ष बाजार के लिए असाधारण रूप से डिजाइन किया गया एक मंच है, जबकि 5वां संस्करण कई बाजारों के अनुकूल है।
मेटाट्रेडर: क्रिप्टो बाजार में इसका उपयोग कैसे करें?
डिजिटल मुद्राओं की लोकप्रियता गति पकड़ रही है; यही कारण है कि नवागंतुक निवेशक बाजार में प्रभावी ढंग से प्रवेश करने के अवसरों की तलाश में हैं। MT प्लेटफॉर्म क्रिप्टो बाजार के अनुकूल हैं; इस बीच, शुरुआती निवेशकों को प्रमुख अंतरों को समझने की जरूरत है।
मेटा ट्रेडर क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ब्रोकर द्वारा कार्यान्वित किए जाते हैं, और व्यापारी क्रिप्टोकरेंसी खरीदते या बेचते नहीं हैं लेकिन अंतर्निहित क्रिप्टो संपत्तियों के लिए CFD अनुबंध करते हैं। यही कारण है कि एक व्यापारी धारक नहीं बनता है। इसके अलावा, व्यापारिक जोड़े की सरणी काफी सीमित है।
MT ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मार्जिन ट्रेडिंग के लिए विकसित किए गए हैं; यही कारण है कि आप स्पॉट क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए ऐसे समाधानों का उपयोग नहीं कर सकते हैं। ब्रोकर और व्यापारियों को क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए MT प्लेटफॉर्म के कार्यान्वयन के पेशेवरों और विपक्षों दोनों को समझने की जरूरत है।
मेटा ट्रेडर प्लेटफॉर्म प्राप्त करने के तरीके: लाइसेंस बनाम व्हाइट लेबल समाधान
प्रत्येक नवागंतुक ब्रोकर के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एक अनिवार्य कदम है। व्यवसाय मालिकों को कंपनी पंजीकरण और लाइसेंस प्राप्त करने के ठीक बाद आवश्यकता का सामना करना पड़ता है। मेटा ट्रेडर 4 और 5 दो सबसे अधिक मांग वाले समाधान हैं जो व्यापारियों के लिए अंतिम सुविधाओं की पेशकश करके आपके ब्रोकरेज व्यवसाय को बढ़ावा दे सकते हैं। दूसरी ओर, ऐसे समाधान काफी महंगे होते हैं, और एक नवागंतुक के लिए $100 000 - $200 000 अक्सर बहुत अधिक होते हैं।
क्या एक ट्रेडर को शीर्ष FX मार्केट प्लेटफॉर्म के बारे में भूल जाना चाहिए और कुछ सस्ता खोजना चाहिए? सौभाग्य से, शुरुआती ब्रोकर को व्हाइट लेबल MT प्लेटफॉर्म मिल सकते हैं। इसका क्या मतलब है? ब्रोकर उस कंपनी पर लागू होता है जिसने पहले ही मेटा ट्रेडर प्लेटफॉर्म खरीद लिया है और अपने लाइसेंस का उपयोग करता है। इस तरह का सहयोग मॉडल एक व्यवसाय के मालिक को अपनी खुद की ब्रांडिंग और पूरी तरह से अनुकूलित उत्पाद प्राप्त करने में सक्षम बनाता है जो ग्राहकों की मांगों को पूरा करता है।
B2Broker $२००,००० या उससे भी अधिक की बचत करने के लिए व्यापार मालिकों को व्हाइट लेबल MT4 और 5 समाधान प्रदान करता है। पारदर्शी मूल्य, कोई छिपी हुई फीस, चुने हुए प्लेटफॉर्म का पूर्ण एकीकरण और अनुकूलन, और 24/7 तकनीकी सहायता - नए ब्रोकर की भीड़ शुरुआती लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प के रूप में इस तरह का चयन करती है।
Olymp trade, Binomo जैसे बाइनरी ट्रेडिंग एप से रहिए सावधान, कमाने के बजाय डूब जाएगा पैसा
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना कौन सा विकल्प ट्रेडिंग सबसे अच्छा है? आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
फिलहाल भारत में यह एप हो रहे हैं पॉपुलर
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी कौन सा विकल्प ट्रेडिंग सबसे अच्छा है? ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।