बिटकॉइन कमाने के लिए चरण

आरबीआई के फ रमान से क्रिप्टो करेंसी के निवेशक हलाकान
बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर पेशेवर आश्रित गोविंद क्रिप्टो करेंसी के नियमित निवेशक हैं लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा क्रिप्टो करेंसी पर वित्तीय संस्थानों को दिए गए निर्देश से वे संशंकित हैं। उन्होंने कहा, 'निवेशक के तौर पर मेरे पास विकल्प है कि तीन महीने के अंदर मैं अपना निवेश निकाल लूं या गुमनाम तरीके से इसका ट्रेड करूं।' उन्होंने कहा कि आम निवेशक के लिए बिटकॉइन और अन्य डिजिटल मुद्राओं में कारोबार करना लगगभग असंभव है। 23 वर्षीय गोविंद पिछले तीन साल से क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे हैं। वह ग्राहकों से अपनी फीस क्रिप्टो करेंसी में भी स्वीकार करते रहे हैं। आरबीआई के निर्णय के बाद बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में 25 फीसदी की गिरावट आई है, जिसका असर गोविंद जैसे कई निवेशकों पर पड़ा है। बिटकॉइन एक्सचेंज बिनेक्स डॉट ट्रेड के संस्थापक विशाल गुप्ता ने कहा, 'क्रिप्टो करेंसी बाजार के नियमन के लिए सरकार ने सुभाष गर्ग समिति गठित की है। लेकिन अब आरबीआई ने तीन माह में सभी बैंकिंग लेनदेन बंद करने को कहा है। आप किसी चीज पर इस तरह से रोक नहीं लगा सकते जिसमें काफी लोगों ने निवेश किया हो। यह एक तरह से क्रिप्टो करेंसी का विमुद्रीकरण जैसा है।'
आरबीआई ने मंगलवार को कहा था वित्तीय संंस्थानों को आभासी मुद्रा में कारोबार करने या सेवाएं मुहैया कराने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। इस तरह की सेवा देने वाली इकाइयों को अगले तीन महीने से इस तरह के संबंध खत्म कर लेने चाहिए। यह निर्देश सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, भुगतान वॉलेट आदि पर लागू होंगे। भारत में 50 लाख से ज्यादा निवेशक हैं, जो बिटकॉइन और अन्य प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया है या उसमें कारोबार करते हैं। अनुमान है कि आरबीआई के निर्देश के बाद इनकी संख्या 50 फीसदी तक घट सकती है। एक्सचेंजों पर गुमनाम तरीके से ट्रेडिंग करने का विकल्प होगा लेकिन यहां तक ज्यादातर लोगों की पहुंच नहीं होगी। कुछ लोग तो अभी से अपना निवेश निकालने लगे हैं। मुंबई में निजी कंपनी के एक कर्मचारी ने एक साल पहले खरीदे गए अपने बिटकॉइन को कम कीमत पर ही गुरुवार रात बेच दिया। उन्होंने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'अगर बैंक भविष्य बिटकॉइन की बिक्री हसे मिलने वाले पैसे को मेरे खाते में ट्रांसफर नहीं करते हैं, तो मेरे पास कोई विकल्प नहीं होगा।'
हालांकि इस बीच अच्छी खबर है कि शुक्रवार को बिटकॉइन की कीमत में थोड़ी तेजी देखी गई। बिटकॉइन के एक डीलर ने बताया कि भारतीय बाजार में कम कीमत पर बिटकॉइन उपलब्ध होने से कई लोगों ने इस बाजार में प्रवेश किया है। वे विदेश में इसे बेच रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर बिटकॉइन का कारोबार 6,650 डॉलर या 4,30,000 रुपये प्रति यूनिट पर हो रहा है जबकि भारत में इसकी कीमत 3,65,000 रुपये है। भारतीय एक्सचेंजों पर रिपल, लाइटकॉइन जैसी अन्य क्रिप्टो करेंसी की कीमत भी काफी कम हो गई है।
बाययूकॉइन के सह-संस्थाापक और मुख्य कार्याधिकारी शिवम ठकराल ने कहा, 'निवेशकों को आरबीआई के निर्देश से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि बैंकों को कारोबार समेटने के लिए तीन माह का वक्त दिया गया है। जो भी अपना क्रिप्टो करेंसी बेचना चाहते हैं वे तीन माह तक भारतीय एक्सचेंजों पर बेच सकते हैं और अपना बैंक खाते में अपना पैसा प्राप्त कर सकते हैं।' अगर आप तीन माह के अंदर उसे नहीं बेचते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है। हालांकि इससे निवेश निकालना कठिन होगा लेकिन असंभव नहीं है। एक विकल्प यह है कि विदेश में बसे अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को अपनी होल्डिंग हस्तांतरित कर सकते हैं। वे विदेश में इसे बेचकर आपके खाते में पैसे डाल सकते हैं।
बिटकॉइन में ट्रेडिंग के नाम पर भी करोड़ों ठगे
- फॉरेक्स ट्रेडिंग में 100 करोड़ समेटने के बाद निवेशकों को फिर से फंसाया - 105 निवेशकों को झांसे में लेकर बैंकॉक की कराई सैर, फिर हो गए फरार .
- फॉरेक्स ट्रेडिंग में 100 करोड़ समेटने के बाद निवेशकों को फिर से फंसाया
- 105 निवेशकों को झांसे में लेकर बैंकॉक की कराई सैर, फिर हो गए फरार
नोएडा : फॉरेक्स ट्रेडिंग में पोंजी स्कीम के नाम पर 100 करोड़ की ठगी के आरोपित न्यू एरा वैल्थ मैनेजमेंट प्राइवेट कंपनी के डायरेक्टर भाइयों ने बिटकॉइन में भी ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की है। फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेशकों का पैसा डूब जाने के बाद आरोपितों ने एजेंटों को नई स्कीम का झांसा दिया। इसमें भी कमीशन के आधार पर एजेंटों को ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए कहा गया। महज 4 महीने में इस तरह से आरोपितों ने करोड़ों रुपये इकट्ठे कर लिए और फिर चंपत हो गए। इस ठगी का शिकार हुए निवेशक अब अपना पैसा वापस पाने के लिए धक्के खा रहे हैं।
मूलरूप से बुलंदशहर के रहने वाले दोनों भाइयों महेंद्र वर्मा व सुशील वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने फॉरेक्स ट्रेडिंग में पोंजी स्कीम चलाकर सैकड़ों लोगों से करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपित सेक्टर-18 के चौखानी स्क्वायर में ऑफिस चलाते थे। जिसे दिसंबर 2018 में बंद कर दोनों फरार हो गए थे। इस मामले में 2 एफआईआर सेक्टर-20 थाने में 5 अक्टूबर को दर्ज कराई गई हैं। जिनमें महेंद्र की पत्नी राजेश, पिता चरण सिंह, बहनोई पवन, बहन मंजू, एक अन्य रिश्तेदार संजय वर्मा समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपित दुबई में लगाए गए सर्वर के माध्यम से ट्रेडिंग करवा रहे थे। भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग सिर्फ भारतीय रुपये को बेस करंसी रखने पर ही वैद्य है जबकि आरोपित यूएस डॉलर में ट्रेडिंग कर रहे थे। निवेशकों को हर महीने 10 फीसदी तक रिटर्न का झांसा देकर इन लोगों ने करोड़ों बना लिए। आरोप है कि दोनों भाइयों ने सर्वर के माध्यम से वेबसाइट में छेड़छाड करके निवेशकों की रकम मार्केट में लगाई ही नहीं, जबकि वेबसाइट पर उनके अकाउंट में निवेश की रकम दिखाकर घाटा दिखाया गया।
दोबारा से कमीशन का लालच देकर फंसाया
बीते साल दिसंबर में ऑफिस बंद करते समय आरोपितों ने लोगों से कंपनी में पैसा लगवाने वाले मुख्य एजेंटों को फिर से एक नई स्कीम में मोटे कमीशन का झांसा दिया था। इसके लिए उन्होंने एक और कंपनी बनाई और बिटकॉइन एक्सचेंज में ट्रेडिंग करके मोटा मुनाफा कमाने का दावा किया। अपनी वेबसाइट में हेराफेरी करके इन लोगों ने निवेशकों को डॉलर में कमाई करके दिखाई। कमीशन के चक्कर बिटकॉइन कमाने के लिए चरण में एजेंटों ने फिर निवेशकों को इस स्कीम में फंसाया और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें जोड़ने को कहा। करीब 4 महीने तक आरोपितों ने इस धंधे से फिर करोड़ों रुपये बटोरे। इन्हीं रुपयों से आरोपित 105 एजेंटों व निवेशकों को 3 रात और 4 दिन के टूर पर बैंकॉक लेकर गए। इस टूर को आरोपितों ने अचीवर्स कॉन्फ्रेंस नाम दिया। अन्य निवेशकों को इसका पता चला तो उन्होंने और लोगों को इस स्कीम से जोड़ा गया। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपितों ने दिल्ली-एनसीआर में ही 25 करोड़ की कमाई की और चंपत हो गए। इस स्कीम से 5-6 एजेंटों ने भी कमीशन से मोटी कमाई की है।
आरोपितों के सभी मोबाइल नंबर फिलहाल बंद हैं। इसके चलते उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। उनकी तलाश लगातार जारी है। केस के वादियों से उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी
भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने पर विचार कर रहा है। डिजिटल करेंसी हमारे नोट की तरह ही होती है। अंतर यह होता है कि यह कागज पर छपा नोट नहीं होता है बल्कि यह एक नंबर मात्र होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर संभाल कर रख सकते हैं। उस नंबर को किसी के साथ साझा करते ही उस नंबर में निहित रकम सहज ही दूसरे व्यक्ति के पास पहुंच जाती है। जैसे आप अपनी जेब से नोट निकाल कर दूसरे को देते हैं उसी प्रकार आप अपने मोबाइल से एक नंबर निकाल कर दूसरे को दे कर अपना पेमेंट कर सकते हैं।
डिजिटल करेंसी के पीछे क्रिप्टो करेंसी का जोर है। क्रिप्टो करेंसी का इजाद बैंकों के नियंत्रण से बाहर एक मुद्रा बनाने की चाहत को लेकर हुआ था। कुछ कंप्यूटर इंजीनियरों ने मिलकर एक कठिन पहेली बनाई और उस पहेली को उनमें से जिसने पहले हल कर लिया उसे इनाम स्वरूप एक क्रिप्टो करेंसी अथवा बिटकॉइन या एथेरियम दे दिया। उस बिटकॉइन के निर्माण का खेलने वाले सभी ने अनुमोदन कर दिया कि यह नंबर फलां व्यक्ति को दिया जाएगा। इसी प्रकार नये बिटकॉइन बनते गए और इनका बाजार में प्रचलन होने लगा।
क्रिप्टो करेंसी केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से पूर्णतया बाहर है। जैसे यदि गांव के लोग आपस में मिलकर एक अपनी करेंसी बना लें तो उस पर सरकार का नियंत्रण नहीं रहता है। वे आपस में पर्चे छाप कर एक-दूसरे से लेनदेन कर सकते हैं जैसे बच्चे आपस में कंचे के माध्यम से लेनदेन करते हैं। क्रिप्टो करेंसी का नाम ‘इंक्रिप्टेड’ से बनता है। जिस कम्प्यूटर में यह करेंसी रखी हुई है अथवा जो उस कम्प्यूटर का मालिक है उसका नाम इंक्रिप्टेड या गुप्त है। किसी को पता नहीं लग सकता है कि वह करेंसी किसके पास है। इस करेंसी को बनाने का उद्देश्य था कि सरकारी बैंकों द्वारा कभी-कभी अधिक मात्रा में नोट छाप कर बाजार में डाल दिए जाते हैं जिससे महंगाई बहुत तेजी से बढ़ती है। लोगों की सालों की गाढ़ी कमाई कुछ ही समय में शून्यप्राय: हो जाती है। जैसे यदि आप 100 रुपए के नोट से वर्तमान में 5 किलो गेहूं खरीद सकते हैं। महंगाई तेजी से बढ़ने के बाद उसी 100 रुपये बिटकॉइन कमाने के लिए चरण के नोट से आप केवल 1 किलो गेहूं खरीद पायेंगे। ऐसी स्थिति वर्तमान में ईरान और वेनेजुएला जैसे देशों में है। इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए इन इंजीनियरों ने क्रिप्टो करेंसी का आविष्कार किया, जिससे कि बैंकों द्वारा नोट अधिक छापे जाने से उनकी क्रिप्टो करेंसी की कीमत पर कोई प्रभाव नहीं पड़े।
केंद्रीय बैंकों द्वारा क्रिप्टो करेंसी का विरोध तीन कारणों से किया जा रहा है। पहला यह कि अर्थव्यवस्था केंद्रीय बैंक के नियंत्रण से बाहर निकलने को हो जाती है। जैसे यदि देश में महंगाई अधिक हो रही है और रिजर्व बैंक ने मुद्रा के प्रचलन को कम किया तो क्रिप्टो करेंसी का चलन बढ़ सकता है और सरकार की नीति फेल हो सकती है। दूसरा विरोध यह है कि क्रिप्टो करेंसी फेल हो सकती हैं। जैसे यदि कम्प्यूटर का नंबर हैक हो जाये अथवा क्रिप्टो करेंसी बहुत बड़ी संख्या में बनाई जाने लगे तो आज जिस बिटकॉइन को आप ने एक लाख रुपये में खरीदा है, वह कल पांच हजार रुपये का हो सकता है। तीसरा विरोध यह कि क्रिप्टो करेंसी का उपयोग आपराधिक गतिविधियों को सपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है। बीते समय में अमेरिका की एक तेल कंपनी के कम्प्यूटरों को अपराधियों ने हैक कर लिया। उन कम्प्यूटरों को वापस ठीक करने के लिए कंपनी से भारी मात्रा में रकम क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से वसूल कर ली। यद्यपि उसमें से कुछ रकम को पुलिस वापस वसूल कर सकी लेकिन बड़ी रकम आज भी वसूल नहीं हो सकी है। इसलिए अपराधियों के लिए क्रिप्टो करेंसी सुलभ हो जाती है क्योंकि वह अपनी अापराधिक गतिविधियों से अर्जित गैर-कानूनी आय को सरकारी नज़र की पहुंच के बिटकॉइन कमाने के लिए चरण बाहर रख सकते हैं। इसलिए यदि केंद्रीय बैंक जिम्मेदार है और अर्थव्यवस्था सही चल रही है तो क्रिप्टो करेंसी उसे अस्थिर बना सकती है।
दूसरी तरफ यदि बैंक गैर-जिम्मेदार है, जैसे महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है तो क्रिप्टो करेंसी लाभप्रद हो जाती है। उस परिस्थिति में व्यापार करना कठिन हो जाता है। आज आपने किसी व्यापारी से एक बोरी गेहूं का सौदा 1,000 रुपये में किया। कल उस 1,000 रुपये की कीमत आधी रह गयी। बेचने वाले ने सौदे से इनकार कर दिया। आप यह सौदा क्रिप्टो करेंसी में करते तो यह कठिनाई नहीं आती। अतः यदि केंद्रीय बैंक द्वारा बनाई गई मुद्रा अस्थिर हो तो क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से व्यापार सुचारु रूप से चल सकता है। यदि वेनेजुएला की मुद्रा का मूल्य तेजी से गिर रहा है तो वहां के व्यापारी क्रिप्टो करेंसी के बिटकॉइन कमाने के लिए चरण माध्यम से आपस में व्यापार कर सकते हैं और इस समस्या से बच सकते हैं। मूल बात यह है कि यदि केंद्रीय बैंक जिम्मेदार है तो क्रिप्टो करेंसी अस्थिरता पैदा करती है लेकिन यदि केंद्रीय बैंक गैर-जिम्मेदार है तो क्रिप्टो करेंसी लाभप्रद हो सकती है।
इस स्थिति में कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है। डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में समानता यह है कि दोनों एक नंबर होते हैं जो आपके मोबाइल में रखे जा सकते हैं। लेकिन क्रिप्टो करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी गुमनाम नहीं होती है। रिजर्व बैंक द्वारा इसे उसी तरह जारी किया जाएगा जैसे नोट छापे जाते हैं। रिजर्व बैंक जान सकती है कि वह रकम किस मोबाइल में रखी हुई है। इसलिए डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है। नोट छापने की तरह केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी भी भारी मात्रा में जारी करके महंगाई पैदा कर सकती है। लेकिन फिरभी मुद्रा को सुरक्षित रखने में डिजिटल करेंसी मदद करती है क्योंकि आपको नोटों को आग, पानी और चोरों से बचाना नहीं है। यदि कभी आप अपनी करेंसी का नंबर भूल जायें अथवा आपका मोबाइल चोरी हो जाये तो आपकी पहचान करके उसे वापस प्राप्त करने की व्यवस्था की जा सकती है।
डिजिटल करेंसी का हमें स्वागत करना चाहिए विपरीत इसके कि यह केंद्रीय बैंक के गैर-जिम्मेदाराना आचरण से हमारी रक्षा नहीं करती है। केंद्रीय बैंक के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को इस प्रकार के तकनीकी आविष्कारों से नहीं रोका जा सकता है। उसे ठीक करने का कार्य अंततः राजनीति का है और उस व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए। लेकिन डिजिटल करेंसी के माध्यम से नोट को छापने और रखने का खर्च कम होता है और आपस में लेनदेन भी सुलभ हो सकता है इसलिए हमें डिजिटल करेंसी का स्वागत करना चाहिए।
बिटकॉइन कमाने के लिए चरण
आजकल बाजार में बहुत तरीके की डिजिटल मुद्राएं आ गई है बिटकॉइन कमाने के लिए चरण | डिजिटल मुद्रा को हम आभासी मुद्रा नाम से भी जानते है | डिजिटल मुद्रा को आप भूल नहीं सकते हैं | आसान भाषा में यदि डिजिटल मुद्रा की बात करें तो यह कंप्यूटर एल्गोरिदम से बनी है | यह नंबरों के रूप में सदैव ऑनलाइन उपस्थित रहती है | इस पर किसी भी देश की सरकार या अधिकारियों का कोई नियंत्रण नहीं रहता है | जैसे कि PI करेंसी ,बिटकॉइन. BINANCE इत्यादि | यदि हम बिटकॉइन की बात करें तो 2009 में जब इसकी शुरुआत हुई थी तो इसकी कीमत 0 से 1 थी और यदि हम जून 2021 के बाद करें तो इसकी कीमत आज लगभग 36, 18 7.70 एचडी यानी रुपए 26 करोड़ से भी ज्यादा की कीमत रिजर्व रखता है | पिछले 1 साल में ही इसकी कीमत दुगनी हो गई है | इन्हीं चीजों से हम यह तय कर सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के कीमत पर कोई भी बाजार का नियंत्रण नहीं है | ट्रेडिंग बिजनेस की शुरुआत में जिन लोगों के पास गलती से 100 बिटकॉइन भी है आज लगभग 11 साल के बाद इनके 26 करोड़ रुपए उपलब्ध है|
pi network crypto currency
Pi Cryptocurrency क्या है ?
Table of Contents
PI क्रिप्टो करेंसी का ही एक प्रकार है और यह आपके डिजिटल वॉलेट में जमा रहती है | यह आपको अपने मोबाइल से माइनिंग करके pi coin कमाने का मौका देती है | नेटवर्क एक ऐसी अकेली क्रिप्टोकरंसी संस्था है जो अपने निवेशकों को अपने मोबाइल से ही माइन यानी कमाने का मौका देती है | PI निवेशकों को PIONNERS के नाम से भी जानते हैं | आने वाले कुछ दिनों में pi नेटवर्क की बात करे तो बाज़ार निवेशको के लिए यह बहुत लाभदायक साबित होने वाला है क्योंकि इसकी प्रकृति बहुत अच्छा रिटर्न देने वाली है|
PI क्रिप्टो करेंसी एक नेटवर्क भी है इसलिए यह आपको PI COIN कमाने का मौका भी देती है |
PI network और इससे होने वाली कमाई ?
पाई नेटवर्क मॉडल डिजिटल करेंसी है जो आप अपने मोबाइल से माइनिंग करके कमा सकते हैं और यह एक ऐसा मौका है जो पहली बार किसी डिजिटल करेंसी के द्वारा मोबाइल से कमाया जा सकता है | इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए आपको अपने फोन से गूगल प्ले स्टोर में जाकर PI NETWORK ऐप डाउनलोड करना होगा | इसके बाद आप इस एप पर अपनी फेसबुक आईडी से लॉगिन करेंगे और जब आप लॉगिन करेंगे तो आपको एक रेफरेंस कोड की जरूरत होगी | यदि आपके पास कोई रेफरेंस कोड नहीं है, तो आप पाई नेटवर्क ऐप में लॉग इन नहीं कर पाएंगे और आपका अकाउंट नहीं बन पाएगा |
यह राशन कॉर्ड उसी व्यक्ति का होना चाहिए जो पाई नेटवर्क पर माइनिंग कर रहा हूं क्योंकि अगर उसने माइनिंग करना बंद कर दिया तो आपका भी खाता अपने आप स्वता ही बंद हो जाएगा |
Pi network का इतिहास?
पाइनएप्पल को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले तीन पीएचडी ग्रैजुएट स्टूडेंट ने मिलकर के मार्च 2019 में बनाया था इन व्यक्तियों के नाम VINCE MACPHILIP ,CHENDIAO FAN, और NICOLAS KOKKALIS है |
PI NETWORK क्रिप्टो करेंसी दूसरी क्रिप्टो करेंसी से अलग है?
PI CURRENCY को छोड़कर सभी क्रिप्टोकरंसी के माइनिंग करने की तरीका बहुत कठिन होता है | इसके लिए निवेशकों को सीपीयू, कंप्यूटर काफी एडवांस टेक्नोलॉजी के चाहिए होते हैं यदि आपके पास लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का पीसी या कंप्यूटर नहीं है तो आप हो दूसरे क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने में कठिनाई आ सकती है |
क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग करने के लिए सबसे जरूरी बात के आपको एल्गोरिदम को सॉल्व करना आना चाहिए तभी आपको डिजिटल मुद्राएं प्राप्त हो पाएंगे |
PI NETWORK के साथ ऐसे किसी भी दिक्कत का सामना आपको माइनिंग करने के समय नहीं आता है ना ही इसके लिए आपको सीपीयू या कंप्यूटर की जरूरत है और ना ही किसी एडवांस टेक्नोलॉजी वाले बड़े से सिस्टम की इसके लिए आपके पास सिर्फ एक एंड्रॉयड फोन होना चाहिए इंटरनेट होना चाहिए और आपको अपने इस स्मार्टफोन में एक ऐप एप्लीकेशन डाउनलोड करना होता है और इसे आप फ्री में माइनिंग कर सकते हैं बाकी जगह पर माइनिंग करने के लिए आपको निवेश करने की जरूरत होती है |
आई नेटवर्क एक खास बात यह भी है कि इसमें माइनिंग करने में आपको सिर्फ 5 से 10 सेकंड का समय लगता है | शुरुआत में कुछ फ्री PI COINS कौन सी भी प्राप्त करेंगे | जिन्हें आप बाद में निवेश कर सकते हैं और जब आपके यूजर निश्चित हो जाएंगे तो आप की फ्री वाली माइनिंग को बंद कर दिया जाएगा और जल्दी से जल्दी आपकी माइनिंग को वास्तविक तौर से शुरू कर दिया जाएगा |
PI coin Value in 2030?
क्योंकि यह मुद्राएं डिजिटल मुद्राएं होती है यानी आप इन डिजिटल मुद्राओं को छू नहीं सकते हैं इसलिए आप इन मुद्राओं की कीमत को USD में देख पाएंगे |
अभी यह नेटवर्क अपने दूसरे चरण में आ चुका है और जब आप एप्लीकेशन को वास्तविक तौर पर इस्तेमाल करने लगते हैं उसमें माइनिंग करने लगते हैं तो आपको एक्सचेंज पर्पस के लिए वहां से तीसरे चरण में आना होता है और अभी इस पर काम चल भी रहा है जैसे ही आप नेटवर्क के से स्त्री में आ जाएंगे तो आप अपने PI CURRENCY को इसकी बाजार कीमत के अनुसार बदल सकते हैं | यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि इस pi value कीमत तय करना हम लोगों पर निर्भर करता है और जब यह दूसरे चरण से तीसरे चरण में आ जाएगा तो उस टाइम तक इसके जिसने यूजर होंगे इसकी कीमत उतनी ही अधिक होगी इसकी वैल्यू डिमांड और सप्लाई पर भी यह निर्भर करेगा कि अधिकतम pi value और कितनी अधिक जा सकती है |
यहां पर आपको एक उदाहरण भी दिया जा रहा है कि जब आप शुरुआत में बिटकॉइन एक्सचेंज को इस्तेमाल करेंगे तो जितने लोगों के पास बिटकॉइन इकट्ठे थे उनमें से बहुत लोगों ने अपने बिटकॉइन को एक दूसरे के साथ एक्सचेंज करना शुरू कर दिया है तब बिटकॉइन की कीमत बहुत ज्यादा कम हो गई थी और यह बात 2009 की है तब बिटकॉइन की कीमत $1 या $2 के करीब थी तो इस हिसाब से यदि हम पाई को 1 दिन के हिसाब से एक्सचेंज करें इसकी वैल्यू नीचे आ जाएगी इसलिए हमें बाजार में पाई वैल्यू को थोड़ा मौका देना होगा और हमें धीरे-धीरे निवेश की शुरुआत करनी होगी | अगर आसान शब्दो मे कहे तो pi एप्लिकेशन मोबाइल से माइनिंग करके आप अपनी mining कर सकते हैं | जितने ज्यादा लोगों को आप इनवाइट करेंगे आप की कमाई उतनी ही ज्यादा बढ़ती जाएगी और आप बिटकॉइन और सीरिया जैसे क्रिप्टो करेंसी का नाम भूल कर के केवल PI network का ही नाम याद रखेंगे |
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