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चलने की औसत

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जवाब : कोई महीना जब तुलनात्मक रूप से ज्यादा गर्म रहता है तब इससे यह संकेत मिलता है कि यह जलवायु परिवर्तन का असर है. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव यही है कि इस साल मार्च महीने में तापमान का ज्यादा प्रभाव रहा. ऐसे में पिछले 122 वर्ष में इस साल मार्च महीने में तापमा अखिल भारतीय स्तर पर औसतन सबसे अधिक रहा.

Rajasthan Weekly चलने की औसत Weather Forecast: राजस्थान में मई में औसत से ज्यादा रहेगा पारा और कम होगी बारिश, जानें- इस हफ्ते के मौसम का ताजा अपडेट

Rajasthan Weekly Weather Update: जयपुर में सोमवार को अधिकतम तापमान 42 और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. सोमवार और मंगलवार को धूल भरी आंधी चलने की संभावना है.

By: ABP Live | Updated at : 02 May 2022 09:53 AM (IST)

राजस्थान में धूल भरी आंधी चलने के हैं आसार (सांकेतिक तस्वीर)

Rajasthan Weekly Weather and Pollution Report: राजस्थान (Rajasthan) में मौसम में हुए बदलाव की वजह से हीट वेव के प्रकोप चलने की औसत से राहत मिलती महसूस हो रही है. इस बीच गर्मी में भी थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन सितम अभी जारी रहने वाला है. मौसम केंद्र जयपुर (Mausam Kendra Jaipur) के मुताबिक एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद लू से राहत मिली है. मौसम विभाग के अनुसार इस हफ्ते राजस्थान के कई जगहों पर आंशिक बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश के साथ-साथ धूल भरी आंधी चलने की संभावना है. वहीं कुछ जगहों पर गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा.

मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान में मई के महीने में भी तापमान औसत से ज्यादा और पश्चिमी राजस्थान में बारिश औसत से कम रहने के आसार हैं. इससे पहले रविवार को राजस्थान में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान बीकानेर में 47.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में रविवार शाम तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. इसके साथ ही लोगों को गर्मी से राहत मिली. कुछ जगहों पर ओले भी गिरे. दूसरी तरफ इस हफ्ते ज्यादातर शहरों में वायु प्रदूषण सूचकांक मध्यम श्रेणी में ही रहने का अनुमान है. आइये जानते हैं कि इस सप्ताह राजस्थान के बड़े जिलों में मौसम कैसा रहेगा?

जयपुर

जयपुर में सोमवार को अधिकतम तापमान 42 और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. सोमवार और मंगलवार को धूल भरी आंधी चलने की संभावना है. इसके बाद पूरे हफ्ते मौसम साफ रहेगा. सप्ताह के अंत तक अधिकतम तापमान चलने की औसत 41 और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है. वायु गुणवत्ता सूचकांक 'मध्यम' श्रेणी में 162 दर्ज किया गया है.

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जोधपुर

जोधपुर में अधिकतम तापमान 42 और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. सोमवार को धूल भरी आंधी चल सकती है. इसके बाद पूरे हफ्ते मौसम साफ रहेगा. सप्ताह के अंत तक अधिकतम तापमान 42 और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है. वायु गुणवत्ता सूचकांक 'मध्यम' श्रेणी में 198 दर्ज किया गया है.

उदयपुर

उदयपुर में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. इस हफ्ते मौसम साफ रहेगा. सप्ताह के अंत तक अधिकतम तापमान 39 और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक 157 है और 'मध्यम' श्रेणी में है.

कोटा

कोटा में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. मंगलवार को धूल भरी आंधी चल सकती है. इसके अलावा पूरे हफ्ते मौसम साफ रहेगा. सप्ताह के अंत तक अधिकतम तापमान 42 और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस ही रहने की संभावना है. वायु गुणवत्ता सूचकांक 'मध्यम' श्रेणी में 193 है.

बाड़मेर

बाड़मेर में सोमवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. पूरे हफ्ते मौसम साफ रहेगा. सप्ताह के अंत तक अधिकतम तापमान 42 और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. वायु गुणवत्ता सूचकांक 'संतोषजनक' श्रेणी में 87 है.

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Published at : 02 May 2022 09:53 AM (IST) Tags: Rajasthan Rajasthan weather rajasthan pollution हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

चलने का यह तरीका चलने की औसत चलने की औसत योग व जिम से भी ज्यादा फायदेमंद

चलने का तरीका

दरअसल फिजिकल एक्टिविटी की कमी व ज्यादातर वक्त बैठे रहने की वजह से युवा मोटापा, ब्लड प्रेशर व अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में वो खुद को फिट रखने के लिए जिम का सहारा लेते हैं। वो कई घंटे जिम में पसीना बहाकर खुद को शेप में रख रहे हैं।

इसके अलावा आज के युवाओं की योग चलने की औसत में भी रूचि बढ़ने लगी है। योग गुरु बाबा रामदेव ने इतने अच्छे तरीके से ब्रांडिंग की है कि युवा नए-नए आसन सीखकर अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त कर रहे हैं।

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो जिम जाने या योग करने का सोचते तो बहुत है, लेकिन अपनी सोच को वो अमल में नहीं ला पाते। ऐसे लोगों के लिए एक आसान उपाय यह है कि वो पैदल चलकर भी फिट रह सकते हैं। दरअसल एक खास तरीके से चला जाए तो वो योग करने या जिम जाने से भी ज्यादा फायदा पहुंचाता है।

चलिए आपको बताते हैं क्या है वो खास चलने का तरीका –

चलने का तरीका – चलने के कई फायदे

चलने का तरीका

यह तो हम सभी जानते हैं कि मॉर्निंग वॉक करने व रात में खाना खाने के बाद घूमने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। एक स्टडी के अनुसार तो रोजाना 20 मिनिट चलने से मौत का खतरा कई प्रतिशत तक कम हो जाता है।

चलने का तरीका

इतना ही नहीं पैदल चलने से दिल स्वस्थ रहता है और दिल की बीमारियों का खतरा 40% तक कम होता है। जब आप प्रकृति के बीच चलते हैं तो आपकी बॉडी में गुड हार्मोन्स बनते हैं और तनाव दूर होता है। इसके अलावा पैर व घुटनों की मांसपेशियां तो मजबूत होती ही है।

मगर यदि आप नीचे बताए जा रहे खास तरीके से चलेंगे तो आपके लिए फायदे और बढ़ जाएंगे।

तेज चलने से होता है फायदा

चलने का तरीका

हाल ही में हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि धीमे के बजाए औसत गति से चलने से दिल से जुड़ी बीमारियों से होने वाली मौत का खतरा 20% तक कम हो जाता है। जबकि तेज चलने से मृत्युदर में 24% तक की कमी आ जाती है।

कैंसर पर नहीं असर

चलने का तरीका

रिसर्च से जुड़े एक सूत्र का कहना है, “ लिंग या बॉडी मास इंडेक्स का परिणामों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, जबकि एवरेज या फ़ास्ट स्पीड से चलने का दिल संबंधी व अन्य बीमारियों से होने वाली मृत्यु के खतरे को कम करने से जरूर संबंध था। हालांकि कैंसर से होने वाली मौतों पर इस गति से चलने से कोई प्रभाव होता है या नहीं इसका कोई सबूत नहीं मिला।”

क्या होती है तेज गति?

चलने का तरीका

एक्सपर्ट्स के अनुसार 5-7 किलोमीटर/घंटा की गति से चलना तेज चलना माना जाता है, परंतु असल में यह चलने वाले के फिटनेस लेवल पर भी निर्भर करता है।

इसे जानने का दूसरा तरीका यह है कि उस गति से चला जाए कि वॉक खत्म होने तक पसीना आने लगे या सांस फूलने लग जाए।

चलने का तरीका

टीम को पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में पब्लिक हेल्थ से जुड़े मैसेज व कैंपेन आदि में चलने की गति पर भी ध्यान दिया जाएगा।

ये है बेस्ट चलने का तरीका – तो यदि आप फिट रहना चाहते हैं तो रोज सुबह धीरे नहीं बल्कि तेज या कम से कम औसत गति में चलने निकल जाइए।

मौसम विभाग ने फिर जारी की लू चलने की चेतावनी, जानें आपके यहां कैसा रहेगा मौसम का मिजाज!

IMD ने कहा कि राजस्थान में सात मई से नौ मई तक, और आठ मई और नौ मई को दक्षिण हरियाणा, दिल्ली, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में लू की स्थिति बनने का अनुमान है.

Published: May 5, 2022 11:52 PM IST

Heat Wave

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में 7 मई से और मध्य भारत में 8 मई से फिर से लू चलने की आशंका है. IMD ने कहा कि राजस्थान में सात मई से नौ मई तक, और आठ मई और नौ मई को दक्षिण हरियाणा, दिल्ली, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में लू की स्थिति बनने का अनुमान है. कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण कम बारिश के साथ, उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में 122 वर्षों में इस साल अप्रैल सबसे गर्म रहा. इसमें औसत अधिकतम तापमान क्रमशः 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस था.

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देश में कई स्थानों पर अप्रैल के लिए अब तक का सर्वकालिक उच्च तापमान दर्ज किया गया था, क्योंकि महीने के अंत में तेज गर्मी के प्रभाव में पारा 46-47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. भीषण गर्मी के बीच, देश में बिजली की चरम मांग शुक्रवार को 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी.

आईएमडी के 122 साल के रिकॉर्ड के अनुसार भारत में इस साल मार्च सबसे गर्म रहा और बारिश में 71 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक होने पर लू की स्थिति घोषित की जाती है. आईएमडी के अनुसार, तापमान यदि सामान्य चलने की औसत से 6.4 डिग्री अधिक है, तो गंभीर लू की स्थिति घोषित की जाती है.

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी से निपटने और मॉनसून से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित एक अहम बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में उन्होंने भीषण गर्मी या आग लगने की घटनाओं से होने वाली मौतों को रोकने के लिये हरसंभव कदम उठाने की आवश्यकता जताई.

(इनपुट: भाषा)

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Walking vs Running : वजन घटाने के लिए रनिंग फायदेमंद है या वॉकिंग, क्या कहता है साइंस

Walking vs running for weight loss in hindi

Photo:© Shutterstock (Main Image)

भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच फिट और हेल्दी रहना चैलेंजिंग है। बिजी लाइफस्टाइल और जिम न जा पाने के अभाव में लोग रनिंग (Running), वॉकिंग (Walking), स्प्रिंटिंग (Sprinting) आदि का सहारा लेते हैं।

  • वजन कम करता है
  • फैट सेल्स कम चलने की औसत करता है
  • ब्लड प्रेशर कम करता है
  • कोलेस्ट्रॉल कम करता है
  • एनर्जी बूस्ट करता है
  • स्ट्रेस और डिप्रेशन कम करता है
  • फेफड़ों को मजबूती देता है
  • हड्डियां ठोस करता है
  • ज्वाइंट स्ट्रेन्थ और स्टेबिलिटी बढ़ाता है

आदि। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के अनुसार हेल्दी हार्ट के लिए कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली एरोबिक एक्टिविटी हफ्ते में 5 दिन करनी चाहिए।

वॉक या रनिंग (Walking and running) वजन कम (Lose weight) करने की कोशिश करने वाले लोग ज्यादा करते हैं। ऐसे लोगों को जिम जाना पसंद नहीं होता।

लेकिन यदि आप यह जानना चाहते हैं कि वॉकिंग और रनिंग में बेस्ट है? तो बता दें कि दोनों के अलग-अलग फायदे हैं। एक कम इफेक्ट वाली एक्टिविटी है तो दूसरी शरीर को चैलेंज देकर लिमिट बढ़ाने में मदद करती है।

यदि आप वजन कम करना चाहते हैं और इस पर कन्फ्यूज हैं कि वजन कम करने के लिए रनिंग करनी चाहिए या वॉकिंग (Should be running or walking to lose weight)? यह हम आपको इस आर्टिकल में डिटेल में बताएंगे। जिससे आप अपने गोल के मुताबिक रनिंग या वॉक कर सकते हैं।

Table of Contents

रनिंग क्या है (What is running)

Walking vs running for weight loss in hindi

© Shutterstock

मेरियम-वेबस्टर डिक्शनरी (Merriam-Webster dictionary) के मुताबिक वो स्थिति जिसमें आपके पैर हर स्टेप्स में जमीन से ऊपर उठ जाएं। चलते समय आपका एक पैर जमीन पर ही रहता है।

आसान शब्दों में कहें तो जब तेज चलते-चलते आपकी गति 9 Km/h (6 Mph) या उससे अधिक हो जाती है तो उसे रनिंग (दौड़ना) कहते हैं।

इंसान ने लगभग 4-6 मिलियन वर्ष पहले चलना और दौड़ना शुरू किया था। 1896 के मॉडर्न ओलंपिक गेम्स में मैराथन (26 मील 385 यार्ड) की पहली दौड़ थी, जिसमें फेदीपिड्स के ऐतिहासिक रनिंग थी।

19वीं शताब्दी में इसका रूप बदल गया और ट्रैक एवं फील्ड में रनिंग की जाने लगी। इसने खेल के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान ले लिया।

20 से 45 वर्ष के अधिकांश रनर्स की हार्ट रेट औसतन 100 और 160 बीपीएम होती है। बीपीएम उम्र, फिटनेस लेवल और वातावरण आदि पर भी निर्भर करती है।

220 में से आपकी उम्र घटाने पर जो संख्या आएगी वो आपकी अधिकतम हार्ट रेट होनी चाहिए। जैसे यदि आपकी उम्र 30 साल है तो 220-30 तो 190 से अधिक आपकी हार्ट रेट नहीं होनी चाहिए।

वॉकिंग क्या है (What is walking)

Walking vs running for weight loss in hindi

© Shutterstock

वॉकिंग / चलना भी कार्डियो एक्सरसाइज है। इसे लो इंटेंसिटी एक्सरसाइज के अंदर रखा जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक हर दिन सिर्फ 30 मिनट वॉक करने से हार्ट की फिटनेस बढ़ाने के साथ ही हड्डियों को भी मजबूत कर सकते हैं। साथ ही यह शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी कम करने और मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने के भी काम आती है।

यह हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस और कैंसर जैसी समस्या के खतरे को भी कम करती है।

2007 की स्टडी के मुताबिक प्रति सप्ताह लगभग 75 मिनट वॉक करने से पार्टिसिपेंट्स के फिटनेस लेवल में काफी सुधार हुआ।

औसत चलने की गति 3 से 4 मील प्रति घंटा या हर 15 से 20 मिनट में 1 मील (1.6 km) है। 2011 की रिसर्च के मुताबिक आयु के अनुसार हर साल पैदल चलने की गति थोड़ी कम हो जाती है। यह उम्र, लिंग और ऊंचाई पर भी निर्भर करती है। (1)

वॉकिंग VS रनिंग : रिसर्च क्या कहती है? (Walking vs Running : The Research)

Walking vs running for weight loss in hindi

© Shutterstock

2013 की एक स्टडी के मुताबिक नेशनल रनर्स और वॉकर की हेल्थ स्टडी की गई। जिसमें लगभग 50 हजार लोगों के वजन डिफरेंस और एक्सरसाइज लेवल की तुलना की गई। इसमें पाया गया कि लगभग सभी लोगों का वजन कम हुआ था। कुल मिलाकर पुरुषों को रनिंग करने से अधिक फायदा हुआ था और महिलाओं के लिए सिर्फ शुरुआत में फायदेमंद थी।

इसके बाद देखा गया कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए चलने से जो वजन कम हुआ वो दौड़ने से लगभग आधा था। लेकिन कुछ मामलों में वॉक करना उतना ही प्रभावी था जितना कि रनिंग।

आपके लिए बेस्ट क्या है? वॉक या रनिंग (What's Best for You, Walking or Running)

Walking vs running for weight loss in hindi

© Shutterstock

आप यदि कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं और शुरुआत करना चाहते हैं तो वॉक करना आपके लिए अच्छा विकल्प है। हालांकि वॉक करने से दौड़ने के मुकाबले कम कैलोरी बर्न होगी।

यदि आपका उद्देश्य वजन कम करना नहीं बल्कि स्वस्थ वजन बनाए रखना है तो रोजाना सिर्फ 30 मिनट टहलना ही काफी है। 72 किलो वजन वाला व्यक्ति 5 मील प्रति घंटे (mph) तक दौड़कर 600 कैलोरी जला सकता है।

54 पाउंड पैदल चलने वाला व्यक्ति 2 मील सामान्य गति से चलकर 133 कैलोरी बर्न कर सकता है। वहीं चलने की स्पीड बढ़ाकर कैलोरी बर्न को बढ़ाया जा सकता है।

लेकिन यदि आपका मोटिव वजन कम करना है तो रनिंग कर सकते हैं। लेकिन शुरुआत के कुछ दिन वॉक ही करें।

जब आप फिट जाएंगे तो आपको लगेगा कि आप पहले से अधिक इंटेंसिटी वाले वर्कआउट कर सकते हैं। ऐसे में आपको धीरे-धीरे प्रोग्राम में कठिन वर्कआउट, जैसे दौड़ना (Running), पॉवर वॉकिंग (Power walking), या इंटरवल ट्रेनिंग (Interval training) को जोड़ना सही रहेगा।

निष्कर्ष (Conclusion) : आप समझ गए हैं कि आपको गोल के मुताबिक क्या करना है रनिंग या वॉकिंग। देर किस बात की जल्दी से इनमें से किसी को करना शुरू कीजिए ताकि अपना गोल अचीव कर पाएं।

हेल्थ एवं फिटनेस संबंधित अन्य जानकारी के लिए MensXP Hindi के हेल्थ सेक्शन पर क्लिक कर सकते हैं।

5 सवाल 5 जवाब: गर्मी और सताएगी? टेंपरेचर का अल नीनो से क्या है नाता, जानें क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

मौसम विभाग ने दिल्ली में ‘लू’ चलने की चेतावनी दी

नई दिल्ली: भारत में 122 सालों में इस साल मार्च के महीने में औसत तापमान सबसे अधिक रहा. मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में उत्तर और मध्‍य भारत में लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं हैं. मौसमी परिस्थितियों, मानसून के पैटर्न, हिमालयी और तटीय क्षेत्रों पर इसके प्रभाव के बारे में भारत मौसम विज्ञान विभाग में राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेन्द्र कुमार जेनामणि से पांच सवाल और उनके जवाब.


सवाल : पिछले 122 वर्षो में इस वर्ष मार्च महीने में औसतन सबसे अधिक गर्म दिन रहने की रिपोर्ट आई है. इसके क्या कारण हैं ?

जवाब : भारत में तापमान का रिकार्ड वर्ष 1901 से रखा जाना शुरू हुआ था. साल 2022 के मार्च महीने के तापमान ने वर्ष 2010 के मार्च में दर्ज औसत अधिकतम तापमान के सर्वकालिक औसत को पार कर लिया. 2010 के मार्च में अधिकतम तापमान का औसत 33.09 डिग्री सेल्सियस रहा था लेकिन मार्च 2022 में औसत तापमान 33.1 डिग्री दर्ज किया गया.

दुनियाभर में भी पिछले दो दशक में सबसे गर्म साल देखने को मिले हैं. जलवायु परिवर्तन का असर मौसम की तीव्रता पर पड़ रहा है, भारत में भी यह भीषण बाढ़, चक्रवात या भारी बारिश के रूप में देखने को मिला है. इसमें उत्तर में पश्चिमी विक्षोभ एवं दक्षिण में किसी व्यापक मौसमी तंत्र के नहीं बनने के कारण वर्षा की कमी का प्रभाव भी एक कारण है. पिछले कुछ सालों में ऐसे दिन ज्‍यादा रहे हैं जब बारिश हुई ही नहीं. कुछ मामलों में बहुत ज्‍यादा बारिश हुई और गर्मी भी बढ़ती गई.

सवाल : पिछले कुछ वर्षो में हिमालयी क्षेत्र से लेकर तटीय इलाकों में भी तापमान में वृद्धि दर्ज की गई. वर्ष 2022 में तापमान वृद्धि का सबसे अधिक प्रभाव किन इलाकों पर देखा गया ?

जवाब : इस साल मार्च के उतरार्द्ध में देश के कई हिस्‍सों में तापमान में वृद्धि देखने को मिली, लेकिन बारिश कम हुई. दिल्‍ली, हरियाणा और उत्तर भारत के हिल स्‍टेशन में भी दिन के वक्‍त सामान्‍य से ज्‍यादा तापमान दर्ज किया गया. दिल्‍ली, चंदरपुर, जम्‍मू, धर्मशाला, पटियाला, देहरादून, ग्‍वालियर, कोटा और पुणे समेत कई स्थानों पर मार्च 2022 में रिकार्ड अधिकतम तापमान दर्ज किया गया.

पश्चिम हिमालयी क्षेत्र के पर्वतीय पर्यटन स्थलों पर भी दिन चलने की औसत के वक्‍त काफी ज्‍यादा तापमान दर्ज किया गया. देहरादून, धर्मशाला या जम्‍मू जैसे हिल स्‍टेशन पर मार्च में 34-35 डिग्री सेल्सियस तक तापमान दर्ज किया गया, जो बहुत ज्‍यादा है. इस बार तापमान उन क्षेत्रों के अधिक रहा, अपेक्षाकृत ठंडा मौसम रहना चाहिए था. इसका एक उदाहरण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र है , जहां लंबे समय से ऐसा कुछ नहीं देखने को मिला.

सवाल : इस साल तापमान में वृद्धि एवं गर्मी के ऐसे प्रभाव के पीछे क्या जलवायु परिवर्तन का प्रभाव है, जैसा कि कई विशेषज्ञों का कहना है ?

जवाब : कोई महीना जब तुलनात्मक रूप से ज्यादा गर्म रहता है चलने की औसत तब इससे यह संकेत मिलता है कि यह जलवायु परिवर्तन का असर है. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव यही है कि इस साल मार्च महीने में तापमान का ज्यादा प्रभाव रहा. ऐसे में पिछले 122 वर्ष में इस साल मार्च महीने में तापमा अखिल भारतीय स्तर पर औसतन सबसे अधिक रहा.

सवाल : पिछले महीने तापमान में इस प्रकार की वृद्धि के संबंध में कुछ वैज्ञानिक ‘अल नीनो’ प्रभाव को कारण बता रहे हैं. क्या इन दोनों में कोई संबंध है ? क्या इसका मानसून के पैटर्न पर कोई प्रभाव पड़ेगा ?

जवाब : अल नीनो प्रभाव पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से तापमान बढ़ने की स्थिति को दर्शाता है. हालांकि, भारत में हाल के दिनों में तापमान में वृद्धि का अल नीनो प्रभाव से कोई संबंध नहीं है. भारत बहुत बड़ा देश है और कई मौसमी परिघटनाएं स्थानीय प्रभाव के कारण भी होती हैं .

अभी अप्रैल महीना शुरू ही हुआ है और मानसून आने में अभी समय है. हमारे पास ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो मार्च महीने के तापमान के आधार पर मानसून के पैटर्न से कोई संबंध जोड़ता हो . ऐसे में मानसून पर प्रभाव के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.

सवाल : आने वाले दिनों में देश में गर्मी क्या प्रभाव रहेगा ? विभाग का क्या पूर्वानुमान है ?

जवाब : उत्‍तर और मध्‍य भारत में फिलहाल लू और गर्मी से राहत नहीं मिलेगी. विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, विदर्भ, गुजरात, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश में अगने कुछ दिनों में भीषण गर्मी पड़ेगी. अरूणाचल प्रदेश, असम एवं मेघालय में बारिश होने की संभावना है.

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