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क्या हर निवेश में पैसा बनता है?

क्या हर निवेश में पैसा बनता है?
Navratri Financial Tips: नवरात्रि के मौके पर किसी अच्‍छे काम की शुरूआत करना शुभ माना जाता है.

म्यूचुअल फंड से बनना है करोड़पति? जानिए क्या है 15*15*15 का नियम जिसकी मदद से हो सकता है ये कारनामा

इस नियम के तहत आपको हर महीने 15,000 रुपये निवेश करने होंगे.

इस नियम के तहत आपको हर महीने 15,000 रुपये निवेश करने होंगे.

म्यूचुअल फंड मार्केट लिंक्ड स्कीम्स होती हैं इसलिए इसमें रिटर्न बेहतर होता है. हालांकि, रिटर्न के अनुपात में जोखिम भी उ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 25, 2022, 09:55 IST

हाइलाइट्स

म्यूचुअल फंड में आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे उतना अधिक धन जुटा पाएंगे
इसके जरिए आप रिटायरमेंट तक 1 करोड़ रुपये से अधिक का फंड जुटा सकते हैं.
आप अभी जितना खर्च करते हैं रिटायरमेंट के समय उसका 500 क्या हर निवेश में पैसा बनता है? गुना चाहिए होगा.

नई दिल्ली. भारत में ऐसे बहुत कम ही लोग होंगे जो कहेंगे कि वह करोड़पति नहीं बनना चाहते. पैसे से तमाम सुख-सुविधाएं हासिल की जा सकती है और इसीलिए लोग पैसा कमाने के लिए बेहद कठिन परिश्रम करने के लिए भी तैयार रहते हैं. लेकिन क्या सिर्फ मेहनत करना काफी है? नहीं. आपको इसके लिए मेहनत के साथ-साथ स्मार्ट प्लानिंग भी करनी होगी. आप म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से करोड़पति बनने का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं लेकिन प्लानिंग के साथ.

क्या आप 15*15*15 के नियम के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो आज हम इसी नियम के बारे में आपको बताएंगे. कैसे आप अनुशासन के साथ इस नियम का पालन कर करोड़पति बन सकते हैं. ध्यान रहे कि म्यूचुअल फंड्स मार्केट से संबंधित होते हैं तो वहां आया उतार-चढ़ाव आपके निवेश पर भी दिखेगा. इसलिए संभव हो तो किसी निवेश विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाना शुरू करें.

क्या है ये नियम और कैसे बनेंगे 1 करोड़ रुपये
15,000 क्या हर निवेश में पैसा बनता है? रुपये, 15 साल के लिए, 15 फीसदी रिटर्न के साथ, यही है 15*15*15 का नियम. निप्पॉन म्यूचुअल फंड के अनुसार, इसमें कंपाउंडिंग का बड़ा महत्व है. अगर आप म्यूचुअल फंड में 15 साल तक हर महीने 15 हजार रुपये का निवेश करते हैं और उस पर आपको 15 फीसदी का रिटर्न मिलता रहता है तो ये रकम 1 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी. अगर इसे और 15 साल के लिए बढ़ा दिया जाए तो ये 10 करोड़ रुपये हो सकता है. आप 15 साल में म्यूचुअल फंड में 15 साल में 27 लाख रुपये का निवेश करेंगे और उस पर आपको 74 लाख रुपये का रिटर्न मिलेगा जो आपके कुल फंड को 1.01 करोड़ रुपये तक पहुंचा देगा.

जितनी जल्दी हो शुरुआत उतना बेहतर
निप्पोन के अनुसार, आप जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करेंगे उतना अधिक धन जुटा पाएंगे. ओमनीसाइंस कैपिटल के मुख्य निवेश रणनीतिकार और सीईओ डॉक्टर विकास गुप्ता कहते हैं कि आप जितना खर्च अभी करते हैं रिटायरमेंट तक आपको इसका 500-600 गुना चाहिए होगा. तब ही आप बगैर पैसों की चिंता किए रिटायरमेंट के बाद आरामदेह जीवन बसर कर पाएंगे. वह कहते हैं कि अगर आप 45 साल की उम्र के बाद निवेश करना शुरू करते हैं तो आपको हर महीने 1 लाख रुपये म्यूचुअल फंड में डालने होंगे तो रिटायरमेंट कर आपके पास 4-6 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो सकता है. हालांकि, जल्दी शुरुआत पर कम निवेश के बावजूद इस रकम तक पहुंचा जा सकता है.

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हर दिन 95 रुपए की बचत से बन जाएंगे करोड़पति, समझें निवेश का ये तरीका

करोड़पति बनने का सपना हर कोई देखता है। कम कमाई की स्थिति में ये सपना साकार कर पाना काफी मुश्किल होता है। अगर आप सही समय पर निवेश शुरू कर देते हैं तो कुछ साल बाद करोड़पति बन जाएंगे। आज हम आपको हर दिन.

हर दिन 95 रुपए की बचत से बन जाएंगे करोड़पति, समझें निवेश का ये तरीका

करोड़पति बनने का सपना हर कोई देखता है। कम कमाई की स्थिति में ये सपना साकार कर पाना काफी मुश्किल होता है। अगर आप सही समय पर निवेश शुरू कर देते हैं तो कुछ साल बाद करोड़पति बन जाएंगे। आज हम आपको हर दिन 95 रुपए की बचत से करोड़पति बनने के तरीके के बारे में बताएंगे।

क्या है तरीका: मामूली बचत से करोड़पति बनने के लिए SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश करना सही है। एसआईपी में अपना पैसा एकमुश्त जमा करने की जगह हर महीने में तय किस्त के आधार पर जमा कर सकते हैं।

एक्सिस बैंक के SIP कैल्कुलेटर के मुताबिक अगर आप हर माह 2,861 रुपए का निवेश करते हैं तो 30 साल बाद आपको 1 करोड़ रुपए की रकम मिल जाएगी। अगर हर दिन के हिसाब से देखें तो 95 रुपए की बचत जरूरी है। इस बचत के बाद आप मासिक आधार पर 2,861 रुपए की किस्त देकर तीन दशक बाद करोड़पति बन सकते हैं। इसके लिए अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी तय की गई है। हालांकि, रिटर्न में बदलाव संभव है। निवेशक को ज्यादा या कम रिटर्न भी मिल सकता है।

क्या है एसआईपी: बता दें कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान निवेश का एक अनुशासित तरीका है। इसमें आप मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर एक निश्चित राशि का निवेश कर सकते हैं। आप अलग-अलग जीवन लक्ष्यों की योजना बनाकर खुद निवेश की राशि, निवेश की साल अवधि भी तय कर सकते हैं। आप समय-समय पर एसआईपी की रकम को घटा या बढ़ा सकते हैं।

Navratri Financial Lessons: बाजार में धैर्य रखने से बनता है पैसा, इस नवरात्र निवेश के 9 मंत्र

9 Financial Lessons on Navratri: अगर आपने अबतक निवेश बचत शुरू नहीं की है तो नवरात्रि फाइनेंशियल प्‍लानिंग के लिए बेहतर समय है.

Navratri Financial Lessons: बाजार में धैर्य रखने से बनता है पैसा, इस नवरात्र निवेश के 9 मंत्र

Navratri Financial Tips: नवरात्रि के मौके पर किसी अच्‍छे काम की शुरूआत करना शुभ माना जाता है.

Financial Tips From Navratri 2022: भारत में नवरात्रि का अपना एक खास महत्व है. नवरात्रि के मौके पर किसी अच्‍छे काम की शुरूआत करना शुभ माना जाता है. ऐसे में अगर आपने अबतक निवेश बचत शुरू नहीं की है तो यह फाइनेंशियल प्‍लानिंग के लिए बेहतर समय है. बहुत से लोग नवरात्रि के समय नए निवेश को महत्व भी देते हैं. एक बात ध्‍यान रखनी जरूरी है कि बिना किसी प्‍लान के निवेश करने में नुकसान हो सकता है. इसलिए अचछी तरह से प्‍लान कर और रिसर्च करने के बाद इसकी शुरूआत करनी चाहिए.

नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान हर रोज आप एक फाइनेंशियल टिप्‍स ले सकते हैं. मसलन कैसे प्‍लानिंग करें, किस तरह से पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करें, बाजार के उतार चढ़ाव से न घबराएं, रेगुलर इनकम और लंबी अवधि में इनकम की प्‍लानिंग करें. इस बार में बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम ने कुछ टिप्‍स दिए हैं.

निवेश के 9 मंत्र

  • सबसे पहले निवेश के लिए प्‍लानिंग करें. अपनी रिस्‍क लेने की क्षमता को पहचानें और लक्ष्‍य तय करें. इस आधार पर अपनी प्‍लानिंग तैयार करें.
  • अगर आप इक्विटी में निवेश करने जा रहे हैं तो अपना लक्ष्‍य शार्ट टर्म की बजाए लॉन्‍ग टर्म रखें. निवेश की अवधि लंबी होने से बाजार के कई रिस्‍क कवर हो जाते हैं और बेहतर रिटर्न मिलने की उम्‍मीद बढ़ जाती है.
  • शेयर बाजार इसलिए नहीं है कि तुरंत खरीदें और तुरंत बेच दें. इस स्‍ट्रैटेजी से बचने की कोशिश करें और अपना निवेश होल्‍ड रखें.
  • अपने निवेश को अलग अलग बेहतर क्‍वालिटी वाले म्‍यूचुअल फंड के जरिए डाइवर्सिफाई बनाएं.
  • साल दर साल अपने निवेश क्या हर निवेश में पैसा बनता है? की समीक्षा करें. देखें कि आपके पोर्टफोलियो का कौन सा प्रोडक्‍ट अच्‍छा कर रहा है और कौन सा नहीं. अगर किसी विकल्‍प में रिटर्न कमजोर या निगेटिव है तो उस पर एक्‍सपर्ट से राय लें और उस आधार पर उसे जारी रखें या स्विच करें.
  • बाजार के उतार क्या हर निवेश में पैसा बनता है? चढ़ाव से घबराएं नहीं. घबराकर बिकवाली करना या निवेश बंद करने का निर्णय नुकसान कराएगा.
  • अपने निवेश पर एक्‍सपर्ट की राय लेते रहें. वैसे म्‍यूचुअल फंड में आपका निवेश एक्‍सपर्ट की ही देख रेख में रहता है.
  • रेगुलर इनकम के लिए सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान यानी SWP का विकल्‍प चुनें.
  • निवेश के स्‍मार्ट टूल के रूप में सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान यानी SIP का विकल्‍प चुनें. यहां एवरेजिंग और कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है.

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फंडामेंटल एनालिसिस का परिचय

1.1 संक्षिप्त विवरण

किसी भी बिज़नेस को समझने के लिए फ़ंडामेंटल एनालिसिस का इस्तेमाल किया जाता है। अगर कोई निवेशक लम्बे समय के लिए बाज़ार में क्या हर निवेश में पैसा बनता है? निवेश करना चाहता है तो उसको उस बिज़नेस को ठीक से समझना चाहिए जिसमें निवेश कर रहा है। फ़ंडामेंटल एनालिसिस बिज़नेस को कई तरफ से देखने और समझने के इसी काम में मदद करती है। निवेशक के लिए ये ज़रूरी है कि वो बाजार के हर दिन के शोरगुल से अलग हट कर बिज़नेस के कामकाज पर नज़र डाले। फ़ंडामेंटल तौर पर मज़बूत कंपनियों के शेयर की क़ीमत समय के साथ बढ़ती है और निवेशक को फ़ायदा होता है।

भारतीय बाज़ार में ऐसे कई उदाहरण हैं जैसे इनफ़ोसिस , TCS, पेज इंडस्ट्री , आयशर मोटर्स , बॉश इंडिया , नेस्ले इंडिया , TTK प्रेस्टीज आदि। इनमें से हर कंपनी ने दस साल से ज़्यादा तक औसतन 20% से ज़्यादा का कम्पाउंड वार्षिक रिटर्न ( CAGR) दिया है। आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि इनमें पैसा लगाने वाले हर निवेशक का पैसा 3.5 साल में दोगुना हो रहा था। CAGR रिटर्न जितना ज़्यादा होगा आपकी पूँजी उतनी ही तेज़ी से बढ़ेगी। बॉश इंडिया जैसी कुछ कंपनियों ने तो 30% तक का CAGR दिया है। तो अब आपको समझ आ गया होगा कि फ़ंडामेंटल तौर पर मज़बूत कंपनियों में निवेश करके कितनी तेज़ी से और कितना ज़्यादा पैसा कमाया जा सकता है ।

नीचे दिए गए बॉश इंडिया , आयशर मोटर्स और TCS लिमिटेड के चार्ट को देख कर आप अन्दाज़ा लगा सकते हैं क्या हर निवेश में पैसा बनता है? कि लम्बे समय में सम्पत्ति कैसे बढ़ती है। याद रहे कि भारतीय बाज़ार के कई उदाहरणों में से ये सिर्फ़ तीन उदाहरण हैं।

आपको लग सकता है कि मैं सिर्फ़ अच्छे-अच्छे चार्ट दिखा रहा हूँ। आप सोच रहे होंगे कि सुज़लॉन एनर्जी , रिलायंस पावर और स्टर्लिंग बॉयोटेक के चार्ट कैसे दिखेंगे। इनको भी देखिए।


पैसे डुबाने वाले बहुत सारे उदाहरणों में से ये सिर्फ़ तीन हैं।

पैसा कमाने के लिए ये ज़रूरी है कि आप कमाई कराने वाली और नुक़सान कराने वाली कंपनियों के फ़र्क़ को पहचानें। कमाई कराने वाली हर कंपनी में कुछ गुण होते हैं जो उनको अलग से दिखाते हैं। इसी तरह पैसा डुबाने वाली कंपनियों की भी कुछ ख़ास पहचान होती है और अच्छा निवेशक उसे पहचान लेता है। क्या हर निवेश में पैसा बनता है?

फ़ंडामेंटल एनालिसिस वो तकनीक है जो आपको सही कंपनी को पहचान कर लम्बे समय के निवेश के लिए भरोसा देती है।

1.2- क्या मैं फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बन सकता हूँ?


आप बिलकुल बन सकते हैं। ये एक ग़लतफ़हमी है कि सिर्फ़ चार्टर्ड अकाउंटंट या कॉमर्स के बैकग्राउंड वाले लोग ही अच्छे फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बन सकते हैं। एक अच्छा फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बनने के लिए आपको बस कुछ चीज़ें सीखनी होंगी। :

  1. वित्तीय स्टेटमेंट को समझना
  2. हर बिज़नेस को उसकी इंडस्ट्री के परिप्रेक्ष्य के साथ समझना होगा
  3. ज़रूरी गणित को जानना होगा

इस अध्याय में हम ऊपर की लिस्ट में से पहली दो चीज़ों को सीखेंगे जिससे हमें फ़ंडामेंटल एनालिसिस आ सके।

1.3 – मुझे टेक्निकल एनालिसिस आती है, फंडामेंटल एनालिसिस समझने की क्या जरुरत है?

टेक्निकल एनालिसिस आपको छोटे फ़ायदे दिलाती है। ये आपको बाज़ार में एंट्री और एग्ज़िट का सही समय बताती है। लेकिन ये सम्पत्ति बढ़ाने का सही तरीका नहीं है। आप अमीर तभी बन सकते हैं जब आप अच्छा लांग टर्म निवेश करें। वैसे अच्छा ये होगा कि आप टेक्निकल ऐनालिसिस और फ़ंडामेंटल ऐनालिसिस दोनों को इस्तेमाल करें। इसे समझने के लिए एक बार फिर से आयशर मोटर्स के चार्ट पर नज़र डालते हैं।

मान लीजिए एक निवेशक आयशर मोटर्स को फंडामेंटल तौर पर मजबूत शेयर मानकर उस में निवेश करता है। उसने 2006 में कंपनी के शेयर में पैसे लगाए , जैसा कि आप चार्ट में देख सकते हैं कि 2006 से 2010 के बीच में स्टॉक ने कोई खास पैसे नहीं बनाए। शेयर में तेजी 2010 के बाद ही शुरू हुई। इसका यह भी मतलब हुआ कि फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर किए गए क्या हर निवेश में पैसा बनता है? इस क्या हर निवेश में पैसा बनता है? निवेश में आयशर मोटर्स ने निवेशक को अच्छा रिटर्न नहीं दिया। 2006 से 2010 के बीच इस निवेशक ने अगर छोटे-छोटे ट्रेड किए क्या हर निवेश में पैसा बनता है? होते तो उसको ज्यादा फायदा हो सकता था। टेक्निकल एनालिसिस इस तरह के छोटे सौदों के लिए फायदेमंद होता है । इसीलिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का इस्तेमाल साथ – साथ करना चाहिए। इसी पर आधारित है पैसे निवेश करने की एक महत्वपूर्ण रणनीति जिसको कोर सैटेलाइट स्ट्रैटेजी ( The Core Satellite Strategy ) कहते हैं।

मान लीजिए एक निवेशक के पास ₹500 , 000 हैं वह इसको दो हिस्सों में बांटता है उदाहरण के तौर पर 60% और 40% के अनुपात में। इस राशि का 60% यानी ₹300 , 000 वह निवेश करता है लंबी अवधि के लिए और इसके लिए वह फंडामेंटल तौर पर मजबूत कंपनी ढूंढता है। ₹300,000 का यह निवेश उसका कोर पोर्टफोलियो बनता है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि कोर पोर्टफोलियो कम से कम 12 से 15% CAGR के आधार पर हर साल बढ़ेगा। बाकी बचा हुआ 40% पैसा यानी ₹200,000 छोटी अवधि के ट्रेड में इस्तेमाल किए जा सकते हैं और इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सैटेलाइट पोर्टफोलियो कहते हैं और इसमें भी 10 से 12% के रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है।

1.4 फंडामेंटल एनालिसिस के टूल्स यानी उपकरण

फंडामेंटल एनालिसिस के लिए इस्तेमाल की जाने वाले टूल्स बहुत ही साधारण होते हैं जो कि सबके लिए मुफ्त में उपलब्ध हैं। इसके लिए आपको चाहिए :

  1. कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट – फंडामेंटल एनालिसिस के लिए आपको जो भी सूचनाएं चाहिए वह कंपनी की एनुअल रिपोर्ट यानी वार्षिक रिपोर्ट में होती हैं आप इसे कंपनी के वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
  2. इंडस्ट्री से जुड़ा डेटा – यह जानने के लिए कि कंपनी कैसा काम कर रही है आपको इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ डेटा भी चाहिए। यह डेटा भी मुफ्त उपलब्ध होता है। इसके लिए आपको उस इंडस्ट्री एसोसिएशन यानी संगठन की वेबसाइट पर जाना होता है।
  3. समाचार या खबरों पर नज़र – हर दिन की खबर आपको कंपनी के बारे में , इंडस्ट्री के बारे में और अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी देती रहती है। एक अच्छा समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल आपके लिए काम आ सकता है।
  4. माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल ( MS Excel ) – हालांकि ये मुफ्त नहीं है लेकिन यह आपके फंडामेंटल एनालिसिस की गणनाओं के लिए काफी जरूरी है।

इन चार टूल्स यानी उपकरण की मदद से आप फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते हैं और यह किसी भी दूसरे फंडामेंटल एनालिस्ट की एनालिसिस के मुकाबले कम नहीं होगा। बड़ी-बड़ी कंपनियों के रिसर्च डिपार्टमेंट भी ऐसे ही काम करते हैं और उनकी भी कोशिश होती है कि उनकी रिसर्च सीधी सरल और तर्कसंगत हो।

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