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विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति
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विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

उतर प्रदेश उपनिरीक्षक पुलिस आनलाइन परीक्षा (13 दिसम्बर 2017)

…. समग्र आद्योगिक नीति औ .

…. समग्र आद्योगिक नीति और देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ. डी. आई) प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और उसमें वृद्धि के लिए जिम्मेदार है ।

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग चैम्बर संघ विशेष आर्थिक क्षेत्र भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड औधोगिक नीति एवं सवर्धन विभाग

Solution : औधोगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (DIPP) समग्र औधोगिक नीति और देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एच.डी. आई) प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और उसमें वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। औधोगिक नीति एवं संवर्धन विभाग वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत है, जिसकी वर्ष 2000 में पुर्नस्थापना विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति की गयी थी।

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने एफडीआई नीति में अनेक संशोधनों को अपनी मंजू़री दी है। इन संशोधनों का उद्देश्‍य एफडीआई नीति को और ज़्यादा उदार एवं सरल बनाना है, ताकि देश में कारोबार करने में आसानी सुनिश्चित हो सके। इसके परिणामस्‍वरूप प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे निवेश, आय एवं रोज़गार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment - FDI) आर्थिक विकास का एक प्रमुख वाहक और देश में आर्थिक विकास के लिये गैर-ऋण वित्त का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
  • भारत सरकार द्वारा एफडीआई के संबंध में एक निवेशक अनुकूल नीति क्रियान्वित की गई है जिसके तहत ज्‍़यादातर क्षेत्रों/गतिविधियों में स्‍वत: रूट (automatic route) से 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति दी गई है।
  • हाल के महीनों में सरकार द्वारा अनेक क्षेत्रों (सेक्‍टरों) यथा रक्षा, निर्माण क्षेत्र के विकास, बीमा, पेंशन, अन्‍य वित्तीय सेवाओं, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (Asset reconstruction Companies), प्रसारण (Broadcasting), नागरिक उड्डयन (Civil Aviation), फार्मास्‍यूटिकल्‍स (Pharmaceuticals), ट्रेडिंग इत्‍यादि में एफडीआई संबंधी नीतिगत सुधार लागू किये गए हैं।
  • सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के परिणामस्‍वरूप देश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति एफडीआई के प्रवाह में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2014-15 के दौरान कुल मिलाकर 45.15 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रवाह हुआ है, जबकि वर्ष 2013-14 में यह प्रवाह 36.05 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ था।
  • वर्ष 2015-16 के दौरान देश में कुल मिलाकर 55.46 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में कुल मिलाकर 60.08 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश प्राप्‍त हुआ, जो अब तक का सर्वकालिक उच्‍चतम स्‍तर है।

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने एफडीआई नीति में अनेक संशोधनों को अपनी मंजू़री दी है। इन संशोधनों का उद्देश्‍य एफडीआई नीति को और ज़्यादा उदार एवं सरल बनाना है, ताकि देश में कारोबार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति करने में आसानी सुनिश्चित हो सके। इसके परिणामस्‍वरूप प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे निवेश, आय एवं रोज़गार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment - FDI) आर्थिक विकास का एक प्रमुख वाहक और देश में आर्थिक विकास के लिये गैर-ऋण वित्त का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
  • भारत सरकार द्वारा एफडीआई के संबंध में एक निवेशक अनुकूल नीति क्रियान्वित की गई है जिसके तहत ज्‍़यादातर क्षेत्रों/गतिविधियों में स्‍वत: रूट (automatic route) से 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति दी गई है।
  • हाल के महीनों में सरकार द्वारा अनेक क्षेत्रों (सेक्‍टरों) यथा रक्षा, निर्माण क्षेत्र के विकास, बीमा, पेंशन, अन्‍य वित्तीय सेवाओं, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (Asset reconstruction Companies), प्रसारण (Broadcasting), नागरिक उड्डयन (Civil Aviation), फार्मास्‍यूटिकल्‍स (Pharmaceuticals), ट्रेडिंग इत्‍यादि में एफडीआई संबंधी नीतिगत सुधार लागू किये गए हैं।
  • सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के परिणामस्‍वरूप देश में एफडीआई के प्रवाह में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2014-15 के दौरान कुल मिलाकर 45.15 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रवाह हुआ है, जबकि वर्ष 2013-14 में यह प्रवाह 36.05 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ था।
  • वर्ष 2015-16 के दौरान देश में कुल मिलाकर 55.46 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में कुल मिलाकर 60.08 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश प्राप्‍त हुआ, जो अब तक का सर्वकालिक उच्‍चतम स्‍तर है।

कैबिनेट ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर, 2021 को दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी है। राहत पैकेज में दूरसंचार कंपनियों द्वारा वैधानिक बकाया के भुगतान पर 4 साल की मोहलत (moratorium) शामिल है। मुख्य बिंदु कैबिनेट ने स्वचालित मार्ग से 100% विदेशी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति निवेश (FDI) की भी अनुमति दी है। कुल मिलाकर, दूरसंचार क्षेत्र

भारत 2020 में FDI का 5वां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2020 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 64 बिलियन डालर प्राप्त किए। भारत दुनिया भर में FDI प्रवाह का पांचवां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया है। विश्व निवेश रिपोर्ट 2021 “World Investment Report 2021” व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) द्वारा जारी की गयी है। इस

बीमा संशोधन विधेयक, 2021 राज्य सभा में पास हुआ

राज्य सभा ने बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021 (Insurance (Amendment) Bill, 2021) पारित किया है। यह बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन करेगा, जिससे भारतीय बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ जाएगी। मुख्य बिंदु इस विधेयक में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (foreign direct investment) सीमा को मौजूदा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रावधान

विस्तार

वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का उच्चतम वार्षिक एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति दर्ज किया है। साल 2020-21 में यह 81.97 अरब अमेरिकी डॉलर थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर की अब तक की सबसे अधिक सालाना एफडीआई दर्ज की है।

भारत बन रहा निवेश के लिए पसंदीदा देश
मंत्रालय ने कहा कि भारत विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए एक पसंदीदा देश के रूप में तेजी से उभर रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 76 प्रतिशत की भारी भरकम बढोतरी दर्ज की गई है। एफडीआई इक्विटी प्रवाह साल 2020-21 के 12.09 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 21.34 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है।

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