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स्टार्टअप में निवेश

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Rrb Ntpc Group D (22 Oct 2018 Shift 1)

दो वर्ष पहले, एक नई स्टार्टअप .

दो वर्ष पहले, एक नई स्टार्टअप कंपनी को उसके पूंजी निवेश का 80% तक बड़ा घाटा हुआ। बाद के वर्षों में उसने अपना वित्तीय घाटा दो चरणों में वसूल किया। चरण 1 में, कंपनी ने ₹ 30,000 वसूल किये और चरण 2 में ₹ 80,000 वसूल किये। उसका आरंभिक पूंजी निवेश कितना था?

कृषि- खाद्य स्टार्टअप में निवेश स्टार्टअप में निवेश दोगुना बढ़कर 4.6 अरब डॉलर पर पहुंचा

मुंबई- वित्त वर्ष 2022 में कृषि और खाद्य क्षेत्र में प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में निवेश पिछले वित्त वर्ष के दौरान दो गुना बढ़कर 4.6 अरब डॉलर हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार इसमें सबसे ज्यादा रकम रेस्तरां और ई-किराने में आई है।

एग्रीफूडटेक स्टार्टअप्स में यह निवेश 2021 की तुलना में 119 फीसदी अधिक है। इसी दौरान सौदों की संख्या भी 189 से बढ़कर 234 हो गई। रेस्टोरेंट मार्केटप्लेस और ई-ग्रॉसरी क्रमशः 1.9 बिलियन डॉलर और 1.4 बिलियन डॉलर की फंडिंग के साथ सबसे अधिक रकम पाने वालों में रहे हैं।

एग्रीफूडटेक में कुल फंडिंग में रेस्टोरेंट मार्केटप्लेस और ई-ग्रॉसरी द्वारा जुटाई गई रकम का हिस्सा 66 फीसदी है। निवेश के रुझान इस बात का प्रमाण हैं कि इसने दुनिया भर के सामान्य वेंचर कैपिटल का ध्यान आकर्षित किया है। उनका अनुमान है कि एग्रीफूडटेक भारत के विशाल कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है।

सरकार ने स्टार्टअप में निवेश की सुविधा के लिए एंजेल फंड को लेकर जारी किया रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क

सरकार ने स्टार्टअप में निवेश की सुविधा के लिए एंजेल फंड को लेकर जारी किया रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (International Financial Services Centres Authority - IFSCA) ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (International Financial Services Centres - IFSC) में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स को डेवलप और रेग्यूलेट करने के अपने कार्यादेश को आगे बढ़ाते हुए, अप्रैल, 2022 में IFSCA (फंड मैनेजमेंट) रेग्यूलेशन, 2022 अधिसूचित किया था, ताकि एर्ली-स्टेज वेंचर कैपिटल अंडरटेकिंग्स (स्टार्टअप) में निवेश के लिए योजनाओं सहित फंड मैनेजमेंट से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क को सक्षम बनाया जा सके.

एंजेल फंड (Angel Funds) स्टार्टअप और एंजेल निवेशकों के बीच की दूरी को ख़त्म करता है. एंजेल निवेशक (Angel Investors) स्टार्टअप परामर्श देने, सहायता करने और संसाधन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टार्टअप में निवेश IFSCA ने अब IFSCA (फंड मैनेजमेंट) रेग्यूलेशन, 2022 के तहत एंजेल फंड के लिए एक फ्रेमवर्क जारी किया है. इस फ्रेमवर्क की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1) IFSCA में फंड मैनेजमेंट युनिट (FME) ग्रीन चैनल के तहत प्राधिकरण के साथ एक नियुक्ति ज्ञापन दाखिल करके एंजेल फंड लॉन्च करने में सक्षम होगी, यानी प्राधिकरण के साथ नियुक्ति ज्ञापन दाखिल करने के तुरंत बाद निवेशकों द्वारा सब्सक्रिप्शन के लिए योजनाएं खोली जा सकती हैं.

2) एंजेल फंड मान्यता प्राप्त निवेशकों या ऐसे निवेशकों से निवेश स्वीकार करेंगे, जो 5 वर्षों के दौरान स्टार्टअप में निवेश कम से कम 40,000 डॉलर निवेश करने के इच्छुक हैं.

3) एंजेल फंड को इच्छुक निवेशकों से सहमति प्राप्त करने के बाद IFSC, भारत, विदेशी क्षेत्राधिकार में स्टार्टअप के साथ-साथ अन्य विनियमित एंजेल योजनाओं में निवेश करने की अनुमति होगी.

4) एंजेल फंड द्वारा एक स्टार्टअप में निवेश की सीमा 1,500,000 डॉलर है, एंजेल फंड को अपनी शेयरधारिता को कमजोर पड़ने से बचाने के लिए स्टार्टअप द्वारा फिर से कोष जुटाने के दौर में निवेश करने की अनुमति होगी, जो कुछ शर्तों के अधीन होगी.

एंजेल फंड के लिए जारी किए गए इस रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क के बारे में विस्तृत जानकारी यहां देखी जा सकती है.

स्टार्टअप कंपनियों को मिलने वाले निवेश में आई कमी, अप्रैल-जून में 40% की गिरावट

बेंगलुरु, एनसीआर और मुंबई देश के प्रमुख स्टार्टअप केंद्र हैं.

बेंगलुरु, एनसीआर और मुंबई देश के प्रमुख स्टार्टअप केंद्र हैं.

पीडब्ल्यूसी इंडिया (PwC India) की रिपोर्ट ‘स्टार्टअप डील ट्रैकर-अप्रैल-जून तिमाही’ के मुताबिक, शुरुआती चरण के डील में क . अधिक पढ़ें

  • पीटीआई
  • Last Updated : July 10, 2022, 15:43 IST

नई दिल्ली. भारतीय स्टार्टअप (Indian Startups) कंपनियों में चालू कैलेंडर साल की दूसरी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निवेश 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर रह गया. जियो-पॉलिटिकल संकट के कारण स्टार्टअप कंपनियों को मिलने वाले निवेश में कमी आई है. पीडब्ल्यूसी इंडिया (PwC India) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.

50 लाख डॉलर रहा फंडिंग का औसत आकार
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट ‘स्टार्टअप डील ट्रैकर-अप्रैल-जून तिमाही’ के मुताबिक, शुरुआती चरण के डील में कुल मिलाकर 60 फीसदी से अधिक का औसत आकार 50 लाख डॉलर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘लगातार तीन तिमाहियों में 10 अरब डॉलर से अधिक जुटाने के बाद भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में कुल निवेश चालू कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर तक आ गया.’’

इन कारणों से स्टार्टअप कंपनियों के निवेश में गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, टेक स्टॉक वैल्यूएशन में कमी, मुद्रास्फीति और जियो-पॉलिटिकल संकट जैसे कारणों को स्टार्टअप कंपनियों के निवेश में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में आए कुल फंडिंग में सॉफ्टवेयर एज सर्विस (SaaS) और फिनटेक कंपनियों का हिस्सा सबसे ज्यादा रहा. इन क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनियों को इस दौरान कुल 3.1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश मिला.

बेंगलुरु, NCR और मुंबई देश के प्रमुख स्टार्टअप केंद्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और मुंबई देश के प्रमुख स्टार्टअप केंद्र हैं. अप्रैल-जून तिमाही में कुल फंडिंग गतिविधियों में 95 फीसदी का योगदान इन शहरों का रहा. इनके बाद चेन्नई और पुणे का नंबर आता है.

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