यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं

बचत करें या निवेश
जब हम हर महीने या नियमित रूप से अपनी आय में से थोड़ा पैसा अलग रखते हैं, उसे बचत करना कहते हैं। इस पैसे को हम छोटी अवधि के लिए तथा बहुत ही सुरक्षित विकल्पों में लगाते हैं, जिससे यह हमें आसानी से, जब चाहे तब उपलब्ध हो जाए। छोटी अवधि की परिभाषा संदर्भ के अनुसार बदलती रहती है, यह एक महीना, छह महीने, एक साल या उससे अधिक भी हो सकती है।
निवेश
जब लक्ष्य कुछ साल दूर हो तब आप अपनी बचत वाला धन अधिक जोखिम उठाकर ऊंची दर या रिटर्न वाले विकल्पों में लगाते हैं। उदाहरण के लिए बच्चों की उच्च शिक्षा या स्वयं की सेवानिवृत्ति, जबकि ये दोनों ही लक्ष्य बहुत साल दूर हैं। इस प्रकार दीर्घावधि में धन सृजन वाले विकल्प को निवेश कहते हैं। यहां ध्यान देने वाली दो बातें हैं, जो हैं लंबी अवधि एवं अधिक जोखिम व बचत वाले धन की तरह निवेश वाला धन आसानी से आपको उपलब्ध नहीं हो सकता।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
1 बचत से मिलने वाली रिटर्न या आय न्यूनतम रहती है, लेकिन वस्तुतः जोखिम भी लगभग न के बराबर रहता है। अधिकतर लोग बचत के तौर पर बैंक सेविंग्स, आवर्ती जमा (आरडी) या सावधि जमा (एफडी) को ही चुनते हैं। इनमें यह सुविधा है कि राशि कितनी देय होगी यह पहले से ही ज्ञात रहता है। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि यदि आपका सावधि जमा (एफडी) खाता किसी बैंक के साथ है, तब बैंक डिफॉल्ट के मामले में आप डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (डीआईसीजीसी) से अधिकतम एक लाख रुपए के मुआवज़े के पात्र होंगे।
2 बचत के प्रमुख उत्पाद आम तौर पर तरल होते हैं, जिसका अर्थ है कि आवश्यकता पड़ने पर आपके पैसे तुरंत मिल सकते हैं, हालांकि यदि आप आवर्ती जमा या सावधि जमा खातों को समय से पहले बंद करवाते हैं तो आपको कुछ शुल्क देना पड़ सकता है।
3 बचत के प्रमुख साधन जैसे बैंक या डाक घर का बचत खाता, आवर्ती या सावधि खातों के रखरखाव के लिए शुल्क बहुत कम है और आमतौर पर नियमित खाताधारकों के लिए निःशुल्क है।
4 बचत की प्रक्रिया बहुत सी लागतों या शुल्क के बिनाए सरल और आसान है तथा इसमें शोध या अध्ययन की आवश्यकता नहीं होती है।
5 उदाहरण व्यक्तिगत इस्तेमाल की वस्तु खरीद हेतु, नई कार
खरीद, घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट, घूमने या देश-विदेश भ्रमण के लिए इत्यादि।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
1 निवेश करने के लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध है,ं किंतु इन्हें चुनने से पहले आयु, आय, परिवार का आकार, जीवन शैली जैसे विभिन्न पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।
2 लंबी अवधि में बाजार से संबंधित निवेश किसी भी अन्य विकल्प से अधिक लाभ देता है, किंतु पहले से ही यह अनुमानित नहीं किया जा सकता कि किस समय अवधि में आप बहुत अधिक लाभ अर्जित करेंगे अथवा किस अवधि में आपका निवेश मूल से घट जाएगा। उतार-चढ़ाव बाजार का अभिन्न अंग है ।
3 निवेश के माध्यम से आप मुद्रास्फीति से अधिक कमाने की आशा कर सकते हैं। यदि आपकी आय या रिटर्न की दर मुद्रास्फीति की दर से कम है, तो समझिए कि आपका धन समय के साथ क्रय शक्ति खो रहा है।
4 निवेश का मूल आधार है लंबी अवधि तथा धैर्य, केवल उस पैसे को ही निवेश के लिए उपयोग में यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं लाएं, जिसकी आपको बहुत लंबे समय तक आवश्यकता नहीं होगी।
5 निवेश करना जटिल हो सकता है, यदि आप स्वयं अध्ययन एवं शोध करके निवेश की बारीकियां समझ सकें तब यह आपकी निवेश यात्रा में बहुत सहायक सिद्ध होगा। यदि ऐसा करने में आप स्वयं को अक्षम पाते हैं, तब आपको विशेषज्ञ की सहायता लेनी चाहिए ।
6 उदाहरण बच्चों की यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं शादी हेतु, कुछ वर्षों में अपना व्यवसाय आरंभ करने हेतु, सेवानिवृत्ति, जो वर्षों दूर है, इत्यादि
एक अच्छी वित्तीय रण नीति में बचत एवं निवेश दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं, लंबी अवधि में संपन्नता का मार्ग है नियमित बचत तथा उपयुक्त निवेश। अपनी बचत व निवेश यात्रा से पहले इन बातों का विश्लेषण करें….
1 अपनी आर्थिक स्थिति का आकलन करेंः आप बचत तथा तदोपरांत निवेश के बारे में तभी सोच सकते हैं, जब आपके खर्चे आपकी कमाई से कम हों, इसे पहला तथा सबसे महत्त्वपूर्ण नियम बना लें
दो बातों का ध्यान रखना आवश्यक हैः 1 यदि आप पर कोई बकाया ऋण है, तो उसे चुकता करने का यथा शीघ्र प्रयास करें। 2 एक आपातकालीन निधि बनाएं, जिसमें छह महीने से लेकर एक साल तक के खर्चे के बराबर धन हो, ऐसा करना इसलिए आवश्यक है, ताकि आप अपनी निवेशित संपत्ति से बिलकुल छेड़छाड़ न कर सकें।
2 अपने लक्ष्य यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं निर्धारित करें: हमारे पास उद्देश्य की स्पष्टता और एक योजना होनी चाहिए। इस योजना में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रख कर एक रणनीति बनाइए
दीर्घकालिक लक्ष्य के पूरा होने से कुछ समय पहले उस धन को जोखिम वाले निवेश से निकाल कर अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश में स्थानांतरित करना इस रणनीति का हिस्सा है।
3 विकल्पों एवं जोखिम को समझेंः यह सुनिश्चित कर लें कि आपका ध्येय क्या है तथा निवेशित धन आपको कब चाहिए। यदि आप किसी निवेश सलाहकार की सहायता ले रहे हैं, तब भी आपको निवेश के विकल्पों को समझने का प्रयास करना चाहिए, जिससे आपको यह ज्ञात रहे कि कितना पैसा कहां निवेशित है, जोखिम कितना है तथा कितने रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है।
4 कितनी बचत या निवेश करें: यह निर्धारित करना महत्त्वपूर्ण है कि आप आरंभ में कितना निवेश कर सकते हैं तथा कितना मासिक या सालाना निवेश करना जारी रख सकते हैं। इससे आप यह भी समझ सकेंगे कि कौन से निवेश आपके लिए सही हैं, तदोपरांत धीरे-धीरे बचत या निवेश को बढ़ा सकते हैं ।
और अंत में
यदि आप निश्चित नहीं हैं कि आप किसी विशेष लक्ष्य की ओर बचत कर रहे हैं या निवेश कर रहे हैं, तो मूल बातें याद रखें। यदि यह एक अल्पकालिक लक्ष्य है, जिसके लिए यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं आपको अपने धन की सुरक्षा तथा तुरंत उपलब्धता सर्वोपरि है, तो बचत करना शुरू करें। यदि यह एक बड़ा दीर्घकालिक लक्ष्य है, जिसके लिए आप अधिक जोखिम उठाकर अधिक रिटर्न चाहते हैं, तो निवेश करने पर ही विचार करें। यदि तब भी आप सुनिश्चित नहीं हैं कि क्या करना चाहिए या कैसे तब आवश्यक हो जाता है, कि आप किसी वित्तीय सलाहकार की सहायता से इस यात्रा में सफलता प्राप्त करें।
क्या है फडी, म्यूचुअल फंड, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, जानिए किसमें जल्दी होगा आपका रुपया डबल
सरकार ने बैंक डिपॉजिट ब्याज दरों में में नरमी के बीच अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। गिरती ब्याज दरें निवेशकों को बेहतर रिटर्न अर्जित करने के लिए निवेश के दूसरे ऑप्शन तलाशने पर मजबूर कर रही हैं। सवाल यह है कि आपको कौन सा निवेश इंस्ट्रूमेंट चुनना चाहिए ? सबसे पहले अपनी निवेश अवधि और वह लक्ष्य तय करें जिसके लिए आप निवेश करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा के लिए बैंक FD में निवेश कर रहे थे, तो आप सुकन्या समृद्धि योजना या म्यूचुअल फंड में स्विच कर सकते हैं।
ताकि योजना को सलेक्ट करने में मिले मदद
एक बार जब आप अपने लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के आधार पर योजनाओं को शॉर्टलिस्ट कर लेते हैं , तो आप सबसे अच्छा रिटर्न देने वाले को चुनने के लिए रिटर्न अंतर को भी देख सकते हैं। एक आसान तुलना के लिए, यहां हम यह पता लगाएंगे कि इन निवेश साधनों को आपके निवेश को दोगुना करने में कितना समय लगता है। एक योजना का चयन करना तब आसान हो जाएगा जब आपको पता चल जाए कि कौन सी योजना आपके निवेश को तेजी से दोगुना कर देगी।
रूल 72 बताएगा आपका रुपया कब होगा डबल
यह रूल 72 आपको बताता है कि आपका पैसा कितनी तेजी से दोगुना होगा। कितना पैसा दोगुना होगा, यह जानने से पहले अपने लक्ष्यों और निवेश की अवधि निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। आइए अब ’72 का नियम’ का उपयोग करके पता करें कि ये निवेश कितनी तेजी से पैसे को दोगुना कर सकते हैं। हम यह देखने के लिए ‘रूल 72 ′ का उपयोग करेंगे कि ये निवेश कितनी तेजी आपके धन को दोगुना कर सकते हैं। रूल 72 एक फॉर्मूला है जहां हम ’72’ संख्या को इंवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर से भाग करते हैं ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि आप उस विशेष निवेश के साथ अपने पैसे को यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं कितनी जल्दी दोगुना कर सकते हैं।
कौन सा निवेश कब करेगा आपका रुपया डबल
- बैंक एफडी की करें तो 5.5 फीसदी पर आपका रुपया डबल होने में करीब 13 साल लग जाएंगे।
- वहीं बात पीपीएफ की करें तो 7.1 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। ब्याज दर 7.1 फीसदी (72/7.1 = 10.14) पर बनी हुई है, तो पीपीएफ को आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग 10 साल लग जाएंगे।
- इसी तरह , सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6 फीसदी की मौजूदा ब्याज दर पर आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग 9.4 साल लगेंगे।
कर सकते हैं स्विच
ऊपर दी गई कुछ योजनाएं आपको मौजूदा ब्याज दरों पर अपने निवेश को दोगुना करने के लिए लंबी परिपक्वता अवधि प्रदान नहीं कर सकती हैं , लेकिन यह अभ्यास आपको बैंक एफडी का विकल्प चुनने में मदद करेगा और यह भी समझाने का प्रयास करेगा कि आपको निवेश से कितनी उम्मीद है। यदि आप पूरी तरह से स्विच नहीं करना चाहते हैं तो आप अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में इन्हें एड कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि रूल 72 एक अनुमानित आइडिया देता है और इसमें एकमुश्त निवेश के पैमाने को मानता है।
यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं
Investments in securities are subject to market risks. Read all the documents or product details carefully before investing. WealthDesk Platform facilitates offering of WealthBaskets by SEBI registered entities, termed as "WealthBasket Managers" on this platform. Investments in WealthBaskets are subject to the Terms of Service.
WealthDesk is a platform that lets you invest in systematic, modern investment products called WealthBasket.
WealthDesk Unit No. 001, Ground Floor, Boston House, Suren Road, Off. Andheri-Kurla Road, Andheri (East), Mumbai, Mumbai City, Maharashtra- 400093
© 2022 Wealth Technology & Services Private Limited. CIN: U74999MH2016PTC281896
शेयर बाजार में निवेश शुरू कर सकते हैं, जानिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस
किसी भी निवेश से पहले आपको यह जानना जरूरी यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं है कि आखिर आप निवेश करना क्यों चाहते हैं। अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के तरीके को जानना सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है। ऐसा करने के लिए एक विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शेयर बाजार में कई लोग निवेश करना चाहते हैं, लेकिन इस बाजार की टेक्निकल बातों और जोखिम के चलते यहां निवेश करने से कतराते हैं। यदि आप भी शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि किससे पूछना है, तो हम आपको इस बारे में बिल्कुल आसान शब्दों में बताएंगे।
किसी भी निवेश से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर आप निवेश करना क्यों चाहते हैं। अपने वित्तीय यदि आप निवेश नहीं कर रहे हैं लक्ष्य को हासिल करने के तरीके को जानना सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है। ऐसा करने के लिए एक विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है। आपको केवल कुछ मूल बातें जानने की जरूरत है। एक योजना बनाएं और दूसरा उसका पालन करने के लिए पर्याप्त अनुशासन बरतें।
अब आपको यह तय करना होगा कि आपके निवेश का लक्ष्य क्या है। क्या आप शादी के लिए निवेश कर रहे हैं, अपने बच्चे के कालेज फंड या सेवानिवृत्ति के लिए निवेश कर रहे हैं। उसके बाद तय करें कि आपको अपने लक्ष्य को कितने वर्षों में पूरा करना है। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब आप निवेश करते हैं, तो आपके लिए सबसे जरूरी ये जानना होता है कि इसमें आपको प्रवेश कब करना है और निकलना कब है।
निवेश शुरू करने के लिए आपको डीमैट और ट्रेडिंग खातों की जरूरत होती है। इसकी शुरुआत आप इन तीन आसान स्टेप में कर सकते हैं। स्टेप 1: एक स्टॉक ब्रोकर चुनें जहां डीमैट और ट्रेडिंग खाता खुलवाया जा सकें। स्टेप 2: केवाईसी के नियमों को पूरा करें। चरण 3: केवाईसी की सत्यापन प्रक्रिया पूरा होते ही बाजार से कमाई करने के लिए आप रजिस्टर्ड हैं।
बजट तय करना निवेश का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, विश्लेषण करें कि क्या वार्षिक एकमुश्त निवेश करना आपके लिए अनुकूल होगा या मासिक आधार पर अधिक आकर्षक होगा।
निफ्टी में निवेश: जब आप यह सब पता लगा लेते हैं, तो आप निफ्टी जैसे सूचकांकों के लिए तैयार हैं। ऐसा करने के कई तरीके हैं।
निफ्टी में निवेश करने का सबसे सरल तरीका किसी कंपनी के स्टॉक यानी शेयर को खरीदना। जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आप उनकी कीमत बढ़ने पर पूंजीगत लाभ का फायदा उठा सकते हैं। वहीं डेरिवेटिव एक तरह वित्तीय अनुबंध हैं। ये स्टॉक, कमोडिटीज, मुद्राएं आदि में हो सकते हैं। इस पद्धति के साथ, पार्टियां भविष्य की तारीख में अनुबंध का निपटान करने के लिए सहमत होती हैं और अंतर्निहित परिसंपत्ति के भविष्य के मूल्य पर दांव लगाकर लाभ कमाती हैं।
शेयर बाजार में पैसा लगाते वक्त ध्यान रखें ये बातें, मुनाफा होने का चांस हो जाएगा डबल
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त कंपनी का चुनाव और पैसे लगाने का समय बहुत अहम होता है. इसके अलावा भी कई चीजें होती हैं, जिनसे तय होता है कि आपको फायदा होगा या नुकसान.
कोरोना काल के दौरान बहुत सारे लोगों ने अपने डीमैट अकाउंट खुलवाए और शेयर बाजार (Investing in Share Market) में पैसे लगाए. कुछ ने फायदा भी कमाया और कुछ को तगड़ा नुकसान भी हुआ. शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान किसे फायदा होगा और किसे नुकसान, यह बहुत हद तक आपके चुनाव और आपके फैसलों पर निर्भर करता है. अगर आप शेयर बाजार से तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा.
1- शेयरों का चुनाव सबसे अहम
शेयर बाजार में निवेश करने में सबसे अहम होता है शेयरों का चुनाव. आपको जिस भी कंपनी का शेयर खरीदना है सबसे पहले उसके बारे में पूरी एनालिसिस करें. देखें कि कंपनी का बिजनस क्या है और कैसा चल रहा है. चेक करें कि कंपनी को फायदा हो रहा है या नुकसान. ये भी देखें कि कंपनी भविष्य को लेकर क्या प्लान बना रही है. इतना ही नहीं, कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में भी जरूर स्टडी करें, क्योंकि अगर मैनेजमेंट में ही गड़बड़ होगी तो तगड़ा मुनाफा देने वाली कंपनी भी भारी नुकसान का सबब बन सकती है.
2- सही समय पर करें निवेश
वैसे तो शेयर बाजार में निवेश करने का सही समय क्या है, ये कोई नहीं बता सकता, लेकिन आपको इसका अनुमान लगाना होगा. इसके लिए आपको खबरों को अच्छे से पढ़ना होगा, ताकि इस बात का अंदाजा लगाया जा सके कि शेयर बाजार में तेजी कब से शुरू हो सकती है या ये पता चल सके कि कब तक बाजार गिरेगा. कोरोना काल में जब बाजार गिरने लगा तो बहुत सारे लोगों ने पैसे निकालने शुरू कर दिए. वहीं जो लोग बाजार और खबरों को अच्छे से ट्रैक कर रहे थे, उन्होंने निचले स्तरों पर पैसा लगाया और चंद महीनों में ही दोगुना-तिगुना मुनाफा कमाया. उस सही समय को अगर आप पहचान लेते हैं तो आपको भी तगड़ा मुनाफा हो सकता है.
3- निवेश पर करें फोकस, ट्रेडिंग पर नहीं
शेयर बाजार में पैसा लगाने का मतलब अधिकतर लोग ये समझते हैं कि हर रोज सुबह से शाम तक शेयर बाजार ही देखते रहें. उन्हें लगता है कि जैसै ही दाम बढ़ेंगे, शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेंगे. कई लोग एक ही दिन में शेयर खरीद कर बेच देते हैं, जिसे इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है. वहीं कुछ लोग कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों में मुनाफा काट लेते हैं, जिसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं. वहीं सबसे तगड़ा मुनाफा मिलता है निवेश से, जो लंबे वक्त के लिए किया जाता है. राकेश झुनझुनवाला से लेकर वॉरेन बफे तक सभी निवेश की सलाह देते हैं. कभी-कभी ट्रेडिंग बुरी बात नहीं, लेकिन अधिकतर समय निवेश के बारे में सोचना चाहिए.
4- एक ही शेयर पर ना लगाएं सारे पैसे
शेयर बाजार में वह लोग अक्सर मुंह की खाते हैं, जो अपना सारा पैसा एक ही शेयर में झोंक देते हैं. शेयर बाजार में पैसा लगाते वक्त सारा पैसा एक ही शेयर में नहीं लगाना चाहिए, बल्कि एक पोर्टफोलियो बनाना चाहिए. अगर आप एक ही शेयर में पैसे लगाएंगे और उसमें नुकसान होता है तो आपके सारे पैसे डूब सकते हैं. वहीं अगर आपने एक पोर्टफोलियो बनाया होगा और आप कई शेयरों में थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाते हैं तो एक के नुकसान की भरपाई दूसरे शेयर से हो जाएगी.
5- टिप्स के चक्कर में कभी ना फंसें
शेयर बाजार में जो निवेश की शुरुआत करता है, वह शुरू-शुरू में कुछ लोगों से ये जरूर पूछता है कि किस शेयर में पैसे लगाने चाहिए. अगर आपने भी ऐसा कुछ किया है या करने की सोच रहे हैं तो ये ख्याल अपने मन से अभी निकाल दीजिए. तमाम दिग्गज निवेशकों की भी हमेशा यही सलाह रहती है कि टिप्स के चक्कर में ना पड़ें. ना ही झुनझुनवाला या बफे जैसे निवेशकों के पैटर्न को फॉलो करें. अगर कुछ गड़बड़ दिखती है तो वो तो अपना पैसा मार्केट से निकाल लेंगे, लेकिन आप फंसे रह जाएंगे. कभी भी टिप्स के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए, बल्कि कंपनी के बारे में पूरी रिसर्च करने के बाद ही उसमें पैसे लगाने चाहिए.
6- ग्लोबल न्यूज को ट्रैक करें, मार्केट सेंटिमेंट का ध्यान रखें
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ग्लोबल न्यूज पर विशेष ध्यान रखें, खासकर अमेरिकन मार्केट पर. अगर विदेशी बाजार में उथल-पुथल होती है, तो उसका भारतीय शेयर बाजार पर असर दिखता ही है. जैसे ग्लोबल मंदी या अमेरिका में मंदी आने का असर भारत पर दिखता है. अगर फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाई जाती हैं, तो उसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता ही है. ऐसे में आपको ग्लोबल न्यूज और मार्केट सेंटिमेंट को ध्यान में रखते हुए ही शेयर बाजार में पैसे लगाने चाहिए.
ये रही Top-5 महंगे स्टॉक्स की लिस्ट, सबसे ज्यादा कीमत वाले MRF शेयर के नतीजों ने किया हैरान