अपना TRON बेचना

क्रिप्टोकरेंसी का मायाजाल, लोग हो रहे रातों रात कंगाल: 75 प्रतिशत निवेशकों को नुकसान ही नुकसान
दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है। बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।
बिटकॉइन में निवेश करने वाले लगभग 75 प्रतिशत लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है. एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने 95 देशों में सात साल में हुए निवेश के बाद यह नतीजा निकाला है.
क्रिप्टोकरंसी ‘बिटकॉइन’ में निवेश करने वाले हर चार में तीन लोगों ने घाटा उठाया है. सोमवार को प्रकाशित हुए एक नए अध्ययन में 2015 से 2022 के बीच 95 देशों में बिटकॉइन निवेशकों से बातचीत के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है.
पिछले कुछ समय में एक के बाद एक कई बड़ी क्रिप्टोकरंसी और उनसे जुड़ीं कंपनियां मुंह के बल गिरी हैं जिसके बाद क्रिप्टो-निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है. हाल ही में एफटीएक्स नामक क्रिप्टो कंपनी के दीवालिया हो जाने से इस निवेश क्षेत्र में लोगों के भरोसे की चूलें हिल गई हैं.
बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स, जिसे दुनिया के केंद्रीय बैंक का केंद्रीय बैंक भी कहा जाता है, कहता है कि बीते सात साल में बिटकॉइन के निवेशकों ने भारी नुकसान झेला है. अपने अध्ययन में उसने कहा, “कुल मिलाकर देखा जाए तो बिटकॉइन के तीन चौथाई निवेशकों ने अपना अपना TRON बेचना धन खोया है.”
यह अध्ययन जिस दौर के निवेशकों पर किया गया है, उस दौरान यानी अगस्त 2015 में बिटकॉइन की कीमत 250 डॉलर से बढ़कर अपने सर्वोच्च स्तर पर यानी नवंबर 2021 में 69,000 डॉलर पर पहुंचीथी. फिलहाल की इस क्रिप्टो करंसी की कीमत 16,500 है.
युवाओं में ज्यादा रुझान
इस अध्ययन का एक निष्कर्ष यह भी है कि स्मार्टफोन ऐप के जरिए निवेश ने बड़ी संख्या में लोगों को इस मुद्रा में धन लगाने के लिए आकर्षित किया. 2015 में स्मार्टफोन से निवेश करने वालों की अपना TRON बेचना संख्या 1,19,000 थी जो 2022 में बढ़कर 3.25 करोड़ पर पहुंच गई.
इस बारे में शोधकर्ताओं ने लिखा, “हमारा विश्लेषण दिखाता है कि दुनियाभर में बिटकॉइन की अपना TRON बेचना कीमत का संबंध छोटे निवेशकों के इसमें निवेश से है.” साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे कीमत बढ़ती जा रही थी और छोटे निवेशक बिटकॉइन खरीद रहे थे, “सबसे बड़े निवेशक इसे बेच रहे थे और छोटे निवेशकों के दम पर मुनाफा कमा रहे थे.”
शोधकर्ताओं के पास हर निवेशक के नफे-नुकसान के आंकड़े तो नहीं थे लेकिन वे नए निवेशकों द्वारा खासतौर पर स्मार्टफोन ऐप से निवेश करने से लेकर पिछले महीने तक के बिटकॉइन की कीमत का विश्लेषण कर इन नतीजों पर पहुंचे हैं. उन्होंने यह भी पाया कि क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने वालों में सबसे बड़ी संख्या, लगभग 40 प्रतिशत लोग 35 वर्ष से कम आयु के पुरुष थे, जिसे आबादी का “सबसे ज्यादा जोखिम उठाने वाले” हिस्से के रूप में देखा जाता है.
शोधकर्ता कहते हैं कि ज्यादातर क्रिप्टो-निवेशक इसे सट्टेबाजी के रूप में ही देख रहे थे. उन्होंने कहा युवा निवेशक उन महीनों में ज्यादा सक्रिय थे, जिससे पिछले महीने में कीमत बढ़ी हो. यानी जब-जब बिटकॉइन की कीमत बढ़ती, उसके अगले महीने निवेश करने वाले युवा बढ़ जाते. शोधकर्ताओं ने निवेशकों के इस व्यवहार को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा किए जाने की जरूरत है.
भारत में भी बढ़े निवेशक
पिछले कुछ सालों में भारत में भी क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. अगस्त में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में क्रिप्टोकरंसी के 11.5 करोड़ से ज्यादा निवेशक हैं. ऐसा तब है जबकि भारत सरकार और रिजर्व बैंक इस तरह के निवेश को लेकर लगातार आगाह करते रहे हैं.
वैश्विक क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज कूकॉइन द्वारा जारी किया गया डाटा बताता है कि भारत में “लंबी अवधि में मुनाफा पाने की” भावना से निवेश करने वाले ज्यादा हैं. भारत में 11.5 करोड़ क्रिप्टो निवेशक हैं, यानी 18 से 60 वर्ष की आयु वाले लोगों में लगभग 15 फीसदी ने क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया है.
यह रिपोर्ट 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के 2042 लोगों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है. इन निवेशकों में 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग 30 से कम आयु के हैं और मानते हैं कि भविष्य में क्रिप्टोकरंसी मुनाफे का सौदा साबित होगी. 54 प्रतिशत निवेशकों को उम्मीद है कि उन्हें मुनाफा होगा. 56 प्रतिशत मानते हैं कि क्रिप्टोकरंसी ही भविष्य की मुद्रा है.
ऑडी ई-रिक्शा : इलेक्ट्रिक कारों की पुरानी बैटरियों से चलेंगे ई-रिक्शा
जानें, ऑडी ई-रिक्शा से जुड़ी सभी डिटेल्स
देश-दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त होने वाली बैटरी को सस्ती बनाने के लिए कई प्रयोग हो रहे हैं। वहीं इलेक्ट्रिक बैटरियों का कबाड़ भविष्य में बड़ी परेशानी पैदा नहीं कर दें, इसके लिए इलेक्ट्रिक बैटरियों के री-यूज पर दिग्गज कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है। दुनियाभर के अमीर लोगों को महंगी कार उपलब्ध कराने वाली कंपनी ऑडी के ई-रिक्शा अब भारतीय बाजारों में दिखेंगे। इन ऑडी ई-रिक्शा की सबसे खास बात यह होगी कि इन ई-रिक्शा में ऑडी इलेक्ट्रिक कारों की पुरानी बैटरियों का उपयोग होगा। जर्मन-भारतीय स्टार्टअप नुनाम (Nunam) देश में तीन इलेक्ट्रिक रिक्शा ला रहा है। 2023 तक इन इलेक्ट्रिक ई-रिक्शा की बाजार में आने की संभावना है। ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में ऑडी ई-रिक्शा के बारे में बताया गया है।
ऑडी ई-रिक्शा हाई वोल्टेज इलेक्ट्रिक कारों की यूज्ड बैटरियां आएगी काम
स्टार्टअप नुनाम बर्लिन और बेंगलुरू से काम करता है। इस कंपनी ने बैटरी री-यूज की दुनिया में एक नया और अनोखा काम किया है। कारों की हाई वोल्टेज बैटरियां एक निश्चित समय बाद कारों के हिसाब से बेकार हो जाती है। लेकिन इन बैटरियों को दूसरे कार्यों में उपयोग लिया जा सकता है, जैसे की इलेक्ट्रिक वाहनों में। नुनाम ने ऑडी की इलेक्ट्रिक कारों की पुरानी बैटरियों से ई-रिक्शा बनाए हैं। इसमें ऑडी से ही मदद ली गई है और ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित है। इन ई-रिक्शा में ऑडी की अपना TRON बेचना ई-ट्रोन (e-tron) सीरीज की बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। अब पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंडियन मार्केट में ऑडी के तीन ई-रिक्शा लांच किए जाएंगे।
भारतीय महिलाओं के लिए पैदा होंगे रोजगार के अवसर
ऑडी का कहना है कि इस परियोजना का उद्देश्य हाई-वोल्टेज इलेक्ट्रिक कार बैटरी के जीवन चक्र के पूरा होने के बाद उनके उपयोग का पता लगाना है। इस परियोजना का उद्देश्य भारत में विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। नुनाम के अलावा ऑडी एजी और ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन के बीच पहली बार परियोजना के तहत इलेक्ट्रिक रिक्शा के तीन प्रोटोटाइप बनाए गए हैं। ऑडी के अनुसार भारत में रिक्शा चालक न तो ज्यादा दूरी की यात्रा करते हैं और न ही वाहन को तेज चलाते हैं। इसलिए ई-रिक्शा में इलेक्ट्रिक मोटर के ज्यादा शक्तिशाली होने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में पुरानी बैटरियां भविष्य में ई-रिक्शा के लिए बेहतर विकल्प साबित होगी।
सोलर ऊर्जा से चलेंगे ऑडी-ई रिक्शा
ऑडी के ई-रिक्शा सौर ऊर्जा से चलेंगे। इनकी बैटरियों को सोलर ऊर्जा से चार्ज किया जा सकेगा। फिलहाल भारत में ज्यादातर इलेक्ट्रिक रिक्शा लेड-एसिड बैटरी द्वारा संचालित हो रहे हैं। इन बैटरियों की लाइफ छोटी होती है। साथ ही इनका निस्तारण भी ठीक से नहीं होता है। इन बैटरियों को बिजली से चार्ज किया जाता है और भारत में अधिकांश बिजली कोयले से पैदा होती है। ई-रिक्शा की इस खामी को दूर करने के लिए ऑडी ई-रिक्शा में बैटरी को चार्ज करने के लिए सोलर चार्जर सिस्टम दिया गया है। इसमें यूज्ड ऑडी ई-ट्रॉन बैटरी दिन भर चार्ज होगी और बफर स्टोरेज यूनिट के रूप में कार्य करेगी और रात को रिक्शा को बिजली प्रदान करेगी। ऑडी का कहना है कि इससे स्थानीय रिक्शा चलाने वाले बड़े पैमाने पर कार्बन मुक्त हो जाएंगे।
ई-रिक्शा में उपयोग के बाद भी काम आएगी बैटरी
स्टार्टअप कंपनी नुनाम के अनुसार बैटरी की लाइफ का पूरा उपयोग कई स्तरों पर किया जा सकता है। कंपनी का कहना है कि कार व ई-रिक्शा में उपयोग के बाद भी बैटरी का जीवन समाप्त नहीं होता है। उसमें कार्य करने की कुछ संभावना बची रहती है। ई-रिक्शा के बाद भी बैटरी का एलईडी लाइटिंग जैसे स्थिर अनुप्रयोगों को बिजली देने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
भविष्य में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ‘लाइट’ का प्रयोग बढ़ेगा
नुनाम के को-फाउंडर प्रदीप चटर्जी के अनुसार ऑडी-ई ट्रोन में इस्तेमाल की गई बैटरी काफी पावरफुल है और अगर इसका सही से उपयोग किया जा सके तो इसका काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा। इस प्रोजेक्ट की मदद से यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि हाई वोल्टेज वाली इन बैटरियों को री यूज करने पर क्या नतीजे सामने आते हैं। चटर्जी के अनुसार ऑडी-ई ट्रोन की बैटरियां कम रेंज और बिजली की आवश्यकता वाले वाहनों के साथ-साथ कम वजन वाले वाहनों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। हम इलेक्ट्रिक कारों से इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरियों का पुन: उपयोग करते हैं। इसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी 'लाइट' कह सकते हैं। भविष्य में इसका चलन बढऩे की उम्मीद है। ई-रिक्शा पहले चरण में टियर 1 शहरों में और फिर टियर 2 और छोटे शहरों में अलग-अलग चरणों में उपलब्ध होंगे। इस पायलट प्रोजेक्ट के 2023 में भारतीय सडक़ों पर उतरने की उम्मीद है।
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मोबाइल फ़ोन को CCTV कैमरा कैसे बनाये- Mobile CCTV Camera की तरह करे यूज़
दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं कि अपने पुराने मोबाइल फ़ोन को CCTV कैमरा कैसे बनाया जाता है। जैसे कि हम सब जानते ही हैं कि आजकल हर कोई नई टेक्नालॉजी का मोबाइल इस्तेमाल करना चाहता है। हमारे पास अगर मोबाइल होते भी हैं तो जैसे ही कोई लेटेस्ट मोबाइल आता है तो हमारा दिल करता है कि हम उसे खरीदने और खरीदने के बाद जो हमारा पुराना मोबाइल होता है उसे हम ऐसे ही डाल देते हैं। क्योंकि उसे बेच कर भी हमें कोई फायदा नहीं होता। बहुत ही कम दामों में वह बिकता है तो बेचने से अच्छा क्यों ना हम उसका इस्तेमाल कर ले।
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Mobile CCTV Camera
जी हां, दोस्तों हम पुराने मोबाइल फ़ोन को CCTV कैमरा के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। आजकल हर कोई अपने ऑफिस अथवा घर में सिक्योरिटी चाहता है और उन्हें जिस वजह से सीसीटीवी कैमरा खरीदने की जरूरत पड़ती है तो इसी चीज को मध्य नजर रखते हुए आज हम आपके लिए एक आसान तकनीक लाए हैं। आप अपने पुराने मोबाइल को सीसीटीवी कैमरा के सम्मान में ले सकते हैं तो चलिए जानते हैं, यह कैसे होता है?
मोबाइल को सीसीटीवी कैमरा कैसे बनाते हैं?
मोबाइल फ़ोन को CCTV कैमरा बनाने के लिए आपको सबसे पहले एंड्राइड मोबाइल को सीसीटीवी आपकी जरूरत पड़ेगी जो आपको आसानी से प्लेस्टोर में मिल जाएगी। अब आपके पास आपके दोनों मोबाइल होने चाहिए और दोनों ही एंड्रॉयड फोन होने चाहिए। अगर आप अपने पुराने मोबाइल के कैमरे को कंप्यूटर में देखना चाहते हैं तो इसमें आपको कंप्यूटर का इस्तेमाल करना पड़ेगा। साथ ही दोनों डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट करना पड़ेगा जो कि अपना TRON बेचना एक ही वाईफाई से होना चाहिए। आईपी वेबकैम यह पूरी तरह से फ्री ऐप है जिसे आप गूगल प्लेस्टोर से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। सिक्योरिटी कैमरा को लेकर आईपी वेबकैम काफी पॉपुलर ऐप है जिसे अब तक 10 मिलियन लोगों से भी ज्यादा लोगों ने स्टॉल कर लिया है और साथ ही इसकी रेटिंग 4.1 है। तो चलिए दोस्तों जानते हैं कि आईपी वेबकम को कैसे इस्तेमाल किया जाता है?
आईपी वेबकाम को इस्तेमाल कैसे करते हैं?
अपना खुद का Mobile CCTV Camera बनाने के लिए अपना TRON बेचना नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें
- सबसे पहले आपको आईपी वेबकैम आप अपने मोबाइल में इंस्टॉल करनी है। आप इसे आसानी से प्ले स्टोर से इंस्टॉल कर सकते हैं।
- अब आपको होम स्क्रीन में सबसे नीचे स्टार्ट सरवर दिखाई देगा। इस पर क्लिक करना है।
- अब आपसे यह कुछ परमिशन मांगेगा। आपको सभी परमिशन में अलाव कर देना है। उसके बाद आपके सामने कैमरा खुल जाएगा।
- इसके बाद आपको इस स्क्रीन पर एक आईपी एड्रेस दिखाई देगा जिससे आपको लिखकर यह नोट कर के रख लेना है।
- अब आपको दूसरा फोन अथवा कंप्यूटर लेना है जिसमें ब्राउज़र ओपन करना है।
- ब्राउज़र में आपको पहले से नोट किए हुए आईपी ऐड्रेस को लेकर एंटर दबाना है।
- इससे आईपी वेबकैम ओपन हो जाएगा।
- अब आपको इसमें वीडियो रेंडरर ऑप्शन में जावास्क्रिप्ट चले करना है। अगर वीडियो के साथ ऑडियो भी सुनना चाहते हैं तो ऑडियो प्लेयर ऑप्शन पर फ्लैश सिलेक्ट करें।
- इसके बाद आपके पुराने कैमरे की स्क्रीन नए फोन में दिखाई देने लगेगी।
यह था तरीका दोस्तों अपने पुराने मोबाइल फोन को Mobile CCTV Camera के रूप में इस्तेमाल करने का। आप भी? इन ऑप्शंस को फॉलो करके अपना पुराना मोबाइल फोन इस्तेमाल में लीजिए और अपने घर की सुरक्षा बढ़ाइए
पुराने फोन को CCTV कैमरा कैसे बनाए
- सबसे पहले आप अपने मोबाइल में वाईफाई ऑन करें और गूगल प्ले स्टोर में जाकर at home video steamer app को डाउनलोड करें।
- जिस भी किसी दूसरे फोन पर आप सीसीटीवी का वीडियो देखना चाहते हैं उस फोन में आप एट होम मॉनिटर ऐप को डाउनलोड करें।
- इन दोनों डिवाइस को कनेक्ट करना है।इसके लिए आपको दोनों फोन में डाउनलोड किए गए ऐप को ओपन करना है।
- ओपन करने के बाद जिस फोन को आप सीसी टीवी कैमरा बना रहे हैं वह आपको ऑनलाइन कनेक्शन के द्वारा एक यूजरनाम, पासवर्ड और एक यूनिट कनेक्शन आईडी देगा। इस जानकारी तो आप अपने दूसरे फोन में डालें।
- वीडियो देखने वाले फोन के ऐप में सारी जानकारी भरने के बाद जनरेट हुए क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके ऐड ऑफ सीड पर क्लिक करें।
- उसके बाद कोड को स्कैन करते ही आपका सीसीटीवी और रिसीवर काम करना शुरू कर देंगे।
- इस तरह से आप बहुत ही आसानी से अपने फोन पर सीसीटीवी कैमरा बना सकते हैं।
मोबाइल को सीसीटीवी कैमरा बनाने के क्या फायदे हैं?
- आपको सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉलेशन चार्जेस की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि आप अपने पुराने मोबाइल फोन को ही सीसीटीवी कैमरा के इस्तेमाल में ले सकते हैं।
- घर जैसी छोटी जगह में मोबाइल फोन कैमरे के सम्मान में एक बहुत अच्छा ऑप्शन है।
- हिसाब से आपको रियल टाइम रिकॉर्डिंग का ऑप्शन मिलता है। मतलब आप किसी भी वीडियो आवाज के साथ बना सकते हैं।
सीसीटीवी कैमरा बनाने के लिए ध्यान रखने योग्य प्वाइंट
- आपके पास एंड्रॉयड स्मार्टफोन होना ज़रूरी है।
- इंटरनेट कनेक्शन होना आवश्यक है।
- आपके फोन की बैटरी कितनी देर तक चल सकती है।
- आपका फोन चार्ज होने के लिए कितना समय लेता है।
- क्या आपका फोन वाईफाई को सपोर्ट करता है या नहीं।
जिओ फोन को सीसीटीवी कैमरा कैसे बनाया जाता है?
किसी भी फोन को सीसीटीवी कैमरा बनाने के लिए उसमें एक एंड्राइड ऐप को इंस्टॉल करना पड़ता है। किसी भी एंड्रॉयड ऐप को एंड्रॉयड फोन में इंस्टॉल कर सकते हैं लेकिन आप एक जियो फोन में इंस्टॉल नहीं कर सकते हैं क्योंकि जिओ फोन एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर नहीं चलता है बल्कि यह काई (Kai) ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है। यदि आप अपने जियो फोन में एंड्रॉयड ऐप को इंस्टॉल करने में कामयाब नहीं होते हैं तो जान लीजिए कि जियो फोन को आप सीसीटीवी कैमरा नहीं बना सकते हैं। यदि आपको इस प्रकार की कोई भी इंफॉर्मेशन प्राप्त होती है तो आप उस अफवाह पर विश्वास ना करें।
Conclusion
प्रिय दोस्तों उम्मीद करती हूं कि आपको मेरा आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा कि अपने मोबाइल फोन को सीसीटीवी कैमरा कैसे बनाया जाता है। आगे भी इसी तरह आपको और चीजों के बारे में जानकारी प्रदान करती रहूंगी। अगर आपको कोई कठिनाई आए तो आप हम से नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। आप का कमेंट हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
LG स्मार्टफोन यूजर्स के लिए बुरी खबर, इस बिजनेस को बंद करने की कर रही है प्लानिंग
अगर आपके पास LG का स्मार्टफोन है तो आपके लिए बुरी खबर है क्योंकि कंपनी जल्द ही अपने फोन में सॉफ्टवेयर सपोर्ट देना बंद कर सकती है. ऐसे में सॉफ्टवेयर सपोर्ट और सिक्योरिटी अपडेट न मिलने पर आपको अपना फोन बदलना पड़ सकता है.
इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि LG जल्द ही स्मार्टफोन मार्केट से बाहर जा सकती है. पहले कंपनी अपने मोबाइल फोन बिजनेस को जर्मनी की Volkswagen AG और वियतनाम की Vingroup JSC को बेचने की प्लानिंग कर रही है. हालांकि ब्लूमबर्ग और कोरिएन पब्लिकेश DongA IIbo ने बाद में रिपोर्ट किया कि बिक्री की वार्ता असफल होने के कारण LG इलेक्ट्रॉनिक्स इस बिजनेस को बंद करने की प्लानिंग कर रही है.
अब कंपनी मौजूदा एलजी स्मार्टफोन्स को सॉफ्टवेयर सपोर्ट देना भी बंद करने जा रही है. इंडस्ट्री इनसाइडर Tron के अनुसार स्मार्टफोन मार्केट से LG के बाहर निकलने का यह भी मतलब है कि कंपनी मौजूदा फोन सॉफ्टवेयर अपडेट देना भी बंद कर देगी. Tron की ओर से किए गए ट्वीट में यह भी बताया गया है कि LG मोबाइल डिविजन के कर्मचारियों को अगले सप्ताह तक चैंगवॉन होम अप्लायंसेज फैक्ट्री में भेज दिया जाएगा. इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास LG Wing, Velvet या कंपनी का कोई और स्मार्टफोन है तो ऐसा हो सकता है कि आपको भविष्य में कोई सॉफ्टवेयर अपडेट न मिले.
इस साल की शुरुआत कोरिया हेराल्ड ने रिपोर्ट किया था पिछले पांच सालों में 4.5 बिलियन डॉलर का नुकसान झेलने के बाद LG इलेक्ट्रॉनिक्स 2021 में स्मार्टफोन बिजनेस से बाहर निकलने की प्लानिंग कर रही है. इस रिपोर्ट में यह भी गया था कि कंपनी अपना आखिरी फैसला अप्रैल में सुनाएगी. रिपोर्ट के अनुसार कंपनी अपने मोबाइल डिविजन के कर्मचारियों को हाउसहोल्ड अप्लायंसेज और ऑटोमोटिव डिविजन में भेजने की प्लानिंग कर रही है.