ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं

Sharekhan App क्या हैं?किस देश का ऐप हैं और इसका मालिक कौन हैं?
दोस्तों आपने Sharekhan App के बारे में तो जरूर सुना होगा. यह एक मोबाइल एप्लीकेशन हैं जिसकी मदद से स्टॉक, कमोडिटी,म्युचुअल फंड, इटीएफ, बॉन्ड्स और आईपीओ आदि में निवेश किया जा सकता हैं. लेकिन यदि आप इस ऐप बारे में अधिक विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें. इस आर्टिकल में हमने बताया हैं कि आखिर Sharekhan App क्या हैं?किस देश का ऐप हैं और इसका मालिक कौन हैं? तो चलिए शुरू करते हैं.
यदि आप शेयर बाजार में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो इसके लिए गूगल प्ले स्टोर पर कई विकल्प ऐप्स के रूप में मौजूद हैं. जिनमे से प्रमुख नाम Sharekhan App का आता हैं. इसकी मदद से न केवल शेयर बाजार में निवेश किया जा सकता हैं बल्कि निवेश के तरीकों के बारे में भी फ्री ट्रेनिंग ली जा सकती हैं. यह ट्रेडर ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं और इंवेस्टर दोनों को ध्यान में रखकर बनाया गया ऐप हैं. यह ऐप ट्रेडर और इंवेस्टर को समान रूप से व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराता हैं. ऐसे में Sharekhan App के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर लेना हमारे लिए आवश्यक हो जाता हैं.
![]() |
Sharekhan App क्या हैं?किस देश का ऐप हैं और इसका मालिक कौन हैं? |
Sharekhan App क्या हैं?
Sharekhan App ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म में से एक हैं. जिसमे स्मार्ट लाइव चार्ट जैसी सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं इसकी मदद से तेजी से बदलते स्टॉक्स प्राइसेज को देखा जा सकता हैं. यह ऐप व्यापारियों और निवेशकों दोनों की जरूरत को ध्यान में रखकर बनाया गया हैं. यदि Sharekhan App की मदद से कोई निवेश करता हैं तो इसमे फाइनेंशियल डाटा, पोर्टफोलियो, वाचलिस्ट, म्युचुअल फंड्स, मार्केट वॉच, रिपोर्ट्स, आईपीओ आदि का भी एक्सेस मिल जाता हैं. इसके अलावा यदि कोई पहली बार निवेश कर रहे हैं तो Sharekhan App से फ्री में निवेश की ट्रेनिंग ले सकता हैं और इसमे निवेश से जुड़े कई सारे ऑनलाइन कोर्सेस भी हैं जिनकी मदद से निवेश से जुड़ी बारीकियों को काफी अच्छी तरह समझा जा सकता हैं. Sharekhan App देश का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक ब्रोकर के रूप में जाना जाता हैं.
Sharekhan किस देश का App हैं?
Sharekhan भारत का App हैं और इसका मुख्यालय भारत के मुंबई, महाराष्ट्र में हैं. इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर 10 मार्च 2017 में लॉन्च किया गया था. तब से लेकर आज तक इसके गूगल प्ले स्टोर से 5 मिलियन से भी अधिक डाउनलोड किये जा चुके हैं और इसके यूजर्स की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं. Sharekhan App और वेबसाइट के रूप में एंड्राइड और आईओएस दोनों ही तरह की डिवाइस में बड़ी आसानी से चल जाती हैं. Sharekhan App में BSE और NSE पर इक्विटी कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए व्यापार सुविधा, MCX और NCDX पर कमोडिटी ट्रेडिंग जैसे विकल्प मौजूद हैं. इसके अलावा Sharekhan App से डिमैट अकॉउंट और म्युचुअल फंड्स और आईपीओ में भी इन्वेस्ट किया जा सकता हैं.
Sharekhan App का मालिक कौन हैं?
Sharekhan App के मालिक और संस्थापक का नाम श्रीगोपाल मोराखिया हैं और इसके सीईओ जयदीप अरोड़ा हैं. Sharekhan की शुरूवात फरवरी सन 2000 में एक ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म के रूप में की गई थी. आज यह भारत की सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक हैं और आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एचडीएफसी सिक्योरिटीज के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक ब्रोकर हैं.
दोस्तों अभी आपने जाना कि Sharekhan App क्या हैं?किस देश का ऐप हैं और इसका मालिक कौन हैं? अगर आपको यह जानकारी पसन्द आई हैं तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना मत भूलें और यदि आप इस आर्टिकल से जुड़ा कोई भी सवाल हमसे पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं. हम तुरंत आपके सभी सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिस करेंगे.इस ब्लॉग वेबसाइट को शुरू करने का हमारा एकमात्र उद्देश्य आप तक रोज नई-नई जानकारियां पहुचाना हैं. कृपया वेबसाइट पर डेली विजिट करते रहें.धन्यवाद!
यूरोपीय प्रतिभूति और बाजार प्राधिकरण ने छह भारतीय क्लीयरिंग हाउसेस की मान्यता रद्द की
CCIL सरकारी बॉन्ड और ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को होस्ट करता है। अब भारत में कार्यरत यूरोपीय बैंकों ने इस निर्णय के प्रति चिंता व्यक्त की हैं क्योंकि वे व्यापारिक व्यवधानों का सामना कर रहे हैं। इन बैंकों ने अपने मूल देशों के विनियामक संस्थाओं के समक्ष अपना पक्ष रखने का निर्णय लिया है।
कहा जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विदेशी विनियामकों को CCIL की ऑडिट और निरीक्षण की अनुमति नहीं देने के बाद यूरोपीय प्रतिभूति और बाजार प्राधिकरण द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस फैसले के बाद एस्ट्रोइड (ASTROID) काम करना बंद कर देगा। सरकारी प्रतिभूतियां (G-sec) भी प्रभावित होंगी। CCIL G-sec को क्लियर करने वाला प्लेटफॉर्म है। ऐसे में G-sec की ट्रेडिंग बंद हो सकती है।
एस्ट्रोइड ( (ASTROID) CCIL के रुपये डेरिवेटिव डीलिंग सेगमेंट को संदर्भित करता है और ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप में व्यापार के लिए प्लेटफार्म है।
छह संगठनों की मान्यता रद्द
ESMA द्वारा जिन छह संगठनों की मान्यता रद्द की गई है, वे हैं: क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), इंडियन क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ICCL), NSE क्लीयरिंग लिमिटेड (NSCCL), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज क्लियरिंग (MCXCCL), इंडिया इंटरनेशनल क्लियरिंग कॉर्पोरेशन (IFSC) लिमिटेड (IICC) और NSE IFSC क्लियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NICCL)।
इनमें से CCIL की निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक करता है। शेष क्लीयरिंग हाउसेस की मॉनिटरिंग भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण द्वारा की जाती है।
इंडिया इंटरनेशनल क्लियरिंग कॉर्पोरेशन (ICCL) की विनियामक संस्था अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण है।
क्या डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग जुआ है?
नई तकनीकें नए अवसर देती हैं। इंटरनेट के साथ मिलकर ऑनलाइन पैसा कमाने के कई नए तरीके सामने आए हैं। वित्तीय दलालों ने ऑनलाइन काम करना शुरू कर दिया था, उन प्लेटफार्मों को लॉन्च करने के लिए जहां व्यापारी आसानी से बाजारों में प्रवेश कर सकते थे।
अपने घर या कार्यालय की गोपनीयता में बैठे, व्यापारियों ने सभी वित्तीय साधनों को खरीदना और बेचना शुरू कर दिया था CFDs, वस्तुओं, मुद्रा जोड़े, या सूचकांक। और बाद में, दलालों ने निश्चित समय के डेरिवेटिव को लागू किया।
एक नई संपत्ति के रूप में इस वित्तीय व्युत्पन्न ने व्यापारियों के बीच बहुत तेजी से लोकप्रियता हासिल की। बहरहाल, कुछ न्यायालयों में वित्तीय संस्थानों ने डेरिवेटिव ट्रेडिंग को प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे निर्णय के पीछे क्या कारण था?
फाइनेंशियल डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग का दावा कई लोगों ने जुए के रूप में किया था।
क्या यह सही है? क्या आप Olymp Trade को जुआरी कह सकते हैं?
आज के गाइड में, मैं आपको बताऊंगा कि वास्तव में व्युत्पन्न व्यापार क्या है। आएँ शुरू करें।
फिक्स्ड-टाइम फाइनेंशियल डेरिवेटिव्स का अवलोकन
फिक्स्ड-टाइम वित्तीय व्युत्पन्न व्युत्पन्न सुरक्षा का एक रूप है। इस सुरक्षा का मूल्य कड़ाई से उन परिसंपत्तियों के मूल्य से संबंधित है जो उन्हें अंतर्निहित हैं। यह आगे का मतलब है, कि एक व्युत्पन्न व्यापारी अंतर्निहित परिसंपत्ति नहीं खरीदता है। वह इसका मालिक नहीं है। इसके बजाय, वह निर्दिष्ट अवधि में कीमत ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं पर अनुमान लगाता है। वह तय करता है कि यह बढ़ेगा या गिराएगा।
दूसरे शब्दों में, आपका मुख्य कार्य डेरिवेटिव पर व्यापार करते समय Olymp Trade दिशा स्थापित करने के लिए अंतर्निहित परिसंपत्ति की कीमत जाएगी। भविष्यवाणी करने के लिए कि क्या कीमत ऊपर या नीचे जा रही है।
ट्रेडिंग फिक्स्ड-टाइम डेरिवेटिव पर Olymp Trade मंच
सबसे पहले, आपको इसकी आवश्यकता है एक संपत्ति चुनें। ऐसा करने के लिए, वर्तमान उपकरण के साथ फ़ील्ड पर क्लिक करें और एक वित्तीय व्युत्पन्न चुनें। आप इस सुरक्षा के व्यापार के लिए उपलब्ध सभी संपत्तियों की सूची देखेंगे।
नीचे दिए गए उदाहरण में, मैंने 5 मिनट कैंडल के साथ EURUSD मुद्रा जोड़ी का ट्रेड करने का निर्णय लिया।
दूसरा कदम अपने लेनदेन की अवधि चुनना है। आप एक विशिष्ट समय भी निर्धारित कर सकते हैं जिसमें आप एक व्युत्पन्न को समाप्त करना चाहते हैं। बस अवधि के बजाय समाप्ति का चयन करें।
अब, किसी विशेष ट्रेड पर निवेश की राशि तय करें। नंबर दर्ज करें या प्लस / माइनस बटन का उपयोग करें।
अंत में, दो रंगीन बटनों में से एक पर क्लिक करें। यदि आप अनुमान लगाते हैं कि कीमत बढ़ जाएगी, तो हरे बटन को चुनें। अगर आपको लगता है कि कीमत में गिरावट आएगी, तो लाल रंग का चयन करें।
क्या निश्चित समय के डेरिवेटिव का व्यापार एक प्रकार का जुआ हो सकता है?
मूलरूप में समानता निहित है। दोनों जुआ और व्युत्पन्न व्यापार आपको धन ला सकता है, लेकिन इससे नुकसान भी हो सकता है।
कई लोगों के अनुसार, ट्रेडिंग डेरिवेटिव जुआ ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं का एक रूप है। उन्हें लगता है कि यह केवल भाग्य के भरोसे है कि आप जीतते हैं या हारते हैं। सच्चाई यह है कि, व्युत्पन्न व्यापार बहुत अधिक है। यह ऊपर या नीचे बटन को मारने के रूप में सरल नहीं है।
इस सुरक्षा का व्यापार करने से आपको कौशल के सभी सेट विकसित करने की आवश्यकता होती है। एक व्युत्पन्न व्यापारी के रूप में सफल होने के लिए आपको विभिन्न रणनीतियों को लागू करने, चार्ट का विश्लेषण करने, पढ़ने और सीखने में घंटों खर्च करने होंगे। पर्याप्त वित्तीय और भावनात्मक प्रबंधन को शामिल करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
कुछ जोर देकर कहेंगे कि दलाल बाजार में हेरफेर करते हैं, और इस प्रकार, ट्रेडिंग डेरिवेटिव एक मिथ्याकरण है। और यद्यपि दलाल प्लेटफॉर्म के मालिक हैं, वे बहुत अधिक नहीं बदल सकते हैं या उन्हें खोजा जाएगा और उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। दलाल और व्यापारी समान मूल्य चार्ट का उपयोग कर रहे हैं। जोड़तोड़ की संभावना बहुत कम है।
फिक्स्ड-टाइम डेरिवेटिव ट्रेडिंग का एक्सपोजर
जब आप स्टॉक या FX जैसे विभिन्न वित्तीय इंस्ट्रूमेंट का ट्रेड करते हैं, तो एसेट खरीदने का एकमात्र तरीका है जब कोई अन्य व्यक्ति बेच रहा हो। और इंस्ट्रूमेंट बेचने का एकमात्र तरीका है जब कोई व्यक्ति दूसरी तरफ से खरीद रहा हो।
स्थिति थोड़ी अलग दिखती है डेरिवेटिव ट्रेडिंग। मूल रूप से, आप एक निश्चित अवधि ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं के दौरान कीमत की दिशा पर अनुमान लगाते हैं। आप किसी अन्य व्यापारी को नहीं खरीदते और बेचते हैं, लेकिन आपका ब्रोकर। इसलिए ब्रोकर सफल लेनदेन पर भुगतान का प्रतिशत निर्धारित करने का हकदार है। ऐसा करने से, ब्रोकर यह सुनिश्चित करना जारी रखता है कि लेनदेन जीत रहे हैं या नहीं।
इसलिए, कीमतों में हेरफेर करने का कोई मतलब नहीं है।
बहुत सारे नए लोग हैं जो बहुत सारे पैसे कमाने के लिए डेरिवेटिव ट्रेडिंग को एक तेज़ तरीका मानते हैं। यह मामला ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं नहीं है। एक सफल व्यापारी बनने के लिए, आपको अपना समय निवेश करना होगा। आपको बहुत कुछ सीखना होगा। मूल्य चार्ट पढ़ने के लिए, उचित पूंजी प्रबंधन रणनीति लागू करने के लिए, और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने के लिए कुछ आवश्यक योग्यताएं हैं। यह सब जुए से व्यापार को अलग करता है।
डेरिवेटिव का उपयोग (Use of derivatives)
डेरिवेटिव (derivatives) के अलग-अलग कई सारे उपयोग हैं जोकि परिस्थितियों और तरीकों के अनुसार होते हैं डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट (derivative instrument) को प्रयोग करने के लिए का उपस्थित होना आवश्यक है। बाजार की परिस्थितियां डेरिवेटिव्स (derivative) की आवश्यकता पैदा करती है। परंतु निवेशक किस प्रकार से इनका उपयोग करता है, उस पर निर्भर करता है।
साधारण निवेश(Simple investment)
कुछ लोग ऐसा मानते हैं की डेरिवेटिव (derivative) मार्केट भी सामान्य मार्केट की तरह हे। और उसमें सामान्य निवेश करते हैं। जो निवेशक परंपरागत (traditional) अनुसार निवेश करते हैं, उनके लिए यह एक साधारण निवेश (simple investment) का बाजार है।
आर्बिट्रेज के अवसर का उपयोग (Use of arbitrage opportunity)
मध्यस्थता ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं के चलते कई बार ऐसे अवसर उपलब्ध होते हैं जिससे लाभ उठाने के लिए निवेशक अपनी पोजीशन (position) लेते हैं। और मार्केट में परिस्थितियां निवेश के आकलन के अनुसार गति करती है। तो निवेशक काफी ज्यादा लाभ उठाते हैं। डेरिवेटिव सौदों (derivatives deals) में इन परिस्थितियों के अनुरूप काफी ज्यादा लाभ उठाया जा सकता है। जोकि परिस्थितियां लंबे समय तक बनी नहीं रहती है। इन परिस्थितियों को जल्दी से भुनाना आवश्यक है। डेरिवेटिव ट्रांजैक्शन (derivatives transaction) में घाटे की आशंका भी उतनी ही बनी रहती है।
अतिरिक्त पूंजी का फैलाव(Excess capital spread)
कई सारे निवेशकों के पास अतिरिक्त धन (extra money) होता है। जो नए अवसरों की तलाश में रहते हैं । एक तरफ जहां वे इस धन (money के प्रवाह को बनाए रखते हैं । वहीं दूसरी तरफ कम धन वाले निवेशकों को उसका फायदा होता है। डेरिवेटिव (derivatives) द्वारा निवेशक का रास्ता इस श्रेणी के निवेशकों के लिए उपयुक्त विकल्प है ।
डेरिवेटिव (derivatives) मार्केट में हमेशा रोलिंग (rolling) होता रहता है । और निश्चित अंतराल में यहां रिटर्न भी अच्छा मिलता है। वे लोग जो सदैव अतिरिक्त कमाना चाहते हैं और घाटे (losses) की परवाह नहीं करते उन निवेशकों के लिए डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) उनका पसंदीदा स्थान है।
अतिरिक्त पोजीशन (Additional position)
डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) में निवेशक हमेशा अतिरिक्त पोजीशन (extra position) को ज्यादा महत्व देता है। डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) यह सुविधा उपलब्ध होती है। जिससे कि निवेशक अतिरिक्त पोजीशन ले सकता है । यदि अतिरिक्त पोजीशन सही से ली जाए तो यह काफी लाभकारी होती है। किसी अतिरिक्त पोजीशन सदैव अच्छा विकल्प हो यह जरूरी नहीं है । परंतु यह प्रभाव कारी होती है , जब भी अतिरिक्त पोजीशन ली जाए तो दिमाग में हमेशा जोखिम को ध्यान में रखना चाहिए।
सट्टेबाजी (speculation)
पूरे विश्व (all over the world) में डेरिवेटिव का सबसे ज्यादा उपयोग सट्टेबाजी (speculation) के लिए किया जाता है। आम निवेशक के लिए यह तरीका सही नहीं है। क्योंकि बाजार की परिस्थितियां यदि विपरीत (Adverse) तो भारी नुकसान हो सकता है। जो लोग घाटा उठाने की क्षमता रखते हैं।
इससे निवेशक डेरिवेटिव में सट्टेबाजी (speculation) के माध्यम से पूरी कर सकते हैं। सट्टेबाजी (speculation) का प्रयोग अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से किया जाता है जिसमें जोखिम (risk) अधिक होता है। सभी निवेशकों के लिए उस speculation का तरीका एक जैसा नहीं होता, फिर भी बाजार में सट्टेबाजी का उपयोग किया जाता है।
यह भी पढ़ें
भारत में डेरिवेटिव मार्केट(Derivatives Market in India)
भारत में डेरिवेटिव (Derivatives) बाजार काफी पहले से मौजूद थे, परंतु यह स्थनिय नाम से जाना जाता था। वर्तमान में सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956 के अनुसार डेरिवेटिव (Derivatives) को एक सिक्योरिटी (security) माना गया है। जिसके जिसके अंतर्गत अन्य सिक्योरिटी (security) जैसे डेब्ट, इंस्ट्रूमेंट, बांड, डिवेंचर, लोन या कोई इंस्ट्रूमेंट में हो।
डेरिवेटिव (Derivatives) का मूल्य के अंतर्गत सिक्योरिटी के मूल्य के अनुसार निर्देशित होता है। इस एक्ट के तहत करार को भी डेरिवेटिव माना गया है। जिसका मूल्य अंतर्निहित सिक्योरिटी (built-in security) या सिक्योरिटी की कीमत के सूचकांक से निर्देशित होता है।
ओवर ऑल ट्रेडिंग (Over all trading)
भारत में डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट (derivative instrument) की ट्रेडिंग निर्धारित नियम और कानून के तहत की जाती है। पूरी ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) के माध्यम से होती है, जहां खरीदी बिक्री कॉन्ट्रैक्ट (contract) ऑफर ट्रेडिंग की सारी प्रक्रिया है। ऑटोमेटिक कंप्यूटराइज टर्मिनल (automatic computerized terminal) के माध्यम से होती है। ऑटोमेटिक प्रक्रिया पर ऑनलाइन निगरानी (Surveillance) भी रखी जाती है। जिसकी वजह से पूरी पारदर्शिता होती है।
डेरिवेटिव मार्केट में फ्यूचर कांट्रैक्ट (futures contract) की व्यवस्था भी उपलब्ध है। जिसकी वैलिडिटी (validity) 3 महीने की होती है और हर महीने की शुरुआत में एक नया फ्यूचर कांट्रैक्ट अस्तित्व में आता है और प्रत्येक माह के अंतिम गुरुवार (Thursday) को एक फीचर कांट्रैक्ट समाप्त होता है जो 3 माह पूर्व शुरू हुआ था।
सदस्यता(Membership)
डेरिवेटिव मार्केट में निवेश करने के लिए किसी भी व्यक्ति को एक्सचेंज (exchange) के फ्यूचर तथा ऑप्शन साइट की सदस्यता लेनी आवश्यक है। इसमें क्लीयरिंग (clearing) मेंबर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि यह आपके किए गए सोदे (deal) के निपटान करते हैं और रिस्क मैनेजमेंट (risk management) तथा सोदे (deal) के सेटलमेंट करते हैं।
क्लीयरिंग (Clearing)
आसान और त्रुटिरहीत क्लीयरिंग (flawless clearing) पूरे ट्रेडिंग सिस्टम को मजबूत आधार प्रदान करती है। क्लीयरिंग मेंबर प्रत्येक ट्रेडिंग दिवस (trading day) के समापन के पश्चात अपने ट्रेडिंग मेंबर की ओपन पोजीशन (position) तैयार करता है। इससे विभिन्न ट्रेडिंग मेंबर के एप्लीकेशन पता चलते हैं। उसमें कस्टोडियल पार्टिसिपेंट (custodial participant) के लिए की गई क्लीयरिंग भी शामिल होती है।
ट्रेडिंग मेंबर दो प्रकार के होते सोदे (deal) करता है एक वह अपने स्वयं के लिए और दूसरा वह अपने क्लाइंट (client) के लिए करता है। किसी भी सोदे के लिए ट्रेडिंग मेंबर को यह दिखाना आवश्यक है कि वह सौदा किस प्रकार का है, और क्लीयरिंग मेंबर इन दोनों प्रकार के सौदों की फाइल पोजीशन प्रत्येक ट्रेडिंग दिवस के आखरी में तैयार करता है।
सेटलमेंट (settlement)
ओपन पोजीशन (open position) के द्वारा जरूरतों तथा स्थिति का जायजा मिलने के पश्चात सेटलमेंट (settlement) की बारी होती है। सेटलमेंट (settlement) से तात्पर्य यह है जो पोजीशन ओपन होती है। उनको एडजेस्ट (adjust) करना होता है डेरिवेटिव मार्केट में फ्यूचर तथा ऑप्शन सौदों को केस एडजस्टमेंट के द्वारा सेटल किया जाता है।
बाकी सिक्योरिटी (security) के आदान-प्रदान के दौरान सेटलमेंट नहीं होता, अपितु इन सौदों की कीमत के अनुसार राशि का एडजस्टमेंट (adjustment) किया जाता है।