क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर

आरबीआई का मानना है कि 2022-23 में करंट अकाउंट डेफिसिट जीडीपी का 3 फीसदी रहने का अनुमान है जो इसके क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर पहले वित्त वर्ष में जीडीपी का 1.2 फीसदी रहा था. सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कि करंट अकाउंट डेफिसिट किसी भी हाल में 3 फीसदी के ऊपर ना जाए.
Rupee Fall Impact: एक डॉलर के मुकाबले 85 के लेवल तक रुपये के गिरने के आसार, जानें क्या होगा असर
By: ABP Live | Updated at : 11 Oct 2022 02:18 PM (IST)
Edited By: manishkumar
Rupee Fall Impact: डॉलर के मुकाबले रुपया हर दिन गिरावट का नया रिकॉर्ड बना रहा है. मंगलवार 11 अक्टूबर, 2022 को एक डॉलर के मुकाबले 82.42 के स्तर पर रुपया जा लुढ़का. पर भारत की मुश्किलें यही खत्म नहीं होने वाली. क्योंकि माना जा रहा है कि रुपया 84 से 85 के लेवल तक गिर सकता है. एलारा ग्लोबल रिसर्च ( क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर Elara Global Reserach) के रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे तेल के दामों क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर में उछाल, बढ़ता व्यापार घाटा, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के चलते रुपये में और कमी आ सकती है.
सोमवार को पहली बार रुपया 82.68 तक जा गिरा था जिसके बाद एलारा ग्लोबल रिसर्च ने ये रिपोर्ट जारी किया. एलारा की इकोनॉमिस्ट गरिमा कपूर ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त मॉनिटरी पॉलिसी और ब्याज दरों में बढ़ोतरी का खामियाजा रुपये को उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि व्यापार घाटे में बढ़ोतरी और क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर कच्चे तेल के दामों में उछाल मुश्किलें बढ़ा रहा है. साथ ही उन्होंने आशंका जाहिर किया कि दिसंबर के आखिर तक रुपया एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरकर 83.50 रुपये और मार्च 2023 तक 83 से 85 के लेवल तक आ सकता है. अमेरिका के जॉब डाटा के सामने आने के बाद रुपया एक डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर 82.68 के स्तर तक जा गिरा था.
Rupee fall news: रिकॉर्ड निचले स्तर तक फिसला रुपया, एक डॉलर की कीमत बढ़कर हुई 82.69 रुपये, जानिए क्या होगा असर
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 सितंबर को 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया
वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.87 प्रतिशत गिरकर 97.07 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 2,250.77 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
लोगों पर क्या पड़ेगा असर?
गिरते रुपये का सबसे बुरा असर महंगाई पर पड़ता है। भारत अपने कच्चे तेल की ज़रूरतों का 80 फ़ीसदी से ज़्यादा आयात करता है। आयात के लिए भारत को डॉलर में भुगतान करना होता है। इसलिए रुपये में कमजोरी के बीच बाहर से आयात करने क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर पर अब उसी सामान के लिए ज़्यादा भुगतान करना होगा। कच्चे तेल के अलावा खाद से लेकर खाद्य तेलों के लिए भी हम अन्य देशों पर निर्भर हैं। इसी तरह अन्य सामानों के दाम भी बढ़ने शुरू हो सकते हैं। यानी ग्राहकों को उन चीज़ों के लिए अब अधिक जेब ढीली करनी होगी, जो या तो पूरी तरह बाहर से आते हैं या जिनके पार्ट्स बाहर से आयात किए जाते हैं। मसलन इलेक्ट्रॉनिक सामान और पैकेज्ड फूड आइटम।
क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर
देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सभी बातें आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार
दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का भुगतान आसानी से किया जा सकता है।
देश में विदेशी मुद्रा भंडार में इस हफ्ते फिर गिरावट जारी, जानिए क्या है गोल्ड रिजर्व का हाल
विदेशी मुद्रा भंडार
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 21 मई 2022,
- (Updated 21 मई 2022, 11:17 AM IST)
302 अरब डॉलर घटा FCA
देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में एक बार फिर से गिरावट आई है. बीते हफ्ते यह 2.676 अरब डॉलर घटकर 593.279 अरब डॉलर रह गया. शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की ओर से जारी किए आंकड़ों में ये जानकारी दी गई है.
वहीं इससे पहले के सप्ताह में ये 1.774 अरब डॉलर घटकर 595.954 अरब डॉलर रह गया था. 29 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.695 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब डॉलर रह गया था.
आरबीआई के मई बुलेटिन में ‘स्टेट ऑफ इकोनॉमी’ पर प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, 6 मई को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 596 अरब डॉलर था, जो कि वर्ष 2022-23 के लगभग 10 महीने के प्रोजेक्टेड इंपोर्ट के बराबर था.
1.302 अरब डॉलर घटा FCA
आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 13 मई के खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में ये गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) में आई कमी की वजह से हुई, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. रिजर्व बैंक के मुताबिक रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 1.302 अरब डॉलर घटकर 529.554 अरब डॉलर हो गई. गौरतलब है कि डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.
दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था पर होगा असर?
दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार (फाइल फोटो)
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों में सबसे निचले स्तर पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में जानकारी दी गई है। आरबीआई के अनुसार, रुपए 80 प्रति डॉलर के नीचे चला गया है, वहीं आरबीआई ने इसे ऊपर रखने के लिए काफी प्रयास किया था।
आरबीआई के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया, जो दो साल में सबसे कम और लगातार तीसरे सप्ताह में गिरावट है। नवीनतम सप्ताह में गिरावट की मात्रा, 6.687 बिलियन डॉलर है, जो जुलाई के मध्य के बाद सबसे बड़ी थी।