स्वैप क्या हैं?

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एडवोकेट प्रशांत माली के मुताबिक 2011 के बाद से इस तरह के अपराध बढ़े हैं। सिम स्वैपिंग सिर्फ एक शख्स नहीं करता बल्कि इस तरह के काम में कई लोग शामिल रहते हैं। संगठित गिरोह इसे अंजाम देते हैं। साइबर एंड लॉ फाउंडेशन की आंतरिक रिसर्च से पता चला है कि 2018 में इस तरीके से भारत में 200 करोड़ रुपये उड़ा लिए गए। अलग-अलग तरह के मीडिया, सोशल मीडिया के जरिये पहले तो आप पर नजर रखी जाती है और आपकी जानकारियां जुटाई जाती हैं। कई बार आपको किसी अनजान नंबर से कॉल आती है और जानकारी ली जाती हैं।
डेली न्यूज़
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी तरलता प्रबंधन पहल के हिस्से के रूप में 5 बिलियन डॉलर-रुपए की स्वैप नीलामी आयोजित की। इस कदम से डॉलर का प्रवाह मज़बूत होगा और वित्तीय प्रणाली से रुपए की निकासी होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में मांग आधारित मुद्रास्फीति में निम्नलिखित में से किसके कारण/वृद्धि हो सकती है? (2021)
1. इक्स्पैन्सनरी पालिसी
2.राजकोषीय प्रोत्साहन
3. मज़दूरी का मुद्रास्फीति-सूचकांक
4. उच्च क्रय शक्ति
5. बढ़ती ब्याज दरें
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 2, 3 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
उत्तर: (a)
डॉलर-रुपया स्वैप नीलामी:
- यह एक विदेशी मुद्रा उपकरण (Forex Tool) है जिससे केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का उपयोग दूसरी मुद्रा या इसके विपरीत खरीद के लिये करता है।
- डॉलर-रुपया खरीद / बिक्री स्वैप: केंद्रीय बैंक भारतीय रुपए (INR) के बदले बैंकों से डॉलर (अमेरिकी डॉलर या USD) खरीदता है और तुरंत बाद की तारीख में डॉलर बेचने का वादा करने वाले बैंकों के साथ एक विपरीत (रुपए को बकना) सौदा करता है।
- जब केंद्रीय बैंक द्वारा डॉलर की बिक्री की जाती है तो समान मात्रा में रुपए की निकासी होती है, इस प्रकार सिस्टम में रुपए की तरलता को कम होती है।
- इन स्वैप परिचालनों (Swap Operations) में कोई विनिमय दर या अन्य बाज़ार जोखिम नहीं होते हैं क्योंकि लेन-देन की शर्तें अग्रिम रूप से निर्धारित की जाती हैं।
- RBI ने बैंकों को 5.135 बिलियन अमेरिकी डाॅलर बेचे और साथ ही स्वैप निपटान अवधि के स्वैप क्या हैं? अंत में डॉलर को वापस खरीदने के लिये सहमति प्रदान की है।
- यहाँ आशय यह है कि केंद्रीय बैंक विक्रेता से डॉलर प्राप्त करता है तथा दो वर्ष की अवधि के लिये संभव न्यूनतम प्रीमियम वसूल करता है।
- तद्नुसार नीलामी की निचली सीमा पर बोली लगाने वाले बैंक नीलामी में सफल होते हैं।
- डॉलर की दर 75 रुपए मानकर सिस्टम की तरलता 37,500 करोड़ रुपए कम हो जाएगी।
विगत वर्षों के प्रश्न
प्रश्न. अंतर्राष्ट्रीय तरलता की समस्या निम्नलिखित में से किसकी अनुपलब्धता से संबंधित है? (2015)
(a) वस्तुओं और सेवाओं
(b) सोना और चांदी
(c) डॉलर और अन्य कठोर मुद्राएँ
(d) निर्यात योग्य अधिशेषआरबीआई अब इसका सहारा क्यों ले रहा है?
- सिस्टम में अधिशेष तरलता 7.5 लाख करोड़ रुपए आँकी गई है, जिसे मुद्रास्फीति को संतुलित रखने के लिये रोकने की ज़रूरत है।
- आमतौर पर केंद्रीय बैंक रेपो रेट बढ़ाने या नकद आरक्षित अनुपात (CRR) बढ़ाने जैसे पारंपरिक साधनों का सहारा लेता है लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- यह नकारात्मक प्रभाव मौद्रिक नीति के अधूरे रूप में देखा जा सकता है।
- इसलिये आरबीआई द्वारा पिछले वर्ष एक अलग टूलकिट- वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो ऑक्शन ( Variable Rate Reverse Repo Auction - VRRR ) का इस्तेमाल किया गया।
- तरलता को कम करना: प्रमुख रूप से तरलता प्रभावित होगी जो वर्तमान में औसतन लगभग 7.6 लाख करोड़ रुपए घटेगी।
- भारतीय रुपए के मूल्यह्रास की जाँच: बाज़ार में डॉलर के प्रवाह से रुपए को मज़बूती मिलेगी स्वैप क्या हैं? जो पहले ही अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77 के स्तर पर पहुँच चुका है।
- मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: जब मुद्रास्फीति में वृद्धि का खतरा होता है तो आरबीआई आमतौर पर सिस्टम में तरलता को कम कर देता है। निम्नलिखित कारकों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ना तय है:
- तेल की कीमतों में वृद्धि:रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनज़र कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति बढ़ना तय है।
- संस्थागत निवेश का बहिर्वाह: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत से धन निकाल रहे हैं। उन्होंने मार्च 2022 में अब तक भारतीय शेयरों स्वैप क्या हैं? से 34,000 करोड़ रुपए निकाल लिये हैं, जिसका रुपए पर गंभीर दबाव पड़ा है।
क्या है सिम स्वैप फ्रॉड, न करें इन कॉल्स पर भरोसा
- नई दिल्ली,
- 11 जुलाई 2018,
- (अपडेटेड 11 जुलाई 2018, 1:37 PM IST)
मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है. अनजान नंबर से कॉल आने पर आपको सावधान रहने की जरूरत है. खास कर तब जब आपसे आपकी जानकारी मांगी जाए. हैकर्स आज कल सिम स्वैप का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे आप बुरी तरह फंस सकते हैं.
अमेरिका में ऐसे फ्रॉड ज्यादा होते हैं, लेकिन अब यह भारत भी आ रहे हैं. अमेरिकी ट्रेड फेयर कमीशन के मुताबिक 2013 में सिम स्वैप के जरिए 1,038 चोरी रिपोर्ट की गई. हालांकि इसमे बढ़ोतरी हुई है जनवरी 2016 तक यह 2,658 हो गई.
Sim Card Swapping: कैसे होता है लोगों को लूटने का खेल, आपका सिम कोई दूसरा कैसे करता है इस्तेमाल
साइबर फ्रॉड के रोज नए-नए केस और नए तरीके सामने आ रहे है। साइबर फ्रॉड का एक तरीका सिम स्वैपिंग हुआ है। सिम स्वैपिंग करके जालसाज लोगों के बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं और लोगों को भनक तक नहीं लगती। सिम कार्ड स्वैपिंग के मामले दिल्ली और मुंबई समेत कई राज्यों से सामने आए हैं जिनमें सिम स्वैपिंग करके लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये उड़ाए गए हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है सिम स्वैपिंग और क्या हैं इससे बचने के तरीके.
क्या है कानून?
हमारे भारतीय समाज में आज भी स्वीकार्य नहीं है। चाहे आपसी रजामंदी हो या नहीं। मज़बूरी में किया गया यह कृत्य कानून के अनुसार आपराधिक श्रेणी में ही नहीं, बल्कि एक जघन्य अपराध है। वाइफ स्वैपिंग यदि एक शादीशुदा महिला की इच्छा के बिना कराया जाए और एक से अधिक लोगों के साथ संबंध बनाने पर मज़बूर किया जाए तो मजबूर कराने वाले लोगों पर IPC की धारा 323, 328, 376, 506 के तहत केस दर्ज किया जाएगा। यदि उत्पीड़ित महिला की आपबीती पुलिस नहीं सुने तो 156 (3) CRPC में जुडीशियल मजिस्ट्रेट के सामने एप्लिकेशन देकर ऊपर दी गई धाराओं में FIR दर्ज कराने के आदेश दिए जा सकते हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि पति पर रेप की धारा (376 IPC) छोड़कर बाकी सभी धाराओं में कार्यवाही की जाएगी। यह सारे अपराध गैर जमानती हैं और इन अपराधों में महिला के सिर्फ यह कहने पर कि उसके साथ बिना सहमति के और जोर जबरदस्ती से संबंध बनाए गए हैं। ऐसे अधिकतर मामलों में यह एक ट्रायल का विषय है। गवाही और क्रॉस एग्ज़ामिनेशन के बाद अदालत आरोपियों को सजा दे सकती है या सजा देकर बरी भी कर सकती है।
कहां है लीगल?
वाइफ स्वैपिंग लीगल किसी भी देश में नहीं है। लेकिन ज्यादातर देशों में यहा कहें इंडिया में भी ये इसीलिए पॉपुलर है क्योंकि इसमें दोनों पार्टनर्स की रज़ामंदी होती है। अपनी पसंद और हामी से किया गया सेक्स गैर-कानूनी नहीं होता लद्दाख में है वाइफ स्वैपिंग का ज्यादा चलन ।
भारत में इस तरह के केस
साल 2022 की शुरुआत ही केरल से आए वाइफ स्वैपिंग के केस से हुई। ये मामला तब सामने आया जब इस ग्रुप में से एक की बीवी को जबरन धमका कर ये सब करवाया जा रहा था। इससे पहले भी वाइफ स्वैपिंग के कई केसेज़ सामने आ चुके हैं।
अहमदाबाद (साल 2021)
अहमदाबाद के घाटलोडिया शहर से एक 34 साल की महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, कि उसके पति ने अपने भाई के साथ वाइफ स्वैपिंग की जबरन कोशिश की। ये कपल कुछ साल नाइजीरिया में रहने के बाद इंडिया आए थे, यहां आकर उसके पति ने भाई की वीबी के साथ सेक्स की इच्छा जताई और उसे भी ऐसा ही करने को कहा।केरल (2019)
केरल के अलप्पुज़ा में 4 आदमियों को वाइफ स्वैपिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इनमें से एक की बीवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका पति उसे अपने दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए फोर्स कर रहा है, ताकि वो उनकी बीवियों के साथ भी सेक्स कर सके।सिर्फ एक चूक आपको कंगाल बना देगी! समझिए 'सिम स्वैप' फ्रॉड आखिर है क्या?
हैकर्स की नजर आपकी डीटेल्स पर है. डीटेल्स आपके फोन में है. ऐसे में डीटेल्स को चुराने का नया तरीका इजाद किया है. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है.
मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है.
मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है. फेक नंबर से कॉल आना, SMS से लिंक भेजना, फ्रॉड के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. हैकर्स की नजर आपकी डीटेल्स पर है. डीटेल्स आपके फोन में है. ऐसे में डीटेल्स को चुराने का नया तरीका इजाद किया है. 'सिम स्वैप' के जरिए चंद मिनटों में आपके खाते का पैसा चुरा लिया जाता है. आप इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा पाते लेकिन, खाता साफ हो चुका होता है. आपकी सिर्फ एक चूक आपको कंगाल बना सकती है. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है.