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क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं

क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं

क्या मुझे ETF में निवेश करना चाहिए?

ETF शेयर बाजार का अनुभव पाने के लिए सबसे कम लागत का ज़रिया है। वे लिक्विडिटी और रियल टाइम सेटलमेंट देते हैं क्योंकि वे एक्सचेंज पर लिस्टेड( सूचीबद्ध) हैं और उनमें शेयरों की तरह कारोबार होता है। ETFs कम जोखिम वाले विकल्प हैं क्योंकि वे आपके कुछ पसंदीदा शेयरों में निवेश करने के बजाय स्टॉक इंडेक्स का अनुकरण करते हैं और उनमें डाइवर्सिफिकेशन होता है।

ETFs ट्रेड करने के आपके पसंदीदा तरीके में फ्लेक्सिबिलिटी देते हैं जैसे कीमत घटने पर बेचना या मार्जिन पर खरीदना। कमोडिटीज़ और अंतर्राष्ट्रीय सिक्युरिटीज़ में निवेश जैसे कई क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं विकल्प ईटीएफ में भी उपलब्ध हैं। आप अपनी पोज़ि‍शनकी हेजिंग(बचाने ) के लिए ऑपशन्स और फ़्यूचर्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर नहीं मिलता है।

हालाँकि, ETFs हर निवेशक के लिए सही नहीं होते हैं। नए निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड्स बेहतर विकल्प हैं जो कम रिस्क वाले ऑप्शन को चुनकर लंबी-अवधि के लिए इक्विटी में निवेश करने का फायदा उठाना चाहते हैं। ETFs उन लोगों के लिए भी सही हैं जिनके पास एकमुश्त(लमसम) नगद पैसा है लेकिन अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि नकदी का निवेश कैसे किया जाए। वे कुछ समय के लिए ETF में निवेश कर सकते हैं और तब तक कुछ रिटर्न कमा सकते हैं जब तक कि नकदी सही जगह पर इस्तेमाल ना हो जाए। सही ETF का चुनने के लिए ज़्यादातर रिटेल निवेशकों के मुकाबले, वित्तीय बाज़ार की अच्छी समझ होना ज़्यादा ज़रूरी होता है। इसलिए, आपके ETF निवेश को संभालने के लिए निवेश में थोड़ी व्यावहारिक कुशलता की भी ज़रूरत होती है।

Best Stock for Investment: खरीद सकते हैं ये 5 शेयर्स, Expert की सलाह- 2 से 3 साल में होगी अच्छी कमाई!

Expert Recommended Shares: अगर निवेशक 2 से 3 साल के लिए शेयर बाजार में पैसे लगाना चाहते हैं तो फिर उनके लिए ये 5 स्टॉक्स विकल्प हो सकते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो ये स्टॉक्स फिलहाल एक दायरे में कारोबार कर रहा है. लेकिन आगे ग्रोथ की संभावना है.

इस शेयरों में दांव लगाने की सलाह (Photo: File)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2022,
  • (अपडेटेड 22 नवंबर 2022, 2:59 PM IST)

शेयर बाजार (Share Market) एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाने के लिए दहलीज पर पहुंच गया है. पिछले एक साल से शेयर बाजार एक दायरे में कारोबार कर रहा है. जबकि पिछले एक हफ्ते से निफ्टी 18000 के ऊपर बना हुआ है. पिछले एक साल में उतार-चढ़ाव के दौरान कई अच्छे स्टॉक्स में करेक्शन देखने को मिले हैं.

शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि जब बाजार में गिरावट आए तो होशियारी से उस वक्त सही स्टॉक को चुनने का भी मौका क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं होता है. ताकि बाजार में तेजी आने पर बेहतर रिटर्न (Return) मिल सके. अगर आप ही शेयर बाजार में निवेश (Invest in Stock Market) के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक्सपर्ट क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं के सुझाए ये 5 स्टॉक्स लेकर आए हैं.

मार्केट एक्सपर्ट और tradeswift के डायरेक्टर संदीप जैन का कहना है कि धैर्य रखने पर शेयर बाजार पैसा बनाकर देता है. इसलिए निवेश का नजरिया हमेशा लंबा होना चाहिए. उन्होंने बताया कि अगर निवेशक 2 से 3 साल के लिए शेयर बाजार में क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं पैसे लगाना चाहते हैं तो फिर उनके लिए ये 5 स्टॉक्स विकल्प हो सकते हैं. संदीप जैन ने लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ये 5 स्टॉक्स सुझाए हैं.

Hero Motocorp: इस टू-व्हीलर कंपनी में तेज ग्रोथ की संभावना है. कंपनी इलेक्ट्रिक सेगमेंट पर भी फोकस कर रही हैं. फिलहाल Hero Motocorp के शेयर 2680 रुपये का है. पिछले एक साल से ये शेयर एक दायरे में कारोबार कर रहा है. संदीप जैन की मानें तो लंबी अवधि के निवेशक इस शेयर में दांव लगा सकते हैं.

Panama Petrochem: पेट्रोलियम स्पेशलियटी प्रोड्क्टस क्षेत्र की अग्रणी कंपनी Panama Petrochem लिमिटेड के क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं शेयर खरीद सकते हैं. एक्सपर्ट संदीप जैन का कहना है कि अगर नजरिया लंबा है तो फिर इस शेयर में निवेश कर सकते हैं. फिलहाल एक शेयर की 359 रुपये है और एक साल में शेयर ने करीब 40 फीसदी का रिटर्न दिया है.

Star Cement: सीमेंट सेक्टर में आगे तेजी का अनुमान है, अगर इस सेक्टर में 2 से 3 साल के लिए पैसे लगाना चाहते हैं तो फिर Star Cement के शेयर खरीद सकते हैं. स्टार सीमेंट के एक शेयर की कीमत करीब 102 रुपये है. पिछले एक साल में इस स्टॉक ने मामूली 7 फीसदी का रिटर्न दिया है.

GSFC: Gujarat State Fertilizers & Chemicals Limited के शेयर पिछले 6 महीने से करेक्शन के दौर से गुजर रहा है. इस स्टॉक ने 6 महीने में 24 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है. मौजूदा समय में शेयर 120 रुपये का है. हालांकि इस कंपनी में आगे ग्रोथ की संभावना है. एक्सपर्ट के नजरिये से इस शेयर में लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं.

DCM Shriram Industries Limited: पिछले एक साल में इस स्टॉक ने निवेशकों को निराश किया है. शेयर में करीब 21 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, फिलहाल DCM Shriram Industries के शेयर 70.60 रुपये है. संदीप जैन का कहना है कि 3 साल की अवधि लेकर इसमें फिलहाल दांव लगा सकते हैं.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन

Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

स्‍टॉक मार्केट सेंटिमेंट क्‍या होता है?

जब बाजार चढ़ता है तो मार्केट सेंटिमेंट में मजबूती आती है वहीं, बाजार के गिरने पर मार्केट सेंटिमेंट में कमजोरी आती है.

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2. जब बाजार चढ़ता है तो मार्केट सेंटिमेंट में मजबूती आती है. दूसरे शब्‍दों में कहें तो लोग ज्‍यादा जोखिम लेने के लिए तैयार होते हैं. वहीं, बाजार के गिरने पर मार्केट सेंटिमेंट में कमजोरी आती है. ऐसी स्थितियों में निवेशक सतर्क रुख अपनाते हैं या फिर जोखिम लेने से कतराते हैं.

3. मार्केट सेंटिमेंट हमेशा बुनियादी बातों पर आधारित नहीं होते हैं. कई बार बाजार में भावनाओं में बहकर निवेशक दांव लगाते हैं. यही कारण है कि मार्केट सेंटिमेंट को देखकर दांव लगाने से नफा-नुकसान दोनों हो सकते हैं.

4. प्रतिभूतियों को लेकर निवेशकों की धारणा से उसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव आता है. इस उतार-चढ़ाव का डे-ट्रेडर्स और टेक्निकल एनालिस्‍ट्स फायदा उठाते हैं. वे छोटी अवधि में कीमतों में उठापटक से लाभ उठाने की कोशिश करते हैं.

5. मार्केट सेंटिमेंट को नापने के लिए विभिन्‍न तरह के इंडिकेटर्स हैं. इनमें वोलेटिलिटी इंडेक्‍स शामिल है. इसकी मदद से निवेशकों को पता लगता है कि मार्केट सेंटिमेंट किस तरह के हैं.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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