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निवेश के अवसर

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Photo:PTI piyush goyal

निवेश के अवसर

अधिसूचना की तारीख: 11 अप्रैल, 2018

एमओपीएनजी = > निवेश अवसर
गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बन– बड़े अवसर

मंत्रिमंडल ने कोल इंडिया लि. (सीआईएल) और उसकी सहायक कंपनियों को आबंटित कोयला खनन पट्टे के तहत क्षेत्रों से कोल बैड मिथेन (सीबीएम) के अन्‍वेषण और दोहन को अनुमोदित कर दिया है।


प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति ने पेट्रोलियम मंत्रालय और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1948 ( ओआरडी अधिनियम, 1948) की धारा 12 के तहत जारी दिनांक 03.11.2015 की अधिसूचना के खंड 3 (xiii) को संशोधित करने के लिए अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
इस संशोधन के कारण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियम 1959 (पीएनजी नियम, 1959) के तहत कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और उसकी सहायक कंपनियों को अपने कोयला वाले क्षेत्रों से कोल बैड मिथेन (सीबीएम) निकालने के लिए पीएनजी नियम, 1959 के तहत लाइसेंस/पट्टा प्रदान करने के लिए आवेदन नहीं करने के लिए छूट दी गई है।

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यह निर्णय सरकार की ‘कारोबार में आसानी’ की पहल और हाइड्रोकार्बन के आयात को कम करने के अनुरूप है। इससे सीबीएम अन्‍वेषण और दोहन के काम में तेजी आएगी, प्राकृतिक गैस की उपलब्धता बढ़ेगी और प्राकृतिक गैस की मांग और आपूर्ति में अंतर कम होगा।
ब्लॉक में और उसके आसपास सीबीएम गैस के भंडार के अन्‍वेषण और दोहन के लिए बढ़ी हुई विकास संबंधी गतिविधियों से आर्थिक कार्यकलाप होंगे जिनसे सीबीएम प्रचालनों और उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है।


गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बनों के अन्‍वेषण और दोहन के लिए नीतिगत ढांचा

गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बनों के अन्वेषण और दोहन के लिए नीतिगत ढांचे का अनुमोदन अंतिम चरण में है। यह नीतिगत ढांचे के तहत गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बनों जैसे निवेश के अवसर शेल तेल/गैस, कोल बैड मिथेन (सीबीएम) आदि के अन्‍वेषण और दोहन की अनुमति होगी। यह काम मौजूदा रकबों में गैर-पारंपरिक निवेश के अवसर हाइड्रोकार्बन की क्षमता का उपयोग करने के लिए लाइसेंस शुदा/पट्टागत क्षेत्र में मौजूदा संविदाकारों द्वारा मौजूदा उत्पादन हिस्‍सेदारी संविदाओं (पीएससी), सीबीएम संविदाओं और नामांकन क्षेत्रों के तहत किया जाएगा।

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इस नीति से मौजूदा संविदागत क्षेत्रों में भावी हाइड्रोकार्बन भंडारों को प्राप्‍त किया जा सकेगा और इस नीति के अभाव में इनका अन्‍वेषण और दोहन नहीं हो पाता।

इस नीति को लागू करने से अन्वेषण और उत्पादन (ईएंडपी) कार्यकलापों में नए निवेश और नई हाइड्रोकार्बन खोजों की संभावना है और इसके परिणामस्वरूप घरेलू उत्पादन में वृद्धि की संभावना है।

अतिरिक्त हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज और दोहन से नए निवेश, आर्थिक कार्यकलापों के लिए प्रोत्साहन, अतिरिक्त रोजगार सृजन और इस प्रकार समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ होने की उम्मीद है।

इससे नई, अभिनव और अत्‍याधुनिक प्रोद्योगिकियों को शामिल किया जा सकेगा और गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बनों का दोहन करने के लिए .नया प्रौद्योगिकीय सहयोग मिलेगा।


सीबीएम के शीघ्र मौद्रीकरण के लिए मौजूदा संविदागत क्षेत्रों में रियायत, संविदाओं की अवधि बढ़ाने और स्‍पष्‍टीकरण के लिए नीतिगत ढांचा

भारत सरकार अब तक 33 सीबीएम ब्लॉक प्रदान कर चुकी है। वर्तमान संविदा प्रावधानों में विभिन्न अड़चनों के कारण सीबीएम का मौद्रीकरण पारंपरिक तेल और गैस के बराबर नहीं रहा है। चूंकि सीबीएम जैसे गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बन के मूल्‍य अधिक हैं और सीबीएम ब्लॉकों में नए सिरे से अन्वेषण और उत्पादन संबंधी कार्यकलाप शुरू करने के लिए नीति में सीबीएम को मौजूदा मूल्य निर्धारण और आवंटन नीति से छूट दी गई है और सीबीएम संविाकारों को मूल्य निर्धारण और विपणन की आजादी दी गई है और इसमें संबद्ध कंपनियों को सीबीएम की बिक्री करने का प्रावधान है। यह सरकार की "कारोबार में आसानी" की नीति के अनुरूप है। इसके अलावा, सरकार को तकनीकी योग्यता और संविदाकार द्वारा उचित प्रयास करने के आधार पर मामलों का निपटान करने और विलंब को माफ करने का अधिकार दिया गया है। इस नई नीति में निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं:

घरेलू बाज़ार में आर्म्स लेंथ मूल्‍य पर सीबीएम की बिक्री करने के लिए मूल्‍य निर्धारण और विपणन की आज़ादी।

कोयला ब्‍लॉकों, पारंपरिक तेल और गैस, पीईएल/पीएमएल क्षेत्रों आदि में ओवरलैप मु्द् से जूझ रहे संविदाकारों के लिए कार्य कार्यक्रम में आनुपातिक कमी सहित सीबीएम संविदागत क्षेत्रों में कमी करने अथवा संविदाओं का परित्‍याग करने का प्रावधान।

कतिपय शर्तों पर सीबीएम ब्‍लॉकों से आसानी से बाहर हाने का विकल्‍प।

पूरे नहीं किए गए एकडब्‍ल्‍यूपी की लागत का भुगतान करने के बाद अगले चरण में प्रवेश।

सरकारी अनुमोदन / परमिट आदि प्राप्त करने के कारण विकास के चरण में विस्तार और माफी योग्‍य विलंब का प्रावधान।

मौजूदा सीबीएम संविदाकारों की संबंद्ध कंपनियों को सीबीएम की बिक्री करने का प्रावधान।

सीबीएम संविदा के अनुसार प्रस्‍तुत करने के लिए नोटिस अवधि मे छूट।

ईसीएस के तहत सीबीएम संविदागत मुद्दों का समाधान।


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इस नीति से 2018- 19 तक सीबीएम उत्पादन बढ़कर 6 एमएमएससीएमडी होने और रोजगार के नए अवसर सृजित होने तथा सीबीएम ब्लॉकों में निवेश बढ़ने की उम्‍मीद है। यह भी परिकल्पना की गई है कि 14 सीबीएम ब्लॉक, जिनका परित्‍याग किया जा रहा है उन्हें नीति के तहत एक आसानी से बाहर निकलने का विकल्प दियाजाएगा।


कोयला और लिग्‍नाइट वाले क्षेत्रों में निवेश के अवसर निवेश के अवसर भूमिगत कोयला गैसीकरण के विकास के लिए नीतिगत ढांचा

सरकार ने देश में कोयला और लिग्नाइट वाले क्षेत्रों में भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) के विकास के लिए एक नीतिगत ढांचे को अनुमोदित कर दिया था। यूसीजी कोयला/लिग्नाइट संसाधनों से ऊर्जा के निष्कर्षण की एक विधि है जिसे पारंपरिक खनन विधियों के माध्यम से काम करने की तुलना में किफायती नहीं माना जाता है। इस प्रयोजन के लिए राजस्व साझेदारी के आधार पर कोल बैड मिथेन (सीबीएम) के विकास के लिए मोटे तौर पर मौजूदा नीति के समान नीति को प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से ब्लॉकों की पेशकश के लिए अपनाया जाएगा।

उम्‍मीद है कि यह नीति ऊर्जा सुरक्षा का व्‍यापक लक्ष्‍य हासिल करने की दिशा में कारगर होगी।

सीतारमण ने एनआईआईएफ से एनआईपी, पीएम गतिशक्ति में निवेश के अवसर तलाशने को कहा

वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि एनआईआईएफ को इन निवेश अवसरों में वाणिज्यिक पूंजी को लाने की कोशिश करनी चाहिए।

Image: @nsitharamanoffc (Twitter)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) से राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (एनआईपी), पीएम गतिशक्ति और राष्ट्रीय अवसंरचना गलियारे में निवेश के अवसरों का पता लगाने को कहा है।

वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि एनआईआईएफ को इन निवेश अवसरों में वाणिज्यिक पूंजी को लाने की कोशिश करनी चाहिए।

बयान के मुताबिक, सीतारमण ने प्रशासनिक परिषद (जीसी) की 5वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एनआईआईएफ की बहुलांश हिस्सेदारी वाली दो बुनियादी ढांचा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपनी कुल ऋण बही को तीन वर्षों में 4,200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,000 करोड़ रुपये कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इनमें कोई भी गैर-निष्पादित ऋण (एनपीएल) नहीं है।

बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी, भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा, डीएसपी समूह के चेयरमैन हेमेंद्र कोठारी और मणिपाल ग्लोबल के चेयरमैन टी वी मोहनदास पई शामिल थे।

सीतारमण ने एनआईआईएफ से एनआईपी, पीएम गतिशक्ति में निवेश के अवसर तलाशने को कहा

नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा)निवेश के अवसर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) से राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (एनआईपी), पीएम गतिशक्ति और राष्ट्रीय अवसंरचना गलियारे में निवेश के अवसरों का पता लगाने को कहा है।

वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि एनआईआईएफ को इन निवेश अवसरों में वाणिज्यिक पूंजी को लाने की कोशिश करनी चाहिए।

बयान के मुताबिक, सीतारमण ने प्रशासनिक परिषद (जीसी) की 5वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एनआईआईएफ की बहुलांश हिस्सेदारी वाली दो बुनियादी ढांचा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपनी कुल ऋण बही को तीन वर्षों में 4,200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,000 करोड़ रुपये कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इनमें कोई भी गैर-निष्पादित ऋण (एनपीएल) नहीं है।

बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी, भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा, डीएसपी समूह के चेयरमैन हेमेंद्र कोठारी और मणिपाल ग्लोबल के चेयरमैन टी वी मोहनदास पई शामिल थे।

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भारत वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य, ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता जल्दः गोयल

गोयल ने कहा कि भारत सर्वश्रेष्ठ निवेश अवसर देता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थल को आप छोड़ नहीं सकते।

India TV Paisa Desk

Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: September 06, 2022 15:38 IST

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Photo:PTI piyush goyal

Highlights

  • गोयल ने कहा कि भारत सर्वश्रेष्ठ निवेश अवसर देता है
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट ‘ब्रांड इंडिया’ के प्रतिनिधि के तौर पर काम करें

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत को सर्वश्रेष्ठ निवेश स्थल बताते हुए कहा कि यह भारत और अमेरिका के पारस्परिक हितों के क्षेत्रों में सहयोग और सरोकार के लिए उपयुक्त समय है। यहां अमेरिका और भारत के उद्योग जगत के अगुआओं को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों देश वैश्विक सुरक्षा, स्थिरता और जुझारू आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा दे सकते हैं। अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिकी संबंध से अनेक प्रतिस्पर्धी लाभ मिल सकते हैं। हमारी आपूर्ति श्रृंखला का जुझारुपन, अमेरिका को भारत ने जिस प्रकार की प्रतिभाएं दी हैं और अमेरिका ने भारत को जो निवेश दिए हैं, ये सब कारोबार की दृष्टि से बहुत अच्छा है।’’ गोयल ने कहा कि भारत सर्वश्रेष्ठ निवेश अवसर देता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थल को आप छोड़ नहीं सकते। यह अरबों आकांक्षाओं का बाजार है।’’ अमेरिका के कारोबारों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए मंत्री ने कहा कि ‘‘परस्पर हितों के क्षेत्रों में हम सबके के सहयोग के लिए यह समय उपयुक्त है।’’

भारत और अन्य देशों के बीच सेतु बनें सीए

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट से कहा कि वे ‘ब्रांड इंडिया’ के प्रतिनिधि के तौर पर काम करें और निवेशों को भारत की ओर आकर्षित करने में मदद करें। गोयल ने यहां सोमवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अगले 30 वर्ष में 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अभी भारत की अर्थव्यवस्था 3300 अरब डॉलर की है। विदेशों में रह रहे भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट से गोयल ने कहा कि वे भारत में आने वाले निवेश को बढ़ाने में मदद देकर देश निवेश के अवसर की आर्थिक वृद्धि में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को भारत में अपार निवेश अवसरों की जानकारी दे सकते हैं। आप भारत और अमेरिका के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों के बीच सेतु बन सकते हैं।’’ निवेश के अवसर गोयल ने कहा, ‘‘आप ‘ब्रांड इंडिया’ के ‘ब्रांड एम्बसेडर’ बन सकते हैं।’’

व्यापार समझौते पर बातचीत जल्द पूरी होने की उम्मीद

लिज निवेश के अवसर ट्रस के ब्रिटेन की प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उम्मीद जताई कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर बातचीत जल्द पूरी होगी। गोयल ने यहां सोमवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राजनीतिक स्तर पर बदलाव होने से इसमें (एफटीए को लेकर बातचीत पूरी होने में) कुछ हफ्तों का विलंब भले हो लेकिन लिज ट्रस के ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनने के साथ मुझे उम्मीद है कि जो वक्त ज़ाया गया है हम उसकी भरपाई कर लेंगे।’’ भारत के अधिकारी व्यापार समझौते पर बातचीत का समापन 31 अगस्त तक कर लेना चाहते थे लेकिन ब्रिटेन में राजनीतिक स्तर पर हुए परिवर्तनों से इसमें और देरी हो सकती है। इसी साल जनवरी में दोनों देशों ने द्विपक्षीय कारोबार और निवेश को बढ़ावा देने की खातिर मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत औपचारिक रूप से शुरू की थी। उस वक्त ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन थे और ट्रस विदेश मंत्री थीं। गोयल ने कहा, ‘‘ब्रिटेन के साथ एफटीए की वार्ता आगे बढ़ चुकी है। मौजूदा व्यापार एवं निवेश मंत्री एनी मैरी के साथ हम नियमित संपर्क में हैं और हम भारत तथा ब्रिटेन के बीच अगले कुछ महीनों, संभवत: दीपावली तक समझौता करने का प्रयास कर रहे हैं।’’ वाणिज्य मंत्री गोयल ने कहा कि भारत विश्व के आकर्षक निवेश स्थलों में से एक बन गया है जो इस बात से जाहिर होता है कि विश्व के नेता और विकसित देश भारत में व्यापार और निवेश बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं और द्विपक्षीय समझौते करना चाहते हैं।

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