अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे

3. प्रारंभिक उद्योग के लिए अनुपयुक्त- मुक्त व्यापार प्रारंभिक उद्योग के लिए नामुनासिब है क्योंकि ऐसे उद्योग मुक़ाबला को झेल पाने में योग्य नहीं होते। फ्रेडरिक लिस्ट ने अपने प्रारंभिक उद्योग तर्क में इस बात को बहुत सरल तरीके से बताया है और ऐसे उद्योगों को प्रारंभ में संरक्षण देने की वकालत की है।
मुक्त व्यापार नीति क्या है मुक्त व्यापार के पक्ष तथा विपक्ष में तर्क?
मुक्त व्यापार वह नीति है जिसमें अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पूरी स्वतंत्रता होती है। ऐसी स्थिति में दो देशों के बीच वस्तुओं के आयात-निर्यात में किसी प्रकार की बाधा नहीं होती। सोलहवीं शताब्दी के प्रारंभ से लेकर अठारहवीं शताब्दी के तक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के बारे में जो प्रचलित सोच थी उसे आर्थिक विचारों के इतिहास में वणिकवाद के नाम से जाना जाता है। वणिकवाद बहुत ही संकीर्ण सोच थी। वणिकवाद के अनुसार निर्यात से देश की सम्पदा में वृद्धि होती है, जबकि आयात से देश की सम्पदा में कमी आती है। एडम स्मिथ ने इस मान्यता का खंडन किया और बताया की व्यापार से सभी देशों को लाभ होता है इसलिए उन्होंने मुक्त व्यापार की वकालत की। उनके अनुसार “मुक्त व्यापार की धारणा का उपयोग व्यापारिक नीति की उस प्रणाली को बंद करने के लिए किया जाता है जिसमें देश तथा विदेशी वस्तुओं में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता इसलिए न तो विदेशी वस्तुओं पर अनावश्यक कर लगाये जाते हैं और न ही स्वदेशी उद्योगों को कोई विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।” इस प्रकार, मुक्त व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार तथा आंतरिक व्यापार में कोई अंतर नहीं करता। आंतरिक व्यापार में स्वतंत्रता होने पर कोई भी व्यक्ति सबसे कम क़ीमत वाले बाज़ार में वस्तु खरीद सकता है और उत्पादक अपनी वस्तु को उस बाज़ार में बेंच सकता है जहाँ उसे सबसे ज्यादा क़ीमत प्राप्त हो सके। ठीक उसी प्रकार मुक्त अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में कोई भी देश सबसे कम क़ीमत पर वस्तु खरीद सकता है और साथ ही सबसे अधिक क़ीमत देने वाले देश में अपनी वस्तु बेंच सकता है।
मुक्त व्यापार विपक्ष में तर्क
मुक्त व्यापार की अपनी सीमाएं हैं, जिसके कारण हमें अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं होता। अनुभव तो यही बताता है कि जैसे-जैसे दुनिया मुक्त व्यापार की और बढ़ रही है, विकसित और विकासशील देशों के बीच की खाई और चैड़ी होती जा रही है. बहुराष्ट्रीय कम्पनिओं का जाल विकासशील देशों में फैलता जा रहा है। उनके यहाँ के घरेलू उद्योग इन बहुराष्ट्रीय कम्पनिओं के आगे मुकाबला करने में कठिनाई का अनुभव कर रहे है। कई उद्योग तो बहुराष्ट्रीय कम्पनिओं के सामने अपना अस्तित्व ही खो चुके हैं। ऐसे में अब दुबारा इन देशों में संरक्षण के उपाय की बात की जा रही है. मुक्त व्यापार की निम्नलिखित सीमाएं हैं-
1. मुक्त व्यापार ख़याली मान्यताओं पर आधारित है- मुक्त व्यापार की वकालत करनेवाले एडम स्मिथ और अन्य प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री ऐसी मान्यताएं ले बैठे जो वास्तविकता से दूर हैं। जैसे स्थिर लागत की दशा का उत्पादन, साधन की गतिशीलता की मान्यता आदि शायद ही देखने को मिलता है।
International Trading In Rupee: अब डॉलर नहीं बल्कि रुपये में होगा आयात-निर्यात! जानिए रिजर्व बैंक के इस कदम से आपको होगा क्या फायदा
- रिजर्व बैंक ने बैंकों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे निर्देश दिया है कि वह रुपये में आयात-निर्यात के निपटारे का इंतजाम करें
- अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग रुपये में होने की वजह से भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी
- अभी तक आयात-निर्यात के लिए भारत समेत अधिकतर देश डॉलर पर निर्भर हैं
- इससे एक्सचेंज रेट का रिस्क भी कम होगा और सस्ती दरों पर कई डील हो सकेंगी
अमेरिका के दबाव में नहीं रहेगा भारत!
जब भारत की डॉलर पर निर्भरता घटेगी तो अमेरिका से किसी तनाव की स्थिति में भी भारत को अधिक डरने की जरूरत नहीं होगी। जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो सबसे पहले अमेरिका ने उस पर डॉलर में ट्रेड करने पर प्रतिबंध लगा दिया। इसकी वजह से रूस को अंतराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन करने में थोड़ी दिक्कत हुई, लेकिन वह पहले से ही अपनी करंसी रूबल में कई अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन करने लगा था, इसलिए उस पर अमेरिका का ज्यादा दबाव नहीं बना। भारत की भी अपनी करंसी अंतरराष्ट्रीय ट्रेड के लिए इस्तेमाल होगी तो भारत को अमेरिका से तनाव की अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे किसी स्थिति में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
US dollar का टूटेगा दबदबा! रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देगी सरकार, कारोबारियों को मिलेंगे ये सारे फायदे
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST
Photo:FILE US dollar vs rupee
Highlights
- घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी
- आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी
US dollar का दबदबा आने वाले दिनों में टूट सकता है। दरअसल, भारत सरकार विदेशी व्यापार में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए आज अहम बैठक करने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के लिए अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी। इस समय भारत और रूस के बीच हो रहे व्यापार के बड़े हिस्से का लेनदेन रुपये में ही हो रहा है। आइए, जानते हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से कारोबारियों को क्या फायदे मिलेंगे।
भारत को क्या लाभ मिलेगा
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्शन कॉस्ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्शन से जुड़े मार्केट रिस्क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार आकर्षक करियर
ग्लोबलाइजेशन के चलते आज पूरा विश्व और वैश्विक बाजार एक प्लेटफॉर्म पर आ गया है। इस वजह से आज के समय में घरेलू व्यापार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार बेहद खास हो गया है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अंतर्गत आयात-निर्यात, अंतरराष्ट्रीय समझौते, विभिन्न देशों के व्यापार कानून, समझौते आदि के अध्ययन पर बल दिया जाता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के खास होने से इस क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन रोजगार की संभावनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। इसी कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार करियर के एक आकर्षक क्षेत्र के रूप में सामने आया है।
विषय प्रकृति
पूरे पाठ्यक्रम के दौरान बिजनेस इकोनॉमिक्स, इंटरनेशनल फाइनेंस, बिजनेस स्टैटिस्टिक्स, प्रोडक्शन, ऑपरेशन मैनेजमेंट, ई-कॉमर्स, ऋण प्रबंधन, विदेश नीति आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, बहुद्देश्यीय व्यापारिक क्षेत्र, सीमा शुल्क, व्यापार कर से संबंधित विषयों की भी जानकारी दी जाती है। विश्व के दूसरे बाजारों से परिचित कराने के लिए संस्थानों द्वारा छात्रों को समय-समय पर विदेशी दौरों पर भी भेजा जाता है।