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एक दलाल का वेतन क्या है

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'आप' के विधायक ने केजरी को लिखा खत, आशीष खेतान को बताया दलाल

केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ फिर खुलकर सामने आ गए हैं। शनिवार को फिर से चिट्ठी लिखकर पार्टी संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फैसलों की खुलकर आलोचना की है। इससे पहले भी वे चिट्ठी लिखकर संजय सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगा चुके हैं। यहां तक की विकास योजनाएं बनाने के लिए दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) को उन्होंने दिल्ली दलाल कमीशन और इसके उपाध्यक्ष आशीष खेतान को दलाल का तमगा दे डाला।

कर्नल सहरावत ने चिट्ठी में 21 संसदीय सचिवों पर हाईकोर्ट के फैसले को लेकर केजरीवाल को जिम्मेदार ठहरा दिया है। उन्होंने लिखा की जब माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी व जया बच्चन की नियुक्ति को लाभ के पद के दायरे में मानते हुए इनकी नियुक्ति को अवैध ठहराया था, उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। यह जानते हुए भी कुछ सलाहकारों आशीष तलवार व अन्य के कहने पर 21 संसदीय सचिवों को नियुक्ति कर दिया, अब उनकी सदस्यता जाने का खतरा लटका हुआ है।

अपने ही नेता के आरोपों से कैसे बचेंगे खेतान?

आशीष खेतान्र, आप नेता

प्रीमियम बस सर्विस को लेकर भी दिल्ली डायलॉग कमीशन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कैबिनेट में यह प्रस्ताव डीडीसी उपाध्यक्ष आशीष खेतान के दबाव में नियमों का उल्लंघन करके लाया गया। जिससे कॉरपोरेट घरानों तक यह बात पहुंचाई जा सके कि आशीष खेतान दिल्ली सरकार के साथ दलाली करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति हैं। उन्होंने लिखा है कि डीडीसी अब दिल्ली दलाल कमीशन बनकर रह गया है।

सहरावत ने बीते 4 सितंबर को लिखे अपने एक पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि, आपको हमने अवगत कराया था कि आपके मित्रमंडली जैसे आशीष तलवार, वैभव आदि मोटा वेतन पा रहे हैं जबकि संवैधानिक कार्यों से उनका कोई लेना देना नहीं है।

एक दलाल का वेतन क्या है

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जौनपुर। भ्रष्टाचार और दलाली को लेकर सुर्खियों में रहने वाले एआरटीओ कार्यालय पर जिलाधिकारी के छापे के बाद हड़कंप मच गया है। आज डीएम मनीष कुमार वर्मा सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यालय पर धमक पड़े। जहां हर पटल पर बारीकी से निरीक्षण किया वही लाइसेंस बनवाने लिए एक दलाल का वेतन क्या है आये अभ्यार्थियों से बातचीत भी किया। एक अभ्यार्थी ने बताया कि उसका लाइसेंस बनवाने के लिए एक बिचैलियें साढ़े तीन सौ की जगह 36 सौ रूपये लिया है। इतना सुनते ही डीएम के तेवर तल्ख हो गये। उन्होने तत्काल उस बिचैलिये को चिन्हित करके उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया। निरीक्षण में सरकार के एक मंत्री का चहेता कर्मचारी भी नदारत मिलने पर उसका एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया। डीएम के तेवर से विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और दलालों में हड़कंप मच गया है।

तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान का प्रकरण सुलझा

अयोध्या। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2000 के बाद नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान का प्रकरण फिलहाल सुलझता नजर आ रहा है। प्रकरण के सुलझने के साथ ही जिले के 130 से अधिक तदर्थ शिक्षकों के वेतन का रास्ता भी साफ हो गया है। एडेड कॉलेज में मौलिक रिक्त व अल्पकालिक शिक्षकों के रूप में नियुक्ति शिक्षक शिक्षा नियमावली की वजह से विनियमित नहीं हो सके। ऐसे में शासन ने सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए तदर्थ शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया था।

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गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस के अवसर पर दिनांक 24.एक दलाल का वेतन क्या है 11.2022 के स्थान पर दिनांक 28.11.2022 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। दिनांक 24.11.20.

पुरानी पेंशन पर दिल्ली में होगा सम्मेलन देश के 100 से ज्यादा कर्मचारी और शिक्षक संगठन सरकार को घेरने की करेंगे तैयारी पुरानी पेंशन के सवाल .

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Sex Racket In Haryana: हरियाणा में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, पानीपत में नेशनल हाइवे पर खंडहर में जिस्मफरोशी, कोडवर्ड में कस्टमर तलाशते दलाल, रेट 300 रूपए

हरियाणा के पानीपत शहर के बीचों-बीच से निकल रहे नेशनल हाइवे ( NH)-44 पर खुलेआम जिस्मफरोशी का धंधा हो रहा है। इसके लिए PNB की बिल्डिंग के पीछे कबाड़ के ढेर पर खुलेआम जिस्म की सौदेबाजी की जा रही है। इसके लिए वहां दलाल भी छोड़ रखे हैं। जो आसपास घूम-घूमकर कोड वर्ड में ग्राहक की तलाश करते हैं।

इसके बाद सिर्फ 300 से 800 रुपए के रेट में देह व्यापार किया जा रहा है। इनके चंगुल में स्टूडेंट्स से लेकर बुजुर्ग तक फंसे हुए हैं। ग्राहक की हैसियत के मुताबिक 300 से लेकर 800 रुपए तक वसूल किए जाते हैं।

सुबह 10 बजे से शुरू हो जाता है वेश्यावृत्ति का गंदा खेल

सब कार्य के लिए रेट चार्ट अलग अलग

NPS to OPS के जो कार्य कार्यालय को करना है अब कर्मी अपने काम छोड़कर कार्यालय के चक्कर लगाने में व्यस्त हैं। जिसकी विभागीय पदाधिकारी को कोई चिंता नहीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्मियों को सिर्फ एक बार अपने कार्यालय में उपस्थित होना पड़ता है जिसमें हस्ताक्षर और एफिडेफिट कार्य शामिल है। परंतु कभी झार नेट का हवाला तो कभी कार्यालय की व्यवस्था दिखाकर जानबूझकर कर्मचारियों को चक्कर एक दलाल का वेतन क्या है लगाने पर मजबूर किया जाता है ताकि कर्मचारी सुविधा शुल्क देने को तैयार हो जाए।

सबसे मजेदार बात यह है कि कार्यालय के सरकारी दलालों ने अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग रेट चार्ट तय कर रखे हैं।

शपथ पत्र और नॉमिनेशन 500.00

शपथ पत्र एफिडेफिट 200.00 से 500.00

ऑनलाइन अपलोडिंग 500.00 (डीडीओ हस्ताक्षर)

जीपीएफ ऑफिस खर्चा 500.00 से 1000.00

कर्मी अपने इच्छानुसार अलग अलग कार्य करा सकते हैं या फिर सरकारी दलालों ने एक पैकेज भी बना रखा है जिसकी दर एक दलाल का वेतन क्या है 1000 से 2000 के बीच रखी गई है। इस पैकेज के तहत दलाल एक मुश्त पैसे लेकर जीपीएफ no आवंटित कराने की जिम्मेवारी लेते हैं। और उन कर्मी को क्रैक सेवा के तहत जीपीएफ no निर्गत कराए जाने की भी सुविधा उपलब्ध है।

जीपीएफ कार्यालय में भी चल रहा पैसे का खेल

2004 के बाद नई पेंशन योजना के तहत बहाल कर्मियों के लिए जीपीएफ ऑफिस कोई एक दलाल का वेतन क्या है महत्व नहीं रखता था। परंतु पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से जीपीएफ ऑफिस में इस समय उत्सव जैसा माहौल है। सभी विभागों के लिए आवंटित अलग-अलग बाबू की अपनी-अपनी चांदी चल रही है। सुविधा शुल्क देकर तुरंत जीपीएफ नंबर अलॉट करने का काम बदस्तूर जारी है।

संबंधित विभागीय पदाधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। विभागीय पदाधिकारी के नाक के नीचे इस तरह के अनैतिक कार्य की अनदेखी करना समझ से परे है। क्योंकि किसी भी विभाग से ऑनलाइन आवेदन अपलोड करने के बाद उसमें टाइम और तिथि दोनों दर्ज हो जाती है। परंतु फॉर्म अपलोड करने के क्रम के हिसाब से जीपीएफ अकाउंट अलॉट नही किया जा रहा। जो काम पहले पाओ की तर्ज पर होना चाहिए, वो काम पैसे दो अकाउंट no लो की तर्ज पर किया जा रहा है।

NMOPS के पदाधिकारी रखे हैं पैनी नजर – प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह

NMOPS के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह का कहना है की पैसे की लेनदेन की शिकायत कई जिलों के कार्यालय से आ रही है, साथ ही पैसे के लेन देन के लिए मोटिवेट किया जा रहा है। जिस पर हमारी टीम की पैनी नजर है। कई कार्यालय के कर्मी और पदाधिकारी की शिकायत, कॉल एक दलाल का वेतन क्या है रिकॉर्डिंग संगठन तक पहुंच चुकी है। जो भी कर्मी और पदाधिकारी भयादोहन कर भ्रष्ट्राचार में लिप्त पाए जाएंगे उनकी शिकायत सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय, वित्त विभाग और भविष्य निधि निदेशालय में की जायेगी।

गोड्डा जिला के कोषागार पदाधिकारी सह जिला भविष्य निधि पदाधिकारी उमेश चंद्र दास जो स्वयं NPS से OPS के रास्ते पर हैं, का कहना है मैने कार्यालय स्तर से जीपीएफ अकाउंट no देने में देरी नहीं करने,और पैसे के लेन देन नहीं करने की सख्त हिदायत दे रखी है। प्रतिदिन मॉनिटरिंग मेरे द्वारा किया जाता है। कुछ फॉर्म में त्रुटियों के कारण विलंब हो रही हैं।

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