तकनीकी विश्लेषण का आधार

निफ्टी, टीसीएस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज, बैंक ऑफ इंडिया और आईआरएफसी खरीदें: आईसीआईसीआई डायरेक्ट
ब्रोकिंग कंपनी आईसीआईसीआई डायरेक्ट (ICICI Direct) ने गुरुवार (17 नवंबर) के एकदिनी कारोबार (intraday trade) के लिए अपनी रिपोर्ट मोमेंटम पिक्स में निफ्टी (Nifty), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (Bharat Electronics) और फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज (Finolex Industries), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (तकनीकी विश्लेषण का आधार Indian Railway Finance Corporation) के शेयर खरीदने की सलाह दी है।
ब्रोकिंग कंपनी ने फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन के शेयर 14-14 दिन के नजरिये से, जबकि बैंक ऑफ इंडिया के शेयर सात दिन के नजरिये से खरीदने की सलाह दी है।
ब्रोकिंग कंपनी ने आज निफ्टी को 18368-18392 रुपये के दायरे में खरीदने की सलाह दी है। इसके लिए 18431/18484 रुपये का लक्ष्य रखते हुए 18327.00 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाने का सुझाव दिया है।
टीसीएस के शेयरों में भी ब्रोकिंग कंपनी ने खरीदारी का सुझाव दिया है। इन्हें 3335-3341 रुपये के दायरे में खरीदा जा सकता है। इन शेयरों के लिए 3367.00/3395.00 रुपये का लक्ष्य रखते हुए 3307.30 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाया जाना चाहिए।
इसके अलावा आज भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर खरीदने की सलाह दी है। इस शेयर को 107.70-108.50 रुपये के दायरे में खरीद सकते हैं। इसके लिए 109.30/110.50 रुपये का लक्ष्य रख्ते हुए 106.90 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाना चाहिए।
ब्रोकिंग कंपनी ने फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज के शेयरों में 14 दिन के नजरिये से खरीदारी करने की सिफारिश की है। इन्हें 154-158 रुपये के दायरे में खरीदा जा सकता है। इन शेयरों के लिए 170.00 रुपये का लक्ष्य रखते हुए 147.00 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाया जाना चाहिए।
ब्रोकिंग कंपनी ने बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में सात दिन के नजरिये से खरीदारी करने की सिफारिश की है। इन्हें 73.5-75 रुपये के तकनीकी विश्लेषण का आधार दायरे में खरीदा जा सकता है। इन शेयरों के लिए 80.00 रुपये का लक्ष्य रखते हुए 72.50 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाया जाना चाहिए।
ब्रोकिंग कंपनी ने आईआरएफसी के शेयरों में 14 दिन के नजरिये से खरीदारी करने की सिफारिश की है। इन्हें 25.3-26 के दायरे में खरीदा जा सकता है। इन शेयरों के लिए 28.50 रुपये का लक्ष्य रखते हुए 24.30 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाया जाना चाहिए।
ध्यान रखें कि यह सलाह एकदिनी कारोबार के लिए है।
स्पष्टीकरण : इन शेयरों में ब्रोकिंग फर्म या उनके ग्राहकों के हित जुड़े हो सकते हैं।
मंदिर सहित 7 जगहों में चोरी करने वाले 3 अंतर्राज्यीय चोर गिरफ्तार
रायपुर। मंदिर सहित 7 जगहों में चोरी करने वाले 3 अंतर्राज्यीय चोर को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक प्रार्थी अभिनन्दन सिन्हा ने थाना विधानसभा में रिपोर्ट तकनीकी विश्लेषण का आधार दर्ज कराया कि वह थाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत एन.एच. गोयल वर्ल्ड स्कूल, नरदहा रायपुर में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदस्थ है। विद्यालय परिसर अंतर्गत ही स्टाॅफ के आवासीय परिसर निर्मित हैं। जिसमें स्कूल में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिकायें अपने परिवार के साथ निवासरत् है। त्यौहार की छुट्टी होने के कारण सभी अपने-अपने घरों में ताला लगाकर बाहर गये हुए। इसी दौरान दिनांक 22-23.10.2022 के दरम्यानी रात्रि में अज्ञात चोरों द्वारा विद्यालय परिसर स्थित आवासिय परिसरों के कपिल ब्लाॅक के मकान नं. 02 एवं 04, द्रोणार्चा ब्लाक के मकान नं. डी 01, डी 02, डी 06 तथा हनुमान मंदिर का ताला तोड़कर अंदर प्रवेश कर चोरी कर फरार हो गये है। जिस पर अज्ञात आरोपियों के संबंध में थाना विधानसभा में अपराध क्रमांक 445/22 धारा 457, 380, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
इसी प्रकार अज्ञात आरोपियों ने दिनांक 22-23.10.2022 की दरम्यानी रात्रि थाना तेलीबांधा क्षेत्रांतर्गत प्रार्थी रजनीश पाटनी के चाचा आलोक पाटनी के लाभांडी स्थित रोमेस्क्यु विला मकान नं. बी-07 के दरवाजे में लगे ताला को तोड़कर चोरी करने की नियत से अंदर प्रवेश किये थे जिस पर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में अपराध क्रमांक 671/22 धारा 457 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना विधानसभा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थलों का निरीक्षण कर प्रार्थियों सहित आस-पास के लोगों से विस्तृत पूछताछ कर अज्ञात आरोपियों की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। घटना स्थलों का निरीक्षण करने पर पाया गया कि चोरी की घटनाओं को एक ही तरीका वारदात के आधार पर अंजाम दिया गया है तथा तरीका वारदात के आधार पर किसी बाहरी गिरोह द्वारा चोरी की घटनाओं को कारित करना प्रतीत हो रहा था। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा बाहरी गिरोह को फोकस करते हुए कार्य करना प्रारंभ किया गया। अज्ञात अरोपियों की पतासाजी के संबंध में तकनीकी विश्लेषण करने के साथ ही आउटर क्षेत्रों में रात्रि गश्त को बढ़ाया गया इसके साथ ही प्रकरण में मुखबीर भी लगाये गये। टीम के सदस्यों द्वारा आउटर क्षेत्रों मंें लगातार रात्रि गश्त की जाकर आरोपियों की पतासाजी की जा रही थी, इसी दौरान दिनांक 13-14.11.2022 के दरम्यानी रात्रि टीम थाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पिरदा में गश्त कर रही थी। इसी दौरान 03 व्यक्ति जो अपने हाथ में आरी, हथौड़ा एवं लोहे का राॅड रखे थे, टीम के सदस्यों को देखकर भागने लगे जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा चारों व्यक्तियों को दौड़ाकर, घेराबंदी कर पकड़ा गया।
पूछताछ में व्यक्तियों ने अपना नाम सुरमन मसानिया उर्फ सुमल, विलाम सिंह अलावा एवं नाहर सिंह मावी निवासी धार मध्यप्रदेश का होना बताया। टीम के सदस्यों द्वारा तीनों को थाना लाकर कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा चोरी करने हेतु मकान की तलाश करना बताने के साथ ही थाना विधानसभा क्षेत्र एवं थाना तेलीबांधा क्षेत्र में उक्त चोरी की घटनाओं को अपने अन्य 02 साथी जिला धार मध्य प्रदेश निवासी जितेन्द्र बामनिया एवं मड़िया सिंह के साथ मिलकर अंजाम देना बताया गया। पूछताछ में आरोपियों द्वारा यह भी बताया गया कि जितेन्द्र बामनिया एवं मड़िया सिंह चोरी के सोने चांदी के जेवरात एवं नगदी रकम को लेकर धार मध्यप्रदेश फरार हो गये है।
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी की घटनाओं में प्रयुक्त आरी, हथौड़ा एवं लोहे का राॅड जप्त किया गया है। आरोपियों का 08 दिवस का पुलिस रिमाण्ड लेकर चोरी की मशरूका को बरामद करने एवं फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के हर तकनीकी विश्लेषण का आधार संभव प्रयास किये जा रहे है।
01. सुरमन मसानिया उर्फ सुमल पिता करमू मसानिया उम्र 19 साल निवासी गुरड़ीया मसानियाफलिया थाना टाण्डा जिला धार मध्य प्रदेश।
02. विलाम सिंह अलावा पिता रेव सिंह अलावा उम्र 33 साल निवासी गदरावत मोहल्ला नरवली थाना टाण्डा जिला धार मध्य प्रदेश ।
03. नाहर सिंह मावी पित सूर सिंह मावी उम्र 20 साल निवासी ग्राम उकाला मावड़ाफलिया थाना टाण्डा जिला धार मध्य प्रदेश।
आर्टेमिस: चांद तकनीकी विश्लेषण का आधार पर एक बार फिर इंसानों को भेजने की तैयारी शुरू, पर चुनौतियां क्या-क्या हैं
लॉन्च होते ही आर्टेमिस नाम का ये 100 मीटर लंबा रॉकेट भारी आवाज़ और तेज़ रोशनी के साथ आसमान की ओर उड़ गया.
इस अभियान के तहत चांद की दिशा में एक एस्ट्रोनॉट कैप्सूल भेजा जाना था, यानी एक ऐसा अंतरिक्ष यान जिसमें मानव भेजा जा सके.
ओरियन नाम के इस अंतरिक्ष यान में कोई इंसान नहीं था. लेकिन अगर यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले मिशनों में चांद की सतह पर जाने वाले इस तरह के यान में इंसान भी भेजा जा सकेगा.
बुधवार की सफल लॉन्चिंग से पहले आर्टेमिस की दो लॉन्चिंग नाकाम हो चुकी थी. तकनीकी दिक़्क़तों की वजह से अगस्त और सितंबर की लॉन्चिंग काउंट डाउन के दौरान नाकाम रही थी.
लेकिन इस बार इन दिक़्क़तों को सुलझा लिया गया था और ये रॉकेट बगैर किसी अड़चन के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हो गया.
नासा के प्रशासक बिल नेलसन ने कहा, ''मैंने अब तक की सबसे बड़ी फ़्लेम देखी. मैंने इससे पहले इतनी तेज़ आवाज़ महसूस नहीं की थी.''
रॉकेट सही तरीके से लॉन्च हो सके इसके लिए इसमें कई तकनीकी बदलाव किए गए थे. रॉकेट धरती से ऊपर उठ कर चांद की तरफ़ सही दिशा में जा सके इसके लिए खास इंतजाम किए गए थे.
आधी सदी बार फिर मून मिशन
अब इस अंतरिक्ष यान को अपने यूरोपियन प्रोपल्शन मॉड्यूल पर निर्भर रहना होगा ताकि पूरे मिशन के दौरान ये ठीक से आगे बढ़ते हुए काम करता रहे.
यूरोपियन स्पेस एजेंसी में ह्यूमन स्पेसलिफ्ट के डायरेक्टर डेविड पार्कर ने बीबीसी न्यूज़ से कहा, ''ओरियन की उड़ान की दिशा तय करते वक्त भी हमने सर्विस मॉडल की ओर से कुछ बदलाव किए. आगे हमारे सबसे दिलचस्प लम्हों में से वो लम्हा होगा जब ये चंद्रमा की कक्षा का चक्कर लगाकर सुरक्षित धरती पर लौट आए.''
दिसंबर में अपोलो 17 मिशन के पचास साल पूरे हो जाएंगे, जब आखिरी बार मनुष्य ने चांद की धरती पर कदम रखा था.
नासा ने अपने इस मौजूदा मून मिशन का नाम आर्टेमिस रखा है. ग्रीक मिथक कथाओं के मुताबिक़ आर्टेमिस अपोलो की जुड़वां बहन थी.
इमेज स्रोत, Getty Images
जटिल मिशनों की सिरीज़ होगी लॉन्च
नासा अब अगले एक दशक के दौरान और जटिल मिशनों की सिरीज़ लॉन्च करना चाहता है.
1972 में अपोलो के अंतरिक्ष यात्री जिन सरनेन ने चांद पर आखिरी बार अपने पैरों के निशान छोड़े थे. चांद की सतह से लौटते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि हमारे वापस चांद पर लौटने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. लेकिन अब 50 साल हो गए हैं. लेकिन आज एक बार फिर चांद पर मानव मिशन की दिशा में क़दम बढ़ा दिया गया है.
शक्तिशाली इंजनों के साथ अंतरिक्ष में छोड़ा गया नासा का नया रॉकेट हमें अंतरिक्ष यात्रा के नए दौर में ले जाएगा
सुरक्षित सिस्टम की गारंटी देनी होगी
अगर नासा का ये मिशन सफल रहा तो अगली बार इंसान यान में बैठ कर चांद के चक्कर लगा सकेगा और फिर चांद की सतह पर उतर भी सकेगा.
लेकिन अभी सफ़र जारी है. ओरियन अंतरिक्ष यान भले ही अपनी राह पर होगा, लेकिन इसे अभी दस लाख मील का सफ़र तय करना है. इसे चांद और इसकी कक्षा तक का सफर तय करके फिर धरती पर लौटना है. नासा को अंतरिक्ष यात्रियों को यह दिखाना होगा कि यह सिस्टम सुरक्षित है.
ओरियन 26 दिनों के सफर पर
ओरियन को 26 दिनों के सफर पर भेजा जा रहा है.
चांद की सतह के बिल्कुल नजदीक पहुंच जाने पर भी ओरियन इससे 100 किलोमीटर दूर रहेगा.
चांद से इसकी अधिकतम दूरी 70 हजार किलोमीटर होगी. इंसान के बनाए गए किसी भी अंतरिक्ष यान से यह अब तक की सबसे ज्यादा दूरी होगी.
ये 11 दिसंबर को धरती पर लौटेगा. यानी अब से साढ़े तीन हफ्ते के बाद.
वैज्ञानिकों में इस बात को लेकर ज्यादा चिंता है कि जब ओरियन धरती के वातावरण में दोबारा प्रवेश करेगा तो इसका हिट शील्ड बेहद ऊंचे तापमान को झेल सकेगा या नहीं.
क्योंकि यह धरती पर 38 हजार किलोमीटर प्रति घंटा यानी ध्वनि की रफ्तार से 32 गुना तेजी से लौटेगा. उस समय यह 3000 सेंटीग्रेड के तापमान से मुखातिब होगा. ऐसे में इसके अंदर लगे कवच को इसे झेलना होगा.
अभियान में ब्रिटेन की भूमिका
ब्रिटेन इस अभियान में अपनी भूमिका अदा कर रहा है. ब्रिटेन यूरोपियन स्पेस एजेंसी का सदस्य है. लेकिन सिर्फ इसी वजह से ये इसमें मदद नहीं कर रहा है. इसकी और भी वजहें हैं.
बुधवार को कॉर्नवेल में गूनहिली अर्थ स्टेशन ने ओरियन के रेडियो सिग्नल को पकड़ लिया था. ओरियन के अंतरिक्ष में गुजरते वक्त इसकी फ्रीक्वेंसी में आए बदलाव का विश्लेषण करते हुए इसने नासा की एक खास मदद की. नासा को इससे तकनीकी विश्लेषण का आधार आगे किए जाने वाले सुधार के लिए आधार मिल गया.
गूनहिली एसएलएस रॉकेट के जरिये ऊपर पहुंचाए गए दस छोटे में से छह को निर्देश भेजता रहेगा.
गूनहिली के सीईओ ईयान जोन्स ने बताया, ''हमारी कंपनी को शुरू हुए 12 साल से भी कम वक्त हुआ है. हमारा मकसद अंतरिक्ष की गहराई में कम्यूनिकेशन का है.''
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यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में तकनीकी ज्ञान या वायु गुणवत्ता विशेषज्ञता वाला कोई बोर्ड सदस्य नहीं, कर्मचारियों में करीब 40 प्रतिशत स्थान खाली: विश्लेषण
लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(यूपीपीसीबी) गंगाघाटी के उन चार प्रदूषण नियंत्रण संस्थाओं में है जिनमें कोई बोर्ड सदस्य तकनीकी योग्यता या वायु गुणवत्ता की विशेषज्ञता वाला नहीं है। यह बात हाल में प्रकाशित एक शोध-आलेख में कही गई है। यह रेखांकित किया गया है कि इसका अनुपालन की निगरानी करने की बोर्ड की क्षमता पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता है।
गंगा घाटी की दस प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और प्रदूषण नियंत्रण समितियों का परीक्षण सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के नए अध्ययन में किया गया है जिसका शीर्षक-‘भारत के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की अवस्था’-है। इस अध्ययन में संस्थानिक संरचना और सक्षमता को जांचा गया है। इसमें पंजाब. हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं। अध्ययन-पत्र में बोर्डों की नेतृत्व योग्यता, वैधानिक दायित्व का निर्वाह करने की क्षमता पर गौर किया गया है और संरचना पर खास ध्यान दिया गया है।
यूपीपीसीबी की स्थापना 1975 में वाटर एक्ट 1974 के अंतर्गत की गई। यह अपने मुख्यालय और 25 क्षेत्रीय कार्यालयों के सहयोग से उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का जिम्मेवार है। यूपीपीसीबी के दस सदस्यों में पांच राज्य सरकार की एजेंसियों से आते हैं, एक स्थानीय प्राधिकार से, एक उद्योग/अधिसंरचना क्षेत्र से और एक राज्य निगम से आते हैं। इन दस सदस्यों में दो राजनीतिक प्रतिनिधि भी हैं।
वाटर एक्ट 1974 और एयर एक्ट 1981 के अंतर्गत गठित बोर्ड की अधिकतम सदस्य संख्या 15 है जिसमें अध्यक्ष व सदस्य सचिव शामिल नहीं हैं। वैधानिक प्रावधान है कि बोर्ड के कम से कम दो सदस्य ऐसे हों जिन्हें वायु गुणवत्ता प्रबंधन का ज्ञान और अनुभव हो, यह प्रावधान यूपीपीसीबी से नदारत है जैसाकि विश्लेषण से पता चलता है।
सीपीआर का निष्कर्ष उन जानकारियों और आंकड़ों पर आधारित है जो सूचना के अधिकार कानून 2005 (आरटीआई) के अंतर्गत अगस्त और सितंबर 2021 में मिली थी। साथ ही बोर्ड के वरिष्ठ सदस्यों के साथ संक्षिप्त बातचीत में प्रकट उनके विचारों और मिली जानकारियों को भी इसमें शामिल किया गया है।
सीपीआर के फेलो भार्गव कृष्णा कहते हैं कि “यूपीपीसीबी उन चार बोर्डों में से एक है जिसका अध्ययन किया गया, इन बोर्डों में तकनीकी विशेषज्ञता वाला कोई सदस्य नहीं है। एयर एक्ट के अनुसार दो सदस्यों को वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ होना चाहिए। ”
प्रमुख निष्कर्षों में यह है कि यूपीपीसीबी के लगभग 40 प्रतिशत पद खाली हैं और लगभग 42 प्रतिशत पर्यावरणीय अभियंता और वैज्ञानिकों के पद खाली हैं। वरिष्ट शोध सहयोगी अरुणेश कारकुन ने कहा कि गंगाघाटी के उन नौ बोर्ड-समितियों में यूपीपीसीबी में स्वीकृत पद सबसे अधिक हैं। इन पदों में 67 प्रतिशत गैर-तकनीकी हैं जिसका अर्थ पर्यावरणीय अभियंता व वैज्ञानिकों के अलावा सभी पद है। उन्होंने यह भी कहा कि “जितने पर्यावरणीय अभियंता कार्यरत हैं उनके पास प्रत्येक सहमति-आवेदन की छानबीन करने और समीक्षा करने के लिए एक दिन से भी कम समय उपलब्ध होता है। अन्य बोर्डों की तुलना में यह काफी कम है।”
इसबीच, आलेखों में रेखांकित किया गया है कि बोर्ड के सर्वोच्च स्तरों पर अक्सर तबादला होने से किसी भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लिए दीर्घकालीन योजनाओं के बारे में सोचना और कार्यान्वित करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नेतृत्व कामकाज पर पूरा ध्यान नहीं दे पाता।
अध्ययन आलेखों की इस श्रृंखला में देखा गया है कि अध्यक्षों का कार्यकाल बहुत कम रहा और सदस्य सचिव के कार्यकाल में काफी विविधता रही। यूपीपीसीबी में पिछले पांच में से तीन बार कार्यकाल तीन महीने से कम, सबसे कम पंद्रह दिन का रहा।
सीपीआर की फेलो शिबानी घोष ने कहा कि “यूपीपीसीबी अभी तक ( 10 दिसंबर 2021) अपने अध्यक्ष और सदस्य सचिव की नियुक्ति-नियमावली जारी नहीं कर सका है। कोई व्यक्ति जो कभी सरकारी सेवा में नहीं रहा, यूपीपीसीबी के अध्यक्ष पद के लिए आवेदन नहीं कर सकता। यूपीपीसीबी केवल सरकारी सेवा के लोगों को ही सदस्य-सचिव पद के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है।”
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और केंद्रशासित प्रदेशों में उनके समतुल्य समितियों को वायु प्रदूषण को रोकने में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाना होता है। हालांकि वे इस कार्यभार को कारगर ढंग से निभाने में असफल रहने की वजह से अक्सर आलोचना की शिकार होती हैं। उनके पास संसाधनों और सक्षमता का अभाव है।
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RAIPUR NEWS : पुलिस ने अंतर्राजीय गिरोह के 3 चोरों को दबोचा, 2 फरार…
रायपुर 18 नवंबर। रायपुर पुलिस ने अंतर्राजीय चोर गिरोह के 3 सदस्यों को चोरी की वारदात को अंजाम देने से पहले ही दबोच लिया। इस गिरोह ने मंदिर सहित 7 अलग-अलग जगहों में चोरी की थी। इस गिरोह के 2 सदस्य फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुट गई है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रार्थी अभिनन्दन सिन्हा ने थाना विधानसभा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह थाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत एन.एच. गोयल वर्ल्ड स्कूल, नरदहा रायपुर में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदस्थ है। विद्यालय परिसर अंतर्गत ही स्टाॅफ के आवासीय परिसर निर्मित हैं। जिसमें स्कूल में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिकायें अपने परिवार के साथ निवासरत् है। त्यौहार की छुट्टी होने के कारण सभी अपने-अपने घरों में ताला लगाकर बाहर गये हुए। इसी दौरान 22-23 सितंबर के दरम्यानी रात्रि में अज्ञात चोरों द्वारा विद्यालय परिसर स्थित आवासिय परिसरों के कपिल ब्लाॅक के मकान नं. 02 एवं 04, द्रोणार्चा ब्लाक के मकान नं. डी 01, डी 02, डी 06 तथा हनुमान मंदिर का ताला तोड़कर अंदर प्रवेश कर चोरी कर फरार हो गये है। जिस पर अज्ञात आरोपियों के संबंध में थाना विधानसभा में अपराध क्रमांक 445/22 धारा 457, 380, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
इसी प्रकार अज्ञात आरोपियों ने 22-23 सितंबर की दरम्यानी रात्रि थाना तेलीबांधा क्षेत्रांतर्गत प्रार्थी रजनीश पाटनी के चाचा आलोक पाटनी के लाभांडी स्थित रोमेस्क्यु विला मकान नं. बी-07 के दरवाजे में लगे ताला को तोड़कर चोरी करने की नियत से अंदर प्रवेश किये थे जिस पर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में अपराध क्रमांक 671/22 धारा 457 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना विधानसभा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थलों का निरीक्षण कर प्रार्थियों सहित आस-पास के लोगों से विस्तृत पूछताछ कर अज्ञात आरोपियों की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। घटना स्थलों का निरीक्षण करने पर पाया गया कि चोरी की घटनाओं को एक ही तरीका वारदात के आधार पर अंजाम दिया गया है तथा तरीका वारदात के आधार पर किसी बाहरी गिरोह द्वारा चोरी की घटनाओं को कारित करना प्रतीत हो रहा था। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा बाहरी गिरोह को फोकस करते हुए कार्य करना प्रारंभ किया गया। अज्ञात अरोपियों की पतासाजी के संबंध में तकनीकी विश्लेषण करने के साथ ही आउटर क्षेत्रों में रात्रि गश्त को बढ़ाया गया इसके साथ ही प्रकरण में मुखबीर भी लगाये गये। टीम के सदस्यों द्वारा आउटर क्षेत्रों में लगातार रात्रि गश्त की जाकर आरोपियों की पतासाजी की जा रही थी, इसी दौरान दिनांक 13-14 नवंबर के दरम्यानी रात्रि टीम थाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पिरदा में गश्त कर रही थी। इसी दौरान 3 व्यक्ति जो अपने हाथ में आरी, हथौड़ा एवं लोहे का राॅड रखे थे, टीम के सदस्यों को देखकर भागने लगे जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा चारों व्यक्तियों को दौड़ाकर, घेराबंदी कर पकड़ा गया।
पूछताछ में व्यक्तियों ने अपना नाम सुरमन मसानिया उर्फ सुमल, विलाम सिंह अलावा एवं नाहर सिंह मावी निवासी धार मध्यप्रदेश तकनीकी विश्लेषण का आधार का होना बताया। टीम के सदस्यों द्वारा तीनों को थाना लाकर कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा चोरी करने हेतु मकान की तलाश करना बताने के साथ ही थाना विधानसभा क्षेत्र एवं थाना तेलीबांधा क्षेत्र में उक्त चोरी की घटनाओं को अपने अन्य 2 साथी जिला धार मध्य प्रदेश निवासी जितेन्द्र बामनिया एवं मड़िया सिंह के साथ मिलकर अंजाम देना बताया गया। पूछताछ में आरोपियों द्वारा यह भी बताया गया कि जितेन्द्र बामनिया एवं मड़िया सिंह चोरी के सोने चांदी के जेवरात एवं नगदी रकम को लेकर धार मध्यप्रदेश फरार हो गये है।
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी की घटनाओं में प्रयुक्त आरी, हथौड़ा एवं लोहे का राॅड जप्त किया गया है। आरोपियों का 8 दिवस का पुलिस रिमाण्ड लेकर चोरी की मशरूका को बरामद करने एवं फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है।
गिरफ्तार आरोपी-
सुरमन मसानिया उर्फ सुमल पिता करमू मसानिया उम्र 19 साल निवासी गुरड़ीया मसानियाफलिया थाना टाण्डा जिला धार मध्य प्रदेश।
विलाम सिंह अलावा पिता रेव सिंह अलावा उम्र 33 साल निवासी गदरावत मोहल्ला नरवली थाना टाण्डा जिला धार मध्य प्रदेश ।
नाहर सिंह मावी पित सूर सिंह मावी उम्र 20 साल निवासी ग्राम उकाला मावड़ाफलिया थाना टाण्डा जिला धार मध्य प्रदेश।