ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं

GST on Pizza Topping: पिज्जा के टेस्ट नहीं टैक्स को लेकर अदालत में पहुंचा मामला, जानें क्या आया फैसला
GST on Pizza Topping: किन वस्तुओं एवंं सेवाओं पर किस दर से वस्तु एवं सेवा कर लगाया जाए, इसका निर्धारण अदालतें करती रही हैं. हाल ही में कोर्ट ने पिज्जा टॉपिंग को लेकर भी अपना निर्णय दिया है.
By: ABP Live | Updated at : 26 Oct 2022 01:30 PM (IST)
पिज्जा टॉपिंग्स पर टैक्स
GST on Pizza Topping: पिज्जा के टॉपिंग्स ही इसे स्वादिष्ट बनाते हैं. बात अगस्त की है जब पिज्जा टॉपिंग्स बनाने वाली एक कंपनी को इस पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लेकर कोर्ट जाना पड़ा. पांच साल पहले जीएसटी लागू किया गया था और अब इससे हर महीने लगभग 17 अरब डॉलर सरकार के खाते में जा रहे हैं. अब बात करते हैं अदालत में पहुंचे मामले की.
मोजारेला (Mozzarella) टॉपिंग्स को लेकर खेड़ा ट्रेडिंग कंपनी ने अदालत में कहा कि इसे चीज के तौर पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए, जिस पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. कंपनी ने यह भी कहा कि चीज और मिल्क सॉलिड की बदौलत ही पिज्जा की एक-तिहाई टॉपिंग्स तैयार होती है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा की एक अदालत ने इस बात पर अपनी असहमति जताई. अदालत ने कहा कि टॉपिंग में शामिल चीज को अकेले चीज के तौर पर वर्गीकृत नहीं किया जा सकता.
अदालत ने कहा कि टॉपिंग्स में वनस्पति तेल की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत होती है. कंपनी ने कहा कि तेल से पिज्जा में सिर्फ स्वाद ही नहीं आता बल्कि इससे टेक्सचर भी बेहतर आता है. यह सस्ता भी है. अदालत ने कहा कि वनस्पति फैट चीज का इन्ग्रेडिएंट नहीं है. इसकी वजह से टॉपिंग्स को चीज में शामिल नहीं किया जा सकता, इसे एडिबल प्रीपेयरेशन कहना ज्यादा बेहतर होगा, साथ ही इस पर ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं 18 प्रतिशत की दर से GST लगाया जाएगा. और इस प्रकार कंपनी केस हार गई.
पिज्जा की टॉपिंग्स की तरह ही पराठा से जुड़ा मामला भी अदालत पहुंचा था. 20 महीने तक मामले पर सुनवाई चलती रही. सितंबर में फैसला आया कि पराठे पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. वहीं, रोटी पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है.
आपको याद होगा कि अदालत ने आइसक्रीम पर लगने वाले जीएसटी को लेकर भी एक बड़ा फैसला दिया था. कोर्ट ने कहा था कि रेस्तरां की तुलना में पार्लर पर बिकने वाले आइसक्रीम पर ज्यादा टैक्स देना होगा. पार्लर में बिकने वाले आइसक्रीम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला आया था. कोर्ट ने कहा था कि आइसक्रीम पार्लर्स पहले से तैयार आइसक्रीम बेचते हैं और रेस्तरां की तरह खपत के लिए आइसक्रीम बनाते नहीं हैं.
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Published at : 26 Oct 2022 01:30 PM (IST) Tags: GST pizza Pizza Toppings GST on Pizza हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त पर इन शेयरों में लगा सकते हैं पैसे, सालभर होगी कमाई! एक घंटे के लिए खुलेगा मार्केट
Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन शेयर बाजार में पैसा लगाना शुभ माना जाता है। वैसे तो इस दिन फेस्टिव के चलते दिनभर बाजार में कारोबार बंद रहता है लेकिन शाम को एक घंटे के लिए बाजार ओपन होता है।
Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन शेयर बाजार में पैसा लगाना शुभ माना जाता है। वैसे तो इस दिन फेस्टिव के चलते दिनभर बाजार में कारोबार बंद रहता है लेकिन शाम को एक घंटे के लिए बाजार ओपन होता है। वह एक घंटा शुभ मुहूर्त के तौर माना जाता है। इस शुभ मुहूर्त पर निवेशक शेयरों में दांव लगाते हैं। हर साल की तरह इस साल भी दिवाली के दिन यानी 24 अक्टूबर को शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में एक घंटे के लिए बाजार ओपन होगा। अगर आप भी इस शुभ समय पर शेयरों दांव लगाने की सोच रहे हैं तो आइए जानते हैं डिटेल में.
शुभ मुहूर्त टाइमिंग
घरेलू स्टॉक एक्सचेंज बीएसई (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) 24 अक्टूबर 2022 को शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे के बीच एक घंटे का विशेष 'मुहूर्त' कारोबार करेंगे। ब्लॉक डील कारोबार शाम 5.45 बजे से शाम 6 बजे तक किया जाएगा। प्री-ओपन सेशन शाम 6 बजे से शाम 6:08 बजे के बीच होगा। बता दें कि इस साल के दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में दिवाली से शुरू होने वाले हिंदू कैलेंडर वर्ष के अनुसार संवत 2079 की शुरुआत भी होगी। ऐसा माना जाता है कि मुहूर्त व्यापार साल भर समृद्धि और धन लाता है।
Muhurat Trading timings 2022-
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशंस समय
ब्लॉक डील सेशन शाम 5:45 से 6 बजे तक
प्री-ओपन सेशन शाम 6 से 6.08 बजे तक
सामान्य बाजार सेशन शाम 6.15 से 7.15 बजे तक
कॉल ऑक्शन सेशन ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं शाम 6.20 से 7.05 बजे तक
क्लोजिंग सेशन शाम 7.15 से 7.25 बजे तक
कौन सा स्टॉक खरीदें?
ऐसा माना जाता है कि मुहूर्त व्यापार साल भर समृद्धि और धन लाता है। इस शुभ सेशन के दौरान बाजार निवेशक कुछ शेयरों को खरीदना पसंद करते हैं। यहां प्रमुख ब्रोकरेज द्वारा कुछ स्टॉक टिप्स दिए गए हैं-
ब्रोकरेज फर्म निर्मल बांग इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज रिसर्च ने 12 ऐसे शेयर दिए जो अगली दिवाली तक निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। लार्ज कैप स्पेस से, ब्रोकरेज ने ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज (टारगेट प्राइस: 4,600 रुपये), सिप्ला (टारगेट प्राइस- 1,268 रुपये), हीरो मोटोकॉर्प (टारगेट प्राइस- 3,161 रुपये), आईसीआईसीआई बैंक (टारगेट प्राइस- 1,079 रुपये) और अल्ट्राटेक सीमेंट (टारगेट प्राइस- 8,581 रुपये) जैसे प्लेयर शेयरों की सिफारिश की है। निर्मल बांग सिक्योरिटीज के विश्लेषक अजंता फार्मा (टारगेट प्राइस-1,491 रुपये), बाटा इंडिया (टारगेट प्राइस- 2,240 रुपये), सीसीएल प्रोडक्ट्स (टारगेट प्राइस- 700 रुपये), फेडरल बैंक (टारगेट प्राइस- 149 रुपये), जेके लक्ष्मी सीमेंट्स (टारगेट प्राइस- 786 रुपये) और आईनॉक्स लीजर (720 रुपये) और ला ओपाला आरजी (500 रुपये) जैसी कंपनियों के शेयरों पर पाॅजिटिव हैं।
शेयर मार्केट में सफलता हासिल करने के 5 स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स
केवल इस आधार पर कोई निष्कर्ष न निकालें कि आपने शॉर्ट टर्म में कोई प्रॉफिट नहीं कमाया है. लॉन्ग टर्म प्रॉफिट पर ध्यान देना ज्यादा बेहतर होता है.
- Money9 Hindi
- Publish Date - October 18, 2021 / 12:16 PM IST
अपने लिए गए डिसीजन की जिम्मेदारी लेते हैं, और अपनी असफलताओं से सीखते हैं कि वो कैसे और बेहतर होकर अपनी सफलता को और बढ़ा सकते हैं
कोई भी व्यक्ति ट्रेड करने की नेचुरल एबिलिटी के ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं साथ पैदा नहीं हुआ है, ट्रेड स्किल डेवलप करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. हालांकि, हर प्रोफेशनल शेयर मार्केट (Stock Market) ट्रेडर में एक चीज कॉमन होती है और वो है आगे बढ़ना. स्टॉक ट्रेडिंग एक कॉम्पिटेटिव इंडस्ट्री है, और डिसीजन मेकिंग के लिए ट्रेडिंग तकनीकों की गहरी समझ जरूरी है. ट्रेडिंग में बिगनर्स के लिए, सबसे बड़ी रुकावट है सही टाइमिंग की जानकारी न होना और इस स्किल को एक्सपीरिएंस और प्रेक्टिस के जरिए ही सीखा जा सकता है. यदि आप ट्रेडिंग में नए हैं, तो यहां कुछ आजमाई हुई स्ट्रेटजी हैं जो आपको शेयर मार्केट में सही तरीके से ट्रेड करने में सक्षम बनाती हैं.
लॉजिकल अप्रोच अपनाएं
स्टॉक ट्रेडिंग एक खेल भी है और एक बिजनेस भी. सबसे जरूरी बात एक ट्रेडर को अपने लिए आइडियल ट्रेडिंग अप्रोच को पहचानना चाहिए, क्योंकि कोई एक अप्रोच नहीं है जो सभी के लिए सफलता सुनिश्चित कर सके. आप ट्रेडिंग कैसे करते हैं यह निर्धारित करता है कि आप कितने सफल होंगे. लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जो भी अप्रोच अपनाई जाती है, उसमें एक महत्वपूर्ण बढ़त होनी चाहिए जो उन्हें भीड़ से अलग बनाती है. कैजुअल एटीट्यूड के साथ ट्रेड करने से ज्यादातर औसत परिणाम ही मिलते हैं.
सफल ट्रेडर्स के बीच जो एक कॉमन क्वालिटी है वो है ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग के लिए बिजनेस जैसा नजरिया. वो छोटे से छोटी डिटेल पर भी ध्यान देते हैं, अपने खुद के रिकॉर्ड बनाते हैं, अपने ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं लिए गए डिसीजन की जिम्मेदारी लेते हैं, और अपनी असफलताओं से सीखते हैं कि वो कैसे और बेहतर होकर अपनी सफलता को और बढ़ा सकते हैं.
सिंपलीसिटी
प्रोसेस को ज्यादा कॉम्प्लिकेट बनाना समय की बर्बादी ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं है, जिससे सीखना और सुधार करना मुश्किल हो जाता है. दूसरी ओर, चीजों को सरल बनाने से आप अधिक तेजी से सुधार कर सकेंगे और सीखने के अनुभव को काफी आसान बना सकेंगे.
एक सफल ट्रेडर वो है जो ठंडे दिमाग से ट्रेड करता है और एक स्ट्रेटजी से दूसरी स्ट्रेटजी नहीं बदलता. एक प्रोफेशनल ट्रेडर अपने लिए नियम बनाता है और यह सुनिश्चित करता है कि वो उनका पालन करे. इसलिए, केवल इस आधार पर कोई निष्कर्ष न निकालें कि आपने शॉर्ट टर्म में कोई प्रॉफिट नहीं कमाया है. लॉन्ग टर्म प्रॉफिट पर ध्यान देना ज्यादा बेहतर होता है.
कभी-कभी गलत होने में कोई बुराई नहीं है
चूंकि स्टॉक ट्रेडिंग पासा फेकने की तरह है, इसलिए गलतियां करना काफी सामान्य है. और एक ट्रेडर सालों के अनुभव
और दर्जनों ट्रेड करने के बाद ही किसी भी परिस्थिति में शांत रहना सीख सकता है. यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है
कि आप अपना सारा ध्यान नुकसान पर केंद्रित नहीं कर रहे हैं. एक कदम आगे बढ़कर अपनी असफलताओं को स्वीकार
करके उनसे सीखना चाहिए. सालों की मेहनत और अपनी गलतियों से सीखने का हुनर ही ट्रेडर को मार्केट की गहरी
समझ प्रदान करता है, जो उन्हें चुनौतियों से उबरने और बेहतर योजना बनाने में मदद कर सकती है.
प्लान और री-प्लान
जैसा कि पहले बताया गया है, ट्रेडिंग कोई ऐसी चीज नहीं है जो स्वाभाविक रूप से आती है. किसी भी प्रतिस्पर्धी खेल की
तरह, इसके लिए भी बहुत मेहनत करने की जरूरत होती है. एक ट्रेडिंग प्लान एक ट्रेडिंग मैनुअल के रूप में काम करती
है और ये डायरेक्शन और एक सफल ट्रेडर बनने के लिए बहुत जरूरी है.
हालांकि, बदलते मार्केट सिनेरियो के हिसाब से री-प्लान बनाने की जरूरत हो सकती है. जो रिजल्ट चाहिए उसके लिए
समय-समय पर अपने निवेश का मूल्यांकन और दोबारा प्लान बनाना जरूरी है.
इम्प्रूवमेंट एक लाइफ लॉन्ग प्रोसेस है
एक कहावत है ‘प्रैक्टिस एक व्यक्ति को परफेक्ट बनाती है’. इस कहावत का बहुत इस्तेमाल किया जाता है. ट्रेडिंग स्किल
रातों रात नहीं पैदा हो सकती. यहां तक कि सबसे सफल ट्रेडर को भी कई बार भारी प्रॉफिट होता तो कई बार उसे
नुकसान का सामना भी करना पड़ता है. जरूरी बात यह है कि लगातार कोशिश करते रहें और अपने प्रदर्शन में सुधार
करके सफलता की संभावनाओं को बढ़ाएं. अपने आप से कंपटीशन करने और अपनी प्रोग्रेस पर नजर रखने से आपको
गलतियों से बचने और अपने ट्रेडिंग और निवेश परिणामों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. याद रखें कि एक
सफल स्टॉक ट्रेडर हमेशा मार्केट का स्टूडेंट होता है. मार्केट से सीखने पर ध्यान केंद्रित करें, रिसर्च के लिए समय निकालें,
शेयर मार्केट की जटिलताओं को समझें, क्योंकि यह एक लाइफ लॉन्ग प्रोसेस है.
निष्कर्ष
ट्रेडिंग सरल है, लेकिन आसान नहीं है, और शेयर मार्केट में सफलता तुरंत नहीं मिलती. एक जानकार स्टॉक ट्रेडर होने
के नाते अपने इस सफर को रोमांचक बनाएं और अपना ध्यान इस सफर के दौरान मिलने वाले मीठे फलों पर केंद्रित करें.
(लेखक विकास सिंघानिया ट्रेडस्मार्ट के CEO हैं; व्यक्त किए गए विचार निजी हैं)
यह छोटा सा काम करके शेयर बाजार से कमा सकते हैं करोड़ों
नोएडा.ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं हर शख्स की कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाहत होती है। अगर आप भी कम समय में ज्यादा पैसा कामाना चाहते हैं तो आप की यह चाहत शेयर बाजार (Share market) से पूरी हो सकती है। अब सवाल पैदा होता है कि शेयर बेजार में काम कैसे शुरू की जाए। यानी शेयर बाजार में निवेश और ड्रेडिंग (Trading and Investment in stock market) के करने से पहले क्या करना पड़ता है। आइए आज हम आपके इन ही उलझनों को दूर कर ये बताएंगे कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कैसे कर सकते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट (Financial expert) और ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रीपू दमन गॉड ने बताया कि शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड करने के लिए एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। यह अकाउंट किसी भी शेयर ब्रोकर के माध्यम से खुलवाया जा सकता है। ये दोनों अकाउंट एक साथ खुल जाते हैं। आमतौर पर डीमैट अकाउंट को खुलवाने की औसतन फीस 500 रुपए तक होती है, लेकिन ज्यादातर ब्रोकर कंपनियां (Broakage houses in india) पहले एक साल के लिए यह अकाउंट फ्री खोल देती है। हालांकि, इसके बाद हर साल कंपनी अकाउंट मेंटेनेंस के लिए 200 से ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं 500 रुपए तक फीस चार्ज करती है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए पैन (PAN Card) , आधार कार्ड (Aadhar Card) या एक अन्य ID के अलावा बैंक अकाउंट (Bank Account) का डिटेल देना होता है। ये सभी दस्तावेज देने के बाद निवेशक का डीमैट और ट्रेडिंग खाता खुल जाता है। अजकल ऑनलाइन डीमैट खाते खुलवाए जा सकते हैं। इसके लिए आपको किसी भी ब्रोकिंग कंपनी की वेबसाइट पर जाकर खुद का रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद मांगे गए सभी दस्तावेज आपको अपलोड करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपको 24 घंटे के बाद आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आईडी और पासवर्ड दे दी जाएगी। इसके बाद अप अपने मोबाइल या डेस्क टॉप पर कंपनी का ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के बाद दिए गए लॉगइन आईडी और पासवर्ड से लॉगइन कर ट्रेड और निवेश शुरू कर सकते हैं। यानी अकाउंट खोलने के 72 घंटे के भीतर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा आप कंपनी के कस्टोमर केयर नम्बर पर कॉल करके भी शेयर ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं खरीद और बेच सकते हैं।
देश में कई बड़े शेयर ब्रोकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख ब्रोकरों के वेबसाइट की यूआरएल नीचे दी गई है। इन में से किसी भी वेबसाइट पर जाकर आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। अकाउंट खुलवाने से पहले ब्रोकर हाउस से ब्रोकरेज की पूरी जानकारी ले लें, क्योंकि कुछ कंपनियां बहुत ज्यादा ब्रोकरेज चार्ज करती है, जिसकी वजह से आपकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा ब्रोकर के पास ही चला जाता है।
https://www.angelbroking.com
https://www.motilaloswal.com/
https://www.karvy.com/
https://www.sharekhan.com/
https://trade.indiabulls.com/
https://zerodha.com/
https://www.smctradeonline.com/
https://www.rkglobal.net/
https://www.tradeswift.net/
https://choicebroking.in
देश में डीमैट अकाउंट की सेवाएं NSDL और CDSL दो कंपनियां प्रदान करती है। देशभर के सभी ब्रोकर इन्हीं दोनों कंपनियों से मिलकर डीमैट अकाउंट की सेवाएं देते हैं। देशभर के सभी निवेशकों के शेयर इन्हीं दोनों कंपनियों NSDL और CDSL की डिपॉजिटरी में रखे जाते हैं। इन के शेयरों के साथ ब्रोकर्स भी छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। हालांकि, Trading Account ब्रोकर की कंपनी में खोला जाता है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयर की खरीद और बिक्री होती है। इसमें खरीद और बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रहता है। इसमें यह सभी जानकारी दर्ज होती है कि किस दिन कितने बजे किस रेट पर शेयर खरीदा या बेचा गया। इसका पूरा रिकॉर्ड ब्रोकर्स के पास रहता है। इसके अलावा यह रिकॉर्ड स्टॉक एक्सचेंज के पास भी होता है। इसका लाभ यह है कि दो जगह पर रिकॉर्ड होने के चलते निवेशक या ट्रेडर के साथ धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहती है।
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में जरूरी नहीं है कि लंबे समय के लिए निवेश करके ही कमाई हो। स्टॉक मार्केट (Stock Market) में हर दिन कमाई का मौका भी मिलता है। सिर्फ इसके लिए जरूरी है कि स्टॉक मार्केट खुलने के पहले ही कुछ तैयारी कर ली जाए और फिर बाजार खुलते ही पोजिशन ले ली जाए। ज्यादातर ब्रोकर डेली टिप्स जारी करते हैं, जो वह अपने कस्टमर्स को भेजती हैं। कई ब्रोकरेज कंपनियां इन टिप्स के लिए प्रीमियम सर्विस भी देती हैं। रोज कमाई के लिए जरूरी नहीं है कि लोगों के पास बहुत पैसा हो, कुछ हजार रुपए में भी स्टॉक मार्केट से कमाई शुरू की जा सकती है।
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.
कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम
बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम
एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन
मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.
अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना
कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -
दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.
पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.
कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.
हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.
पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.
ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.
हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.
समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.
एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.
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