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ADRs का वास्तविक

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actual address का हिन्दी मतलब

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Subhash Chandra Address: डॉक्टर सुभाष चंद्रा का हैदराबाद IIIT में सेमिनार, स्टूडेंट्स से किया संवाद

Subhash Chandra Address: राज्य सभा सांसद डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने आज (शुक्रवार को) IIIT हैदराबाद में टेक फ्यूचर ऑफ मीडिया एंड मूवीज मसले पर सेमिनार को संबोधित किया​. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने IIT स्टूडेंट्स के साथ भी बातचीत की.

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Subhash Chandra Address: डॉक्टर सुभाष चंद्रा का हैदराबाद IIIT में सेमिनार, स्टूडेंट्स से किया संवाद

उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से नए विचारों का सृजन किया जा सकता है. आज डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. उम्र कम करने की तकनीक भी उपलब्ध हो रही है. तकनीक के फायदे और नुकसान दोनों हैं.

राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि इस लिहाज से देखें तो ओटीटी, थिएटर भविष्‍य में भी साथ-साथ चलेंगे. ओटीटी में एक अतिरिक्‍त सुविधा कंटेंट को कंट्रोल करने की है. एक दौर था जब लोग वीसीआर में मूवीज देखते थे. अब हम लोग ओटीटी पर चल रहे लाइव को कंट्रोल करते हुए मूवीज देख रहे हैं.

डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि मनुष्य तीन अवस्थाओं में रहता है. एक तो जागना, दूसरी सोना और सपने देखना, तीसरी अवस्था गहरी नींद में सोना. आइए हम सब मिलकर एक साथ काम करें और नए आइडिया पैदा करें.

राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने OTT के भविष्‍य के बारे में कहा कि इसको कहा ही Over The Top जाता है. बदलते ADRs का वास्तविक परिवेश के बावजूद टीवी चैनलों की जड़ें मजबूत हुई हैं और उनके कंटेंट को पहले की तुलना में अधिक देखा जाता है. यानी ये डिस्‍ट्रब्‍यूशन का एक नया मीडियम है. इसलिए OTT आने के बाद पुरानी चीजों का क्‍या होगा, इस सवाल के जवाब में कहा जा सकता है कि टेक्‍नोलॉजी के कारण रूप का परिवर्तन जरूर हो रहा है लेकिन समानांतर में चीजें चलती रहेंगी.

उन्होंने कहा कि टेक्‍नोलॉजी किस तरह बदल रही है उसका उदाहरण चार हफ्ते पहले मैंने दुबई में देखा. इजरायल की एक कंपनी का प्रेजेंटेशन देखा जिसमें वह इंसान की आयु को रोकने का प्रयोग कर रही है. यानी कि वह बूढ़ा नहीं होगा. प्रयोग में धरती के नीचे ऐसी दशाएं विकसित करने की कोशिशें की जा रही हैं जिससे कि इस तरह की संभावना पैदा की जा सके.

डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि मैंने अपनी किताब में भी लिखा है कि अगर उस समय इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री होतीं तो ज़ी टीवी कभी शुरू नहीं हो पाता. अगर ज़ी टीवी शुरू नहीं हुआ होता तो आज भारत में लगभग 563 टीवी चैनल हैं, जिसमें करीब 1.2 करोड़ लोग काम करते हैं. तो ये सब नहीं हो पाता.

डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि टेक्‍नोलॉजी के संबंध में एक बात कहना चाहते हैं कि जिस तरह अच्‍छाई और बुराई एक साथ चलती है उसी तरह टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल भी अच्‍छे और बुरे कामों के लिए हो सकता है. इसलिए जहां टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल अच्‍छे के लिए होगा वहीं इसका इस्‍तेमाल बुराई के लिए भी किया जा सकता है.

राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने ADRs का वास्तविक कहा कि इतिहास में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिनका वास्तविकता से नाता नहीं है. इसका एक उदाहरण है कि जैसे बताया जाता है कि महाराणा प्रताप मुगलों से युद्ध में हार गए ADRs का वास्तविक थे. लेकिन यह सच नहीं है. जब रिसर्च हुई तो पाया गया कि महाराणा प्रताप ने मुगलों को हराया था. इसके ऐतिहासिक सबूत जोधपुर यूनिवर्सिटी और अन्य लोग जो इसपर रिसर्च कर रहे हैं वो जानते हैं.

उन्होंने कहा कि मैंने एक जगह पढ़ा कि अंबेडकर ने एक बार संविधान सभा में कहा था कि हम लोगों को किस तरह का संविधान दे रहे हैं. हमने इस तरह के सेंट्रल रूल के लिए आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी थी.

राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि 1990 के दशक में जब हमने Zee Tv शुरू किया तब से टेक्‍नोलॉजी में आमूलचूल परिवर्तन हो गया है.

डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि टेक्‍नोलॉजी का मनुष्‍य से गहरा नाता है. इसके लिए जरूरी है कि पहले इंसान को समझा जाए. वेदांत में कहा गया है कि मनुष्‍य तीन दशाओं में रहता है. एक जागृत अवस्‍था में, दूसरी अवस्‍था-सपने देखने की है और तीसरी अवस्‍था वो होती है जब मनुष्‍य सोता है. उस वक्‍त वह मृत व्‍यक्ति की तरह होता है.

राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि आज संविधान वैसा ADRs का वास्तविक नहीं है जैसा महात्मा गांधी जी ने सोचा था. गांधी जी के स्वराज का मतलब गर्वनेंस का कंट्रोल ग्रामीण स्तर पर देना था.

हैदराबाद IIIT के सेमिनार में सुभाष चंद्रा ने कहा कि गांधी जी ने गांवों की मजबूती पर काम किया.

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जदयू के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक आज, सीएम नीतीश कुमार करेंगे संबोधित

जनता दल यूनाईटेड के नवमनोनीत प्रदेश पदाधिकारियों की रविवार को पहली बैठक होगी। इस बैठक को मुख्यमंत्री नीतीश ADRs का वास्तविक कुमार संबोधित करेंगे। बैठक आभासी और वास्तविक दोनों मोड में आयोजित होगी। प्रदेश अध्यक्ष उमेश.

जदयू के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक आज, सीएम नीतीश कुमार करेंगे संबोधित

जनता दल यूनाईटेड के नवमनोनीत प्रदेश पदाधिकारियों की रविवार को पहली बैठक होगी। इस बैठक को मुख्यमंत्री नीतीश ADRs का वास्तविक कुमार संबोधित करेंगे। बैठक आभासी और वास्तविक दोनों मोड में आयोजित होगी। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि हम सबके नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 बजे से होने वाली इस बैठक में सीएम आवास से वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे तथा प्रदेश जदयू के पदाधिकारियों को दिशा निर्देशित करेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह दिल्ली स्थित पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय से इस बैठक से जुड़ेंगे। वहीं पार्टी के नवमनोनीत सभी 211 प्रदेश पदाधिकारी, जिनमें सभी उपाध्यक्ष, सभी महासचिव, सभी सचिव, सभी प्रवक्ता जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में होंगे। जदयू के राष्ट्रीय ADRs का वास्तविक संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह, बिजेन्द्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव व मंत्री संजय कुमार झा समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी बैठक में शामिल होंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि जदयू प्रदेश पदाधिकारियों की यह बैठक संगठन की मजबूती के लिए आयोजित है। बैठक में पार्टी की नीतियों पर ADRs का वास्तविक चर्चा होगी।

India-China / 'लद्दाख में पीछे हटने की प्रक्रिया तनातनी की स्थिति के समाधान के लिए'

India-China: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के संबंध में जारी प्रक्रिया, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी की स्थिति के समाधन को लेकर है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है तथा एकतरफा ढंग से यथास्थिति में किसी तरह के बदलाव का प्रयास अस्वीकार्य होगा।

उन्होंने कहा कि भारत और चीन स्थापित कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति को लेकर बातचीत कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूरी तरह से पीछे हटने और सीमावर्ती क्षेत्रों में पूरी तरह से शांति बहाल करने को प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। भारत और चीन स्थापित कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति को लेकर बातचीत कर रहे हैं और इनके परिणामों को हासिल करने के लिए इसे जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, 'वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है । हम पूरी तरह से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करने को प्रतिबद्ध हैं । एलएसी को लेकर एकतरफा ढंग से यथास्थिति में किसी तरह का बदलाव करने का प्रयास अस्वीकार्य है।'

प्रवक्ता ने कहा कि एलएसी पर पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इसलिए त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट से बचने की जरूरत है। मंत्रालय का ADRs का वास्तविक यह बयान तब आया है जब हाल में ही दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई । बहरहाल, श्रीवास्तव ने कहा कि सीमा मुद्दे पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 5 जुलाई 2020 को टेलीफोन पर बातचीत की थी । इसके बाद 10 जुलाई को भारत चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र की एक बैठक हुई।

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