मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड

खाद्य मुद्रास्फीति: आईडीएफसी म्यूचुअल फंड का कहना है कि यह 2022 है 2019 नहीं
शेयर बाजार 3 घंटे पहले (15 नवंबर 2022 ,23:45)
© Reuters. खाद्य मुद्रास्फीति: आईडीएफसी म्यूचुअल फंड का कहना है कि यह 2022 है 2019 नहीं
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
चेन्नई, 15 नवंबर (आईएएनएस)। आईडीएफसी म्युचुअल फंड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल खाद्य मुद्रास्फीति के संबंध में 2019 की पुनरावृत्ति नहीं हो सकती है क्योंकि तब और अब की स्थितियां अलग हैं।रिपोर्ट में कहा गया- 2019 में, खाद्य मुद्रास्फीति मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड दिसंबर में साल-दर-साल मजबूती से बढ़कर 12.2 प्रतिशत हो गई थी। जुलाई-अक्टूबर के दौरान इसकी कुल अनुक्रमिक गति 4.8 प्रतिशत थी, जो इस वर्ष 2.6 प्रतिशत थी।
2019 में बहुत अधिक सब्जी मुद्रास्फीति का मामला था, जो प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी से प्रेरित था, जो जुलाई से दिसंबर के दौरान 171 प्रतिशत बढ़ गया था। चावल और दाल जैसे अन्य घटकों में मुद्रास्फीति प्रमुख चालक नहीं थी। 2022 में, वैश्विक कीमतों पर भू-राजनीतिक घटनाओं के प्रभाव, घरेलू उत्पादन में कमी और अन्य के कारण अनाज अपेक्षाकृत बड़ा चालक रहा है, लेकिन कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति में 2019 की तरह तेजी नहीं आई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी संभावना इसलिए भी है क्योंकि इस साल सरकार का हस्तक्षेप बहुत मजबूत रहा है, खाद्य मुद्रास्फीति चालकों की प्रकृति को देखते हुए खराब होने वाले (2019 में) मुद्रास्फीति के विपरीत नियंत्रणीय पहलू हैं, जिससे निकट अवधि में निपटना अधिक कठिन है। खाद्य मुद्रास्फीति हमेशा एक वाइल्ड कार्ड रही है। अक्टूबर 2022 में, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपाआई) के खाद्य मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड और पेय पदार्थ घटक में साल दर साल सात प्रतिशत की वृद्धि हुई।
यह अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 7.1 प्रतिशत के हेडलाइन सीपीआई के मुकाबले औसतन 7.6 प्रतिशत रहा है। आईडीएफसी म्युचुअल फंड ने कहा कि इस साल की शुरूआत से विभिन्न खाद्य घटकों में उतार-चढ़ाव रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है- रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरूआत के बाद खाद्य तेल और गेहूं की कीमतों में वृद्धि (और सामान्य रूप से उच्च उर्वरक कीमतों से) की चिंताओं के साथ शुरू हुआ, इसके बाद मार्च-अप्रैल में हीटवेव जैसी स्थितियां गेहूं के उत्पादन को प्रभावित कर रही थीं, मौसम (जून-सितंबर) में चावल और दालों की बुआई, और अब अक्टूबर में कुछ राज्यों में बहुत भारी बारिश से फसल को नुकसान हुआ है।
कई सरकारी उपायों में उच्च उर्वरक सब्सिडी, खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती, गेहूं और टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध, गैर-बासमती चावल पर निर्यात शुल्क और हाल की बारिश से फसल क्षति के लिए किसानों को मुआवजे (कुछ राज्यों द्वारा घोषित) शामिल हैं। आईडीएफसी म्युचुअल फंड के अनुसार, अनाज की कीमतें, विशेष रूप से गेहूं की कीमतें, 2022 में चिंता का विषय रही हैं, कुछ वृद्धिशील सुधार की संभावना है।
चावल का स्टॉक भी काफी आरामदायक बना हुआ है। कुछ दालों, सब्जियों आदि की कीमतों में भी नवंबर की शुरूआत से कुछ कमी आई है, हालांकि यह अक्टूबर के स्तर से ऊपर बनी हुई है। म्यूचुअल फंड हाउस ने कहा कि जुलाई से कृषि लागत वृद्धि दर गिर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर में अत्यधिक बारिश का असर होगा लेकिन उपरोक्त शुरूआती संकेत उत्साहजनक हैं और इस पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है।
क्या होते हैं मनी मार्केट फंड ? इसमें निवेश को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ, जानिए सबकुछ
मनी मार्केट या मुद्रा बाजार वित्तीय बाजार का ही एक हिस्सा होता है, जो बहुत शॉर्ट टर्म के निश्चित आय वाले साधनों को डील करता है. मनी मार्केट साधनों की परिपक्वता अवधि एक साल से कम होती है. मनी मार्केट साधनों को सरकार (ट्रेजरी बिल), कंपनियां (CPs)और वित्तीय संस्थाएं जारी करती हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : August 03, 2021, 09:58 IST
मुंबई . मनी मार्केट या मुद्रा बाजार वित्तीय बाजार का ही एक हिस्सा होता है, जो बहुत शॉर्ट टर्म के निश्चित आय वाले साधनों को डील करता है. मनी मार्केट साधनों की परिपक्वता अवधि एक साल से कम होती है. मनी मार्केट साधनों को सरकार (ट्रेजरी बिल), कंपनियां (CPs)और वित्तीय संस्थाएं जारी करती हैं.
मनी मार्केट साधनों में ओवरनाइट सिक्यूरिटीज (ऐसी मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड प्रतिभूतियां जो एक रात में ही परिपक्व हो जाती हैं) शामिल होती हैं, जैसे कि ट्राई पार्टी रेपोज, कॉमर्शियल पेपर्स (CPs), सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स, ट्रेजरी बिल्स आदि.
मनी मार्केट फंड
मनी मार्केट फंड अन्य सभी डेट योजनाओ में यह घोषित लक्ष्य रखते हैं कि वे प्राथमिक रूप से मनी मार्केट साधनों में निवेश करेंगे. फंड मैनेजर 1 साल तक की परिपक्वता अवधि वाले साधनों में निवेश का लचीलापन रखते हैं, यह प्रचलित बाजार दर और क्रेडिट स्प्रेड के माहौल पर निर्भर करता है. अब चूंकि ये साधन 1 साल तक की परिपक्वता वाले साधनों में निवेश करते हैं, इसलिए आपको इन फंडों के लिए न्यूनतम एक साल मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड की निवेश अवधि रखनी चाहिए.
मनी मार्केट साधनों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड
सभी डेट म्यूचुअल फंड मनी मार्केट साधनों में निवेश करते हैं, लेकिन निम्न श्रेणी के डेट म्यूचुअल फंड प्राथमिक रूप से मनी मार्केट साधनों में निवेश करते हैं.
ओवरनाइट फंड: ये फंड ऐसे साधनों में निवेश करते हैं जो कि एक रात भर में परिपक्व हो जाते हैं.
लिक्विड फंड: लिक्विड फंड ऐसे साधनों में निवेश करते हैं जो कि 91 दिन से कम में परिपक्व हो जाते हैं.
अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड: ये फंड ऐसे साधनों में निवेश करते हैं जिससे उनके पोर्टफोलियो की अवधि 3 से 6 महीने रहती है.
मनी मार्केट फंड: ये फंड ऐसे साधनों में निवेश करते हैं जिनकी परिपक्वता अवधि 1 साल तक होती है.
मनी मार्केट फंडों में क्यों निवेश करें?
उच्च तरलता – इनमें निहित साधनों की परिपक्वता अवधि बहुत कम होती है. ये फंड आमतौर पर एग्जिट लोड चार्ज नहीं करते.
ब्याज दर से जुड़ा जोखिम कम- मनी मार्केट साधनों में लंबी अवधि के साधनों की तुलना में ब्याज दर की संवदेनशीलता (जोखिम) कम होती है.
ओवरनाइट और लिक्विड फंडों के मुकाबला ऊंचा यील्ड – मनी मार्केट फंडों का यील्ड ओवरनाइट और लिक्विड फंडों के मुकाबले ज्यादा होता है.
मौजूदा हालत में शॉर्ट टर्म निवेश के लिए उपयुक्त- कमोडिटी की कीमतों में अनिश्चितता की वजह से महंगाई की दिशा अनिश्चित ही रहती है. इसलिए लांग टर्म के यील्ड आगे और सख्त हो सकते हैं. लेकिन 1 दिन से 1 साल के भीतर के यील्ड तुलनात्मक रूप से कम जोखिम वाले और कम स्थायित्व वाले होते हैं.
मनी मार्केट फंड और डेट श्रेणी के अन्य फंडों के प्रदर्शन की तुलना
मनी मार्केट फंड पिछले एक साल की निवेश अवधि के दौरान सबसे ज्यादा स्थायी प्रदर्शन वाले रहे हैं. कम अवधि वाले फंडों जैसे अन्य डेट श्रेणियों की तुलना में मनी मार्केट फंडों में उतार-चढ़ाव भी कम होता है.
किसी श्रेणी के औसत रिटर्न को हासिल करने के लिए विशिष्ट श्रेणियों में सभी फंडों के औसत सालाना रिटर्न देखा गया. साल 2021 का रिटर्न 20 जुलाई तक का है. डिस्कलेमर: औसत रिटर्न किसी म्यूचुअल फंड की श्रेणियों का रिटर्न है और किसी भी तरह से यह किसी एक म्यूचुअल फंड योजना के रिटर्न का संकेत नहीं देता.
(लेखक- वैभव शाह , हेड- प्रोडक्ट, मार्केटिंग एवं कम्युनिकेशंस , मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ( नोट- ये लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं, न्यूज 18 हिंदी किसी को कहीं निवेश की सलाह नहीं दे रहा है)
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क्या होते हैं मनी मार्केट फंड ? इसमें निवेश को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ, जानिए सबकुछ
मनी मार्केट या मुद्रा बाजार वित्तीय बाजार का ही एक हिस्सा होता है, जो बहुत शॉर्ट टर्म के निश्चित आय वाले साधनों को डील करता है. मनी मार्केट साधनों की परिपक्वता अवधि एक साल से कम होती है. मनी मार्केट साधनों को सरकार (ट्रेजरी बिल), कंपनियां (CPs)और वित्तीय संस्थाएं जारी करती हैं.
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- Last Updated : August 03, 2021, 09:58 IST
मुंबई . मनी मार्केट या मुद्रा बाजार वित्तीय बाजार का ही एक हिस्सा होता है, जो बहुत शॉर्ट टर्म के निश्चित आय वाले साधनों को डील करता है. मनी मार्केट साधनों की परिपक्वता अवधि एक साल से कम होती है. मनी मार्केट साधनों को सरकार (ट्रेजरी बिल), कंपनियां (CPs)और वित्तीय संस्थाएं जारी करती हैं.
मनी मार्केट साधनों में ओवरनाइट सिक्यूरिटीज (ऐसी प्रतिभूतियां जो एक रात में ही परिपक्व हो जाती हैं) शामिल होती हैं, जैसे कि ट्राई पार्टी रेपोज, कॉमर्शियल पेपर्स (CPs), सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स, ट्रेजरी बिल्स आदि.
मनी मार्केट फंड
मनी मार्केट फंड अन्य सभी डेट योजनाओ में यह घोषित लक्ष्य रखते हैं कि वे प्राथमिक रूप से मनी मार्केट साधनों में निवेश करेंगे. फंड मैनेजर 1 साल तक की परिपक्वता अवधि वाले साधनों में निवेश का लचीलापन रखते हैं, यह प्रचलित बाजार दर और क्रेडिट स्प्रेड के माहौल पर निर्भर करता है. अब चूंकि ये साधन 1 साल तक की परिपक्वता वाले साधनों में निवेश करते हैं, इसलिए आपको इन फंडों के लिए न्यूनतम एक साल की निवेश अवधि रखनी चाहिए.
मनी मार्केट साधनों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड
सभी डेट म्यूचुअल फंड मनी मार्केट साधनों में निवेश करते हैं, लेकिन निम्न श्रेणी के डेट म्यूचुअल फंड प्राथमिक रूप से मनी मार्केट साधनों में निवेश करते हैं.
ओवरनाइट फंड: ये फंड ऐसे साधनों में निवेश करते हैं जो कि एक रात भर में परिपक्व हो जाते हैं.
लिक्विड फंड: लिक्विड फंड ऐसे साधनों में निवेश करते हैं जो कि 91 दिन से कम में परिपक्व हो जाते हैं.
अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड: ये फंड ऐसे साधनों में निवेश करते हैं जिससे उनके पोर्टफोलियो की अवधि 3 से 6 महीने रहती है.
मनी मार्केट फंड: ये फंड ऐसे साधनों में निवेश करते हैं जिनकी परिपक्वता अवधि 1 साल तक होती है.
मनी मार्केट फंडों में क्यों निवेश करें?
उच्च तरलता – इनमें निहित साधनों की परिपक्वता अवधि बहुत कम होती है. ये फंड आमतौर पर एग्जिट लोड चार्ज नहीं करते.
ब्याज दर से जुड़ा जोखिम कम- मनी मार्केट साधनों में लंबी अवधि के साधनों की तुलना में ब्याज दर की संवदेनशीलता (जोखिम) कम होती है.
ओवरनाइट और लिक्विड फंडों के मुकाबला ऊंचा यील्ड – मनी मार्केट फंडों का यील्ड ओवरनाइट और लिक्विड फंडों के मुकाबले ज्यादा होता है.
मौजूदा हालत में शॉर्ट टर्म निवेश के लिए उपयुक्त- मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड कमोडिटी की कीमतों में अनिश्चितता की वजह से महंगाई की दिशा अनिश्चित ही रहती है. इसलिए लांग टर्म के यील्ड आगे और सख्त हो सकते हैं. लेकिन 1 दिन से 1 साल के भीतर के यील्ड तुलनात्मक रूप से कम जोखिम वाले और कम स्थायित्व वाले होते हैं.
मनी मार्केट फंड और डेट श्रेणी के अन्य फंडों के प्रदर्शन की तुलना
मनी मार्केट फंड पिछले एक साल की निवेश अवधि के दौरान सबसे ज्यादा स्थायी प्रदर्शन वाले रहे हैं. कम अवधि वाले फंडों जैसे अन्य डेट श्रेणियों की तुलना में मनी मार्केट फंडों में उतार-चढ़ाव भी कम होता है.
किसी श्रेणी के औसत रिटर्न को हासिल करने के लिए विशिष्ट श्रेणियों में सभी फंडों के औसत सालाना रिटर्न देखा गया. साल 2021 का रिटर्न 20 जुलाई तक का है. डिस्कलेमर: औसत रिटर्न किसी म्यूचुअल फंड की श्रेणियों का रिटर्न है और किसी भी तरह से यह किसी एक म्यूचुअल फंड योजना के रिटर्न का संकेत नहीं देता.
(लेखक- वैभव शाह , हेड- प्रोडक्ट, मार्केटिंग एवं कम्युनिकेशंस , मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ( नोट- ये लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं, न्यूज 18 हिंदी किसी को कहीं निवेश की सलाह मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड नहीं दे रहा है)
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क्या म्यूचुअल फंड से हो रहा है मोहभंग? जून में 16,600 करोड़ की निकासी
विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं से जून में निवेशकों ने करीब16,600 करोड़ की निकासी की है. इसमें प्रमुख वजह आय और तरल खंड के फंडों से निकासी करना है. यह लगातार दूसरा महीना है, जब इतनी मात्रा में निकासी हुई है.
BHASHA
- नई दिल्ली,
- 10 जुलाई 2017,
- (अपडेटेड 10 जुलाई 2017, 4:37 PM IST)
विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं से जून मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड में निवेशकों ने करीब 16,600 करोड़ की निकासी की है. इसमें प्रमुख वजह आय और तरल खंड के फंडों से निकासी करना है. यह लगातार दूसरा महीना है, जब इतनी मात्रा में निकासी हुई है.
इससे पहले मई में म्यूचुअल फंड मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड से 41,000 करोड़ की निकासी हुई थी. अप्रैल में इस क्षेत्र में 1.51 लाख करोड़ का निवेश किया गया.
बजाज कैपिटल के मुख्य कार्यकारी राहुल पारेख ने कहा कि म्यूचुअल फंड अब अपना ध्यान आय और मुद्रा बाजार या तरल कोषों से शेयर बाजार और शेयर आधारित बचत योजनाओं और शेयर उन्मुख बकाया कोषों की ओर लगा रहे हैं.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड फंड्स इन इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जून में म्यूचुअल फंड से कुल 16,592 करोड़ की निकासी की गई. इसे ध्यान में रखते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में म्यूचुअल फंड में कुल निवेश 93,400 करोड़ रहा है.