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जमा बढ़ाने का एक वैकल्पिक तरीका

जमा बढ़ाने का एक वैकल्पिक तरीका
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एडिटोरियल

  • 24 Dec 2021
  • 11 min read
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यह एडिटोरियल 23/12/2021 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “Why the Electoral Reforms Bill is a Problem'' लेख पर आधारित है। इसमें निर्वाचक नामावली डेटा एवं मतदाता पहचान पत्र को आधार पारितंत्र से लिंक करने के उद्देश्य से लागू चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 और इससे संबद्ध चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है।

संदर्भ

हाल ही में चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा में पारित किया गया जो निर्वाचक नामावली डेटा (Electoral Roll Data) और मतदाता पहचान पत्र (Voter ID Cards) को आधार (Aadhaar) जोड़ने का प्रयास करता है।

यह विधेयक मतदाता सूची के ‘डी-डुप्लीकेशन’ यानी एक से अधिक बार नामांकन की समाप्ति सुनिश्चित करने का प्रयास करता है। लेकिन इस विधेयक में कई दोष मौजूद हैं।

लोकसभा में विधेयक को इसके पेश किये जाने के दिन ही पारित कर लिया गया। यह न केवल संसदीय लोकतंत्र के मूल आधार को कमज़ोर करता है, बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को किसी मुद्दे पर अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के अवसर से भी वंचित करता है।

संसदीय लोकतंत्र को उसके वास्तविक अर्थ में संरक्षित करने के लिये बेहतर संसदीय निगरानी के साथ-साथ निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों को सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। सार्थक बहस की अनुमति देने और व्यापक परामर्श को आमंत्रित करने की अनिच्छा समस्याग्रस्त अधिनियमन के प्रगतिशील पहलुओं को भी पूर्ववत कर सकती है।

चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021

  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 में संशोधन का प्रावधान करता है, ताकि निर्वाचक नामावली डेटा को आधार पारितंत्र से संबद्ध किया जा सके।
    • इसका उद्देश्य विभिन्न स्थानों पर एक ही व्यक्ति के एकाधिक नामांकन को रोकना है।
    • पंजीकरण के लिये 'सेवा मतदाताओं की पत्नियों' (Wives of Service Voters) शब्दावली के बदले अब 'जीवन साथी' (Spouse) शब्द का प्रयोग किया जाएगा।
    • विधेयक में वोटिंग रोल को अपडेट करने के लिये पूर्व की एक तिथि (1 जनवरी) के बजाय चार क्वालिफाइंग तिथियों (जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर माह का पहला दिन) का प्रस्ताव है, जिस दिन 18 वर्ष पूरा करने वाले व्यक्ति को जमा बढ़ाने का एक वैकल्पिक तरीका इसमें शामिल किया जा सकता है।
    • मतदाता पहचान के साथ आधार डेटा को जोड़ने से दूरस्थ मतदान की अनुमति मिलेगी, जो प्रवासी मतदाताओं जमा बढ़ाने का एक वैकल्पिक तरीका के अनुकूल होगा।
    • आधार लिंकिंग को फर्जी वोटिंग और फर्जी मतों को रोकने में मददगार माना जा रहा है।
    • भाषा में 'पत्नियों' को 'जीवन साथी' से बदलने से कानून और अधिक ‘लिंग-तटस्थ’ हो जाएंगे।

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    यह प्रश्‍न सतह के ऊपर जीवन-को-अन्त करने वाले निर्णय लेने में सम्मिलित कुछ गुप्त विचारों को ले आता है। कई लोगों के लिए प्राथमिक विचार यह है कि क्या जीवन में पीड़ा की कुछ सीमाओं से परे या महत्वपूर्ण अंगों के नुकसान होने के कारण कुछ "अर्थ" हो सकता है। इस तरह के "अर्थ" का मूल्यांकन करने में हमारी जमा बढ़ाने का एक वैकल्पिक तरीका समस्या निर्णय-लेने की प्रक्रिया के प्रति अक्सर व्यक्तिपरक स्वभाव का होना है।

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