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शेयर होल्डिंग पैटर्न

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Multibagger Stock Tips: राकेश झुनझनवाला के इस शेयर की कीमत एक महीने में 12 फीसदी बढ़ी, आगे भी जारी रहेगी तेजी

Multibagger Stock Tips: शेयर बाजार के कई विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि ये स्टॉक आने वाले समय में और शेयर होल्डिंग पैटर्न मजबूत होगा.

By: एबीपी न्यूज | Updated at : 04 Sep 2021 07:51 PM (IST)

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (फाइल फोटो)

Multibagger Stock Tips: भारतीय शेयर बाजार (stock market) पर्यवेक्षकों और खुदरा निवेशकों को काफी आश्चर्य हुआ जब 'भारत के वॉरेन बफेट' कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने अपने पसंदीदा टाटा समूह (Tata group) स्टॉक टाइटन कंपनी (Titan Company) में छंटनी की. अप्रैल से जून 2021 तिमाही के लिए टाइटन कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न के अनुसार, राकेश झुनझुनवाला ने लग्जरी उत्पाद कंपनी में अपनी हिस्सेदारी लगभग 0.30 प्रतिशत घटा दी.

हालांकि, बाजार के निवेशक राकेश झुनझुनवाला के इस फैसले से अप्रभावित दिख रहे हैं, क्योंकि टाइटन कंपनी के शेयर की कीमत पिछले एक महीने में 12 फीसदी बढ़ी है और बाजार विशेषज्ञ अभी भी स्टॉक में 'बुल रन' की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि स्टॉक ने तकनीकी चार्ट पर ताजा ब्रेकआउट दिया है.

शेयर बाजार के जानकारों के मुताबिक "टाइटन कंपनी ने Q1FY22 के लिए उम्मीद से बेहतर परिणाम दिए हैं. जून 2021 से कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील के बाद, कंपनी आभूषण और गैर-आभूषण खंड की मांग में मजबूत सुधार देख रही है. राकेश झुनझुनवाला कंपनी ने YoY और QoQ दोनों आधार पर सकल लाभ मार्जिन बनाए रखा है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अनिवार्य आभूषण हॉलमार्किंग और स्थानीय पहल कंपनी को बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में सक्षम बनाती है. ओवरऑल बिजनेस में नए ग्राहकों का अनुपात महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच गया है, जो मजबूत विकास संभावनाओं को इंगित करता है.

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जानकारों का कहना है कि टाइटन की स्थिति मजबूत पेरेंटेज, ब्रांड, बाजार की स्थिति और बैलेंस शीट की शेयर होल्डिंग पैटर्न ताकत को देखते हुए आशावादी बनी रहेगी.

झुनुझनवाला की कंपनी में 3.72 फीसदी हिस्सेदारी

  • टाइटन कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला की कंपनी में हिस्सेदारी लगभर चार फीसदी है.
  • राकेश झुनझुनवाला के पास फिलहाल कंपनी की 72 फीसदी हिस्सेदारी है.
  • उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के पास टाइटन की 09 फीसदी हिस्सेदारी है. रेखा झुनझुनवाला के पास कंपनी के 96,40,575 शेयर हैं.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

SAIL के स्टॉक में जोरदार तेजी, 'बिग बुल' राकेश झुनझुनवाला के पास है यह शेयर, क्या आपने भी खरीदा है?

SAIL के शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, इसमें राकेश झुनझुनवाला की होल्डिंग 4.50 करोड़ की है.

SAIL के शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, इसमें राकेश झुनझुनवाला की होल्डिंग 4.50 करोड़ की है.

फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप आनंद राठी (Anand Rathi) के मेहुल कोठारी का कहना है कि पिछले महीने मार्च के आखिरी हफ्ते के दौरान SAIL में ब्रेकआउट देखने को मिला था.

  • News18Hindi
  • Last Updated : April 06, शेयर होल्डिंग पैटर्न 2022, 17:29 IST

Rakesh Jhunjhunwala Portfolio: स्टील अथ़ॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी सेल (SAIL) के शेयरों में पिछले कई दिनों से लगातार तेजी देखने को मिल रही है. फिलहाल यह स्टॉक 110 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा है. अप्रैल में ही सेल के स्टॉक में 10 परसेंट से ज्यादा का उछाल आया है. अगर ठीक एक साल पहले 6 अप्रैल, 2021 की बात करें तो उस समय सेल के एक शेयर का दाम 91 रुपये था. बाजार जानकारों का कहना है कि अभी स्टॉक में तेजी बनी रहेगी.

स्टॉक मार्केट के दिग्गज राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में शामिल इस स्टॉक के बारे में मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि 109- 110 रुपये पर स्थित अपनी रुकावट को तोड़ने के बाद और तेजी दिखा सकता है.

हमारे सहयोगी moneycontrol.com के अनुसार फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप आनंद राठी (Anand Rathi) के मेहुल कोठारी का कहना है कि पिछले महीने मार्च के आखिरी हफ्ते के दौरान SAIL में ब्रेकआउट देखने को मिला था. फिर इसमें 97 रुपये तक की गिरावट देखने को मिली. इसके बाद फिर इसमें ब्रेकआउट आता दिखा और इस समय यह स्टॉक 100 रुपये के ऊपर नजर आ रहा है. फिलहाल अभी यह स्टॉक अपने 200 DMA के नीचे नजर आ रहा है जो 109 रुपये के आसपास स्थित है. मेहुल कोठारी का कहना है कि इस स्टॉक ने 109 रुपये के स्तर को पार कर दिया है. यह 120-124 रुपये की तरफ जाता दिखाई दे रहा है.

Swastika Investmart के संतोष मीणा का भी कहना है कि इस स्टॉक में सकारात्मक रुख बना हुआ है. इसका 200 day moving average-DMA इसके लिए इमीडिएट हरडल का काम कर रहा है. हमें यह स्टॉक 130 रुपये तक जाता दिखाई दे रहा है.

राकेश झुनझुनवाला की होल्डिंग
सेल (Steel Authority of India-SAIL) के अक्टूबर -दिसंबर तिमाही 2021 तिमाही के शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, इसमें राकेश झुनझुनवाला की होल्डिंग 4.50 करोड़ की है जो कि इस सरकारी कंपनी के कुल जारी चुकता पूंजी का 1.09 फीसदी है.

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. hindi.news18.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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एल्डर के प्रमोटरों के बीच शेयर ट्रांसफर मामला बन सकता है मिसाल

[ रीना जकारिया | मुंबई ]मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एल्डर फार्मा के शेयरहोल्डिंग पैटर्न चेंज करने के फैसले को हाल ही में खारिज कर दिया था। सेबी का यह.

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एल्डर फार्मा के शेयरहोल्डिंग पैटर्न चेंज करने के फैसले को हाल ही में खारिज कर दिया था। सेबी का यह कदम नए टेकओवर कोड के तहत कंपनियों के प्रमोटरों या प्रमोटर एंटिटीज के बीच शेयरों के ट्रांसफर मामलों में नजीर बन सकता है।

एल्डर फार्मा के प्रमोटरों ने अपनी शेयरहोल्डिंग दो शेयर होल्डिंग पैटर्न एंटिटीज और प्रमोटर एंटिटी एप्रिकॉट कैपिटल को ट्रांसफर करने का प्रपोजल दिया था। दोनों एंटिटीज को कंपनी के शेयर गिफ्ट के तौर पर मिले हैं। एल्डर फार्मा में सेमिट फार्मास्युटिकल्स एंड केमिकल्स का 7.55 पर्सेंट और इनडार्ट्स एक्सपोर्ट्स का 7.70 पर्सेंट स्टेक है। प्रमोटर ग्रुप में आलोक सक्सेना और अनुज सक्सेना हैं, जो भाई हैं। दोनों के पास एप्रिकॉट कैपिटल्स में बराबर की हिस्सेदारी है।

लेकिन एप्रिकॉट कैपिटल के पास एल्डर फार्मा में कोई स्टेक नहीं है। कंपनी ने सेबी को बताया था कि शेयरों के ट्रांसफर से टोटल प्रमोटर शेयरहोल्डिंग में कोई बदलाव नहीं आया है इसलिए एल्डर फार्मा पर कंट्रोल में भी कोई चेंज नहीं आएगा। कंपनी ने सेबी को बताया, 'प्रपोज्ड एक्विजिशन से तीन साल पहले शेयर होल्ड करने की कंडिशन पूरी हुई मानी जाएगी अगर शेयर ट्रांसफर करने और पानेवाले दोनों मिलकर शेयर होल्ड करते शेयर होल्डिंग पैटर्न हैं। इस मामले में शेयर पाने वाले आलोक सक्सेना और अनुज सक्सेना पिछले तीन साल से शेयर होल्ड कर रहे हैं। इसलिए टेकओवर रेगुलेशन के रेगुलेशन नंबर 10(1)(a)(ii) के तहत छूट के हकदार होंगे, भले ही शेयर पाने वाले के पास पूरे वक्त तक शेयर नहीं रहे हों।'

हालांकि, सेबी ने उसके प्रपोजल को खारिज कर दिया। रेगुलेटर ने कहा है कि शेयरों के ट्रांसफर के मामले में छूट क्लेम करने के लिए जरूरी एक शर्त यह है कि ट्रांसफर उन लोगों के बीच हुआ हो, जो एल्डर फार्मा की तरफ से फाइल किए गए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब से कंपनी के प्रमोटर हों और उनके पास तीन साल तक शेयर रहा हो। लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका असर हर उस मामले में होगा जिनमें प्रमोटरों के बीच शेयरों का ट्रांसफर हुआ है लेकिन एंटिटी के बारे में डिस्क्लोजर नहीं किया गया है या एंटिटीज बनी ही नहीं हैं। एक कॉरपोरेट लॉयर ने कहा, 'अगर आप होल्डिंग कंपनी बनाना चाहते हैं और अपनी सभी होल्डिंग को एक एंटिटी में कंसॉलिडेट करना चाहते हैं तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे अगर होल्डिंग कंपनी प्रमोटर के तौर डिस्क्लोज नहीं की गई होगी या फिर उसके पास टारगेट कंपनी के शेयर होंगी।' लॉयर ने बताया कि पुराने टेकओवर कोड में प्रमोटरों को सेबी से आपस में शेयर ट्रांसफर करने के मामले में छूट मिली हुई थी। उन्होंने वाइजमैन फॉरेक्स, जेएसडब्लू एनर्जी और वेलस्पन एंटरप्राइजेज की मिसाल दी।

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