किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें

कैसे किसी कंपनी की मार्किट वैल्यू पता करें
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Marcus Raiyat. मार्कस रैयत एक U.K., फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर हैं और ये Logikfx के संस्थापक/CEO और इंस्ट्रक्टर भी हैं | लगभग 10 वर्षों के अनुभव के साथ मार्कस सक्रिय रूप से ट्रेडिंग फोरेक्स, स्टॉक्स और क्रिप्टो में भी माहिर हैं और CFD ट्रेडिंग, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और क्वांटिटेटिव एनालिसिस में विशेषज्ञ हैं | मार्कस ने एस्टोन यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में BS की डिग्री हासिल की है | Logikfx में इनके काम के लिए इन्हें ग्लोबल बैंकिंग और फाइनेंस रिव्यु के द्वारा "बेस्ट फोरेक्स एजुकेशन एंड ट्रेनिंग U.K. 2021 के रूप में नामांकित किया गया था |
यहाँ पर 8 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।
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अगर आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, या फिर अपनी कंपनी बेचना चाह रहे हैं, तो उसकी कीमत का जायजा लगाना अच्छा रहता है क्योंकि इससे आपको पता चलता है की आपको कितनी आमदनी होने की सम्भावना है | कंपनी की मार्किट वैल्यू इन्वेस्टर की उसकी भविष्य में होने वाली आमदनी का आंकलन होता है | [१] X रिसर्च सोर्स बदकिस्मती से, हम एक पूरे बिज़नेस को स्टॉक शेयर जैसे लिक्विड एसेट की तरह वैल्यू नहीं कर सकते हैं; लेकिन, कंपनी की मार्किट वैल्यू को सही से आंकने के लिए कई तरीके मोजूद हैं | इनमें से कुछ आसान तरीकों में आप कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन (उसकी स्टॉक वैल्यू और शेयर्स का बकाया) का जायजा ले सकते हैं, उसी प्रकार की कंपनी से तुलना का आंकलन, या पूरी इंडस्ट्री से जुड़े मल्टीप्लायरज़ की मदद से मार्किट वैल्यू पता कर सकते हैं |
- ध्यान रहे की ये तरीका सिर्फ पब्लिकली- ट्रेडेड (Publically- traded) कम्पनीज के लिए काम करता है, क्योंकि आप सिर्फ उनकी शेयर वैल्यू को आसानी से पता कर सकते हैं |
- इस तरीका की एक खामी ये है की वो कंपनी की वैल्यू को बाज़ार के उतार चड़ाव के हिसाब से आंकती है | अगर किसी बाहरी कारण की वजह से स्टॉक मार्किट गिर गया है, कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन भी गिर जाएगी हांलाकि उसकी आर्थिक स्थिति अभी भी मज़बूत है |
- मार्किट कैपिटलाइजेशन, क्योंकि इन्वेस्टर के विश्वास पर निर्भर होती है, कंपनी की सही वैल्यू को पता करने का ये एक अस्थिर और अविश्वसनीय तरीका है | स्टॉक के शेयर की कीमत पता करने के लिए कई फैक्टर काम करते हैं, इसलिए एक कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन, की संख्या को भी थोड़ा बदला हुआ माना जाना चाहिए | लेकिन इसके बाद भी, कंपनी का कोई भी संभावित खरीदार को भी बाज़ार से ऐसी ही उम्मीदों होंगी और वो भी उसकी आमदनी पर उसी प्रकार की कीमत लगा सकते हैं |
कंपनी का मोजूदा शेयर प्राइस देखें: कंपनी का शेयर प्राइस कई वेबसाइट जैसे moneycontrol.com, economictimes.com, Yahoo! Finance, और Google Finance पर आपको मिल सकती है | कंपनी के नाम के बाद "stock" या स्टॉक का सिंबल (अगर आपको पता है) किसी सर्च इंजन में डाल कर स्टॉक कीमत पता करें | आप इस कैलकुलेशन के लिए जिस स्टॉक वैल्यू का प्रयोग करना चाहेंगे वो करंट मार्किट वैल्यू होनी चाहिए, जो की सभी प्रमुख फाइनेंश्यीयल वेबसाइट के स्टॉक रिपोर्ट पेज पर सामने ही दिख जानी चाहिए |
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश, स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो जान लें ये बेसिक बातें
शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें भी करवा सकता है. इसमें पैसा लगाने से पहले इसको लेकर स्टडी करना और बेसिक बातों को जानना जरूरी है.
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश (Zee Biz)
बीते कुछ समय से शेयर मार्केट को लेकर क्रेज काफी बढ़ गया है. तमाम लोग इसमें पैसा इन्वेस्ट करते हैं और बेहतर मुनाफा कमाते हैं. लेकिन शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसलिए ये जरूरी है कि स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखने से पहले आप इसको लेकर स्टडी कर लें और कुछ बेसिक बातों को अच्छी तरह से जान लें.
स्टॉक मार्केट की दुनिया में आपने IPO का जिक्र जरूर सुना होगा. तमाम कंपनियां अपने IPO को समय-समय पर लॉन्च करती हैं और लोग उसमें अपना पैसा लगाते हैं. अगर आप इस क्षेत्र में नए हैं और शेयर मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं, तो यहां जानिए क्या होता है आईपीओ और इसमें निवेश करने का तरीका क्या है?
क्या होता है IPO
आईपीओ का मतलब है Initial Public Offering. जब कोई कंपनी पहली बार किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है तो इसे IPO कहा जाता है. ऐसे समझें कि देश में तमाम प्राइवेट कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं. जब इन कंपनियों को फंड की जरूरत होती है तो ये खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाती हैं और इसका सबसे बेहतर तरीका है आईपीओ. आईपीओ को जारी करने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है. इसके बाद निवेशक उसके शेयर को खरीद और बेच सकते हैं.
आईपीओ खरीदने वालों की कंपनी में होती है हिस्सेदारी
कंपनी के आईपीओ खरीदने वालों की कंपनी में हिस्सेदारी हो जाती है और कंपनी के पास फंड इकट्ठा हो जाता है. साधारण शब्दों में समझें तो आईपीओ को लाने के बाद उस कंपनी को चलाने वाला सिर्फ उसका मालिक या परिवार नहीं होता, बल्कि वो सभी निवेशक भी इसमें शामिल होते हैं जिनका पैसा उसके शेयर में लगा होता है. निवेशकों से आए फंड को कंपनी अपनी कंपनी की तरक्की और तमाम अन्य कामों में खर्च कर सकती है.
आईपीओ में कैसे करें निवेश
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है. डीमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं. आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है. उतने दिनों किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें के अंदर ही निवेशक कंपनी की साइट पर जाकर या ब्रोकरेज फर्म की मदद से आईपीओ में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
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IPO हो तो ऐसा! 32% पर लिस्ट हुई यह कंपनी, निवेशकों को एक शेयर 188 रुपये का फायदा
Kaynes Technologies मंगलवार को बीएसई में 32.03 प्रतिशत की तेजी के साथ 775 रुपये पर लिस्ट हुई। यानी जिस किसी निवेशक को कंपनी के शेयर अलॉट हुए होंगे वह शुरुआती चरण में ही 188 रुपये मुनाफा बना लिया होगा।
स्टॉक मार्केट में Kaynes Technologies की धामाकेदार शुरुआत हुई है। Kaynes Technologies मंगलवार को बीएसई में 32.03 प्रतिशत की तेजी के साथ 775 रुपये पर लिस्ट हुई। यानी जिस किसी निवेशक को कंपनी के शेयर अलॉट हुए होंगे वह शुरुआती चरण में ही 188 रुपये मुनाफा बना लिया होगा। बता दें, 21 नवंबर 2022 कंपनी के शेयर ग्रे मार्केट में 230 के प्रीमियम पर उपलब्ध हुए थे। तभी धमाकेदार लिस्टिंग की उम्मीद बंध गई थी।
प्री-ओपनिंग सेशन में क्या था हाल?
प्री-ओपनिंग सेशन में भी कंपनी के शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। सुबह 9.13 मिनट पर Kaynes Technologies के शेयर 14.99 प्रतिशत की बढ़त के साथ 675 रुपये पर ट्रेड कर रहा थे। बाद में यही बढ़त 9.40 बजे तक 28 प्रतिशत की हो गई थी। बता दें, कंपनी के आईपीओ को शानदार रिस्पॉस मिला था
1 शेयर को हिस्सों में बांटने वाली कंपनी ने किया कमाल
आईपीओ डीटेल्स -
Kaynes टेक्वनोलॉजी का आईपीओ 10 नवंबर को ओपन हुआ था और 14 नवंबर 2022 को बंद हुआ था। आईपीओ को 34.16 गुना अधिक सब्सक्राइब किया गया था। क्लालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स के रिजर्व सेक्शन में 98.47 गुना अधिक बोलियां प्राप्त हुई थी। वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स सेक्शन में 23.07 गुना बोलियां प्राप्त हुई थी। रिटले सेक्शन के लिए रिजर्व सेक्शन में 4.10 गुना अधिक बोलियां प्राप्त हुई थी। कंपनी के शेयरों का अलॉटमेंट 18 नवंबर 2022 को हुआ था। बता दें, कंपनी ने आईपीओ का प्राइस बैंड 559 रुपये से 587 रुपये तय किया था।
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
IPO में ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या है | What is GMP in IPO in Hindi
Grey Market Kya Hai In Hindi: दोस्तों अगर आप स्टॉक मार्केट, IPO आदि में निवेश करते हैं तो आपने कभी ना कभी IPO के Grey Market Premium के बारे में जरुर सुना होगा. पर आपमें से बहुत कम लोग ही जानते होंगें कि IPO में Grey Market Premium क्या है, ग्रे प्रीमियम मार्केट काम कैसे करता है, IPO GMP की गणना कैसे होती है और इसके फायदे व नुकसान क्या हैं.
अगर आप शेयर मार्केट को अच्छे से सीखना और समझना चाहते हैं तो आपको इसके किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें हर एक टर्म को अच्छे से समझना होगा. ग्रे मार्केट प्रीमियम भी इससे जुड़ा ही एक महत्वपूर्ण शब्द है. हालाँकि यह ऑफिसियल नहीं है लेकिन बड़े – बड़े निवेशक ग्रे मार्केट में ट्रेडिंग करना पसंद करते है.
अगर आप इस लेख को अंत तक पढ़ते हैं तो आपको IPO ग्रे मार्केट प्रीमियम की पूरी किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें जानकारी मिल जायेगी और फिर आपको इसी इनफार्मेशन के लिए किसी अन्य ब्लॉग पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
तो चलिए दोस्तों आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं आज का यह आर्टिकल और जानते हैं – IPO में ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या होता है हिंदी में विस्तार से.
आईपीओ में ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या है (Grey Market Premium In Hindi)
IPO में Grey Market Premium जिसे कि short फॉर्म में GMP कहा जाता है, यह एक प्रीमियम राशि है जिस पर ग्रे मार्केट IPO शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने से पहले ट्रेड किया जाता है.
कोई भी कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के लिए सबसे पहले IPO जारी करती है उसके बाद ही वह स्टॉक मार्केट में लिस्ट होती है. IPO जारी करने के बाद ही निवेशक कंपनी के शेयरों को प्राइमरी या सेकेंडरी मार्केट में खरीदते और बेचते हैं.
लेकिन जब IPO लाने वाली कंपनी का शेयर स्टॉक मार्केट के बाहर ख़रीदा और बेचा जाता है उसे ग्रे मार्केट कहते हैं तथा जो राशि निवेशक को शेयर के इशू प्राइस के उपर चुकानी पड़ती है उसे ग्रे मार्केट प्रीमियम कहते हैं.
उदाहरण के लिए माना किसी कंपनी का IPO 100 रूपये प्रति शेयर पर जारी हुआ है और इस शेयर का GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) 20 रूपये चल रहा है किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें तो निवेशक को ग्रे मार्केट से एक शेयर खरीदने के लिए 120 रूपये चुकाने पड़ेंगें. GMP दर्शाता है कि लिस्टिंग के दिन IPO कैसे प्रतिक्रिया देता है.
हालाँकि GMP विश्वशनीय नहीं है लेकिन अधिकांश मामलों में GMP ठीक प्रकार से काम करता है और आईपीओ दी गयी कीमत के आसपास लिस्ट होता है.
ग्रे मार्केट क्या होता है (What is Grey Market in Hindi)
यह तो आप जानते ही होंगें कि ऑफिसियल तरीके से किसी भी कंपनी के शेयर प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होते हैं. IPO में जारी किये गए शेयर प्राइमरी मार्केट में ट्रेड होते हैं तथा स्टॉक एक्सचेंज में शेयर सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होते हैं.
लेकिन शेयर प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होने से पहले Grey Market में ट्रेड होते हैं, यहाँ पर ग्रे शब्द अनाधिकारिक को इंगित करता है. जिस प्रकार से प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट का रेगुलेटर SEBI होता है लेकिन ग्रे मार्केट का रेगुलेटर कोई भी नहीं होता है. यह अवैध मार्केट है, इसलिए इसमें विश्वशनीयता भी कम होती है.
GMP काम कैसे करता है?
जैसा कि लेख को यहाँ तक पढने पर आप समझ गए होंगें कि ग्रे मार्केट अनाधिकारिक होता है जहाँ शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने से पहले ख़रीदे और बेचे जाते हैं.
चलिए अब जानते हैं आखिर ग्रे मार्केट काम कैसे करता है.
- सबसे पहले निवेशक IPO के द्वारा किसी कंपनी के शेयरों के लिए आवेदन करते हैं. यहाँ पर निवेशक एक वित्तीय जोखिम उठाते हैं. पहला यह कि या तो उन्हें कोई शेयर आवंटित नहीं किया जा सकता है या वे शेयर प्राप्त कर सकते हैं लेकिन शेयर जारी कीमत से नीचे लिस्ट हो सकते हैं. ऐसे निवेशकों को Sellers कहा जाता है.
- इनके अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो यह सोचते हैं कि शेयर का मूल्य उसके जारी कीमत से अधिक है और शेयर अच्छी कीमत पर लिस्ट होंगें. इसलिए वे IPO allotment होने से पहले ही डीलर से इन शेयरों को खरीदते हैं. ऐसे निवेशकों को Buyers कहा जाता है.
- Buyers ग्रे मार्केट डीलर से संपर्क करके एक निश्चित प्रीमियम पर IPO शेयर खरीदने का आर्डर देते हैं.
- इसके बाद डीलर Sellers से संपर्क करता है और उनसे पूछता है कि क्या वे इस समय एक निश्चित प्रीमियम पर शेयर बेचना चाहते हैं. डीलर वह प्रीमियम ऑफर करता है जो Buyers ने उसे दिया था.
- यदि Sellers स्टॉक एक्सचेंज लिस्टिंग का रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है और वे प्रीमियम किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें पसंद करते हैं तो वे Sellers मार्केट डीलर को IPO बेच देते हैं.
- अब ग्रे मार्केट डीलर Sellers से एप्लीकेशन डिटेल प्राप्त करता है और Buyer को Notification भेजता है कि उसने ग्रे मार्केट में Sellers से एक निश्चित संख्या में शेयर ख़रीदे हैं.
- Allotment कम्पलीट हो जाने के बाद सेलर शेयर allotment प्राप्त कर सकते हैं या नहीं भी. यदि शेयर allotment नहीं होते हैं तो buyer और seller के बीच सौदा वही रद्द हो जाता है.
- यदि निवेशक को शेयर allotment हो जाते हैं तो buyer डीलर के माध्यम से seller को एक निश्चित कीमत पर शेयर बेचने को कहता है, या डीलर किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें शेयरों को किसी Demat Account में भी ट्रान्सफर भी कर सकता है.
- अंत में शेयर बिक जाने के बाद ग्रे मार्केट डीलर दोनों पक्षों को सेटेलमेंट कर देता है.
तो कुछ इस प्रकार से ग्रे मार्केट प्रीमियम काम करता हैं. यहाँ पर शेयर seller डीलर के भरोसे करवाए जाते हैं, यदि कोईभी पक्ष अपने वादे से मुकर जाता है तो उस पर कोई भी लीगल एक्शन नहीं लिया जाता है.
GMP की गणना कैसे की जाती है?
किसी भी IPO की GMP कभी स्थिर नहीं रहती है, यह लिस्टिंग होने तक निरंतर बदलती रहती है. GMP की गणना मार्केट में शेयर के डिमांड के आधार पर होती है. यदि शेयर की मांग मार्केट में अधिक है और उसकी सप्लाई कम है तो GMP हमेशा अधिक होती है और यदि शेयर की मार्केट में डिमांड कम है और उसकी सप्लाई अधिक है तो उसकी GMP भी कम होती है.
कोष्टक रेट क्या होता है?
कोष्टक रेट वह राशि है जो निवेशक IPO लिस्टिंग से पहले IPO आवेदन के लिए भुगतान करता है. यदि कोई निवेशक IPO के लिए आवेदन करता है लेकिन वह IPO में शेयर खरीदकर जोखिम नहीं उठाना चाहता है तो वह अपने आवेदन को ग्रे मार्केट में कोष्टक रेट पर बेचकर लाभ कमा सकता है.
Multibagger Stock: 10 दिन पहले इस कंपनी के शेयर हुए थे लिस्ट, निवेशक 162% हैं मुनाफे में
Multibagger Stock: VFX सर्विसेज मुहैया कराने वाली दिग्गज कंपनी फैंटम डिजिटल इफेक्ट्स (Phantom Digital Effects) के शेयर पिछले महीने ही घरेलू मार्केट में लिस्ट हुए है। इसने आईपीओ निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है
फैंटम डिजिटल इफेक्ट्स के शेयर पिछले महीने 21 अक्टूबर को लिस्ट हुए थे और निवेशकों को इसने तगड़ा लिस्टिंग गेन दिया।
- bse live
- nse live
Multibagger Stock: VFX सर्विसेज मुहैया कराने वाली दिग्गज कंपनी फैंटम डिजिटल इफेक्ट्स (Phantom Digital Effects) के शेयर पिछले महीने ही घरेलू मार्केट में लिस्ट हुए है। इसने आईपीओ निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है। आईपीओ निवेशकों को इसके शेयर 95 रुपये के भाव पर जारी हुए थे और आज यह 249.10 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इसका मतलब आईपीओ निवेशकों की पूंजी में 162 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके शेयर NSE SME पर 21 अक्टूबर को लिस्ट हुए थे।
लिस्टिंग के दिन कैसा रहा प्रदर्शन
फैंटम डिजिटल इफेक्ट्स के शेयर पिछले महीने 21 अक्टूबर को लिस्ट हुए थे और निवेशकों को इसने तगड़ा लिस्टिंग गेन दिया। इसके शेयरों की लिस्टिंग 300 रुपये के भाव (Phantom Digital Effects Share Price) पर हुई थी यानी निवेशकों को 216 फीसदी का लिस्टिंग गेन मिला। मुनाफावसूली के चलते भाव में कुछ सुस्ती आई है लेकिन अभी भी आईपीओ निवेशक करीब 162 फीसदी मुनाफे में हैं।