बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है?

बिटकॉइन क्या है? कैसे खरीदें, इसके फायदे पूरी जानकारी
एक ऐसी मुद्रा जिसे न तो किसी ने आज तक छुआ है, ना ही असल में देखा है। लेकिन इसकी कीमत और लोकप्रियता में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। हम बात कर रहे हैं बिटकॉइन की जिसकी वर्तमान में एक की कीमत ₹34 लाख से भी अधिक है।
अब आप समझ जाइए, अगर एक बिटकॉइन आपके पास है या आपने कमा लिया है तो आप लखपति बन जाएंगे। इससे पहले की आप भी इसमें पैसा निवेश करने के बारे में सोचें, यह पोस्ट पूरा जरूर पढ़ें।
इस लेख में आपको इस वर्चुअल करेंसी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे जैसे की बिटकॉइन क्या है, कैसे खरीदें, इसके फायदे और इसके इतिहास।
बिटकॉइन क्या है?
Bitcoin मुद्रा का एक प्रकार है जो पूरी तरह से वर्चुअल है। यही कारण है कि नोट या सिक्कों के तौर पर इस मुद्रा को न तो छुआ जा सकता है और ना ही इस मुद्रा का लेनदेन किया जा सकता है।
बिटकॉइन को सामान्यतः एक क्रिप्टोकरंसी, डिजिटल करेंसी, वर्चुअल करेंसी के तौर पर जाना जाता है। जिसका लेनदेन online होता है अतः हम इसे कैश का ऑनलाइन वर्जन भी कह सकते है।
मुद्रा का यह प्रकार इसलिए भी खास है,
- क्योंकि इसमें किसी Middlemen की जरूरत नहीं होती।
- आप डायरेक्टली किसी से बिटकॉइन ले सकते हैं और बेच सकते हैं।
आपके द्वारा खरीदी & बिक्री की इस प्रक्रिया में न तो कोई बैंक और ना ही सरकार हस्तक्षेप कर सकती है।
बिटकॉइन का उपयोग
आजकल अनेक स्थानों पर बिटकॉइन एक पेमेंट मेथड के तौर पर इस्तेमाल हो रही है आप इसका इस्तेमाल ऑनलाइन शॉपिंग करने, होटल्स बुकिंग करने तथा स्टॉक्स खरीदने इत्यादि अनेक कार्यों हेतु कर सकते हैं।
चूंकि भारत सरकार Bitcoin को पूरी तरह से लीगल करेंसी नहीं मानती। और इसके इस्तेमाल के लिए लोगों को जागरुक करती रहती है, इस वजह से सामान्यतः बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? पैसों के लेनदेन के लिए आज भी इसका उपयोग कम ही होता है।
हालांकि वर्तमान में भारत में बिटकॉइन खरीदना पूरी तरह लीगल है।
बिटकॉइन कैसे काम करता है?
Basically, Bitcoin नाम की यह मुद्रा computer file के तौर पर आपके कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन इत्यादि गैजेट में एक डिजिटल वॉलेट के तौर पर स्टोर होती है।
और वॉलेट में मौजूद इस मुद्रा को कभी भी owner Sell कर सकता है। और अपने वॉलेट में मुद्रा पाने के लिए बिटकॉइन खरीद सकता है।
बिटकॉइन के माध्यम से आपके द्वारा किया गये प्रत्येक लेनदेन का रिकॉर्ड पब्लिक लिस्ट में होता है जिसे blockchain भी कहा जाता है।
1 Bitcoin वॉलेट में दो Keys होती हैं पब्लिक Key और प्राइवेट Key ये दोनों ही चीजें एक साथ काम करती हैं। जिससे एक यूजर digitally लेनदेन कर पाता है और उसके पास authorization (प्राधिकार) का प्रूफ होता है।
बिटकॉइन कैसे खरीदें?
आप मुख्यतः बिटकॉइन को 3 तरह से कमा/प्राप्त कर सकते हैं, जो कि निम्नलिखित हैं।
पैसों से खरीदें
अगर आप बिटकॉइन में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो इसे खरीदने का पहला तरीका यह है कि आप real money के जरिए बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
•इस कार्य के लिए सबसे पहले आपको एक local Seller को ढूंढना होगा जो Cash को स्वीकार करता हो।
•फिर आपको बिटकॉइन की जितनी मात्रा बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? खरीदनी बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? है, वह अमाउंट सेलेक्ट कर आर्डर Place करें।
•सैलर से अकाउंट नंबर प्राप्त करें।
•अब सेलर के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करें।
•फिर आपके द्वारा की गई पेमेंट के लिए रिसीव को अपलोड करें।
•और अब अपने वॉलेट में बिटकॉइन Receive करें।
सामान बेचें, और बिटकॉइन कमाए
दूसरा तरीका यह है कि अगर आपकी खुद की कोई ई-कॉमर्स साइट है या आप कोई प्रोडक्ट बेचते हैं तो आप लोगों को Bitcoin में payment करने की सुविधा दे सकते हैं। जिनके पास बिटकॉइन उपलब्ध होगा वे भी आपको Pay कर सकते हैं और आप बिटकॉइन कमा सकते हैं।
टास्क पूरा करके
कई सारी कंपनी या एप्स मार्केट मे आपको किसी टास्क को पूरा करने के बदले बिटकॉइन कमाने का मौका देती हैं। तो आप इस तरह दूसरों के लिए काम करके भी अपनी सेवाएं देकर बिटकॉइन Earn सकते हैं
आज बिटकॉइन इतने लोकप्रिय क्यों है? यह इतने उपयोगी कैसे हैं?
दोस्तों आज कई ऐसी चीजें हैं, जिनकी कीमत किसी भी Currency से कहीं ज्यादा है
जैसे कि सोना, डायमंड इत्यादि
इसी तरह बिटकॉइन मुद्रा की भी लोगों के बीच उपयोगिता बढ़ती जा रही है।
इसकी लगातार वैल्यू बढ़ती जा रही है, जिसके पॉपुलर होने का एक मुख्य कारण यह है कि लोग आज प्रोडक्ट एवं सेवाओं की बिक्री में लेनदेन के लिए बिटकॉइन एक्सचेंज करना पसंद कर रहे हैं।
बिटकॉइन की कमियां?
जहां एक तरफ पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। और इन्वेस्टर मुद्रा में आज पैसा निवेश कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस मुद्रा की कुछ कमियां भी हैं जो निम्नलिखित है।
1. दाम में परिवर्तन| यह एक वर्चुअल करेंसी है जिसका दाम कभी भी कम या बढ़ता रहता है।
अतः इस मुद्रा में पैसा लगाना हमेशा ही जोखिम भरा माना जाता है।
2. भले ही माना जाता है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की वजह से बिटकॉइन पूरी तरह Safe है।
लेकिन इंटरनेट की दुनिया में कुछ भी सुरक्षित नहीं होता।
जरा सी लापरवाही होने पर हैकर्स के लिए बिटकॉइन वॉलेट को खाली करने में समय बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? नहीं लगता।
3. सामान्यतः बैंक से पैसा गायब होने पर हुए फ्रॉड की शिकायत हम बैंक से कर सकते हैं।
लेकिन चूंकि इसमें कोई Middle Men मनहीं होता
अगर आपके साथ धोखाधड़ी होती है तो इसका जिम्मेदार कोई नहीं होगा।
बिटकॉइन किसने बनाया? इसका इतिहास
वर्तमान समय में पूरा दुनिया में प्रसिद्ध इस मुद्रा को Satoshi Nakamoto द्वारा बनाया गया है।
हालंकि यह अभी तक भी साफ नहीं हुआ है कि यह संतोषी Nakamoto कोई व्यक्ति है या फिर कोई ग्रुप| साल 2008 में इसी नाम के साथ इस क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत की गई और अगले ही वर्ष 2009 में सार्वजनिक रूप से इस मुद्रा के लेनदेन शुरू किया गया।
वहीं इतिहास में पीछे मुड़कर देखें तो
इस मुद्रा के लेनदेन की शुरुआत साल 2010 में Laszlo नामक एक प्रोग्रामर ने की थी। जिसने $25 के पिज़्ज़ा के लिए कंपनी को 10,000 बिटकॉइन का ऑफर दिया था
Explained: आ गई RBI की वर्चुअल करेंसी, 1 नवंबर से चलेगा Digital RUPEE, नोटों की तरह होगा, बिना इंटरनेट भी होगा पेमेंट
RBI Digital Rupee: रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का इस्तेमाल बड़े पेमेंट और सेटलमेंट के लिए किया जाएगा.
डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रहा है. बल्कि लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा. (Photo: Zeebiz)
Digital Rupee: आखिरकार अपनी डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी Digital RUPEE की शुरुआत हो गई है. 1 नवंबर 2022 से होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा. हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. डिजिटल रूपी की शुरुआत होने के साथ ही हमें भी यह समझना जरूरी है कि ये क्या है और कैसे काम करेगा? Digital Rupee अब आपकी पॉकेट में नहीं होगा. लेकिन, वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आपके जरिए ही होगा. ये नोट की तरह जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा. प्रिंट भी नहीं होगा. बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा. जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) का इस्तेमाल होता है. सरकार इसे पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और मानेगी भी. इसमें निवेश भी आसान होगा. अच्छी बात ये है कि इसे हमारी सरकार, RBI रेगुलेट करेगा. इसलिए पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा.
कब तक आएगा डिजिटल Rupee?
रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का इस्तेमाल बड़े पेमेंट और सेटलमेंट के लिए किया जाएगा. रिजर्व बैंक के मुताबिक, इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटीज यानि सरकारी बॉन्ड की खरीद बिक्री पर होने वाले निपटारे की रकम के तौर पर होगा. रिजर्व बैंक ने ये भी कहा है कि महीने भर के भीतर रिटेल ट्रांजैक्शन के लिए भी इसको इस्तेमाल लाया जाएगा.
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है नाम
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस की है. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि अब नकदी का सर्कुलेशन कम होगा और वर्चुअली ट्रांजैक्शन पूरे होंगे. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी आएगी. डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले सारे फीचर होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी. अभी तक की योजना के मुताबिक, डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी.
कैसे काम करेगा Digital Rupee?
डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. डिजिटल रूपी को दो तरह से लॉन्च किया जाएगा. पहला होलसेल ट्रांजैक्शन यानि बड़े ट्रांजैक्शन के लिए, जिसकी शुरुआत 1 नवंबर से होगी. वहीं, दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए होगा. CBDC ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. पेपर करेंसी की तरह इसका लीगल टेंडर होगा. आप जिसे पेमेंट करना चाहेंगे उसे इससे पेमेंट कर सकेंगे और उसके अकाउंट में ये पहुंच जाएगी. CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखाई देगा. CBDC को पेपर नोट के साथ बदला जा सकेगा. कैश के मुकाबले ट्रांजैक्शन आसान और सुरक्षित होगा. ये बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, लेकिन टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रांजैक्शन पूरा होगा. एक तरह से इसे इलेक्ट्रॉनिक कैश कह सकते बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? हैं.
क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगी?
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है. इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता. ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं. लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. सरकार की मंजूरी होगी. डिजिटल रुपी की क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी. जैसे बिटकॉइन की होती है. सबसे खास बात है RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी. जिस तरह क्रिप्टो में करेंसी का भाव घटता-बढ़ता है, डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी.
सभी को मिलेगा डिजिटल रूपी
डिजिटल रुपी दो तरह का होगा. एक बड़ी रकम के लेनदेन के लिए होगा जिसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल होगा. इसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय संस्थान जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थान करेंगे. इसके अलावा रिटेल के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल भी आएगा. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे. ये भी पहले चुनिंदा जगहों और बैंकों के साथ शुरू होगा. रिटेल प्रोजेक्ट में सभी आयुवर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा. फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरूरत पड़ने पर फीचर्स में बदलाव होगा.
नोटों की तरह होगा डिजिटल रुपी
डिजिटल रुपी को डिजिटल पेमेंट सिस्टम की अहम कड़ी UPI से भी जोड़ा जाएगा. इससे लोग Paytm, PhonePe जैसे दूसरे अहम वॉलेट से लेन देन कर सकें. जिस तरह 10, 20, 50, 100, 500 वाले नोट होते हैं. उसी वैल्यू (डिनॉमिनेशन) वाला डिजिटल रुपी भी आएगा. हालांकि, कोई व्यक्ति कितना डिजिटल रुपी रख सकेगा, इसकी सीमा भी तय की जा सकती है. डिजिटल करेंसी से पेमेंट पर गोपनीयता बनाए रखने की कोशिश की जाएगी. मुमकिन है कि चुनिंदा सरकारी एजेंसियों को छोड़कर बाकी किसी को डिजिटल रुपी से हुए सौदों की पूरी सटीक जानकारी नहीं दी जाए.
डिजिटल RUPEE की खासियत
- CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा.
- बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान.
- चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? झंझट नहीं रहेगा.
- मोबाइल से कुछ सेकेंड में पैसे ट्रांसफर होंगे.
- नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
- पेपर नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा.
- डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी.
- CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा.
करेंसी नोट खत्म नहीं होंगे
डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रहा है. बल्कि लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा. करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी. इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल रुपी कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा. मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें.
बिटकॉइन के लाभ का पता नहीं, हानि का अंत नहीं, इसके बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? भविष्य पर भी काले बादल
ऐसी कई वित्तीय योजनाएं और विचार हैं जिनके बारे में उसके समर्थक और विरोधी एक दूसरे से विपरीत राय रखते हैं। उदाहरण के लिए कोई कहता है कि सागौन का पौधा लगाना अच्छा रिटर्न देगा। कोई और कहेगा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा।
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। कोरोना संकट के बीच बिटकॉइन को लेकर जुनून बढ़ता दिख रहा है। इसके पक्ष और विपक्ष में तरह-तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। मगर सच यह है कि बिटकॉइन से अटकलबाजों और अपराधियों को छोड़कर किसी और को कोई फायदा नहीं है। यह कार्बन उत्सर्जन के रूप में भी दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे में कोई शक नहीं कि बहुत जल्द अधिकतर देशों की सरकारें इसे प्रतिबंधित कर दें।
कोरोना महामारी के बारे में आ रही भयावह खबरों के बीच एक और कहानी चल रही है। यह कहानी है बिटकॉइन की। कोरोना महामारी बिटकॉइन कीमतों के लिए अच्छी रही है और बिटकॉइन को लेकर जूनून बढ़ रहा है। कॉइनबेस ग्लोबल नामक अमेरिकन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज 14 अप्रैल को अपना आइपीओ लेकर आया। एक दिन एक्सचेंज के कर्मचारियों और संस्थापकों ने जरूर मोटा मुनाफा कमाया, लेकिन इसके बाद स्टॉक का दौर उतना अच्छा नहीं रहा।
हाल ही में मैंने बिटकॉइन के बारे में एक खबर पढ़ी। इस खबर ने बिटकॉइन को लेकर मेरा ध्यान आकर्षित किया। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) की एंटी करप्शन यूनिट ने जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक के आचरण के बारे में जांच का ब्योरा जारी किया है। इस कहानी में बिटकॉइन की अहम भूमिका है।
दिल्ली के रहने वाले मिस्टर अग्रवाल ने हीथ स्ट्रीक को दो बिटकॉइन का भुगतान किया था। यह भुगतान उन जानकारियों के बदले में था जिनका इस्तेमाल सट्टेबाजी में किया जा सकता था। स्ट्रीक ने बाद में बिटकॉइन 35,000 डॉलर में बेच दिया। उन्हें इसका गहरा अफसोस रहा होगा, क्योंकि दो बिटकॉइन की कीमत बेची गई रकम के तीन गुने से अधिक होगी।
एक दूसरी गैर वित्तीय खबर बिटकॉइन को लेकर है। इसमें रैनसमवेयर हैक्स का उल्लेसख किया गया है। एक दिन कोई इंडिविजुअल या कंपनी पाती है कि उसके कंप्यूटर की सारी फाइल एनक्रिप्टेड है। स्क्रीन पर रैनसम नोट है जिसमें यह निर्देश दिया गया है कि फाइल वापस पाने के लिए बिटकॉइन में कैसे भुगतान करना है।
साफ है कि ज्यादातर पीडि़त भुगतान कर देते हैं। मैं समझता हूं कि बिटकॉइन मिस्टर अग्रवाल, हीथ स्ट्रीक और रैनसमवेयर अपराधियों की जरूरतों पर खरा उतरता है। उनको इस बात के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए कि बिटकॉइन की खोज की गई जिससे वे अपना कारोबार ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से चला सकें। अगर ऐसा नहीं होता तो मुझे कहना पड़ता कि बिटकॉइन पूरी तरह से बेकार है।
ऐसी कई वित्तीय योजनाएं और विचार हैं जिनके बारे में उसके समर्थक और विरोधी एक दूसरे से विपरीत राय रखते हैं। उदाहरण के लिए कोई कहता है कि सागौन का पौधा लगाना अच्छा रिटर्न देगा। कोई और कहेगा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। ये बिल्कुल विपरीत विचार हैं। बिटकॉइन इस तरह से नहीं है। बिटकॉइन के समर्थक और इस पर शक करने वाले इसकी बुनियादी खासियत को लेकर सहमत हैं।
समर्थकों के अनुसार बिटकॉइन बहुत अच्छा है, क्योंकि यह एक करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करती है। बिटकॉइन अनजान और ट्रेस न किए जा सकने वाले ट्रांजैक्शन की अनुमति देता है। कोई भी सरल तकनीकी प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हुए बिटकॉइन बना सकता है। विरोधी खेमे का कहना है कि बिटकॉइन बिटकॉइन का मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ता है? एक बेकार विचार है।
बिटकॉइन के समर्थक इस बात पर निराशा जताते हैं कि बहुत सी सरकारें इसके प्रति दुश्मनी का रवैया रखती हैं। वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर किसी सरकार का दुश्मनी भरा रवैया तार्किक है। दुनिया में हर सरकार अपनी करेंसी और अपने मौद्रिक परिदृश्य पर नियंत्रण रखना चाहेगी।
जो देश ऐसा नहीं कर सकते हैं उनको आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए जब भी लोग एक करेंसी में भरोसा खो देते हैं, तो वे अपनी असेट किसी और करेंसी में शिफ्ट कर देते हैं। एक तय उम्र पार कर चुके हर भारतीय को वे दिन आज भी याद हैं जब ऐसा नियमित तौर पर होता था।
सबसे बड़ी बात माइनिंग प्रॉसेस की लगातार बढ़ रही बिजली की खपत है। यह बिटकॉइन की अंतर्निहित खासियत है। कैंब्रिज यूनीवर्सिटी की स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि बिटकॉइन सालाना 178 टेरावाट की खपत करता है। एक तरफ हम कार्बन फुटप्रिंट और क्लाइमेट इमरजेंसी की लगातार बात करते हैं। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी रकम को बनाने में बड़े पैमाने पर एनर्जी को बरबाद किया जा रहा है जिसका अटकलबाजी और आपराधिक गतिविधियों के अलावा और कोई इस्तेमाल नहीं है।
हाल में ऐसी खबरे आई थीं कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कड़े कदम उठाने जा रही है। इसके तहत भारतीय नागरिकों के पास मौजूद सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना था। साफ है कि अभी सरकार की प्राथमिकताएं दूसरी हैं। लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि आखिरकार सरकार इस तरह के कदम उठाएगी, जिससे दुनिया की दूसरी सरकारें बिटकॉइन को खत्म करने की दिशा में प्रेरित हों।
(लेखक वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन डॉट कॉम के सीईओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)
जानिए क्या होता है NFT और कैसे करता है काम? बिटकॉइन की तरह ही इंवेस्टमेंट कर सकते हैं निवेशक
Cheif Editor - Kuldeep Pahare 10/28/2021 06:32:00 PM 0
इन दिनों मार्केट में NFT का नाम काफी चर्चा में है. NFT सिर्फ एक टोकन नहीं बल्कि आपके लिए कमाई और इंवेस्टमेंट का भी अच्छा ऑप्शन भी हो सकता है. NFT बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे ही क्रिप्टो टोकन है. NFT यूनिक टोकन्स होते हैं ये डिजिटल असेट्स होते हैं जो वैल्यू को जनरेट करते हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.
नई दिल्ली. इन दिनों मार्केट में NFT का नाम काफी चर्चा में है. बड़े बड़े बॉलीवुड सेलिब्रिटी अलग अलग एनएफटी लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. इसका पूरा नाम नॉन फंजिबल टोकन (non fungible token- NFT) है. डिजिटलाइजेशन के इस समय में आपको NFT के बारे में जानना जरूरी है. यह सिर्फ एक टोकन नहीं बल्कि आपके लिए कमाई और इंवेस्टमेंट का भी अच्छा ऑप्शन भी हो सकता है
NFT का मतलब नॉन फंजिबल टोकन है. NFT बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे ही क्रिप्टो टोकन है. NFT यूनिक टोकन्स होते हैं ये डिजिटल असेट्स होते हैं जो वैल्यू को जनरेट करते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर दो लोगों के पास बिटकॉइन हैं तो वो उन्हें एक्सचेंज कर सकते हैं. एनएफटी डिजिटल संपत्ति जैसे डिजिटल आर्ट, म्यूजिक, फिल्म, गेम्स या आपको किसी कलेक्शन में मिल सकता है
NFT को विनिमय नहीं किया जा सकता है. क्योंकि ये यूनिक आर्ट पीस होते हैं और इसका हर टोकन अपने आप में यूनिक होता है. इस डिजिटल टोकन को ओनरशिप का वैलिड सर्टिफिकेट प्राप्त होता है. जिस भी व्यक्ति का आर्ट इस कैटगरी में आता है, उसके आर्ट को ओनरशिप का सर्टिफिकेट मिल जाता है. डिजिटल सर्टिफिकेट यह तय करता है कि उसका डुप्लीकेट नहीं बनाया जा सकता. एक तरह से यह कॉपीराइट का अधिकार देता है.
एक शोध कंपनी DappRadar के अनुसार, आज Ethereum ब्लॉकचेन में जारी NFT का कुल मूल्य 14.3 बिलियन डॉलर है, जो पिछले साल लगभग 340 मिलियन डॉलर था. मार्केट रिसर्च फर्म हैरिस द्वारा मार्च में की गई एक स्टडी के अनुसार, 11% अमेरिकी का कहना है कि उन्होंने एनएफटी खरीदा है. जो कमोडिटी मार्केट में खरीदारी करने लोगों से कुछ प्रतिशत (यानी 1 फीसदी) ही कम है.
एक अन्य एनालिस्ट जेफ़रीज़ का कहना है कि एनएफटी का मूल्य अगले साल में दोगुना हो जाएगा और साल 2025 तक 80 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. इसके अलावा, टोकन का यूज भी बहुत तेजी से बढ़ जाएगा. स्मय के साथ ये डिजिटल और वास्तविक दोनों रूप में उपयोगी साबित हो सकता है.
नॉन फंजिबल टोकन का इस्तेमाल डिजिटल असेट्स या सामानों के लिए किया जा सकता है जो एक दूसरे से अलग होते हैं. इससे उनकी कीमत और यूनिकनेस साबित होती है. ये वर्चुअल गेम्स से आर्टवर्क तक हर चीज के लिए स्वीकृति प्रदान कर सकते हैं. NFT को स्टैंडर्ड और ट्रेडिशनल एक्सचेंजेज में ट्रेड नहीं किया जा सकता है. इन्हें डिजिटल मार्केटप्लेस में खरीदा या बेचा जा सकता है.
इनकी मदद से डिजिटल जगत में किसी पेंटिंग, किसी पोस्टर, ऑडियो या वीडियो को सामान्य चीजों की तरह खरीदा बेचा जा सकता है. इसके बदले आपको डिजिटल टोकन मिलते हैं जिन्हें एनएफटी कहा जाता है. NFT को आप नए दौर की नीलामी की तरह समझ सकते हैं. कोई आर्टवर्क या फिर कोई ऐसी चीज जिसकी दूसरी कॉपी दुनिया में न हो उसे NFT करके लोग पैसे कमाते हैं.
एनएफटी एक खुले ब्लॉकचेन सिस्टम पर रहते हैं, इसलिए उसमें शामिल लेनदेन को सार्वजनिक रूप से देखा जा सकता है. यह असल में एक डिजिटल लेजर (blockchain) में स्टोर किया गया एक विशिष्ट और गैर परिवर्तनीय डेटा यूनिट होता है. एनएफटी में ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर किसी एसेट पर डिजिटल ओनरशिप दी जाती है.