बाजार साधन

धन जुटाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से ट्रेजरी बिल या टी-बिल जारी किए जाते हैं। उनके पास एक वर्ष तक की सबसे छोटी अल्पकालिक परिपक्वता है। दरअसल, 3 अलग-अलग परिपक्वता अवधि T-Bills, 91 दिन T-Bills, 182 दिन T-Bills, 1-वर्ष T-Bills द्वारा जारी की जाती हैं। टी-बिल का वितरण अंकित मूल्य राशि पर किया जाता है। निवेशक को परिपक्वता पर अंकित मूल्य राशि मिलती है। निवेशक द्वारा प्राप्त रिटर्न साधन के मूल मूल्य और अंकित मूल्य के बीच का अंतर है। जैसा कि वे भारत सरकार द्वारा समर्थित हैं, वे सबसे सुरक्षित अल्पकालिक सावधि-आय निवेश हैं।
राष्ट्रीय आय एवं अन्य मानक
वस्तु और सेवाओं के समस्त मूल्य को प्रदर्शित करते हुए मुद्रा वर्तुल पथ पर गमन करती है। वस्तु और सेवाओं के समस्त मूल्यों का एक वर्ष के दौरान जो आंकलन करते हैं वह राष्ट्रीय आय कहलाता है। राष्ट्रीय आय को मापने के लिए मुख्यतः तीन विधियों का प्रयोग किया जाता है
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में किसी घरेलू अर्थव्यवस्था के अंतर्गत एक वर्ष के दौरान अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के समस्त उत्पादन की माप की जाती है लेकिन इसका संपूर्ण उत्पादन देश की जनता को प्राप्त नहीं हो सकता है। भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय का आंकलन करने का श्रेय दादा भाई नौरोजी को जाता है , जिन्होंने 1868 में किया था। इनके बाद भी समय पर कई अर्थशास्त्रियों ने भारत की राष्ट्रीय आय का आंकलन किया। वर्तमान समय में राष्ट्रीय आय के आंकलन व अवमूल्यन का कार्य केन्द्रीय सांख्यिकीय कार्यक्रम मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन (CSO) के द्वारा किया जाता है।
'आज रोजगार के साधन मिले कल बाजार भी मिलेगा'
बिलासपुर (निप्र)। शासकीय महिला आईटीआई में गुरुवार को छात्राओं को प्रमाणपत्र वितरण करते हुए विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने छात्राओं को कौशल विकास पर जोर दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार उन्हें अभी रोजगार के साधन उपलब्ध करा रही है। बहुत जल्द ही उन्हें मार्केंटिंग की सुविधा भी मिलने लगेगी। महिलाओं की सशक्तिकरण में महिला आईटीआई
बिलासपुर (निप्र)। शासकीय महिला आईटीआई में गुरुवार को छात्राओं को प्रमाणपत्र वितरण करते हुए विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने छात्राओं को कौशल विकास पर जोर दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार उन्हें अभी रोजगार के साधन उपलब्ध करा रही है। बहुत जल्द ही उन्हें मार्केंटिंग की सुविधा भी मिलने लगेगी।
महिलाओं की सशक्तिकरण में महिला आईटीआई की बहुत बड़ी भूमिका बताई। उन्होंने कहा कि महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने से प्रदेश का विकास भी संभव हो पाएगा। इसके लिए उन्हें हुनर पर विशेष ध्यान देने को कहा। किसी भी संस्थान में रोजगार के लिए कार्यक्षमता व दक्षता ही पूछी जाती है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है। कौशल उन्नयन के बिना किसी भी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता नहीं मिलेगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने भी अलग से नीतियां बनाकर कौशल उन्नयन को प्राथमिकता दी है। स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने युवाशक्ति पर जोर देते हुए उनके ऊर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने पर जोर बाजार साधन दिया। उन्होंने भी प्रशिक्षण के बाद मार्केटिंग के क्षेत्र में भी ध्यान देने की बात कही। इस अवसर पर प्रबंधन समिति के चेयरमैन हरीश केडिया ने पीपीपी मॉडल के तहत संस्था के उन्नयन और इसमें संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। इसके तहत अब तक बाजार साधन करीब आठ हजार महिलाओं व युवतियों को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स
मुद्रा बाजार साधन अल्पकालिक वित्तपोषण साधन हैं जिनका उद्देश्य व्यवसायों की वित्तीय तरलता को बढ़ाना है। इन प्रकार की प्रतिभूतियों की प्रमुख विशेषता यह है कि निवेशक की नकदी जरूरतों को बनाए रखते हुए उन्हें जल्दी से नकदी की ओर बाजार साधन मोड़ दिया जा सकता है। मुद्रा बाजार और इसकी प्रतिभूतियां आमतौर पर ऑफ-ट्रेड की जाती हैं, और इस प्रकार अकेले व्यक्तिगत निवेशकों बाजार साधन द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। यह प्रमाणित दलालों, या मुद्रा बाजार के लिए म्यूचुअल फंड के माध्यम से किया जाना है। मुद्रा बाजार में विभिन्न उपकरणों की ब्याज दरों को रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है। मुद्रा बाजार में, जोखिम का स्तर छोटा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश उपकरणों के लिए एक बाजार साधन वर्ष या उससे कम की परिपक्वता है।
मुद्रा बाजार साधन विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे -
1. ट्रेजरी बिल्स (टी-बिल्स)
मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स का उद्देश्य
1. यह धन प्रदान करता है
मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स निजी और सार्वजनिक संस्थानों को पूंजी उपलब्ध कराने में मदद करते हैं जो उन्हें अपनी कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए चाहिए। वाणिज्यिक बैंकों, दलालों, छूट घरों और स्वीकृति घरों के माध्यम बाजार साधन से व्यापार बिलों को छूट देकर, ये धनराशि प्रदान की जाती है। बदले में, मुद्रा बाजार के उपकरण वाणिज्य, व्यापार और व्यापार के विकास का समर्थन कर सकते हैं।
2. बाजार में तरलता बनाए रखता है
अर्थव्यवस्था में तरलता बनाए रखना एक मुद्रा बाजार की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है। मुद्रा बाजार में कोई भी उपकरण मौद्रिक नीति के लिए प्रणाली का एक अनिवार्य हिस्सा है। उचित सीमा के भीतर बाजार में तरलता रखने के लिए, RBI इन अल्पकालिक प्रतिभूतियों का उपयोग करता है।
कृषि बाजार की आधुनिक व्यवस्था
कृषि बाजार के वर्तमान स्वरूप में किसानों (उत्पादकों) तथा उपभोक्ताओं के मध्य बिचौलियों (मध्यस्थों) का जरूरत से अधिक दखल होने से किसानों के हितों को भारी नुकसान हो रहा है। किसी भी प्रकार के बाजार में मध्यस्थों की सेवाओं को अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मगर जब उनका दखल जरूरत से अधिक होने लगता है तब यह नुकसानदायक होता है।
आज की स्थिति में कुल लाभ का 50 से 60 प्रतिशत बाजार खर्च तथा मध्यस्थों के भेंट चढ़ जाता है तथा मात्र 40 से 50 प्रतिशत रकम ही किसानों तक पहुंच पाती है। कृषि उपज के संग्रह तथा उनके विक्रय के लिये जिस तरह के सहकारी बाजार व्यवस्था की आवश्यकता है उसका आज भी अभाव महसूस हो रहा है।
बाजार व्यवस्था में बाजार साधन कई प्रकार की कमियां देखने को मिलती है उदाहरण के लिये नियमित बाजारों में नियमों के अनुसार नीलामी नहीं होती है। कई व्यापारी समूह बनाकर पहले से ही कृषि उत्पादों का भाव निर्धारित कर लेते है। परिणामस्वरूप किसानों को उत्पादों का सही भाव नहीं मिल पाता है तथा वे ठगा सा महसूस करते हैं।
आजीविका-एनआरएलएम में यह विचार रखा गया है कि गरीब वर्ग खपत आधारित से. कर्ज का लेन..देन. मौजूदा आजीविका में विस्तार. विविधता के सतत मार्ग पर धीरे..धीरे बढ.। आजीविका-एनआरएलएम का प्रमुख ध्यान खेती और गैर खेती वाले क्षेत्रों में गरीबों के मौजूदा आजीविका स्तर को सिथर करना और उसे बढ.ाना है। आजीविका-एनआरएलएम प्रत्येक परिवार के आजीविका स्तर पर नजर डालेगा और व्यकितगत. परिवार स्तर पर या सामूहिक रूप से या दोनों स्तर पर गतिविधियों के लिए सहयोग प्रदान करेगा। चूंकि खेती बडी संख्या में ग्रामीण गरीब बाजार साधन जनता की आजीविका का मुख्य साधन है इसलिए आजीविका-एनआरएलएम टिकाउ खेती तथा इससे जुडी अन्य गतिविधियों मसलन पशु पालन, लकड.ी के अतिरिक्त अन्य वन्य उत्पाद संग्रह और मत्स्य पालन आदि पर विशेष ध्यान देगा।